मनुस्मृति के अनुसार विवाह के प्रकार - manusmrti ke anusaar vivaah ke prakaar

मनुस्मृति में विवाह के कितने प्रकार होते हैं?

मनुस्मृति में आठ प्रकार के विवाह बताए गए हैं जिन्हें विभिन्न स्वभाव वाले लोगों के लिए अनिवार्य बताया गया है। ये 8 प्रकार के विवाह है: ब्रहम, दैव, आर्ष, प्रजापत्य, गंधर्व, असुर, राक्षस तथा पैशाच। इनमें ब्रहम विवाह को सर्वोत्तम माना जाता है जबकि असुर, राक्षस और पैशाच विवाह को बहुत ही खराब बताया गया हैं....

मनुस्मृति के 5 35 में क्या लिखा है?

5. मनुस्मृति (5/35) के अनुसार जो मांस नहीं खाएगा, वह 21 बार पशु योनी में पैदा होगा। 6. मनुस्मृति (64 श्लोक) के अनुसार अछूत जातियों के छूने पर स्नान करना चाहिए।

मनुस्मृति में महिलाओं के बारे में क्या लिखा है?

मनुस्मृति कहती है कि एक महिला को किसी तरह के धार्मिक अधिकार नहीं हैं। वह अपने पति की सेवा करके स्वर्ग प्राप्त कर सकती है। किसी भी स्थिति में ब्राह्मणों का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी महिला का कल्याण तभी हो सकता है, जब एक पुरुष का कल्याण हो जाए।

बहु विवाह कितने प्रकार के होते हैं?

विवाह में एक से अधिक जीवन साथियों से परिणय का प्रचलन बहुविवाह कहलाता है। बहुविवाह दो तरह के हो सकते हैं: (i) बहुपत्नी विवाह (ii) बहुपति विवाह । जब कोई पुरुष एक से अधिक स्त्रियों से विवाह करता है तो उसे बहुपत्नी विवाह कहते हैं