निम्नलिखित में से कौन चीन का राष्ट्रपति है? - nimnalikhit mein se kaun cheen ka raashtrapati hai?

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक रविवार को समाप्त हो गई. इसी के साथ शी जिनपिंग के लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर भी मुहर लग गई.

शी जिनपिंग का पाँच साल का ये कार्यकाल ऐतिहासिक होगा.

बैठक के दौरान शी जिनपिंग के डिप्टी बनाए गए ली कियांग पर भी सभी की नज़रें टिकी रहीं.

शी के वफ़ादार माने जाने वाले ली कियांग अब प्रीमियर बनने के रास्ते पर हैं और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.

इसी बीच, सोमवार को, चीन ने कई आर्थिक आँकड़े जारी किए हैं, जिन्हें पिछले सप्ताह रोक दिया गया था.

चीन की अर्थव्यवस्था के सामने देश और विदेश में कई चुनौतियां हैं. इनमें चीन की ज़ीरो कोविड नीति और अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव भी शामिल है.

अब नए आँकड़ों के साथ हमें चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में क्या पता चला है?

ये चिंताएं बढ़ी हैं कि शी जिनपिंग अपनी विचारधारा आधारित नीतियों पर ही चलेंगे और इसकी क़ीमत अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ सकती है.

इसके असर को सोमवार को हॉन्ग कॉन्ग स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट आई और डॉलर के मुक़ाबले चीन की मुद्रा यूआन भी कमज़ोर हो गई.

हॉन्ग कॉन्ग में पंजीकृत चीन की बड़ी टैक कंपनियों अलीबाबा और टेन्सेंट के शेयरों में भारी गिरावट आई और हेंग सेंग सूचकांक 6 प्रतिशत तक गिर गया. वहीं चीन में शंघाई कंपोज़िट इंडेक्स में दो प्रतिशत की गिरावट आई.

वहीं अधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़ जुलाई से सितंबर के बीच चीन की अर्थव्यवस्था पिछले साल के इसी समय के मुक़ाबले 3.9 फ़ीसदी की दर से बढ़ी और अनुमानों से आगे रही.

इससे पिछले तीन महीनों में अर्थव्यवस्था सिर्फ़ 0.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी और इस लिहाज से इसे लंबी छलांग माना जा रहा है. उस समय शंघाई लॉकडाउन में था.

कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक के समय आँकड़ों को जारी नहीं किया गया था. हालांकि देरी का कोई कारण नहीं बताया गया था. इसी वजह से चीन पर नज़र रखने वाले कुछ विश्लेषकों को लग रहा था कि ये अर्थव्यवस्था के कमज़ोर होने का संकेत है.

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर के ईस्ट एशियन इंस्टिट्यूट से जुड़े बर्ट हॉफ़मैन ने बीबीसी से कहा, "कम्युनिस्ट पार्टी के 20वें अधिवेशन में अर्थव्यवस्था को लेकर कोई नए दिशा निर्देश नहीं जारी किए गए हैं. ये देखने वाली बात होगी कि चीन जिस तरह की आर्थिक प्रगति चाहता है, वह मौजूदा आर्थिक नज़रिए से हासिल होगी या नहीं."

हालांकि, भले ही चीन की प्रगति दर अधिकतर पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है लेकिन चीन की अर्थव्यवस्था बीते कुछ दशकों में जिस रफ़्तार से बढ़ी है उसके मुक़ाबले ये बहुत कम है. मार्च में 2022 के लिए चीन ने जो 5.5 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया था ये उससे भी कम है.

लेकिन चीन के कई बड़े शहरों में लॉकडाउन लगने के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नीति तय करने वाले पोलित ब्यूरो ने संकेत दिए थे कि ये लक्ष्य हो सकता है हासिल ना हो.

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तेज़ रफ्तार इकॉनमी से दुनिया को दंग करने वाला चीन, इन दिनों बेहाल होता नज़र आ रहा है.

चीन पर नज़र रखने वाले कई विश्लेषकों का मानना है कि शी जिनपिंग ने पोलित ब्यूरो स्टेडिंग समिति ( मंत्री परिषद ) में जिन लोगों का चुनाव किया है वो बताता है कि उन्होंने अनुभव और विशेषज्ञता पर वफ़ादारी को तरजीह दी है.

उन्होंने पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता के रूप में ली कियांग को चुना है.

माना जा रहा है कि वो अगले साल चीन के प्रीमियर बन जाएंगे और चीन की अर्थव्यवस्था की कमान संभालेंगे. हालांकि उनके पास चीन की केंद्रीय सरकार में काम करने का कोई अनुभव नहीं है.

ली कियांग चीन के नेताओं के सेवानिवृत्त होने की अनिवार्य उम्र से भी महज़ पाँच साल ही दूर हैं.

हालांकि, उन्होंने झेजियांग प्रांत और शंघाई की अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है और शंघाई में टेस्ला की फैक्ट्री लगवाने में भी उनकी भूमिका रही है.

चीन की हेंग सेंग बैंक की चीफ़ इकोनॉमिस्ट डैन वांग कहती हैं, "इसे ध्यान में रखते हुए ये कहा जा सकता है कि ली कियांग इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं. वो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पक्के समर्थक हैं, इसका मतलब ये है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया पहले के मुक़ाबले अधिक सरल और प्रभावी होगी, हाँ, वो निर्णय सही होने चाहिए."

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) से जुड़े निक मारो कहते हैं, "प्रीमियर और राष्ट्रपति के बीच पहले संतुलित रहे रिश्ते का हलका होते जाना शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल में भी जारी रहेगा. लेकिन इन अंदरूनी नियंत्रण और संतुलन के क्षरण से नीति में बदलाव का ख़तरा और उसके प्रभाव बढ़ जाएंगे."

प्रीमियर चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता होते हैं. प्रीमियर सेंट्रल बैंक और सरकारी मंत्रियों के बीच समन्वय बनाकर अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाते हैं.

ली कियांग के पूर्ववर्ती ली केचियांग इस पद पर क़रीब एक दशक से हैं. मार्च में उनका मौजूदा कार्यकाल समाप्त हो रहा है और माना जा रहा है कि वो रिटायर हो जाएंगे. उन्हें एक अधिक नरम व्यक्ति माना जाता रहा है.

जारी रहेगी ज़ीरो कोविड नीति

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शंघाई की अर्थव्यवस्था पर ज़ीरो कोविड नीति का व्यापक असर हुआ है

पार्टी की बैठक से पहले ये माना जा रहा था कि चीन अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचा रही ज़ीरो कोविड नीति में कुछ ढील दे सकता है.

बैठक के शुरू होने से एक दिन पहले कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता सुन येली ने नीति का समर्थन करते हुए कहा था, "हम मज़बूती के साथ ये मानते हैं कि आगे जो होगा अच्छा होगा और दृढ़ता से ही जीत होती है."

बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में शी जिनपिंग ने इसी भावना को व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था कि चीन ने वायरस को रोकने के लिए जनता का युद्ध शुरू कर दिया है और चीन लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की हर संभव तरीके से रक्षा करेगा.

वॉशिंगटन डीसी स्थित स्टिमसन थिंक टैंक से जुड़े युन सन मानती हैं कि चीन जल्द ही ज़ीरो कोविड नीति को छोड़ने की प्रक्रिया तेज़ कर सकता है.

युन सन कहती हैं, "ये सर्वविदित है कि चीन फिर से खुलने की योजना बना रहा है, और इससे कारोबार की प्रगति को गति मिलेगी. चीन नियंत्रण और प्रगति के बीच की जगह बनाने की कोशिश कर रहा है. या ऐसा नहीं भी है,"

वहीं हेंग सेंग बैंक की डैन वांग का मानना है कि , "इसे लेकर आम सहमति है कि चीन की ज़ीरो कोविड नीति अभी रहेगी."

"चीन की सरकार के लिए, सीधे कोविड कारणों से शून्य मौत से अधिक की दर के प्रति कोई सहनशीलता नहीं है."

इस बात को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं कि चीन अपने आप को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बंद कर सकता है.

ईआईयू से जुड़े मेरो मानते हैं कि चीन के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका के साथ ख़राब हो रहे रिश्ते हैं.

हाल ही में 'अमेरिका ने जो एक्सपोर्ट प्रतिबंध' लागू किए हैं वो ना सिर्फ़ चीन की तकनीकी महत्वाकांक्षाओं के लिए अस्तित्व का संकट बन सकते हैं बल्कि वो उसके घरेलू टेक्नोलॉजी सेक्टर को भी प्रभावित कर सकते हैं.

मेरो कहते हैं, "चीन के लिए इन चुनौतियों से उबर पाना आसान नहीं है, इनमें से कई मानवाधिकार उल्लंघन और लोकतांत्रिक मूल्यों पर मतभेदों से भी जुड़े हुए हैं."

वहीं होफ़मैन कहते हैं, "चीन के सामने जो चुनौतियां हैं, उन्हें देखते हुए शी जिनपिंग के अगले कार्यकाल के लिए आर्थिक प्रबंधन टीम को बेहद दक्ष और आर्थिक प्रबंधन और सुधारों में अनुभवी होना होगा."

हालांकि, रविवार को बोलते हुए शी जिनपिंग ने कहा था कि उनका देश मुक्त और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रतिबद्ध है.

"चीन विश्व के बिना विकसित नहीं हो सकता है और विश्व को भी चीन की ज़रूरत है."

शी जिनपिंग ने कहा, "सुधार और वैश्विक कारोबार के प्रति खुलेपन की दिशा में चालीस सालों से जारी प्रयासों के बाद हमने दो चमक्तार किए हैं- तेज़ आर्थिक विकास और दीर्घकालिक सामाजिक स्थिरता."

चीन के राष्ट्रपति का नाम क्या है?

शी चिनफिंग चीनी साम्यवादी पार्टी के एक पुराने नेता शी झोंगशुन (习仲勋, Xi Zhongxun, 1913-2002) के पुत्र हैं।

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