मार्शल तथा रॉबिंस की परिभाषाओं में मुख्य अंतर क्या है? - maarshal tatha robins kee paribhaashaon mein mukhy antar kya hai?

प्रश्न :11 अर्थशास्त्र की परिभाषा के संबंध में मार्शल तथा रॉबिन्स के विचारों की समता तथा विभिन्नता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- मार्शल की परिभाषा- “अर्थशास्त्र मनुष्य जीवन की साधारण व्यापार संबंधी, क्रियाओं का अध्ययन करता है। यह मनुष्य की उन व्यक्तिगत तथा सामाजिक क्रियाओं का अध्ययन करता है जिनका भौतिक साधनों को प्राप्त करने से तथा उनके उपयोग से घनिष्ठ संबंध है, जो मानव कल्याण के लिए आवश्यक है। इस तरह यह एक तरफ धन का अध्ययन करता है और दूसरी तरफ जो अधिक महत्वपूर्ण है यह मनुष्य के अध्ययन का एक भाग है।”

रॉबिन्स की परिभाषा- “अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो असीमित आवश्यकताओं तथा वैकल्पिक प्रयोग वाले सीमित साधनों से संबंधित मानवीय आचरणों का अध्ययन करता है।"

मार्शल तथा रॉबिन्स की परिभाषाओं में अंतर

आधार बिन्दु :
1. भाषा
2. आर्थिक व अनार्थिक,
3. उद्देश्य
4. विज्ञान एवं कला
5. व्यक्तिगत क्रिया

प्रो. मार्शल का मत :
1. प्रो. मार्शल ने अर्थशास्त्र का प्रतिपादन सरल भाषा में किया है।
2. प्रो. मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र में मानव की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। वे क्रियाएं जिनको धन से संबंध नहीं है, अर्थशास्त्र के विषय-क्षेत्र में नहीं आती हैं।
3. अर्थशास्त्र का प्रमुख उद्देश्य मानव कल्याण व उसमें वृद्धि करना है। मार्शल के अनुसार आर्थिक क्रियाएं सुख प्राप्ति हेतु की जाती हैं।
4. प्रो. मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र विज्ञान एवं कला दोनों ही है, क्योंकि अर्थशास्त्र उचित-अनुचित का। अध्ययन कराकर हमारा मार्गदर्शन करता है।
5. जब तक किसी व्यक्तिगत आर्थिक क्रिया का सामाजिक संबंध न हो वह अर्थशास्त्र का विषय नहीं बन सकती, क्योंकि अर्थशास्त्र मनुष्य के सामूहिक आर्थिक कार्यों का अध्ययन करता है।
6. प्रो. मार्शन ने बताया है कि भौतिक कल्याण की प्राप्ति हेतु अर्थशास्त्र में केवल भौतिक वस्तुओं का ही अध्ययन किया जाता है ।
7. प्रो. मार्शल ने अपनी परिभाषा में मानवं कल्याण में वृद्धि तथा सुख प्राप्ति पर विशेष बल दिया है।
8. प्रो. मार्शल की परिभाषा के अनुसार अर्थशास्त्र का क्षेत्र सामाजिक मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं तक ही सीमित

प्रो. रॉबिन्स का मत :
1. प्रो. रॉबिन्स की परिभाषा में क्लिष्टता पायी जाती है, जो जनसाधारण की समझ के परे है।

2. प्रो. रॉबिन्स मानव क्रियाओं के आर्थिक तथा अनार्थिक भेद को स्वीकार नहीं करते उनके अनुसार मानव की सभी क्रियाओं का अध्ययन अर्थशास्त्र का विषय है, क्योंकि उनका आर्थिक पहलू है।
3. रॉबिन्स इसके प्रति तटस्थ हैं। उनके मत से अर्थशास्त्र का सुख-दुख से कोई भी सरोकार नहीं है।

4. प्रो. रॉबिन्स अर्थशास्त्र को वास्तविक विज्ञान ही मानते हैं। उनके अनुसार अर्थशास्त्र वस्तु स्थति को ही दिग्दर्शन करता है, मार्गदर्शन उसका कार्य नहीं।

5. प्रो. रॉबिन्स के अनुसार व्यक्तिगत क्रिया भी अर्थशास्त्र का विषय बन जाती है क्योंकि व्यक्ति के साधन सीमित होते हैं।

6. प्रो.रॉबिन्स के विचार में अर्थशास्त्र में भौतिक और अभौतिक दोनों ही प्रकार की वस्तुओं का अध्ययन होता है।

7. प्रो. रॉबिन्स भौतिक कल्याण को छोड़कर दुर्लभ तथा सीमित साधनों पर बल देते हैं।

8. प्रो. रॉबिन्स की परिभाषा के अनुसार सामाजिक-असामाजिक एवं व्यक्तिगत रूप से की जाने वाली क्रियाओं को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है।

मार्शल तथा रॉबिन्स की परिभाषाओं में समानताएं

मार्शल एवं रॉबिन्स की परिभाषाओं का समुचित विश्लेषण करने पर जहां उनमें कई बिन्दुओं पर मतांतर ज्ञात होता है वहीं उनमें कुछ समानताएं भी स्पष्ट होती हैं, जो कि निम्नांकित

1. मानव तथा मानवीय क्रियाओं का अध्ययन- मार्शल एवं रॉबिन्स दोनों ने ही अर्थशास्त्र को मनुष्य एवं उसकी क्रियाओं का अध्ययन बताया है ।

2. मानव प्रमुख, धन गौण- प्राचीन अर्थशास्त्रियों ने धन को प्रधान माना था, पर मार्शल तथा रॉबिन्स दोनों ही धन की तुलना में मनुष्य को प्रधान मानते हैं।

3. अर्थशास्त्र विज्ञान है- दोनों ही अर्थशास्त्रियों की मान्यता है कि अर्थशास्त्र एक विज्ञान है ।

4. मानव सुख को अधिकतम करना- मार्शल तथा रॉबिन्स दोनों का उद्देश्य एक ही है, अर्थात् दोनों ही मानव सुख को अधिकतम करना चाहते हैं।

5. धन संबंधी दृष्टिकोण- दोनों ही अर्थशास्त्रियों ने अपनी-अपनी परिभाषाओं में 'धन' के पर्याय शब्दों का उपयोग किया है। मार्शल के भौतिक सुख के साधन' और रॉबिन्स के ‘सीमित साधन' यथार्थ में धन के ही अलग-अलग नाम हैं। ‘धन' से संबंधित कार्यों का अर्थ सीमित साधनों के मितव्ययितापूर्ण उपयोग से है।

मार्शल की परिभाषा श्रेष्ठ है या रॉबिन्स की ?

वास्तव में दोनों में से कोई भी परिभाषा पूर्ण नहीं है, दोनों के कुछ गुण तथा दोष हैं। दोनों परिभाषाओं की सापेक्षिक स्थिति निम्न विवरण से स्पष्ट होगी-

(i) हालांकि मार्शल की परिभाषा सरल है लेकिन वह तार्किक दृष्टि से दोषपूर्ण है। ''और अर्थशास्त्र के वैज्ञानिक आधार को कमजोर करती है। लेकिन मार्शल की परिभाषा रॉबिन्स की परिभाषा से इस दृष्टि से श्रेष्ठ है कि मार्शल अर्थशास्त्र को समाज के उत्थान का एक यंत्र मानते थे।

(ii) रॉबिन्स की परिभाषा विश्लेषणात्मक तथा तार्किक है तथा अर्थशास्त्र के वैज्ञानिक आधार को मजबूत करती हैं। इस दृष्टि से रॉबिन्स की परिभाषा, मार्शल की परिभाषा से श्रेष्ठ है।

(iii), रॉबिन्स की परिभाषा, मार्शल की परिभाषा की तुलना में, इस दृष्टि से भी श्रेष्ठ है कि रॉबिन्स ने स्पष्ट रूप से आर्थिक समस्या अर्थात् 'चुनाव करने के पहलू को प्रस्तुत किया, आधुनिक अर्थशास्त्री इसको मान्यता देते हैं।

मार्शल तथा रोबिन की परिभाषा में मुख्य अंतर क्या है?

Answer: मार्शल अर्थशास्त्र के मद्देनजर जो धन के संदर्भ में मानव जाति का अध्ययन करता है जबकि रॉबिंस के अनुसार, अर्थशास्त्र मानव व्यवहार का अंत और डर के बीच संबंध के रूप में अध्ययन करता है जिसका अर्थ है वैकल्पिक उपयोग। दोनों परिभाषाओं का उद्देश्य मानव जाति का अध्ययन करना है।

रॉबिन्स की परिभाषा की विशेषता कितनी है?

रॉबिन्स की परिभाषा भौतिक कल्यापर के उद्देश्यों से मुक्त है। के कारण अर्थशास्त्र का क्षेत्र अत्यंत व्यापक बन जाता है तथा अर्थशास्त्र एक अव्यवस्थित विज्ञान हो जाता है। अर्थशास्त्र को एक विशुद्ध यथार्थवादी विज्ञान मानते हैं।

मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?

प्रोफेसर मार्शल के मतानुसार अर्थशास्त्र मनुष्य के जीवन संबंधी साधारण कार्यों का अध्ययन करता है। वह मनुष्यों के ऐसे व्यक्तिगत और सामजिक कार्यों की जाँच करता है जिनका घनिष्ठ संबंध उनके कल्याण के निमित भौतिक साधन प्राप्त करने और उनका उपयोग करने से रहता है।

मार्शल का सिद्धांत क्या है?

मार्शल ने दिखाया कि किस तरह आपूर्ति उत्पादन की लागत पर निर्भर करती है। उपभोक्ता अगर उपयोगिता और संतोष की तलाश में है तो उत्पादक मुनाफ़े को अधिकतम करने के फ़ेर में रहता है। यदि पैमाने के घटते हुए प्रतफल का नियम लागू किया जाए और कल-पुर्ज़ों और श्रम की कीमतें बढ़ रही हों तो उत्पादन की लागत भी बढ़ती है।