मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

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मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला
वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन

मिथुन राशि के शत्रु कौन है? - mithun raashi ke shatru kaun hai?

राशि चिह्न जुड़वां
अवधि (ट्रॉपिकल, पश्चिमी) 21 मई – 21 जून (2022, यूटीसी)
नक्षत्र मिथुन
राशि तत्त्व वायु
राशि गुण म्युटेबल
स्वामी बुध
डेट्रिमेण्ट बृहस्पति
एग्ज़ाल्टेशन कोई ग्रह नहीं
फ़ॉल कोई ग्रह नहीं
खगोलशास्त्र प्रवेशद्वार खगोलशास्त्र परियोजना

मिथुन राशि ज्यौतिष के राशिचक्र में की तृतीय राशी है। इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है। राशि चक्र की तीसरी राशि है राशि का प्रतीक युवा दंपति है यह दूरी सभा वाली राशि है नक्षत्र के तीसरे चरण के मालिक मंगल शुक्र है मंगल और शुक्र माया है जातक के अंदर माया के प्रति भावना पाए जाते हैं जीवनसाथी के प्रति हमेशा शंकर प्रतीत होता है.

अपने जीवनसाथी के प्रति हमेशा ही शक्ति बनकर प्रस्तुत होते हैं. साथ ही घरेलू कारणों के चलते कई बार आपस में तनाव भी हो जाता है. मंगल और शुक्र की युति के कारण जातक में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है. वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं नए नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति इनका आकर्षण अत्यधिक होता है.

इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति झुकाव देखा जाता है मंगल के कारण जातक वचनों के पक्के होते हैं गुरु आसमान का राजा है. तो राहु गुरु का दोनों मिलकर जातक में ईश्वरीय तत्व बढ़ाते हैं. इस राशि के लोगों में ब्रह्मांड के बारे में पता करने की योग्यता जन्मजात होती है. इनका वायुयान और सेटेलाइट के बारे में जानने का सादा होता है. राहु शनि के साथ मिलने से जातक के अंदर शिक्षा और शक्ति उत्पन्न होती है. जातक का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली पेट्रोल या बाहर वाले कामों की ओर होता है.

एक बारे में रहकर कार्य कर पाता है और पूरा जीवन कार्य करना इनके लिए फल दिन रहता है मर्यादा होती है. जो उसे घर में करती है और सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपने को रमा लेते हैं गुरु जो ज्ञान का मालिक है उसे मंगल का साथ मिलने पर कुछ प्रदान करने के लिए और रक्षा आदि विभागों की ओर ले जाता है. जातक अपने ही विचारों अपने ही कारणों से उलझा रहता है.

मिथुन राशि पश्चिम दिशा की घोतक है जो समय में जन्म लेते हैं. वह मिथुन राशि के कहे जाते हैं. बुध की धातु पारा है इन जातकों का स्वभाव गर्मी में ऊपर नीचे होने वाला होता दूसरों की मन की बातें पढ़ने दूरदृष्टि बहुमुखी प्रतिभा अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है. या को बुद्धि वाले कामों में ही सफलता मिलती है अपने आप पैदा होने वाली माता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिक और राजनीतिक बन जाते हैं हर कार्य में जिज्ञासा और खुशी दिमाग होने के कारण इस राशि के लोग अन्वेषण में ही सफलता लेते रहते हैं.

और पत्रकार लेखक मीडिया कर्मी भाषाओं की जानकारी योजनाकार भी बन सकते हैं तो दोस्तों आज मैंने आपको मिथुन राशि के बारे में बताया है. अपने राशिफल के बारे में विस्तार से जानने के आचार्य के इस पेज पर जरूर जाएँ -

मिथुन राशि का मित्र कौन है?

वृषभ, सिंह, कन्या, तुला वालों के साथ इनकी मित्रता बनी रहती है तथा सहयोगी बने रहते हैं। कर्क राशि वालों से सावधान रहना चाहिए। कभी-कभी इनके मित्र भी शत्रु बन जाते हैं, अतः इन्हें हमेशा ही सावधानीपूर्वक चलना चाहिए। मिथुन राशि के जातक मेष राशि वालों को सदा सुखी रखते हैं।

मिथुन राशि की शत्रु कौन है?

मिथुन- आपके लिए कन्या, तुला और कुम्भ सबसे अच्छी मित्र राशियां हैं जबकि, मेष, कर्क, वृश्चिक शत्रु राशियां हैं.

मिथुन राशि पिछले जन्म में क्या थे?

मिथुन राशि: अगर आपकी राशि मिथुन राशि है तो आप पिछले जन्‍म में कुत्‍ते के रूप में थे। कर्क राशि: अगर आपकी राशिकर्क राशि है तो आप पिछले जन्‍म में बिल्‍ली के रूप में थे। सिंह राशि: अगर आपकी राशि सिंह राशि है तो आप पिछले जन्‍म में चूहे के रूप में थे

मिथुन राशि के भगवान कौन थे?

वह मिथुन राशि के कहे जाते हैं. ... मिथुन.