मध्य प्रदेश के लोक साहित्य कौन कौन से हैं? - madhy pradesh ke lok saahity kaun kaun se hain?

मध्यप्रदेश का लोकसाहित्य  MP Ka Lok Sahitya

मध्यप्रदेश के लोकसाहित्य को समझने के पहले यह जान लेना जरूरी है कि लोकसाहित्य क्या होता है।

मध्यप्रदेश के लोकसाहित्य को हम मालवा के लोकसाहित्य, निमाड़ का लोकसाहित्य, बुँदेलखंड का लोकसाहित्य के रूप में अध्ययन करेंगे।

लोकसाहित्य क्या होता है

  • लोकसाहित्य लोकजीवन की अभिव्यक्ति है वह जीवन से धन्ष्टिता से संबंधित है। लोकसाहित्य एवं पारिभाषिक शब्द है जो लोक तथा साहित्य से मिलकर बना है।
  • लोक शब्द आरंभिक साहित्य में वेद के साथ मिलता है। लोक वेद की चर्चा भी सुनी जाती है किन्तु वेद में कही गई बात वैदिक और लोक में कही बात लौकिक होती है। इस प्रकार सारी पौराणिक कथाएं वैदिक और वेद से भिन्न सारी कथाएं लौकिक कहलाएंगी। वास्तव में लोकसाहित्य शब्द अंग्रेजी शब्द के फोक लिटरेचर का अनुवाद है। सामान्य प्रयोग में पाश्चात्य प्रणाली की सभ्यता के लिए ऐसे शब्दों जैसे लोकवार्ता, लोकसंगीत आदि में इसका अर्थ संकुचित होकर अंचलीय तथा मुख्य धारा से कटे ग्रामीण संस्कृति के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
  • लोकमनुष्य समाज का वह वर्ग है जो अभिजात्य संस्कार शास्त्रीयता और पांडित्य की चेतना अथवा अहंकार से श्ूान्य है और जो एक परम्परा के प्रवाह में जीवित रहता है। ऐसे लोक की अभिव्यक्ति में जो तत्व मिलते हैं वे लोक तत्व कहलाते हैं।
  • लोकवार्ता में लोककलाएं, लोकअनुष्ठान, लोकमार्ग तथा लोकसाहित्य सभी आते हैं। लोकसाहित्य लोकवार्ता के अन्य भागों से पृथक नहीं है। विविध लोकगीत तथा लोक कहानियां अनुष्ठानों से संबंधित भी होती हैं। जैसे विशेष व्रतों पर कही जाने वाली कहानियां, लोककला (चित्रकला) लोकअनुष्ठान आदि भी इसी से संबंधित हैं। इस तरह लोकसाहित्य लोकवार्ता का एक अंग ही माना जाता है।
  • लोकसाहित्य के अंतर्गत वे समस्त बोली या भाषागत अभिव्यक्ति आती हैं जिसमें आदिम संस्कृति के अवशेष हों। परम्परागत मौखिक कम से उपलब्ध बोली तथा भाषगत अभिवयक्ति हो तथा जिसे श्रुति माना जाता हो। जो लोकमानस की प्रवृत्ति में समाई हो तथा जिसका रचनाकाल तथा कृतिकार स्पष्ट न हो। ऐसे साहित्य को किसी विशेष कृतिकार से नहीं जोड़ा जा सकता। कृत्तिव को किसी व्यक्तित्व के साथ संबद्ध करके भी लो स्वयं को माने तथा वह लोकमानस द्वारा सामान्यतः स्वीकार्य हो।

लोकसाहित्य का वर्गीकरण

लोकसाहित्य को अध्ययन की दृष्टि से कई उपखंडो में वर्गीकरण कर सकते हैं।

  • लोकगीत
  • लोकनाट्य
  • लोककथा
  • लोकनृत्य नाट्य
  • लोकसंगीत

लोकगीत

  • लोकगीतों में तो मानवीय मूल्यों का समावेश अपनी संपूर्णता में है। लोकगीतों में मानवीय संबंधों की गरिमा का संधारण और पर्यावरण की सुरक्षा का प्रश्न दोनों एकमेक होकर उपस्थित होते हैं। लोकगीतों को भी संस्कार गीत, व्रत गीत, श्रम गीत,
  • ऋतु गीत, जाति गीत आदि में वर्गीकृत किया जा सकता है।

लोकनाट्य

  • लोकजीवन मे लोकनाट्यों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। लोक नाट्यों का जन्म कब हुआ यह तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता लेकिन लगता है कि आदिकाल से आदिमानव का मन  जब वनों में रहते रहते उब जाता होगा, तो वह बंदर और भालुओं का नचाकर अपना मनोरंजन कता आया होगा। चूंकि नट‘ (नाचना या अभिनय करना) धातु से ही ‘‘नाट्य‘‘ शब्द बना है। इससे नाटकों के विकास में नृत्यका महत्वपूर्ण स्थान पता चलता है।

मध्यप्रदेश का लोकसाहित्य

 मालवा का लोकसाहित्य

 निमाड़ का लोकसाहित्य

बुँदेलखंड का लोकसाहित्य 

Madhy Pradesh Ka Lok Sahitya

Pradeep Chawla on 18-10-2018

सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र ग्वालियर अंचल संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, चित्रकला अथवा लोकचित्र कला हो या फिर साहित्य, लोक साहित्य की कोई विधा हो, ग्वालियर अंचल में एक विशिष्ट संस्कृति के साथ नवजीवन पाती रही है। ग्वालियर क्षेत्र की यही सांस्कृतिक हलचल उसकी पहचान और प्रतिष्ठा बनाने में सक्षम रही है।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments Swati nayak on 27-11-2022

Madhya pradesh ka loksathiya

Megha on 09-01-2022

Mp ka loksahitya

satish on 06-01-2022

Narayan Ka Aata Hai spasht karte hue Mere sahit Reena Mukesh Kumar ka Saransh likhiye

Moni on 06-07-2021

Madhay Pradesh me lok sahity ka varnan kijiye

MOniKA verma on 04-07-2021

मध्यप्रदेश के लोकसाहित्य का वर्णन कीजिए।

हिन्दी on 04-07-2021

मध्य प्रदेश के लोक साहित्य का वर्णन कीजिए

Neelam on 01-07-2021

Madhya Pradesh ke Lok Sahitya ka varnan kijiye

Sanjay on 01-07-2021

मध्य प्रदेश के लोक साहित्य का वर्णन

Rambabu on 01-07-2021

Madhya prdesh ke log sahity ka var

Abhishek Satarey on 16-06-2021

Madhyapradesh ki loksahitya ka vadan samjhaiye

Neha Bhaware on 16-06-2021

मध्य प्रदेश के लोक साहित्य का संक्षिप्त परिचय दीजिए

Madhuri Pichhode on 15-06-2021

Mp ka log sahity ka parichay btaye

Puchhna h on 14-06-2021

Madhya Pradesh ke lol sahitya ka parichay dijiye

Rohit kumar on 20-09-2020

मध्य प्रदेश की लोक साहित्य का वर्णन

BRAJLAL KUMRE on 03-02-2020

Madhya Pradesh ki Lok Sahitya ka naam kya hai

Lok sahitya kya h on 01-02-2020

Lok sahitya kya h

Nusrat khan on 26-01-2020

Lok sanity ka sanchipat me olelekh kijiye

Rajni kurmi on 12-01-2020

लोक साहित्य क्या है मध्य प्रदेश के लोक साहित्य का नाम

visheshtay on 15-11-2019

visheshtay

Rohit on 23-06-2019

Bundele bhasha

Kirti rathod on 16-06-2019

Madhy prdesh k loksahity ko kitne bhago m Bata gya h

Shreya garg on 18-11-2018

Madhya Pradesh ka lok sahity

Lok kala Lok kala on 03-09-2018

Lok kala



मध्य प्रदेश के लोक साहित्य के प्रमुख प्रकार कौन कौन से हैं?

लोकसाहित्य का वर्गीकरण.
लोकगीत.
लोकनाट्य.
लोककथा.
लोकनृत्य नाट्य.
लोकसंगीत.

मध्य प्रदेश का लोक साहित्य क्या है?

सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र ग्वालियर अंचल संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, चित्रकला अथवा लोकचित्र कला हो या फिर साहित्य, लोक साहित्य की कोई विधा हो, ग्वालियर अंचल में एक विशिष्ट संस्कृति के साथ नवजीवन पाती रही है।

मध्य प्रदेश के लोक साहित्य को कितने भागों में बांटा गया है?

प्रकार लोक-साहित्य के मुख्यतः चार भेद कहे जाते हैं; लोक-गीत, लोक-गाथा, लोक-कथा और लोक-नाट्य।

लोक साहित्य कितने प्रकार है?

कृष्णदेव उपाध्याय ने इन दोनों का पृथक-पृथक अस्तित्व स्वीकार करते हुए लोक साहित्य को चार रूपों में बांटा है एक-गीत, दूसरा-लोकगाथा, तीसरा-लोककथा तथा चौथा-प्रकीर्ण साहित्य जिसमें अवशिष्ट समस्त लोकाभिव्यक्ति का समावेश कर लिया गया है।