लपसंग ने तम्बू का रास्ता कैसे साफ किया? - lapasang ne tamboo ka raasta kaise saaph kiya?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए

भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर(50-60 शब्दों में) लिखिए

लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए

कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर(25-30 शब्दों में) लिखिए

साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरु की?

Q.

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए

लेखक ने बुढ़िया के दु:ख का अंदाज़ा कैसे लगाया?

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निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −

लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?

Solution

लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया क्योंकि तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरने से हिमपुंज बन गया था और इससे कैंप नष्ट हो गया थालेखिका भी उसमें दब गई थीं। इसलिए लोपसांग ने छुरी से बर्फ़ काटकर लेखिका को बाहर निकाला।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B)

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प्रश्न 9-5: लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ किया?

उत्तर 9-5: लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की मदद से तंबू का रास्ता साफ और वह इस कार्य में अपने पहले प्रयास में ही सफल हो गया।

प्रश्न 9-6: साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की?

उत्तर 9-6:
साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका सुबह चार बजे ही उठ गई, उसने बर्फ पिघलाकर चाय बनाई उसने चाय के साथ कुछ बिस्किट आधी चाकलेट तथा हल्का नाष्ता किया उसके बाद लगभग साढ़े पाँच बजे वह चढ़ाई करने के लिए तंबू से निकल पड़ी।

प्रश्न 9-7: उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया ?

उत्तर 9-7:
उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल को मार्ग की सबसे मार्ग की सबसे बड़ी बाधा खुंबु हिमपात की भयंकर स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने पुल बनाने, रस्सियों को बाँधने, रास्ते को चिह्नित करने तथा अन्य कठिनाइयों की जानकारी दी। कैंप के एक तरफ का रास्ता साफ किया और ग्लेशियर की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह एक बर्फ की नदी है। यहाँ समय-समय पर हिमपात भी होते रहते हैं।

प्रश्न 9-8: हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्त न होते रहते हैं?

उत्तर 9-8:
हिमपात बर्फ के बड़े-बड़े खंडों का गिरने को कहते हैं जिसके कारण ग्लेशियर बनते हैं इसके कारण मौसम में काफी बदलाव आ जाता है, बनाये गये रास्ते बंद हो जाया करते हैं और फिर से नये रास्तों का निर्माण करना होता है ।

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?


जब लेखिका गहरी नींद में सो रही थी तभी सिर के पिछले हिस्से से कोई चीज टकराई और उसकी नींद खुल गई। कैंप के ठीक ऊपर लहोत्से ग्लेशियर से बर्फ का पिण्ड गिरा था जिसने कैंप तो तहस-नहस कर दिया था। लोपसांग ने अपनी स्विस धुरी से तंबू का रास्ता साफ किया और लेखिका के पास से बड़े-बड़े हिमखण्डों को हटाया और चारों तरफ फैली हुई कठोर बर्फ की खुदाई की। तब जाकर बाहर निकलने का रास्ता साफ हो सका। यदि थोड़ी-सी भी देर हो जाती तो उसका सीधा अर्थ था मृत्यु।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?


एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए लेखिका को एक भारी बर्फ़ का फूल दिखा जो पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?


अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचन्द कर रहे थे।

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इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का सदंर्भ देकर कीजिए:
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायज़ा लेना, नौसिखिया


निहारा है-प्रसन्नतापूर्वक देखा है।
लेखिका ने नमचे बाज़ार में पहुँचकर सबसे पहले एवरेस्ट को देखा था वह उसे देखते ही उसके सौंदर्य पर मुग्ध हो गई। इसलिए लेखिका इसे मात्र देखा न कहकर ‘निहारा’ करती है।
धसकना-नीचे को धँसना।
जब धरती का कुछ हिस्सा नीचे की ओर दब जाता है उसे धसकना कहते हैं।
खिसकना-अपनी जगह से हटकर परे चले जाना।
हिमपात से बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्‌टानें खिसक जाती हैं।
सागरमाथा-संसार का सबसे ऊँचा स्थान।
जिस स्थान ने बचेंद्री पाल ने हिमालय की चढ़ाई आरंभ की, वह स्थान समुद्र तल का सर्वोच्च स्थान है। इसलिए उसे सागरमाथा ठीक ही कहा गया है।
नौसिखिया-अनजान।
तेनजिंग के सामने बचेंद्री पाल ने स्वयं को नौसिखिया पर्वतारोही कहा।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?


सागरमाथा शब्द से तात्पर्य है ‘सागर के माथे के समान’ तथा एवरेस्ट को सागरमाथा के नाम से जाना जाता है। यह एक स्थानीय नाम था। इसलिए लेखिका को यह नाम पसंद आया। एवरेस्ट को नेपाली भाषा में सागरमाथा नाम से जाना जाता है।

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(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए


एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप लगाए गए थे।
1. बेसकैंप यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे। उपनेता प्रेमचंद ने भी हिमपात संबंधी सभी कठिनाईयों का परिचय यही दिया।
2. कैंप एक: यह हिमपात से 6000 मीटर की ऊँचाई पर था। यहाँ हिमपात से सामान उठाकर कैंप तक लाये जाने का अभ्यास किया गया।
3. कैंप दो: 16 मई प्रात: सभी लोग इस कैंप पर पहुँचे। जिस शेरपा की टाँग टूट गई उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया।
4. कैंप तीन: यह ल्होत्से पहाड़ियों के गन में स्थित था। यहाँ नाइलॉन के बने तंबू में लेखिका और उसके सभी साथी सोए हुए थे। इसमें 10 व्यक्ति थे रात 12.50 बजे एक हिमखंड उन पर आ गिरा।
5. कैंप चार: यह समुंदर के 7900 मीटर ऊपर था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए चढ़ाई की गई। यह 29 अप्रैल 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा ने लगाया था।
6. साउथ पोल कैंप: यहीं से अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू हुई।
7. शिखर कैंप: यह पर्वत की सर्वोत्तम चोटी से ठीक नीचे स्थित है। इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुँच गया। चोटी पर पहुँचने से पहले यहीं आराम करके चाय पी ली।

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लपसंग ने तम्बू का रास्ता कैसे साफ किया?

लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया क्योंकि तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरने से हिमपुंज बन गया था और इससे कैंप नष्ट हो गया था, लेखिका भी उसमें दब गई थीं। इसलिए लोपसांग ने छुरी से बर्फ़ काटकर लेखिका को बाहर निकाला।

लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया 6 साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले?

14. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया? उत्तर:- तंबू के रास्ते एक बड़ा बर्फ़ पिंड गिरा था जिसने कैंप को तहस-नहस कर दिया था। लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया और लेखिका को बाहर निकाला।