क्या भगवान को पैसे की जरूरत है? - kya bhagavaan ko paise kee jaroorat hai?

क्या भगवान को पैसे की जरूरत है? - kya bhagavaan ko paise kee jaroorat hai?

By: Inextlive | Updated Date: Sat, 24 Jan 2015 07:00:21 (IST)

- भगवान का डर दिखाकर ढोंगी मांगते हैं पैसा

- तरह-तरह के सब्जबाग दिखाकर फंसाते हैं जाल में

GORAKHPUR : पूरे ब्रहाण्ड की रचना व संरक्षण करने वाले ईश्वर को किसी अदने से मनुष्य के दान की क्या जरूरत? ईश्वर का कोई स्वरूप किसी भी स्थिति में हमारे पैसे का का इच्छुक नहीं होगा फिर क्यों धर्मस्थलों पर दान-पात्र रखे होते हैं, लोग भगवान का डर दिखाकर पैसा मांगते हैं? क्यों लोग इस उम्मीद से कि भगवान पैसे देखकर प्रसन्न होंगे और उनका काम कर देंगे, रिश्वत देते हैं? शहर के बाजारों और गलियों की खाक छानते पीके को धीरे-धीरे भगवान के नाम पर रचा गया ये खेल समझ आने लगा है। उसके साथ हजारों गोरखपुराइट्स भी अपनी आवाज बुलंद कर पीके का समर्थन कर रहे हैं।

भगवान को किसी के सपोर्ट की क्या जरूरत?

पीके को अपने इस मिशन के दौरान एक बड़ी अहम बात देर से समझ आई। भगवान के नाम का डर दिखाकर कुछ दुकानदार अपनी दुकान चला रहे हैं। आखिर पैसे चढ़ाने से भगवान को क्या लाभ होता है? उससे तो कुछ लोगो की झोलियां ही भरती हैं। जो खुद को भगवान के संपर्क में बताकर आपके दुख दूर करने का दावा करते हैं, उनसे सावधान रहने की जरूरत है। भगवान ने सबको बनाया है तो उनका ध्यान रखना भी उसे बेहतर आता है। उसे आपकी सुनने के लिए किसी और सहारे की जरूरत नहीं है। पीके को ये बात समझ में आ गई है।

सीन क्- पीके दोपहर करीब एक बजे गोरखनाथ रोड पहुंचा। यहां उसे सड़क पर एक कटोरे में भगवान की फोटो रखे देगी। इसे देख पीके ने सामने खड़े आदमी से पूछ लिया, क्यों भाई, भगवान को कटोरे में काहे रखे हो? उसने जवाब दिया, अपनी कमाई तो इन्हीं से होती है, लेकिन इससे आपको क्या दिक्कत है? पीके के मन में सवाल उठा, लेकिन वह बिना कुछ कहे वहां से चल दिया।

पीके का सवाल- भगवान तो खुद ही सबको पैसे देता है फिर उसको पैसों की क्या जरूरत? ई रांग नंबर है भाई।

सीन ख्- दो बजते-बजते पीके हुमायूंपुर रोड पहुंचा। एक दुकान के पास एक महिला भगवान की फोटो राह चलते लोगों को दिखाकर पैसे मांग रही थी। पीके चुप न रह सका, उसने पूछा क्या भगवान की फोटो दिखाकर पैसे मिल जाते हैं? महिला ने जवाब दिया कि इन्हीं की कृपा से हमारी गृहस्थी चलती है। पीके को ये बात बड़ी अजीब लगी।

पीके का सवाल- भगवान तो सबके दिलों में हैं फिर लोग फोटो देखकर क्यों पैसे देने लगते हैं? अपने मन में छिपी तस्वीर क्यों नहीं निहारते?

सीन फ् - असुरन चौराहा पहुंचते-पहुंचते पौने तीन बज चुके थे। यहां तो कई लोग जिनमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल थे, कटोरा लेकर बैठे थे। कोई भगवान का नाम लेकर पैसे मांग रहा था, कोई भगवान की फोटो का इस्तेमाल कर रहा था। पीके का सिर चकरा गया.?उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि कटोरे में बैठे भगवान को रुपए क्यों चाहिए? उसने पूछा तो सबने यही कहा कि भगवान को दान दोगे तो आपकी तरक्की होगी।

पीके का सवाल- भगवान को दान की क्या जरूरत? वो तो सबको दान देता है और उसे दान देने से मेरी तरक्की कहां से होगी? बैठे-बैठे भगवान मुझे सब दे देंगे तो फिर लोग मेहनत क्यों करते हैं?

आध्यात्मिक डायरी में जोड़ें।

आपने बहुत से लोगो को कहते सुना होगा कि फ्ला फ्ला मंदिर मे हमने भगवान पर इतने पैसे चढ़ाये या दान किये. मंदिर मे अभिभावक अपने बच्चो को कहते है कि यह लो पैसे और इस भगवान या उस भगवान पर चढ़ा दो. पर क्या हम इतने सक्षम हैं कि भगवान को पैसे चढ़ा सके? क्या भगवान को हमारे पैसो की जरूरत है? अरे जो सबको देने वाला है उसे किसी चीज़ की क्या जरूरत होगी? पर इसका यह अर्थ बिल्कुल नही है कि पैसे चढ़ाना बंद कर दे. जब हम किसी रेस्टोरेंट मे जाते है, कुछ खाते है तो फिर पैसे देते है ना? जब हम किसी रिज़ॉर्ट मे जाते है तो पैसे देते हैं ना? हमे मंदिर से प्रसाद मिलता है. हम मंदिर का पानी इस्तेमाल करते हैं. हम मंदिर को गंदा भी करते हैं. उसकी साफ़ सफाई होनी जरूरी है. तो यह पैसा हम मंदिर के रखरखाव के लिये देते हैं, भगवान के लिये नही. हमे सोच बदलने की जरूरत है. तभी आने वाली पीढी हमारी परम्पराओ का ढंग से पालन कर पायेगी. नमस्कार. मुस्कुराहट बाटिए, खुशिया बाटिये.

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भगवान को पैसे नहीं, आपकी सच्ची भावनाएं चाहिए

अक्सर आपने देखा होगा कि लोग मंदिर में सिक्का या नोट भगवान के सामने फेंकते हैं  और फिर हाथ जोड़कर भगवान से मनोकामना मांगते हैं। कैसी मूर्खता है यह लोगों की, कोई आपके सामने पैसे फेंककर चला जाए तो...

क्या भगवान को पैसे की जरूरत है? - kya bhagavaan ko paise kee jaroorat hai?

Yuvrajलाइव हिन्दुस्तान टीम,मेरठ Fri, 26 Jul 2019 01:50 AM

अक्सर आपने देखा होगा कि लोग मंदिर में सिक्का या नोट भगवान के सामने फेंकते हैं  और फिर हाथ जोड़कर भगवान से मनोकामना मांगते हैं। कैसी मूर्खता है यह लोगों की, कोई आपके सामने पैसे फेंककर चला जाए तो आपको कैसा लगेगा। यकीनन अच्छा नहीं लगेगा। फिर भगवान के सामने ऐसा व्यवहार क्यों। वे आपके पैसे, धन-दौलत के भूखे नहीं है। उन्हें आपकी भावनाएं और सच्ची भक्ति चाहिए न कि पैसे। हां मंदिर में दान करना, भूखों को देना आदि ये अलग बात है।

कुछ रुपये चढ़ाकर करते हैं करोड़ों कि कामना :
लोगों को लगता है कि भगवान उनके दिए रुपयों से खुश होगा। इसके चलते लोगों भगवान को भी तरह-तरह का प्रलोभन देने का प्रयास करते हैं। उन्हें लगता है कि उनके दिए ऑफर से भगवान उनका काम अवश्य बनवा देंगे। इसके लिए वे भगवान के आगे शर्त तक रख देते हैं कि संबंधित काम हो जाए तो भंडारा कराउंगा। संकट टाल दो इतना दान करुंगा आदि।

क्यों भाई, भगवान को क्या जरूरत पड़ी है वे तुम्हें अपने होने का प्रमाण दें। ऐसे लोभी-लालची व्यक्तियों को समझना चाहिए कि भगवान को तुम क्या दोगे जबकि वे संपूर्ण विश्व को पल रहे हैं। इतना जान लें कि भगवान के आगे जाने से पहले अपने पद, पैसे, ज्ञान का अहंकार त्याग कर दीन हीन बनकर जाये। हमारे पास जो है वह भी सब ईश्वर की देन है। 

क्या भगवान को पैसे की जरूरत है? - kya bhagavaan ko paise kee jaroorat hai?

क्या पैसा भगवान है?

भगवान सबसे ऊपर हैं। पैसा तो आता जाता रहता है। लेकिन भगवान परमपिता परमेश्वर हैं, जिन्होंने सब कुछ बनाया हैं। भला माता पिता जिन्होंने हमें बनाया हैं उनके आगे पैसों का कोई महत्त्व नहीं।

भगवान पर पैसा चढ़ाते समय भक्त क्यों यूज़ किया जाता है?

भगवान पर पैसा चढ़ाते वक्त भक्त इसलिए हिचकिचा जाता है, क्योंकि भक्त के अंदर अहम् का भाव होता है। भक्त यह सोचता है, जो धन वो भगवान के चरणों में चढ़ा रहा है, वह उसने कमाया है, वह तो उसका है। उसके अंदर 'मैं' का भाव होता है। वह यह नहीं जानता कि जो भी उसे मिला वह सब प्रभु की कृपा से ही मिला।

क्या दुनिया में पैसा ही सब कुछ है?

सब कुछ नही है पैसा लेकिन बहुत कुछ है। ईश्वर नही ईश्वर की कृपा है पैसा ,सुख नही सुख का साधन है पैसा। किसी भी चीज का महत्व तब समझ आता है जब हम उससे वंचित होते है। मानव मन ऐसा ही है जब एकांत में होता है तो भीड़ में आनंद देखता हैऔर जब भीड़ में होता है तो एकांत की तरफ भागता है।