मुसीबत में व्यक्ति का साथ कौन देता है? - museebat mein vyakti ka saath kaun deta hai?

🔴 एक बार बनारस में स्वामी विवेकनन्द जी मां दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे कि तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। वे उनसे प्रसाद छिनने लगे वे उनके नज़दीक आने लगे और डराने भी लगे। स्वामी जी बहुत भयभीत हो गए और खुद को बचाने के लिए दौड़ कर भागने लगे। वो बन्दर तो मानो पीछे ही पड़ गए और वे भी उन्हें पीछे पीछे दौड़ाने लगे।

🔵 पास खड़े एक वृद्ध सन्यासी ये सब देख रहे थे, उन्होनें स्वामी जी को रोका और कहा – रुको! डरो मत, उनका सामना करो और देखो क्या होता है। वृद्ध सन्यासी की ये बात सुनकर स्वामी जी तुरंत पलटे और बंदरों के तरफ बढऩे लगे। उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उनके ऐसा करते ही सभी बन्दर तुरंत भाग गए। उन्होनें वृद्ध सन्यासी को इस सलाह के लिए बहुत धन्यवाद किया।

🔴 इस घटना से स्वामी जी को एक गंभीर सीख मिली और कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में इसका जिक्र भी किया और कहा – यदि तुम कभी किसी चीज से भयभीत हो, तो उससे भागो मत, पलटो और सामना करो। वाकई, यदि हम भी अपने जीवन में आये समस्याओं का सामना करें और उससे भागें नहीं तो बहुत सी समस्याओं का समाधान हो जायेगा!

🌹 स्वामी विवेकानन्द के जीवन के प्रेरक प्रसंग
http://awgpskj.blogspot.in/2017/03/blog-post_16.html

मुसीबत में व्यक्ति का साथ कौन देता है 1 Point पैसा रिश्तेदार पड़ोसी राजा?

मेंरा जवाब है : “धीरज”। हमारे सुख दुख में साथ देने वाले मित्र, परिवारजन, रिश्तेदार और सबसे पहले हमारे पड़ोसी.

अगर कोई मुसीबत में हो तो क्या करना चाहिए?

अच्छे लोगों की संगति चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की संगति उसकी दिशा और दशा तय करती है। यदि जीवन में सज्जन और अच्छे लोगों का साथ मिलता है तो इंसान खूब तरक्की करता है और सुखमय जीवन जीता है, क्योंकि ऐसे लोग आपको गलत रास्ते पर नहीं जाने देते। वो निस्वार्थ भाव से आपका भला चाहते हैं। इन लोगों का साथ कभी न छोड़े।

मुसीबत के समय कौन सहायक होता है?

मुसीबत के समय इंसान खुद अपना सहायक होता है। ईश्वर भी उसी की सहायता करते हैं जो खुद की सहायता करता है।

मुसीबत क्यों आती है?

दूसरे की परेशानी में खुश होना अहंकार होना स्वाभाविक प्रकृति है। लेकिन इस अहंकार को इतना बढ़ा लेना कि यह आपकी बुद्धि को नियंत्रित करने लगे, आपके लिए बहुत कष्टदाई हो सकता है। दूसरों को नीचा दिखाने और पीड़ा पहुंचाने से अगर आपको खुशी मिल रही है या दूसरों को खुश देखकर आप परेशान हो रहे हैं तो आप पतन के मार्ग पर बढ़ रहे हैं।