प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढोला-सदिया सेतु का उद्घाटन किया. तकरीबन नौ किलोमीटर लंबे पुल को भूपेन हज़ारिका का नाम दिया.असम में बना देश का सबसे लंबा नदी पुल. (फोटो: पीटीआई) Show
सदिया (असम): देश के सबसे लंबा नदी पुल लोहित नदी के ऊपर बना है जिसका एक छोर अरुणाचल प्रदेश के ढोला गांव में और दूसरा छोर असम के सदिया को जोड़ता है. लोहित ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है. इस पुल का नाम संगीतविद् भूपेन हज़ारिका के नाम पर होगा. भूपेन हज़ारिका सदिया के ही रहने वाले थे. पुल का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की है. इस पुल का निर्माण साल 2011 में शुरू किया गया था. असम में तिनसुकिया ज़िले के सदिया में 2,056 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल 9.15 किलोमीटर लंबा है और मुंबई स्थित बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से 3.55 किलोमीटर अधिक लंबा है. इस पुल के बन जाने से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में चार घंटे की कमी आएगी. इसके अलावा दोनों राज्यों के सदूरवर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा. यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से 300 किलोमीटर दूर है. इस पुल के चलते दोनों राज्यों के बीच की दूरी 165 किलोमीटर तक घट जाएगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टिलरी के तुरंत आने-जाने की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के आवागमन के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है. असम के तिनसुकिया ज़िले में बने इस पुल का उद्घाटन 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. (फोटो: पीटीआई) इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह नए आर्थिक क्रांति के लिए नींव के तौर पर सेवा देगा और महाशक्ति बनने के भारत के प्रयासों की दिशा में मदद करेगा. यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों को और अधिक करीब लाएगा. उन्होंने कहा, इससे आर्थिक विकास के नए द्वार खुलेंगे. यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश के लिए विकास लेकर आएगा. शीर्ष आर्थिक रूप से विकसित देश, एक महाशक्ति बनने की दिशा में भारत के सपने को पूरा करने की शुरुआत पूर्वोत्तर से हुई है. मोदी ने कहा, यह पुल पूर्वोत्तर के किसानों द्वारा उगाए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले अदरक के लिए एक नया मार्ग खोलेगा और उनकी वित्तीय हालत में सुधार लाएगा. अगर वे इस जैविक अदरक की खेती करते हैं तो उनके लिए वैश्विक बाजार के द्वार खुलेंगे. इस रणनीतिक पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री कुछ दूरी तक इस पर चले. इसके बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, असम के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को लेकर एक वाहन इस पुल के ऊपर से गुज़रा. (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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लोहित नदी भारत में नदी / From Wikipedia, the free encyclopediaलोहित नदी (लोहित = रक्त) भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम में बहने वाली एक नदी है। यह ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी है। लोहित नदी पूर्वी तिब्बत के ज़याल छू पर्वतश्रेणी से निकलती है और अरुणाचल प्रदेश में दो सौ किलोमीटर तक तीव्र वेग से बहने के बाद असम के मैदानी क्षेत्र में पहुंचती है। 'खून की नदी' के नाम से जानी जाने वाली यह नदी तूफानी और अशान्त है और इसका यह नाम आंशिक रूप से इसकी लाल मिट्टी के कारण पड़ा है। यह मिश्मी पर्वतमाला से बहती हुई ब्रह्मपुत्र घाटी के मुहाने पर ब्रह्मपुत्र नदी (अरुणाचल प्रदेश में जिसे सियांग नदी के नाम से जाना जाता है) में मिल जाती है। Quick facts: लोहित नदी Zayü River, स्थान, देश, प्रान्त, भौ... ▼लोहित नदी Zayü River अरुणाचल प्रदेश में लोहित नदी लोहित नदी की घाटी Mouth of Lohit River मानचित्र दिखाएँ अरुणाचल प्रदेशलोहित नदी (भारत) मानचित्र दिखाएँ भारतलोहित नदी (एशिया) मानचित्र दिखाएँ एशियास्थानदेशचीन, भारतप्रान्ततिब्बत, अरुणाचल प्रदेश, असमभौतिक लक्षणनदीशीर्ष • स्थानकांग्री गार्पो • निर्देशांक29.1629°N 97.0837°E/ 29.1629; 97.08372nd source • स्थानकांग्री गार्पो • निर्देशांक29.463°N 97.1366°E/ 29.463; 97.1366नदीमुखब्रह्मपुत्र• स्थान असम• निर्देशांक 27°48′N 95°28′Eजलसम्भर लक्षणClose ▲Oops something went wrong: लोहित नदी (लोहित = रक्त) भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम में बहने वाली एक नदी है। यह ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी है। लोहित नदी पूर्वी तिब्बत के ज़याल छू पर्वतश्रेणी से निकलती है और अरुणाचल प्रदेश में दो सौ किलोमीटर तक तीव्र वेग से बहने के बाद असम के मैदानी क्षेत्र में पहुंचती है। 'खून की नदी' के नाम से जानी जाने वाली यह नदी तूफानी और अशान्त है और इसका यह नाम आंशिक रूप से इसकी लाल मिट्टी के कारण पड़ा है। यह मिश्मी पर्वतमाला से बहती हुई ब्रह्मपुत्र घाटी के मुहाने पर ब्रह्मपुत्र नदी (अरुणाचल प्रदेश में जिसे सियांग नदी के नाम से जाना जाता है) में मिल जाती है। Quick facts: लोहित नदी Zayü River, स्थान, देश, प्रान्त, भौ... ▼लोहित नदी Zayü River अरुणाचल प्रदेश में लोहित नदी लोहित नदी की घाटी Mouth of Lohit River मानचित्र दिखाएँ अरुणाचल प्रदेशलोहित नदी (भारत) मानचित्र दिखाएँ भारतलोहित नदी (एशिया) मानचित्र दिखाएँ एशियास्थानदेशचीन, भारतप्रान्ततिब्बत, अरुणाचल प्रदेश, असमभौतिक लक्षणनदीशीर्ष • स्थानकांग्री गार्पो • निर्देशांक29.1629°N 97.0837°E/ 29.1629; 97.08372nd source • स्थानकांग्री गार्पो • निर्देशांक29.463°N 97.1366°E/ 29.463; 97.1366नदीमुखब्रह्मपुत्र• स्थान असम• निर्देशांक 27°48′N 95°28′Eजलसम्भर लक्षणClose ▲Oops something went wrong: लोहित नदी को खून की नदी क्यों कहा जाता है?'खून की नदी' के नाम से जानी जाने वाली यह नदी तूफानी और अशान्त है और इसका यह नाम आंशिक रूप से इसकी लाल मिट्टी के कारण पड़ा है। यह मिश्मी पर्वतमाला से बहती हुई ब्रह्मपुत्र घाटी के मुहाने पर ब्रह्मपुत्र नदी (अरुणाचल प्रदेश में जिसे सियांग नदी के नाम से जाना जाता है) में मिल जाती है।
लोहित नदी कितनी लंबी है?इस पुल का निर्माण साल 2011 में शुरू हुआ था. भारत ने लोहित नदी के पर 9.15 किलोमीटर लंबा पुल बना है. यह भारत के पूर्वोत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और असम को एक-दूसरे के साथ जोड़ेगा. इस लिहाज से यह भारत का सबसे लंबा पुल होगा.
ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में क्या कहा जाता है?बांग्लादेश में -जमुना नदी
अरुणाचल प्रदेश का नाम अरुणाचल प्रदेश क्यों पड़ा?अरुणाचल का अर्थ हिन्दी में "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल ; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' = पर्वत होता है।)। प्रदेश की सीमाएँ दक्षिण में असम दक्षिणपूर्व में नागालैंड पूर्व में बर्मा/म्यांमार पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत से मिलती हैं।
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