मेष राशि का कौन सा ग्रह कमजोर है? - mesh raashi ka kaun sa grah kamajor hai?

मेष दैनिक राशिफल आपको अपने नियमित कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा। यदि आपकी राशि मेष है, या यूँ कहें कि आप मेष राशि के जातक हैं, तो आपको इस मेष राशिफल के द्वारा आपकी ज़िन्दगी से जुड़ी किसी भी घटना के होने से पहले निर्देशित किया जाएगा, जिससे आप किसी तरह की परेशानी में न फसें और अपनी असफलता को सफलता में बदल सकें। क्यूंकि यदि हमें किसी भी बुरे घटना के बारे में कोई जानकारी हो जाये, तो शायद हम खुद को पहले ही सावधान कर सकते हैं ताकि उस घटना के कारण किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे। मेष राशिफल का विश्लेषण करने के लिए पहले मेष राशि के बारे में समझें:

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मेष राशि चिन्ह

राशि चक्र की पहली राशि मेष है, जिसकी वजह से इस राशि के जातक शिशु की तरह मासूम होते हैं। इस राशि का चिन्ह “मेढ़ा” होता हैं, जो बेहद निडर और साहसी होता है। ये लोग अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीते हैं और अपनी विचारधारा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं।

राशि चक्र का यह पहला बिन्दु हर वर्ष लगभग 50 सेकेण्ड की गति से पीछे खिसकता जाता है। इस बिन्दु की बक्र गति ने ज्योतिषीय गणना में दो प्रकार की पद्धतियों को जन्म दिया है। इस बिन्दु को स्थिर मानकर भारतीय ज्योतिषी अपनी गणना करते हैं। जिसे निरयण पद्धति कहा जाता है और पश्चिम के ज्योतिषी इसमे अयनांश जोडकर 'सायन' पद्धति अपनाते हैं लेकिन हमें भारतीय ज्योतिष के आधार पर ही गणना करनी चाहिये।

मेष राशि पूर्व दिशा की द्योतक है, और इसका स्वामी ’मंगल’ ग्रह होता है। मेष राशि चिह्न के तहत इस राशि में जन्में जातक जीवन की नई उर्जा से भरे हुए होते हैं। ये लोग आवेगी और आत्मकेन्द्रित होते हैं।

मेष- शारीरिक बनावट

  • मेष राशि के जातक मध्यम कद के होते हैं।
  • ये लोग हमेशा चौकस बने रहते हैं इसीलिए अगर आप इस राशि के जातक को ध्यान से देखें तो इनकी भौंहें हमेशा ऊपर चढ़ी रहती हैं। हर कार्य में इनका ध्यान सतर्कता पर पहले रहता है।
  • इस राशि के जातकों के हाथों की बनावट कोन के आकार जैसी होती हैं और इनकी उंगलियों की अपेक्षा हथेली बड़ी होती है।
  • इनका मस्तिष्क विशाल और चेहरे की आकृति विद्वत्तासूचक होती है।
  • ऐसे लोगों के सिर के किसी भी भाग पर चोट का निशान होता है और छाती या चेहरे पर तिल या मस्से का चिह्न भी रहता है।
  • मेष राशि के लोग सफाई पसंद होते हैं। वे हर काम को साफ-सुथरे ढंग से करना पसंद करते हैं।
  • इन जातकों की आंखें कमजोर रहती हैं।
  • इस राशि का प्रभाव मस्तिष्क पर रहने की वजह से इन लोगों को मानसिक शांति कम रहती है।

मेष- व्यक्तित्व

  • मेष राशि के जातक स्पष्टवादी, सीधा और नेतृत्व करने की भावना रखने वाले होते हैं।
  • मेष राशि के लोगों का स्वभाव उदार होता है।
  • मेष राशि का व्यक्ति उत्तेजना के साथ शीघ्र कार्य करने वाला होता है। ऐसा इसीलिए होता है क्यूंकि मेष का स्वामी ग्रह 'मंगल' है, जो अग्नि तत्व प्रधान है।
  • मेष राशि का जातक स्वतंत्र विचारों तथा मौलिकता का समर्थक होता है।
  • इस राशि का व्यक्ति स्वभाव से प्रेमी होता है। उसे स्वार्थ से घृणा होती है।
  • मेष राशि के व्यक्ति में अपने सहयोगियों से काम लेने की अद्भुत क्षमता होती है।
  • इस राशि से जुड़े लोग हमेशा चौकस बने रहते हैं। हर कार्य में इनका ध्यान सतर्कता पर पहले रहता है।
  • मेष राशि वाले कुछ व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं। ये लोग तब तक अपनी गलती नहीं मानते, जब तक उन्हें किसी तरह का भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ जाए।
  • मेष राशि के जातकों की कल्पना तथा निरीक्षण शक्ति अच्छी होती है।
  • मेष राशि में “सूर्य” बलवान होता है। और यदि इस राशि में “गुरु” स्थित हो तो शुभ फल की प्राप्ति होती है।

मेष- रुचियाँ/शौक

मेष राशि के लोगों की वैसे क्षेत्रों में अधिक रूचि होती है, जिनमें आसानी से धन मिल सकता हो जैसे- लॉटरी, जुआ आदि।इस राशि के जातक का अनुमान जुआ, लॉटरी और घुड़दौड़ जैसी चीज़ों में बहुत सटीक बैठता है और अधिकांश तौर पर ये लोग जीतते भी हैं। मेष राशि वाले उन क्षेत्रों में रुचि लेते हैं, जिसमें वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके। ऐसे लोगों का नृत्य, अभिनय आदि जैसे क्षेत्रों में अधिक झुकाव रहता है। कपड़े, फर्निचर और पुस्तकालय आदि कार्यों में भी ये लोग खासा रूचि रखते हैं।

मेष- कमियां

  • मेष राशि के जातक को स्वयं के गुप्त भेदों के प्रकट हो जाने का डर रहता है।
  • इस राशि के लोगों को जल्दी क्रोध आ जाता है और ऐसे लोग अपमान सहन नहीं कर सकते हैं।
  • मेष राशि का व्यक्ति चर्चा के दौरान जोश बहुत जोश दिखाता है।
  • परिवार में अक्सर किसी एक व्यक्ति से इनकी खटपट चला करती है।
  • मेष राशि वाले कुछ व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं। ये लोग तब तक अपनी गलती नहीं मानते, जब तक उन्हें किसी तरह का भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ जाए।
  • यदि मेष राशि में “शनि” स्थित हो तो यह अशुभ फल देता है। ऐसे लोग जिनका भला करते हैं, वही इनकी परेशानियों का कारण बनता है।
  • इस राशि वाले पुरुष में एक विशिष्ट गुण होता है कि यदि ये लोग एक बार किसी के हो जाते हैं, तो उन्हें अपना सब कुछ दे बैठते हैं। अपने इस व्यवहार के कारण उन्हें अक्सर हानि उठानी पड़ जाती है।
  • मेष राशि वाला व्यक्ति प्रेम के विषय में दूसरों को मूर्ख बनाता है।
  • इस राशि वाले जातकों को अपनी मनोकांक्षा पूरी करने के लिए- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः'- मंत्र का 10000 जाप करना चाहिए ।

मेष- शिक्षा एवं व्यवसाय

मेष राशि के अधिकांशतः जातक शिक्षित होते हैं। चूंकि मेष का संबंध मस्तिष्क से होता है इसीलिए ये लोग शिक्षा के क्षेत्र में काफी सफल होते हैं। इस राशि के जातक मेडीकल, इन्जीनियरिंग, राजनीति शास्त्र, रसायन शास्त्र जैसे विषयों का चुनाव करें तो उन्हें विशेष सफलता प्राप्त होती है।

मेष राशि के लोग यदि विद्युत, खनिज, कोयला, खनिज तेल, सीमेंट, मेडिकल स्टोर, आतिशबाजी, जमीन-जायदाद, पहलवानी, खेल-कूद, रंग-व्यवसाय, घड़ियां, कैमिस्ट, रेडियो, तम्बाकू आदि जैसे क्षेत्रों में व्यवसाय करते हैं तो वे अधिक मुनाफ़ा प्राप्त कर उस व्यवसाय को सफलतापूर्ण चला सकते हैं। मेष राशि के जातक व्यवसाय में साझीदारी कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वाले लोगों के साथ कर सकते हैं। इस राशि की स्त्रियां भी व्यवसाय के क्षेत्र में काफी सफलता प्राप्त करती हैं।

मेष- प्रेम संबंध

  • मेष राशि का पांचवां स्थान प्रेम संबंध का सूचक है और यह सिंह राशि का स्थान है। इससे यह पता चलता है कि इस राशि का व्यक्ति प्रेमी-स्वभाव का होता है, लेकिन सिर्फ उन्हीं लोगों से प्रेम करता है, जो उनसे प्रेम करते हों।
  • इस राशि के जातक में लोगों को पहचानने की अद्भुत क्षमता होती है। मेष राशि वालों को स्वार्थ से घृणा होती है। ये स्वार्थी लोगों को जल्दी ही पहचान लेता है और उनसे बेहद दूर रहने की कोशिश करत है।
  • मेष राशि वाले व्यक्ति को प्रेम का क्षणिक आनंद ही प्राप्त हो पाता है। मेष राशि वालों को मनचाहा साथी नहीं मिल पाता अर्थात जैसा प्रेम वो चाहते हैं उन्हें वो नहीं मिल पाता।
  • इस राशि के व्यक्ति की मेष राशि वाले पुरुष या स्त्री से ही खूब पटती है।
  • वे स्त्रियां जो मेष राशि की होती हैं वे बेहद स्वाभिमानी होती हैं जिसकी वजह से उन्हें झुकाने का प्रयत्न व्यर्थ जाता है। आप इन स्त्रियों को तोहफे आदि से भी आकर्षित नहीं कर सकते।

मेष- विवाह और दांपत्य जीवन

मेष राशि के पुरुष अपनी पत्नी को हमेशा अधिक सक्रिय और आकर्षक देखना चाहते हैं। ऐसे लोग प्रेम का आश्वासन चाहते हैं। मेष राशि से संबंध रखने वाला पुरुष हो या फिर स्त्री, इन्हें अकेला रहना बिलकुल पसंद नहीं होता है। सूर्य, मंगल और शुक्र का योग इस राशि वालों को सेक्स के विषय में आदर्शवादी बना देता है। इस राशि के जातकों के दाम्पत्य जीवन में गृह कलह रहती है और जीवनसाथी से संबंध अच्छे नहीं होते हैं। मेष राशि के पति-पत्नी में प्रायः असीम प्रेम देखने को मिलता है, लेकिन इनके बीच गृहकलह भी उतना ही ज्यादा होता है।

मेष- घर-परिवार

मेष राशि वाले लोगों को अपने परिवार से प्रेम और आदर मिलता है। इन्हें अपने परिवार, आस-पड़ोस और अपने समाज में भी आदर से देखा जाता है। इस राशि के जातक के प्रशंसक हर जगह होते हैं। मेष राशि वालों में नेतृत्व का गुण होता है जिसकी वजह से उनके परिवार के लोंग उसकी इच्छाओं का आदर और समर्थन करते हैं। ये लोग अपनी संतानों को बहुत प्यार करते हैं।

मेष- इष्ट मित्र

  • मेष राशि वाले जातकों की कुंभ राशि से बहुत अच्छी पटती है। इसके अलावा सिंह, धनु और मिथुन राशि से भी मित्रता रहती है।
  • मेष राशि के लोगों का मिथुन राशि से विवाद रहता है। कर्क और मकर राशि के साथ भी इनकी बिलकुल नहीं बनती है।
  • वृषभ, कन्या और मकर राशियों से इनके लाभप्रद संबंध बनते हैं।
  • कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वाले जातकों से सतर्क रहें, अन्यथा ये लोग नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मेष - स्वास्थ्य

मेष राशि के जातक स्वस्थ शरीर के स्वामी होते हैं। यदि ये दुर्घटनाओं से बचते रहें, तो बीमारी भी इन्हें ज्यादा परेशान नहीं कर पाती है। बचपन से ही इन्हें शरीर में फोड़े-फुंसी, जलना-कटना आदि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मेष राशि का प्रभाव मस्तिष्क पर रहता है। इसीलिए इन्हें मानसिक अशांति भोगनी पड़ती है। मेष राशि वाले लोगों को आराम की काफ़ी जरूरत रहती है। इनके लिए प्रातःकाल भ्रमण करना अच्छा रहता है। इस राशि के लोगों को गरम चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

मेष राशि के लोगों में नेत्र से जुड़ी समस्या भी देखने को मिलती है। इन्हें सिरदर्द रहता है और ऑपरेशन का योग भी होता है। मेष राशि वाले लोगों को अपने रक्त की शुद्धता पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अधिकांश रोग इन्हें रक्त की अशुद्धि के कारण होती है। इस राशि के जातक को रक्त शुद्धि के लिए प्रातःकाल उठते ही पानी, दोपहर में छाछ तथा रात्रि में दूध पीना लाभकारी होगा।

मेष- भाग्यशाली अंक

9 का अंक मेष राशि के जातकों के लिए भाग्यशाली होता है। इसीलिए 9 अंक की श्रृंखला 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72...इनके लिए शुभ होती है।

मेष- भाग्यशाली रंग

अगर रंग की बात करें तो मेष राशि वालों के लिए लाल और सफेद रंग भाग्यशाली रंग होता है। इन रंगीन के वस्त्र पहनने से इन्हें मानसिक शांति मिलती है। मेष राशि वाले लोगों के लिए जेब में हमेशा लाल रूमाल रखना बहुत फायदेमंद होता है।

मेष - भाग्यशाली दिन

मेष राशि का “मंगल” ग्रह से बहुत ही निकट संबंध होता है, इसीलिए मंगलवार इस राशि के जातकों का भाग्यशाली दिन होता है। इसके साथ ही गुरुवार एवं रविवार भी इनके लिए शुभ दिन होते हैं। मेष राशि वाले लोगों के लिए शुक्रवार का दिन अशुभ रहता है।

मेष - भाग्यशाली रत्न

मेष राशि वाले लोगों के लिए “मूंगा” भाग्यशाली रत्न होता है। इसीलिए मंगल खराब रहने पर इन्हें मूंगा पहनना चाहिए। आप इस रत्न को तांबे की धातु में लगाकर पहन सकते हैं। मेष राशि वाले यदि मूंगा को मंगलवार के दिन अनामिका अंगुली में धारण करें तो यह अधिक लाभप्रद रहता है। रत्न के अलावा अन्य उपाय के रूप में आप मंगलवार को उपवास रख सकते हैं। कहीं-कहीं पर ज्योतिष विधा के अनुसार मेष राशि वाले जातकों के लिए भाग्यशाली रत्न माणिक्य व हीरा बताया जाता है।

ऊपर हमने मेष राशिफल और मेष राशि के जातकों से जुड़ी शारीरिक बनावट, व्यक्तित्व, शौक, कमियां, खूबियां, परिवार, प्रेम संबंध जैसे सभी पहलुओं को अच्छे से जाना। आशा करते हैं कि एस्ट्रोसेज द्वारा दी गयी जानकारी आपको मेष राशि के लोगों को समझने में मददगार सिद्ध होगी।

मेष राशि में कौन सा ग्रह खराब चल रहा है?

अग्नि तत्व प्रधान मेष राशि के कारक ग्रह मंगल, सूर्य और गुरु हैं। इस राशि का स्वामी मंगल है। मेष लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है।

मेष राशि का शत्रु कौन सा ग्रह है?

मेष के दुश्मन- कर्क और वृश्चिक सबसे खराब

मेष राशि में कौन से ग्रह की दशा चल रही है?

मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है। ये ग्रह जातक के जीवन में पराक्रम और उत्साह का कारक माना गया है।

मेष राशि का कमजोरी क्या है?

मेष राशि का जातक स्वयं को अधिक विज्ञ समझता है, पर धर्म एवं व्यक्तिगत क्षमताओं के प्रति शंकालु रहता है। अपने गुप्त भेदों के प्रकट हो जाने का डर उसे हर समय सताता रहता है। इन्हें क्रोध शीघ्र ही आ जाता है तथा अपमान सहन नहीं कर सकते हैं। घर में किसी एक व्यक्ति से खटपट अवश्य चला करती है।