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वाक्य किसे कहते हैं?सार्थक शब्दों का ऐसा समूह जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय प्रकट करता हो, वाक्य कहलाता है। शुभम के बड़े भाई अशोक राजनगर में रहते हैं। शुभम् उनसे मिलने राजनगर गया। अचानक शुभम् को देखकर अशोक ने कहा- अरे ! शुभम् तुम ! शुभम् ने बताया कि आपसे मिलने का मन हुआ तो चला आया। अशोक ने पूछा- क्या तुम आज ही वापस जाओगे? शुभम ने उत्तर दिया- मैं आज नहीं जाऊँगा। अशोक ने कहा ठीक है। शायद आज मैं देर से लौटू। तुम बाजार चले जाओ लो ये पैसे, माया के लिए एक अच्छा सूट खरीद लेना। अशोक ने शुभम के साथ भोजन किया और अपने काम पर चला गया। शुभम् बाजार गया। उसने एक छोर से दूसरे छोर तक बाजार का चक्कर लगाया किन्तु उसे कपड़ों को कोई अच्छी दुकान दिखाई नहीं दी। आखिरकार एक कोने में उसे कपड़े की एक दुकान नजर आई। उसने वहाँ से माया के लिए एक सूट खरीदा और लौट आया। शाम को अशोक ने बताया कि कल उसकी छुट्टी रहेगी। शुभम् ने उसे अपना लाया हुआ सूट दिखाया। अशोक ने कहा- मैं चाहता हूँ कि मैं भी कल तुम्हारे साथ ही घर चलूँ। मेरे साथ ढेर सारा सामान है। अगर तुम मेरे साथ रहोगे तो मुझे सुविधा होगी। शुभम् ने कहा- कल हम साथ ही घर चलेंगे। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। आपने यह गद्यांश पढ़ा। इस गद्यांश में कई परस्पर सम्बद्ध सार्थक शब्द समूह हैं। अब रेखांकित वाक्यों को देखें। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद–अर्थ के आधार पर वाक्यों के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं। (ब) निषेधवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से किसी कार्य के निषेध (न होने) का बोध होता हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें नकारात्मक वाक्य
भी कहते हैं। (स) प्रश्नवाचक वाक्य– जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात् किसी से कोई बात पूछी जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। (द) विस्मयादिवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से आश्चर्य (विस्मय), हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मयादिवाचक वाक्य कहते हैं। इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें। (ई) आज्ञावाचक वाक्य– जिन वाक्यों से आज्ञा या अनुमति देने का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। (फ) इच्छावाचक वाक्य– वक्ता की इच्छा, आशा या आशीर्वाद को व्यक्त करने वाले वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं। (ग) संदेहवाचक वाक्य– जिन वाक्यों में कार्य के होने में सन्देह अथवा संभावना का बोध हो, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। (ह) संकेतवाचक वाक्य– जिन
वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें हेतुवाचक वाक्य भी कहते हैं। इनसे कारण, शर्त आदि का बोध होता है। अर्थ की दृष्टि से वाक्य में परिवर्तन–आप पढ़ चुके हैं कि अर्थ की दृष्टि से वाक्य आठ प्रकार के होते हैं। इनमें से विधानवाचक वाक्य को मूल आधार माना जाता है। अन्य वाक्य भेदों में विधानवाचक वाक्य का मूलभाव ही
विभिन्न रूपों में परिलक्षित होता है। किसी भी विधानवाचक वाक्य को सभी प्रकार के भावार्थों में प्रयुक्त किया जा सकता है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। 1. विधानवाचक वाक्य - अशोक राजनगर में रहता है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇
प्रकरणों को भी पढ़िए।। आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगी। I hope the above information will be useful and important. other resources Click for related information Watch video for related information
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अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं class 9?अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से किसी वाक्य को एक भेद से दूसरे भेद में इस तरह बदलना कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे, वाक्य रूपांतरण कहलाता है।
अर्थ की दृष्टि से वाक्य कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित?अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हैं –1-विधान वाचक वाक्य । उदाहरण-: जनवरी में बहुत ही ठंड पड़ती है। 2- निषेधवाचक वाक्य। उदाहरण-:राम आज स्कूल नहीं जाएगा। ।
अर्थ की दृष्टि से कौन सा भेद वाक्य का नहीं है?अर्थ की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद होते हैं?
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