Contents विराम का अर्थ है-रुकना या ठहरना। मनुष्य अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए बीच-बीच में रुकता है। यह अलग बात है कि तुलनात्मक दृष्टि से हम कहीं अधिक रुकते हैं और कहीं कम। किसी शब्द के उच्चारण में हम अधिक बल देते हैं तो किसी के उच्चारण में कम। Viram chinh (Punctuation Marks) विराम-चिह्न की परिभाषा भेद और Examplesइतना ही नहीं कभी-कभी एक ही वाक्य का उच्चारण हम अलग-अलग अनुतान के साथ भी करते हैं; जैसे :
हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है। इस प्रकार मौखिक भाषा की ऐसी अनेक युक्तियों (जैसे : कहीं रुकना, कहीं बल देना, कहीं भिन्न-भिन्न अनुतान के साथ बोलना आदि) को जब लिखित भाषा में प्रयुक्त करना होता है तो उसके लिए कुछ चिह्न निर्धारित किए जाते हैं, यही चिहन विराम-चिहन कहलाते हैं। लिखित भाषा में प्रयुक्त किए जाने वाले लिखित चिह्नों या संकेतों को विराम-चिह्न’ कहा जाता है। विराम-चिह्नों का महत्त्वभाषा में विराम-चिह्नों का बहुत महत्त्व है। यदि सही विराम-चिह्नों का प्रयोग न किया जाए तो कभी-कभी अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है; जैसे : एक पत्नी ने अपने पति को पत्र लिखा। उस पत्र में वह विराम-चिह्न लगाना भूल गई थी और याद आने पर जल्दी-जल्दी विराम-चिह्न लगा दिए। पत्र इस तरह है : प्रिय अमित, तुम्हारी इस प्रकार विराम-चिह्नों का गलत प्रयोग करने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है। उपरोक्त पत्र में विराम-चिह्नों का सही प्रयोग करने पर इसका निम्नलिखित रूप बनेगा : प्रणाम आपके चरणों में। क्या चक्कर है आपने कई दिनों से पत्र नहीं लिखा? मेरी सखी रीना को नौकरी से निकाल दिया है। हमारी गाय ने बछड़ा दिया है। दादा जी ने सिगरेट पीनी शुरू कर दी। मैंने बहुत पत्र डाले तुम नहीं आए। कुत्ते के बच्चे भेड़िया खा गया है। चीनी घर आते वक्त ले आना। एक खूबसूरत औरत मेरी नई सहेली बन गई है। माधुरी इस समय टी०वी० पर गा रही है। हमारी भैंस बेच दी है। तुम्हारी दादी तुम्हें याद करती है। तुम्हारी पड़ोसन मुझे तंग करती है। तुम्हारी बहन सिरदर्द से लेटी है। बिल्ली पागल हो गई है। तुम्हारी ज़मीन गेहूँ उग आए हैं। चाचा जी के सिर पर सिकरी हो गई है। मेरी पाँव में चोट लग गई है। तुम्हारे पत्र को हर वक्त तरसती रहती है। तुम्हारी हिंदी के प्रमुख विराम-चिह्नहिंदी में निम्नलिखित विराम-चिहनों का प्रयोग किया जाता है :
1. पूर्ण विराम (।) : हम बोलते समय वाक्य की समाप्ति पर कुछ समय के लिए विराम देते या रुकते हैं तब अगला वाक्य आरंभ करते हैं। इसी प्रकार लिखते समय भी प्रत्येक वाक्य (सरल, संयुक्त अथवा मिश्र) के बाद (केवल प्रश्नवाचक तथा विस्मयवाचक वाक्यों को छोड़कर) ‘पूर्ण विराम चिह्न लगाते हैं तथा फिर नया वाक्य आरंभ करते हैं; जैसे : ‘बच्चे खेल रहे थे। अचानक बारिश आ गई। सभी लोग भींगने लगे। अचानक एक बच्चे का पैर फिसल गया। सब बच्चे उसके पास आकर इकट्ठे हो गए।’ दोहा, सोरठा, चौपाई, छंदों में भी पूर्ण विराम-चिह्न का प्रयोग किया जाता है। पहले चरण के अंत में एक पूर्ण विराम (।) तथा दूसरे चरण के अंत में दो पूर्ण विराम (॥) लगाए जाते हैं; जैसे : आगे चले बहुरि रघुराया। ऋष्यमूक पर्वत नियराया॥ आजकल कुछ पत्र-पत्रिकाओं (सरिता, मुक्ता आदि) में पूर्ण विराम (।) के स्थान पर रोमन के ‘फुल स्टॉप’ चिह्न (.) का प्रयोग किया जाने लगा है, परंतु यह हमारी भाषाओं और लिपियों की प्रकृति के अनुकूल नहीं है। अतः स्वीकृत नहीं हो सका है। 2. अर्ध विराम (;) : जब कभी पूर्ण विराम की तुलना में थोड़ी कम अवधि के लिए रुका जाता है, वहाँ अर्ध विराम चिह्न का प्रयोग होता है। अर्ध विराम (;) का प्रयोग हमें निम्नलिखित स्थितियों में दिखाई देता है : संयुक्त वाक्य के समानाधिकृत उपवाक्यों के बीच; जैसे : मिश्र तथा संयुक्त वाक्यों में विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले उपवाक्यों के बीच; जैसे : मिश्र वाक्य में प्रधान उपवाक्य तथा कारणवाची क्रियाविशेषण उपवाक्य के बीच; जैसे : किसी वाक्य में उदाहरण सूचक ‘जैसे’ के पहले : लिखित भाषा में रुकने अथवा विराम के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग होता है उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं; विभिन्न उपवाक्यों में अधिक बल देने के लिए; जैसे : 3. अल्प विराम (,) : जब वाक्य के मध्य में अर्ध विराम की तुलना में कुछ कम समय के लिए रुका जाता है तब ‘अल्प विराम’ चिह्न का प्रयोग किया जाता है। अल्प विराम चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है : किसी वाक्य में दो या दो से अधिक समान पद वाले शब्दों या पदबंधों में अलगाव दिखाने के लिए; जैसे : वाक्य के बीच विभिन्न उपवाक्यों में अलगाव दिखाने के लिए; जैसे : उपाधियों में अलगाव के लिए; जैसे : हाँ/नहीं के बाद; जैसे : उद्धरण चिह्न के पूर्व; जैसे : शब्दों/वाक्यांशों की पुनरावृत्ति होने पर; जैसे : एक ही वाक्य में अनेक प्रश्नसूचक उपवाक्य होने पर प्रश्नसूचक चिह्न अंत में आता है तथा प्रश्नों के बीच में अल्प विराम का प्रयोग होता है; जैसे : महीने की तारीख़ और सन् को अलग-अलग करने के लिए; जैसे : वाक्य में आए शब्द-युग्मों में अलगाव दिखाने के लिए; जैसे : समानाधिकरण शब्दों/पदबंधों के बीच; जैसे : विशेषण उपवाक्य का प्रयोग वाक्य के मध्य में होने पर; जैसे : संबोधन
शब्द के बाद, यदि संबोधन शब्द मध्य में हो तो उसके पहले तथा बाद में; जैसे : पत्र लिखते समय, अभिवादन लिखते समय, समापन के समय तथा पता लिखते समय; जैसे : 4. उपविराम (:) : इसे अपूर्ण विराम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग निर्देश देने, संवाद-लेखन तथा शीर्षकों आदि में किया जाता है; 5. प्रश्नवाचक चिह्न (?) : प्रश्नवाचक चिहन का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है : जब वक्ता वाक्य में प्रश्नवाचक शब्दों, जैसे कब, कहाँ, कैसे, क्यों, कब आदि का प्रयोग करते हुए प्रश्न पूछता है; जैसे : संरचना की दृष्टि से सामान्य विधानवाचक (कथनात्मक) वाक्यों को
प्रश्न, संदेह या अनिश्चय के भाव के साथ अनुतान परिवर्तन कर जहाँ बोला जाता है। जैसे : व्यंग्यात्मक भाव प्रकट करने के लिए भी सामान्य कथन के बाद कोष्ठक में अंत में जैसे : विशेष : प्रायः छात्र वाक्य में जहाँ भी प्रश्नवाचक शब्द का प्रयोग देखते हैं प्रश्नवाचक चिह्न लगा देते हैं। ऐसा हर जगह नहीं हो सकता, क्योंकि प्रश्नवाचक शब्द हर स्थान पर प्रश्न पूछने के लिए ही प्रयुक्त नहीं होते। उदाहरण के लिए कुछ वाक्यों में प्रश्नवाचक शब्द डाँटने के लिए प्रयुक्त होते हैं; जैसे : क्या बक रहे हो, चले जाओ यहाँ से या कहीं ये संबंधसूचक का कार्य करते हैं; जैसे : वे क्या कह रहे थे, मैं तो समझा ही नहीं। ध्यान रखिए ऐसे स्थानों पर प्रश्नवाचक चिह्न नहीं लगाया जाता। 6. विस्मयवाचक चिह्न (!) : प्रायः आश्चर्य, घृणा, प्रसन्नता आदि मनोभावों को प्रकट करने वाले विस्मयवाचक शब्दों के बाद ही इस चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है; जैसे : विस्मयवाचक शब्दों (पदों), पदबंधों अथवा वाक्यों के अंत में; जैसे: संबोधन में भी संबोधन शब्द के बाद जैसे : प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में मनोवेग प्रदूशत करने के लिए; जैसे : 7. योजक या विभाजक (-) : इस चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है :
8. निर्देशक (-) : निर्देशक चिह्न भी पड़ी लकीर के रूप में होता है पर योजक चिह्न से इसका आकार बड़ा होता है। किसी वाक्यांश/पद की व्याख्या या उसको
स्पष्ट करने के लिए; जैसे : किसी व्यक्ति के द्वारा कहे गए कथन को उद्धृत करने के पहले; जैसे : संवादों/वार्तालापों में नामों के बाद : ‘निम्नलिखित’ शब्द के बाद; जैसे : किसी अवतरण या अंश को लिखकर उसके लेखक का नाम लिखना हो तो इस चिह्न का प्रयोग होता है; जैसे : निक्षिप्त पदों के आगे-पीछे; जैसे : 9. अवतरण या उद्धरण चिह्न (“”) : किसी व्यक्ति का नाम या उपनाम या किसी पुस्तक का नाम इकहरे उद्धरण चिह्न (‘) द्वारा लिखा जाता है; जैसे: 10. विवरण चिह्न (:-) : वाक्यांशों के विषय में कुछ सूचना, निर्देश आदि देना हो तो विवरण चिह्न प्रयुक्त होता है; जैसे: 11. कोष्ठक (), { }, || : कोष्ठकों का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है : किसी कठिन शब्द को स्पष्ट करने के लिए; जैसे : ( ) कोष्ठक का प्रयोग विकल्प दिखाने के लिए भी होता है; जैसे : (i) कर्ता (कर्म) क्रिया क्रमसूचक अंकों/अक्षरों के साथ : 12. हंसपद या त्रुटिपूरक (^λ): इसे त्रुटिपूरक भी कहा जाता है। लिखते समय जब कोई शब्द या अंश छूट जाता है तो इस चिह्न को लगाकर उस शब्द को ऊपर लिख दिया जाता है; जैसे : 13. लाघव चिह्न या संक्षेपसूचक (०): किसी बड़े अंश का संक्षिप्त रूप लिखने के लिए संक्षेपसूचक चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे:
विराम चिन्ह अभ्यास-प्रश्न.1. विराम-चिह्न किसे कहते हैं? 8. निम्नलिखित में विराम-चिह्न लगाइए 9. निम्नलिखित में उचित स्थानों पर विराम-चिह्न लगाइए: चिह्न का प्रयोग कब किया जाता है?6. योजक या विभाजक ( - ) 7. निर्देशक (डैश ) (-) 8. अवतरण या उद्धरण चिह्न ( " " ) 9.
दो शब्दों को जोड़ने के लिए कौन सा विराम चिह्न प्रयोग किया जाता है?सही उत्तर 'योजक चिह्न (-)' है। दो शब्दों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त विराम चिह्न 'योजक चिह्न (-)' कहलाता है। योजक चिह्न - व्याकरण में वह चिह्न (-) जो शब्दों, पदों, उपवाक्यों आदि को जोड़ता है, योजक चिन्ह कहलाता है।
विराम चिह्न में चिह्न का क्या अर्थ होता है?विराम शब्द वि + रम् + घं से बना है और इसका मूल अर्थ है "ठहराव", "आराम" आदि के लिए। जिन सर्वसंमत चिन्हों द्वारा, अर्थ की स्पष्टता के लिए वाक्य को भिन्न भिन्न भागों में बाँटते हैं, व्याकरण या रचनाशास्त्र में उन्हें "विराम" कहते हैं।
विवरण चिह्न की सही पहचान क्या है?विवरण चिन्ह[ :-]
वाक्य में विवरण :- का प्रयोग सूचना, निर्देश या विवरण देने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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