मिट्टी के कटाव को रोकने के उपाय कौन कौन से हैं? - mittee ke kataav ko rokane ke upaay kaun kaun se hain?

एक संवाददाता ॥ फरीदाबाद
हरियाणा के जिन जिलों में बरसात के दिनों में मिट्टी का कटाव ज्यादा होता है उस क्षेत्र के लिए हरियाणा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने अधिसूचना जारी की है। इसके अंतर्गत 10 जिलों का चयन किया गया है। हरियाणा फॉरेस्ट ने सभी जिलों के फॉरेस्ट आफिसरों को आदेश दिया है कि वह अपने इलाके मेें मिट्टी कटाव का कारण पता करें। इसके अलावा मिट्टी कटाव से निपटने के लिए लोगों को उन्नत किस्म के पौधे लगाने के लिए जागरूक करें। मिट्टी का कटाव रोकने के लिए लीलगिरी के पौधे फ्री में लगाए जाएंगे।
हरियाणा फॉरेस्ट ने हाल ही में हरियाणा के 10 जिलों पंचकुला, यमुनानगर, अंबाला, फरीदाबाद, पलवल, गुड़गांव, मेवात, महेेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी का चयन किया है। इन जिलों में बरसात के समय सबसे ज्यादा मिट्टी का कटाव होता है, जिससे खेती प्रभावित होती है। फरीदाबाद में यमुना किनारे लगे गांवों में सबसे ज्यादा मिट्टी कटाव होता है। मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए हर साल किसान अपने स्तर पर प्रयास तो करते हैं लेकिन कामयाबी नहीं मिलती है। हरियाणा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने मिट्टी कटाव को रोकने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है। प्लान के तहत खेतों का चयन कर उसमें उन्नत किस्म के पौधे लगाए जाएंगे, ताकि मिट्टी कर कटाव न हो। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कंजरवेटर पंकज गोयल ने बताय कि प्रदेश सरकार ने मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके अंतर्गत फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी ऐसे क्षेत्र का चयन करेंगे जहां पर मिट्टी का कटाव सबसे ज्यादा होता है। उस क्षेत्र में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए लीलगिरी के पौधे फ्री में लगाए जाएंगे।

What is soil erosion In Hindi : मृदा अपरदन या मिट्टी का कटाव क्या है : भूमि की ऊपरी सतह है पानी या हवा के कारण एक जगह से दूसरी जगह चली जाती है जिसे मृदा अपरदन या मिट्टी का कटाव कहते हैं. ऐसा रेगिस्तान में बहुत ज्यादा होता है क्योंकि वहां पर मिट्टी हवा के साथ बहुत ज्यादा एक जगह से दूसरी जगह चली जाती है. और ऐसी जगह जहां पर कोई भी पेड़ पौधा या घास ना हो वहां की मिट्टी भी पानी के साथ कटकर आगे बह जाती है. जो की मृदा अपरदन का ही रूप है.

मृदा अपरदन के कारण बहुत सारी हानियां होती है जैसे कि उपजाऊ मिट्टी बहकर आगे चली जाए तो वह जमीन उपजाऊ नहीं रहती. इसीलिए मृदा अपरदन को रोकना बहुत ही जरूरी है और मृदा अपरदन को बहुत ही आसानी से रोका भी जा सकता है.मृदा अपरदन होने के कई कारण होते हैं. जैसे की जंगलों की कटाई, बाढ़ और आंधियों का आना, वनों में आग लग जाना, कृषि करने के वैज्ञानिक तरीके इत्यादि. यही मृदा अपरदन के सबसे बड़े और मुख्य कारण होते हैं.

मृदा अपरदन से होने वाली हानियां और कारण

जंगलों की कटाई : आज के समय की सबसे गंभीर समस्या जंगलों की कटाई है. पहले के मुकाबले आज के समय में बहुत ज्यादा मात्रा में पेड़ों को काटा जा रहा है. जिसके कारण वहां की मिट्टी अब पहले जैसी मजबूत नहीं रही और यह बहुत ही आसानी से पानी के साथ में बहा कर आगे चली जाती है. पेड़ों के कट जाने से मिट्टी में नमी नहीं रहती और वह बहुत जल्दी सुखकर हवा के साथ भी उड़ जाती है.

बाढ़ और आंधियों का आना :

अगर किसी नदी पर बांध ना बनाया जाए तो वहां पर बाढ़ आने की बहुत ज्यादा संभावना हो जाती है. और वहां पर बाढ़ आने के कारण उपजाऊ मिट्टी बाढ़ के साथ में रहकर आगे चली जाती है. या अपने स्थान से हट जाती है. जिसके कारण वहां की मिट्टी उपजाऊ नहीं रहती और वहां पर फसल का उगना बहुत कम हो जाता है. और अगर किसी जगह से पेड़ों को काट दिया जाए तो वहां पर भी मिट्टी कमजोर हो जाती है और उस मिट्टी में नमी न होने के कारण वह आंधी के साथ बहुत ही आसानी से उड़ जाती है.

अनियंत्रित पशुओं को चराना :

जब पशुओं को किसी जगह पर चराया जाता है तो वहां पर उसे एक सीमित मात्रा में चराया जाना चाहिए ताकि वहां पर उगी घास की जड़े मिट्टी में बनी रहे. लेकिन ऐसे बहुत से राज्य और शहर है जहां पर पशुओं पर इस प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है और वह भूमि की सारी खास चढ़ जाते हैं और वहां की भूमि नंगी हो जाती है. जिसके कारण घास की जड़े कमजोर पड़ जाती है और यह भूमि पानी और हवा के साथ में बह कर आगे चली जाती है.

वनों में आग लगना :

बहुत बार किसी कारणवश वनों में आग लग जाती है और वहां के पेड़-पौधे घास इत्यादि जल जाते हैं. जिसके कारण वहां की मिट्टी कमजोर पड़ जाती है. और यह तेज हवाओं के साथ में या बाढ़ के साथ में बह जाती है.

कृषि करने के वैज्ञानिक तरीके :

आज के समय में किसान बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से कृषि करता है. वह एक समय पर ज्यादा से ज्यादा फसल पाने के लिए उसमें अनेक प्रकार के उर्वरक डालता है जो कि मिट्टी की उपजता को कम करती है. और बहुत किसान खेतों में एक ही फसल को बार-बार उगाते हैं जो कि वहां की मिट्टी में ह्यूमस कम कर देता है. इसके अलावा गलत प्रकार से जुताई, सिंचाई करने से भी मृदा अपरदन बढ़ता है.

तो यह कुछ मुख्य कारण है जिन्हें जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए क्या इन्हें कम किया जाना चाहिए. ताकि कम से कम मृदा अपरदन हो नहीं तो एक दिन मृदा अपरदन की समस्या बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी.

मृदा अपरदन को रोकने के उपाय

मृदा अपरदन को रोकने के लिए या उसे कम करने के लिए कई तरीके हैं जिन्हें हमें अपनाना चाहिए ताकि कम से कम मिट्टी का कटाव हो और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे.

मजबूत मेड़बंदी :

मृदा अपरदन को रोकने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि अपने खेतों या भूमि के चारों तरफ बड़ी और मजबूत मेड़बंदी करें. आप जितनी मजबूत और बड़ी बाड अपने खेतों के चारों तरफ लगाएंगे तो वहां की मिट्टी पानी के साथ वह नहीं पाएगी और मिट्टी का कटाव नहीं हो पाएगा. इसीलिए जहां तक संभव हो उतनी ज्यादा मेड़बंदी करने की कोशिश करें.

भूमि को समतल करें :

बहुत बार किसान अपनी भूमि को समतल नहीं करवाते और वह ढालू भूमि बन जाती है जिसमें वर्षा का पानी एक दिशा में बहुत तेजी से बहता है और वह अपने साथ मिट्टी को भी ले जाता है इसीलिए इस प्रकार के मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए सारी भूमि को समतल रखें ताकि बारिश होने पर किसी भी तरह पानी ना बहे.

जिवांश खाद मिलाना :

रेगिस्तान की भूमि या रेतीली भूमि की मिट्टी बहुत ही हल्की होती है जो कि पानी और हवा के साथ में बहुत ही आसानी से बह जाती है. इसीलिए इस प्रकार की मिट्टी में जीवांश पदार्थ को मिलाया जाना चाहिए ताकि मिट्टी के कारण आपस में बने रहें और यह पानी यह हवा के साथ में ना बहे.

पेड़ पौधे लगाना

रेतीली जगह और जहां पर बहुत तेज हवाएं चलती है वहां पर ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं. अगर आप खेती करते हैं तो अपने खेत के चारों तरफ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की कोशिश करें ताकि तेज हवाओं का प्रभाव आपके खेत की मिट्टी पर कम से कम पढ़े और वहां की मिट्टी हवा के साथ में उड़ कर ना जा सके.

वनस्पति उगाएं

जो भूमि बिना फसल और घास के होती है वह बहुत ही आसानी से पानी और हवा के साथ में बह जाती है. इसीलिए ज्यादा से ज्यादा वनस्पति पौधे फसल घास इत्यादि भूमि पर उगाएं ताकि वहां की भूमि ज्यादा से ज्यादा मजबूत हो सके और वह आसानी से पानी या हवा के साथ में बह कर ना जाए.

वन संरक्षण :

जैसा की हमने पहले बताया जंगलों की कटाई के कारण मृदा अपरदन में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसे रोकने के लिए. सरकार द्वारा नियम बनाने जाने चाहिए और वनों की कटाई पर रोक लगा देनी चाहिए. वनों को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि वनों को बचाया जा सके और इसे मृदा अपरदन को भी होने से रोका जा सके.

बाढ नियंत्रण :

वैसे तो प्रकृति पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है लेकिन बाढ़ को रोकने के लिए बड़े-बड़े बांध बनाए जाने चाहिए ताकि नदियों के कारण आने वाली बाढ़ को रोका जा सके. जिन नदियों में बाढ़ आने की संभावना ज्यादा होती है उन नदियों से बड़ी बड़ी नहर बनाकर पानी को ऐसे इलाकों में भेज देना चाहिए जहां पर बारिश नहीं होती और बहुत ज्यादा सूखा पड़ता है.. इससे बाढ़ आने की संभावना भी कम हो जाएगी और सूखा इलाका भी पानी युक्त हो जाएगा.

तो यह कुछ खास तरीके हैं जिनकी मृदा अपरदन क्या है इसके दो कारण बताइए? मदद से हम मृदा अपरदन को मिट्टी के कटाव को रोक सकते हैं. इस पोस्ट में आपकोमृदा अपरदन के कारण है मृदा अपरदन से होने वाली हानियां मृदा अपरदन को रोकने के उपाय मिट्टी का कटाव क्या है अपरदन का अर्थ अवनालिका अपरदन मृदा क्षरण मृदा अपरदन कैसे रोका जा सकता है? mrida apardan kise kahte hai मृदा अपरदन से आप क्या समझते हैं? मृदा अपरदन क्या होता है मृदा अपरदन कितने प्रकार का होता है? मृदा अपरदन के प्रकार मृदा अपरदन के प्रभाव से संबंधित पूरी जानकारी देने की कोशिश की है अगर इनके अलावा कोई भी तरीका है जिससे हम मृदा अपरदन को कम कर सकते हैं या रोक सकते हैं या इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बताएं.

मिट्टी का कटाव कैसे रोका जाएगा?

Soil erosion को रोकने के उपाय.
वृक्षारोपण या वन लगाना है.
पशुओं के चरने पर नियंत्रण.
गोलाई में अर्थात् कंटूर रेखाओं की तरह जुताई करने से भी हवा या पानी मिट्टी को सरलतया से नहीं काट सकते.
बाँध (embankments) बनाने से भी मिट्टी का कटाव रुकता है.

मृदा अपरदन क्या है इसके रोकथाम के उपाय?

मृदा अपरदन के कारण.
वृक्षों का अविवेकपूर्ण कटाव.
वानस्पतिक फैलाव का घटना.
वनों में आग लगना.
भूमि को बंजर/खाली छोड़कर जल व वायु अपरदन के लिए प्रेरित करना|.
मृदा अपरदन को त्वरित करने वाली फसलों को उगाना.
त्रुटिपूर्ण फसल चक्र अपनाना.
क्षेत्र ढलान की दिशा में कृषि कार्य करना|.
सिंचाई की त्रुटिपूर्ण विधियाँ अपनाना.

मिट्टी कटाव के क्या नुकसान हैं?

मिट्टी कटाव के अनेक नुकसान होते हैंमिट्टी कटाव के कारण भूमि की उपजाऊ क्षमता कम होती है। मिट्टी के कारण मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है क्योंकि पोषक तत्व जल के साथ बैठकर चले जाते हैंमिट्टी कटाव के कारण भूमि कम उपजाऊ रह जाती है और ये भूमि कृषि किसी के लिए उतनी अच्छी नही होती।

मिट्टी के कटाव के लिए आप मानव कैसे जिम्मेदार हैं?

अध्ययन से पता चलता है कि मनुष्यों द्वारा किये जा रहे कार्यों और भूमि उपयोग में होने वाले परिवर्तनों ने औद्योगिकीकरण से बहुत पहले ही मिट्टी के कटाव को तेज कर दिया था। हजारों सालों से जलवायु और धरती की प्लेटों में आ रहा उतर चढ़ाव बड़े पैमाने पर मृदा क्षरण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार रहा है।