निर्बल में कौन सा उपसर्ग लगा है? - nirbal mein kaun sa upasarg laga hai?

उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है।उपसर्गों का स्वतन्त्र अस्तित्व न होते हुए भी वे अन्य शब्दों के साथ मिलाकर उनके एक विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। 

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उप’ का अर्थ ‘समीप’, ‘निकट’ या ‘पास में’ है। ‘सर्ग’ का अर्थ है सृष्टि करना। ‘उपसर्ग’ का अर्थ है पास में बैठाकर दूसरा नया अर्थवाला शब्द बनाना। उपसर्ग का अर्थ है – किसी शब्द के समीप आकार नया शब्द बनाना। जो शब्दों के आदि में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। 

(1) हार’ के पहले ‘प्र’ उपसर्ग लगा दिया गया, तो एक नया शब्द ‘प्रहार’ बन गया, जिसका नया अर्थ हुआ ‘मारना’ ।

(2) यत्न’ के पहले ‘प्र’ उपसर्ग लगा दिया गया तो एक नया शब्द ‘प्रयत्न’ बन गया। इस नए शब्द का अर्थ होगा प्रयास करना।

(3) अन’ उपसर्ग ‘बन’ शब्द के पहले रख देने से एक शब्द ‘अनबन ‘बनता है, जिसका विशेष अर्थ ‘मनमुटाव’ है।

(4) भ्रमण’ शब्द के पहले ‘परि’ उपसर्ग लगाने से अर्थ में अन्तर न होकर तेजी आयी। कभी-कभी उपसर्ग के प्रयोग से शब्द का बिलकुल उल्टा अर्थ निकलता है।

(5) स्व + तंत्र = स्वतंत्र,

(6) निः + बल = निर्बल

(7) स + पूत = सपूत,

(8) सु + कुमार = सुकुमार

उपसर्ग की विशेषता

उपसर्ग की तीन गतियाँ या विशेषताएँ होती हैं-

(1) शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।
जैसे- प्र + बल= प्रबल
अनु + शासन= अनुशासन

(2) शब्द के अर्थ को उलट देना।
जैसे- अ + सत्य= असत्य
अप + यश= अपयश

(3) शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना।
जैसे- वि + शुद्ध= विशुद्ध
परि + भ्रमण= परिभ्रमण

उपसर्ग के प्रकार

(1) संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम उपसर्ग)

(2) हिन्दी के उपसर्ग (तद्भव उपसर्ग)

(3) अरबी-फारसी या उर्दू के उपसर्ग  (आगत उपसर्ग)

(4) अंग्रेज़ी के उपसर्ग 

(5) उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय (उपसर्गवत्)

(1) संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम उपसर्ग) 

उपसर्गअर्थउपसर्ग से बने शब्दअतिअधिक, ऊपर, उस पारअतिकाल, अत्याचार, अतिकर्मण, अतिरिक्त, अतिशय, अत्यन्त, अत्युक्ति, अतिक्रमण, इत्यादि अधिऊपर, श्रेष्ठअधिकरण, अधिकार, अधिराज, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिपति इत्यादि।अपबुरा, अभाव, हीनता, विरुद्धअपकार, अपमान, अपशब्द, अपराध, अपहरण, अपकीर्ति, अपप्रयोग, अपव्यय, अपवाद इत्यादि।अभावअज्ञान, अधर्म, अस्वीकार इत्यादि।अनुपीछे, समानता, क्रम, पश्र्चातअनुशासन, अनुज, अनुपात, अनुवाद, अनुचर, अनुकरण, अनुरूप, अनुस्वार, अनुशीलन इत्यादि।ओर, सीमा, समेत, कमी, विपरीतआकाश, आदान, आजीवन, आगमन, आरम्भ, आचरण, आमुख, आकर्षण, आरोहण इत्यादि।अवहीनता, अनादर, पतनअवगत, अवलोकन, अवनत, अवस्था, अवसान, अवज्ञा, अवरोहण, अवतार, अवनति, अवशेष, इत्यादि।उपनिकटता, सदृश, गौण, सहायक, हीनताउपकार, उपकूल, उपनिवेश, उपदेश, उपस्थिति, उपवन, उपनाम, उपासना, उपभेद इत्यादि।निभीतर, नीचे, अतिरिक्तनिदर्शन, निपात, नियुक्त, निवास, निरूपण, निवारण, निम्र, निषेध, निरोध, निदान, निबन्ध इत्यादि।निर्बाहर, निषेध, रहितनिर्वास, निराकरण, निर्भय, निरपराध, निर्वाह, निर्दोष, निर्जीव, निरोग, निर्मल इत्यादि।पराउलटा, अनादर, नाशपराजय, पराक्रम, पराभव, परामर्श, पराभूत इत्यादि।परिआसपास, चारों ओर, पूर्णपरिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिधि, परिपूर्ण इत्यादि।प्रअधिक, आगे, ऊपर, यशप्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रबल, प्रभु, प्रयोग, प्रगति, प्रसार, प्रयास इत्यादि।प्रतिविरोध, बराबरी, प्रत्येक, परिवर्तनप्रतिक्षण, प्रतिनिधि, प्रतिकार, प्रत्येक, प्रतिदान, प्रतिकूल, प्रत्यक्ष इत्यादि।विभित्रता, हीनता, असमानता, विशेषताविकास, विज्ञान, विदेश, विधवा, विवाद, विशेष, विस्मरण, विराम, वियोग, विभाग, विकार, विमुख, विनय, विनाश इत्यादि।सम्पूर्णता, संयोगसंकल्प, संग्रह, सन्तोष, संन्यास, संयोग, संस्कार, संरक्षण, संहार, सम्मेलन, संस्कृत, सम्मुख, संग्राम इत्यादि।

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उपसर्ग और उपसर्ग के भेद

हिंदी व्याकरण

Table of Contents

  • उपसर्ग किसे कहते हैं ? (Upsarg kise kahate hai? Give Some Examples of Upsarg.)
  • उपसर्ग (Upsarg) की क्या क्या विशेषताएं  होती है ?
  • एक ही मूल शब्द से  विभिन्न  उपसर्गों के योग से विभिन्न अर्थ प्रकट होते  हैं। , उनमें कुछ शब्दों के नाम लिखिए।
  • हिंदी भाषा में उपसर्ग के कितने भेद होते है? (Upsarg ke kitane bhed hote hai?)
  • संस्कृत  के कितने उपसर्ग होते है? (Sanskrit ke kitane Upsarg Hote hai?) संस्कृत के उपसर्गों को उदहारण के साथ समझाये । (Examples of Sanskrit Upsarg)
  • संस्कृत के कुछ अव्यय उपसर्गो (avyay upsarg) के नाम लिखें । (Examples of Sanskrit avyay Upsarg)
  • हिंदी के कितने उपसर्ग होते है? (Hindi ke kitane Upsarg hote hai?) हिंदी के उपसर्गों को उदहारण के साथ समझाये। (Examples of Hindi Upsarg)
  • उर्दू में कितने उपसर्ग होते है? (Urdu me kitane Upsarg hote hai?) उर्दू -फारसी (विदेशज उपसर्ग ) के कुछ उपसर्गों को उदहारण के साथ समझाये । (Examples of Urdu Upsarg)
  • पाँच ऐसे शब्द के उदाहरण दीजिए जिनमें एक से अधिक उपसर्ग हो?
  • संस्कृत उपसर्ग के कुछ उदाहरण दीजिये I (Examples of Sanskrit Upsarg)

उपसर्ग किसे कहते हैं ? (Upsarg kise kahate hai? Give Some Examples of Upsarg.)

उत्तर: उपसर्ग :—  उप+सर्ग  = उपसर्ग

‘उप’ का अर्थ है—  समीप या निकट ,और ‘सर्ग’ का अर्थ है— सृष्टि करना ।

अर्थात ‘उपसर्ग’ उस शब्दांश को कहते हैं, जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके मूल शब्द  के अर्थ में नई विशेषता उत्पन्न कर देते हैं ,या उस शब्द का अर्थ ही बदल देते हैं।

जैसे (Examples of Upsarg in Hindi):

(१) ‘अन’ उपसर्ग को ‘बन’ के पहले  रख देने से एक नया शब्द  ‘अनबन’  बनता है, जिसका विशेष अर्थ ‘मनमुटाव’ है ।

(२) कु +पुत्र =कुपुत्र

यहां  ‘कु’  शब्दांश  ‘पुत्र’  शब्द के साथ बैठकर नया शब्द  बना देता है । 

यहां  ‘कु’  शब्दांश है ,शब्द नहीं । शब्द वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयोग  हो सकता है, शब्दांश नहीं । शब्दांश तो किसी शब्द के साथ जुड़कर ही नए अर्थ की  रचना में सहायक होता है। जो शब्दांश शब्द के पूर्व लगता है  ,उसे  ही ‘उपसर्ग’  कहते हैं ।

उपसर्ग (Upsarg) की क्या क्या विशेषताएं  होती है ?

उत्तर–उपसर्ग की तीन गतियां या विशेषताएं होती हैं:

(१) शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना ।

जैसे — प्र +  बल = प्रबल, अनु + मान =अनुमान |

(२) शब्द के अर्थ को उलट देना ।

जैसे–  अ + सत्य = असत्य, अप + यश = अपयश|

(३) शब्द के अर्थ में ,कोई खास परिवर्तन न करके मुलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ  प्रदान करना।

जैसे– वि + शुद्ध = विशुद्ध, परि + भ्रमण = परिभ्रमण

एक ही मूल शब्द से  विभिन्न  उपसर्गों के योग से विभिन्न अर्थ प्रकट होते  हैं। , उनमें कुछ शब्दों के नाम लिखिए।

उत्तर: उपसर्ग शब्द निर्माण में बड़ा ही सहायक होता है ।एक ही मूल शब्द विभिन्न  उपसर्गों के योग से विभिन्न अर्थ प्रकट करते है । जैसे:

(१)  प्र + हार = प्रहार : चोट करना

(२) आ +हार = आहार : भोजन

(३) सम् +हार = संहार : नाश

(४) वि + हार = विहार : मनोरंजनार्थ  यत्र तत्र घूमना

(५) परि +हार = परिहार : अनादर, तिरस्कार

(६) उप +हार = उपहार : सौगात, भेंट

(७) उत्+ हार = उद्धार : मोक्ष, मुक्ति

हिंदी भाषा में उपसर्ग के कितने भेद होते है? (Upsarg ke kitane bhed hote hai?)

उत्तर: हिंदी भाषा में तीन प्रकार के उपसर्गों का प्रयोग होता है (Upsarg ke bhed):

(१) संस्कृत  के उपसर्ग (Sanskrit ke Upsarg)

(२) हिंदी के अपने उपसर्ग (Hindi ke Upsarg)

(३) विदेशज उपसर्ग उर्दू- फारसी के उपसर्ग (Urdu ke Upsarg)

संस्कृत  के कितने उपसर्ग होते है? (Sanskrit ke kitane Upsarg Hote hai?) संस्कृत के उपसर्गों को उदहारण के साथ समझाये । (Examples of Sanskrit Upsarg)

उत्तर: संस्कृत के कुल २२ उपसर्ग होते है जो इस प्रकार है:

अ, आ, अति, अधि, अनु, अप, अभि, अपि, अव,  उत्, उप, दुस्, दुर, नि, निस् , निर् , परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, |

(१) अ —- ( संपूर्णता  , परिपूर्ण  , विशेष , अभाव )  । जैसे — अ + टूट = अटूट |

उदहारण : अमर  , असंख्य , अटल , असीम  , अदम्य  , अतिथि , अक्षर  , असाधारण ,  अपार , असुरक्षित , अधर्म , असमाज , अद्वितीय , अज्ञान , अशुभ ।

(२ ) आ —- ( तक , समेत , उल्टा , से लेकर , सहित ,  अधिकता ) । जैसे — आ + कंठ  = आकंठ |

उदहारण: आक्रमण , आकर्षण , आचरण , आरक्षण , आदान , आगमन , आजीवन , आजन्म , आमरण , आबालवृद्ध , आधार , आरोहण , आकार  , आहार , आदेश  , आघात , आकर्षित , आकृष्ट  , आयोजक , आकर्षक , आभा , आमोदित ,  आमोद , आहट , आहत , आशंका , आलिंगन  , आयोजन  , आपूर्ति  , आरोही  , आग्रह  , आयात , आवास , आदर , आदिकाल , आनंदमय , आनंद , आधुनिक , आदर्श ।

(३) अति —- ( बहुत , अधिक,  ज्यादा , अत्याधिक )। जैसे — अति + अंत = अत्यंत |

उदहारण: अत्युतम , अतिरिक्त , अतिक्रमण , अतिशय , अतिप्राचीन , अत्याचार , अत्याधिक , अतिपात , अतिप्रसन्न , अतिप्रफुल्ल  ।

(४) अधि —- ( ऊॅंचे  या श्रेष्ठ , ऊपर , समीपता , प्रधानता, उपरीभाव )  । जैसे—- अधि + कार = अधिकार

उदहारण: अधिपति, अधिगत , अधिनायक , अध्यात्म , अधिशुल्क , अध्यादेश , अधीश , अधिवक्ता ,  अधिकरण  , अधिशासी  , अध्ययन  , अधीक्षक  , अध्यवसाय  , अधिकारी  ।

(५) अनु —– ( पीछे , बाद में या गौण , समान , निम्न , क्रम ) । जैसे —-  अनु  + भव  = अनुभव |

उदहारण: अनुसार , अनुरोध , अनुरूप , अनुशासन , अनुकूल , अनुराग , अनुवाद , अनुचर , अनुकरण , अनुमान , अनुदित , अनुपात, अनुसूचित , अनुयायी , अनुसंधान , अनुभूति , अनुज , अनुशीलन ।

(६) अप —- ( अनुचित या बुरा , गलत , लघुता , हीनता ,   दूर  , ले जाना ) । जैसे —- अप + मान = अपमान |

उदहारण: अपयश , अपकार, अपहरण , अपराध , अपशब्द , अपवाद , अपकीर्ति , अपव्यय , अपशगुन , अपसरण , अपादान  ।

(७) अभि-— ( सामने , चारों ओर या वैशिष्ट्य , इच्छा , अधिकता  , अच्छा  , पास  )  । जैसे —- अभि + मान = अभिमान |

उदहारण: अभीष्ट , अभ्यागत , अभ्यास , अभिशाप , अभिप्राय , अभिज्ञान  , अभिभाषण  , अभियान , अभिमुख  , अभिरक्षा  , अभिनय , अभियोग , अभिनव  , अभिलाषा  , अभिभावक  , अभिकरण , अभिधान  , अभियांत्रिकी  , अभिव्यक्ति  , अभिजात , अभिवक्ता , अभिकथन , अभिनंदन ।

(८)  अव —- ( बुरा , हीन  या  उप , हीनता , पतन , अनादर , विशेषता  ) । जैसे —- अव + गुण = अवगुण |

उदहारण: अवमूल्यन , अवज्ञा , अवनति , अवशेष , अवचेतन  , अवकाश , अवहेलना , अवनत  , अवसान , अवतार , अवमान ,  अवसर  , अवधि , अवसाद  , अवगत  , अपमानित , अवतीर्ण , अवमानना,  अवलंबन  , अवतरण , अवधारणा , अवरोध , अवतरित ।

(९) उत् / उद् / उछ् —- ( उॅंचा , श्रेष्ठ  या  ऊपर ) । जैसे —- उत् + कर्ष  = उत्कर्ष |

उदहारण: उद्धार  , उच्छवास , उद्गम  , उत्थान , उन्नति  , उद्घाटन , उन्नयन , उद्योग , उदय , उल्लंघन  , उन्नायक  , उत्पत्ति , उत्कृष्ट ,   उत्पात  , उद्धार , उत्पन्न  , उद्देश्य  , उत्साह , उन्नत , उल्लेख , उत्तम , उत्पल , उत्सव , उत्पत  ।

(१०) उप —- ( निकट , समान या गौण , छोटा , निकटता , सदृश्य  , सहायता , लघुता  ) । जैसे —- उप + कृत = उपकृत |

उदहारण: उपकुल  , उपग्रह , उपचार , उपनाम , उपदेश , उपनगर  , उपप्रधानाचार्य , उपमंत्री , उपभेद , उपयोग , उपसंहार , उपवन , उपराष्ट्रपति , उपासना , उपकार , उपहार  , उपार्जन , उपेक्षा , उपादान , उपत्ति , उपरांत , उपमान , उपनेता , उपलब्ध , उपन्यास , उपवास , उपस्थित , उपकरण , उपयोगी , उपहास , उपचरण  ।

(११) दुस् —- ( बुरा , कठिन ) । जैसे —- दुस् + साहस = दुस्साहस |

उदहारण: दुष्कर्म , दु:सह , दुस्साध्य , दुश्शासन , दुष्कर , दुस्सह, दुस्तर , दुष्ट  , दुष्कल्पना , दुष्टकृति ।

(१२) दुर  / दु: —- ( बुरा और कठिन  , हीन  , दुष्टता , निंदा  , हीनता ) । जैसे —-  दूर + आचार  = दुराचार |

उदहारण: दुर्बल , दुर्नीति , दुर्जन , दुर्गम , दुर्गुण , दुर्लभ , दुर्दिन , दुर्गति , दुर्घटना , दुर्दशा , दुर्भाग्य , दुरुपयोग , दुर्दांत , दुर्व्यवहार ,दूरदर्शन  ।

(१३) नि –—( निषेध , निपुणता , अधिकता , निश्चित , नीचे , बाहर  ) । जैसे —- नि + यम = नियम |

उदहारण: नियोग , निषेध , निबंध , निवारण , निपात , निगम , निदान , निरोध , निकृष्ट , निमग्न , निश्चय , नियोजन , निराशा , निवेदन , निडर , निश्चेष्ट , निवास ।

(१४) निस् —- ( रहित , निषेध या बिना , विपरीत , पूरा  )।

उदहारण: निश्चल , निस्संकोच , निष्काम , निस्संदेह , निस्तेज , निष्कपट , निस्तार , निस्सार , निष्कृति , निश्चय , निष्पन्न  , निश्चेष्ट ।

(१५) निर् —-( निषेध , बिना , रहित , बाहर  ) ।      जैसे —- निर् + अपराध = निरपराध |

उदहारण: निरभिमानी ,  निरादर , निरोग , निराशा , निर्गुण , निर्जन , निर्धन , निर्मल , निर्भय , निर्बल , निर्विघ्नं , निर्विकार , निर्णय , निर्दोष ,  निर्विवाद , नीरज , नीरस , निराकार , निर्गम निर्वाह ,  निर्मम , निर्यात , निर्देश , निर्दई , निद्वंद ,  निर्मूल , निर्माण , निर्झर , निर्भय , निरीक्षण , निरक्षर , निर्जीव , निर्मला , निरंतर , निराधार , निरर्थक ।

(१६) परा —- ( विपरीत , उल्टा  ,पीछे  , अनादर , नाश )  । जैसे—- परा  + जय = पराजय |

उदहारण: पराभव , पराक्रम , परामर्श  , पराकाष्ठा , पराधीन ।

(१७) परि —–( चारों ओर , आसपास , सब तरफ , पूर्णता  ) । जैसे —- परि + क्रमा = परिक्रमा |

उदहारण: परिणय, परीक्षा , परिवर्तन , परिकल्पना , परिचालक , परिपूर्ण , परिपक्व , परिणाम , परिमाण , परिचय , परिपूर्ण , परिजन , परिश्रम , परित्यक्त , परिस्थिति , परिवार , परिवर्तित , परिचित , परिचारिका , परिषद  , परिहास , परिधान , परिसृष्टि ।

(१८) प्र —- (अधिक या आगे , उत्कर्ष , गति , यश , उत्पत्ति , ज्यादा ) । जैसे— प्र + कृति  = प्रकृति |

उदहारण: प्रख्यात , प्रगति , प्रबल , प्रसिद्ध , प्रताप , प्रचार , प्रस्थान , प्रबंध, प्रभा , प्रक्रिया  , प्रयत्न , प्रदर्शन , प्रकोप , प्रलोभन , प्रश्न ,

प्रसिद्धि ,  प्रवेश  , प्रभाव  , प्रह्लाद  , प्रलाप , प्रभार , प्राध्यापक, प्रदान  ,  प्रसन्न  ,  प्राचार्य , प्रपात , प्रसाधन  ,  प्रवास, प्रचलित , प्रयास , प्रोत्साहित , प्रयोग  ,   प्रमाण , प्रवाह  , प्रसार , प्रपंच ,  प्रशंसक , प्रवचन ,  प्रसाद ,  प्रभात  , प्रारंभ , प्रवृत्ति , प्रदेश , प्रमुख , प्रयाण  , प्रकार  , प्रसंग , प्रयुक्त , प्रगतिशील ।

(१९) प्रति —- ( हर एक, विरुद्ध , सामने , विपरीत , विशेषार्थ  में , प्रत्येक  , बराबरी  , उल्टा )। जैसे—   प्रति + ध्वनी  = प्रतिध्वनी |

उदहारण: प्रतिनियुक्ति , प्रतिहिंसा , प्रतिक्षण , प्रतिवादी , प्रतिजन , प्रतियोगी , प्रतिकूल , प्रत्यक्ष , प्रत्येक , प्रतिदिन  , प्रतिरोध , प्रतिकार , प्रतिज्ञा  , प्रतिष्ठा  , प्रतिदान  , प्रतिमा , प्रतिभा , प्रतिनिधि  , प्रतिष्ठित  , प्रतिमूर्ति , प्रतिवर्ष , प्रतीक्षा  ,  प्रतिद्वंदी  , प्रतिशत  , प्रतिक्रिया  , प्रतिछन्द , प्रत्युपकार , प्रतिपूर्ण ।

(२०) वि —- ( विशेषता , भिन्नता  , अभाव  , असमानता , विशेषता  रहित  , हीनता ) । जैसे—-  वि  + जय  = विजय |

उदहारण: वियोग , विनाश , विवाद  , विदेश , विशुद्ध  , विक्रय  , विशिष्ट , विभाग , विपक्ष  , विज्ञान  , विलक्षण ,  विपथ  , विवरण ,  विमान  , विहार  , विद्रोह ,  विदेह , विजन , विज्ञापित , विख्यात , विवेचन , विश्वास , विनय , विश्राम , विपन्न , विशाल  , विद्रोही  , व्यस्त , विशेषज्ञता  , विचार , विक्षिप्त  , विस्मित , विधाता  , विरह , विधान  , व्यंजित ,  विक्रेता  , व्यवधान  , विचित्र  , विशेष , विगत  , विभिन्न  , विकसित  , वितरण , विस्तीणृ , विहसित  , विस्तृत  , विस्तार  , विपत्ति  , विरोधी , विवाद  ,  विरुद्ध , विनती , विदेशी , व्यवहारिक , विनायक , विनिर्मित , विकृति , विपक्षी ।

(२१) सम् (सं)-— ( अच्छा , पूर्णता , साथ , संयोग , सहित ) । जैसे— सम्  + कल्प  =  संकल्प |

उदहारण: सम्मान , संपूर्ण , संगम , संतोष , सन्यासी , संरक्षण ,  संयम , संस्कार , संयुक्त , संभव , संग्राम , संहार  , संगति , संख्या ,  संजय , संतुलन  , संताप  , संयोग  , संसाधन , संहार , सम्मुख  , संदर्भ  , संपादक  , संगठन  , संस्थान ,  संपादन  , संकलन , संस्करण , सम्मानित , समादरित,  संचालक , संश्लेषण  , संरचना , सम्मुख  , सम्मेलन , संवाद ,  समालोचना  , संग्रह  , संचालन , संतुलन , संभावना , संसर्ग  , संसार , संबंध  , समक्ष  , समर्पित , संघर्ष  , संक्षिप्त , संपत्ति , संभ्रांत , संतोषजनक , संक्रमण  , समाचार  , संबोधित  , समुदित , संभवत:, संचय , संचार , संप्रेक्षण , संगोष्ठी , समाधान , संपर्क , संगीत   ।

(२२) सु —- ( शुभ या सहज , उत्तमता , सुगमता , श्रेष्ठता , आसान  , अच्छा  , समान  , श्रेष्ठ )  । जैसे—-  सु + गम  =  सुगम |

उदहारण: सुजन , सुतीक्ष्ण , सुदूर , सुनयन ,  सुपुत्र , सुयोग ,  सुव्यवस्थित  , सुनिश्चित , सुकर्म , सुकाल , सुलभ , सुरम्य , सुशिक्षित , सुबोध , सुपर , सुफल  , स्वागत  , स्वच्छ  , सुशील  , सुपौल , सुपात्र , सुयश , सुखद , सुरक्षित , सुयोग्य  , सुधीर , सुपथ , सुपच , सुसज्जित  , सुपुत्री  , सुरक्षा , सुरंग ,  सुसंगत , सुमार्ग , सुशोभया , सुव्यवस्था , सुकुमार , सुस्वागतम  ।

संस्कृत के कुछ अव्यय उपसर्गो (avyay upsarg) के नाम लिखें । (Examples of Sanskrit avyay Upsarg)

उत्तर: संस्कृत के कुल २० अव्यय उपसर्ग (avyay upsarg) होते है |

संस्कृत के अव्यय शब्द / शब्दांश जो समास के पूर्व भाग में  प्रयुक्त होते हैं ,अत्यधिक प्रचलन के कारण उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने लगे हैं | उदहारण:

(१) अ —- ( अभाव /  निषेध  ) ।

जैसे —-  अ + काल  = अकाल , अधर्म , अन्याय , अचर , अगम्य , असुंदर , अभाव , अहिंसा , अस्थायी , अज्ञात , अज्ञान , अशुद्ध , असाध्य, अनीति , अप्रत्याशित , अदृश्य , अनिश्चित , अनियमित , अव्यवस्थित , असूया , अपवित्र , अनियंत्रित , अशांत , अछूत , अभागी , अविश्रांत , अगीत , अस्वस्थता , असंभव , अचूक , असमर्थ , अवैध , असंतोष , अक्षुण्ण् , असत्य , असहाय , अकर्मण्य ।

(२) अंत: / अंतर् —- ( भीतर  ) ।                      

जैसे —- अंतः + करण = अंत:करण , अंतर्मुखी , अंतरराष्ट्रीय , अंतरात्मा , अंतर्देशीय , अंतर्धान , अंत:पुर , अंतर्जातीय , अंतर्मन , अंतर्नाद।

(३) अध: —- ( नीचे  ) ।                                  

जैसे —  अध: + पतन = अध:पतन , अधोमुखी , अधोलिखित , अधोगति  ।

(४) अन्  —- ( अभाव , निषेध )  ।                      

जैसे — अन् + अंत = अनंत , अनाचार , अनायास , अनाधिकार , अनिच्छा , अनादि , अनागत , अनर्थ , अनुपम , अनुचित , अनेक , अनावश्यक , अनवरत ।

(५) अलम्  —-  ( बहुत  , शोभा , बेकार  ) ।       

जैसे —- अलम् + कार = अलंकार , अलंकरण  ।

(६) कु / का —- ( बुरा , नीचता , बुराई )  ।

जैसे —  कु + कर्म = कुकर्म , कुपुत्र , कुयोग , कुरूप , कुढंग , कुमति , कुख्यात , कुकृत्य  , कुशासन , कुपूत , कुटेव ,  कुपात्र , कुचक्र , कुचाल , कुठौर , कापुरुष ।‌‌‌‌

(७) चिर —- ( बहुत समय  तक , बहुत देर ) ।    

जैसे —-  चिर + कुमार = चिरकुमार  , चिरकाल , चिरस्थायी , चिंरजीवी , चिंरजीवीचिरायु , चिरायु ,  चिरपरिचित ।

(८) तिरस् /तिर: —-( निषेध , तिरछा , टेढ़ा‌, अदृश्य )।

जैसे —- तिरस् +  कार = तिरस्कार , तिरोभाव ,   तिरोहित ।

(९) पर  —- ( अन्य के अर्थ में ) ।                            

जैसे —- पर + देश = परदेश , पराधीन , परलोक ,  परमुखापेक्षी ।

(१०) पुनर् / पुुन: ( ‘फिर’ के अर्थ में ) ।               

जैसे —- पुनर् + जन्म = पुनर्जन्म , पुनर्विवाह , पुनर्मिलन , पुनर्निर्माण  , पुनर्जागरण , पुनरुत्थान , पुनरागमन , पुनर्जीवन ।

(११) पूरस् / पूर:   ( सामने  ) ।                         

जैसे  —- पुरस्  + कार = पुरस्कार  , पुरस्कृत  ।

(१२) पूरा —-( पहले , पुराना , प्राचीन  ) ।           

जैसे —- पूरा + काल = पूराकाल  , पुरातन , पूरावृत्त , पुरातत्व  ।

(१३) प्राक  / प्राग  —– ( पहले  ) ।                   

जैसे —-  प्राक् + कथन = प्राक्कथन , प्रागैतिहासिक , प्राग्वैदिक  ।

(१४) प्रादुर्  —- ( प्रकट होना , सामने आना ) ।   

जैसे —- प्रादुर् +भाव =  प्रादुर्भाव ,  प्रादुर्भूत  ।

(१५) बहिस्  / बहिर्  —- (बाहर )  ।                     

जैसे —-  बहिस्  + कार  = बहिष्कार , बहिर्गमन , बहिर्मुखी , बहिरंग , बहिद्वार  ।

(१६) सत् —- ( सच्चा , अच्छा , श्रेष्ठ ) ।             

जैसे —-  सत् + जन = सज्जन , सद्गति , सत्पुरुष , सदाचार , सत्पात्र , सत्कार , सतयुग  ।

(१७) सम् —- ( सामान )  ।                               

जैसे —- सम + कोण = समकोण , समकालीन , समकालिक ।

(१८) सह —- ( साथ )  ।                                   

जैसे —- सह + कारिता = सहकारिता , सहपाठी , सहोदर , सहमति , सहचर , सहगान  , सहकारी ।

(१९) स्व —- (अपना)  ।                                     

जैसे— स्व + जन = स्वजन , स्वदेश , स्वराज्य ,       स्वावलंबन , स्वचालित  ,स्वतंत्र ।

(२०) स्वयं —- ( अपना ) ।                               

जैसे —- स्वयं + चालित  = स्वयंचालित , स्वयंवर , स्वयंसेवक , स्वयंपाठी  ।

हिंदी व्याकरण नोट्स:

1. संज्ञा और उसके भेद | Sangya aur Usake Bhed

2. सर्वनाम और उसके भेद | Sarvanam aur Usake Bhed

3. विशेषण और उसके भेद | Visheshan Aur Usake Bhed

4. क्रिया और क्रिया के भेद | Kriya aur Kriya ke Bhed

5. Upsarg (उपसर्ग) | उपसर्ग के भेद (Upsarg ke bhed)

6. Sandhi aur Sandhi Vichchhed [संधि और संधि विच्छेद]

7. कारक और कारक के भेद | Karak aur Karak Ke Bhed

हिंदी के कितने उपसर्ग होते है? (Hindi ke kitane Upsarg hote hai?) हिंदी के उपसर्गों को उदहारण के साथ समझाये। (Examples of Hindi Upsarg)

उत्तर: हिंदी के कुल १४ उपसर्ग होते है जो इस प्रकार है:

अ, अध, अन, ऊन, औ, कु, चौ, दु, नि, पर, बिन, भर, स, सु।

(१) अ —-  ( अभाव  , निषेध ) ।

जैसे —- अ + छूत = अछूत , अलग , अचेत , अतीत , अपढ़ , अधर्म , अछूता , अज्ञान , अनीति , अथाह , अटल , अजर , अमर , अभागा , अजान , अमोल , अन्याय , अकर्मण्य , असूया , अनिश्चित , अनियमित , अव्यवस्थित , अस्थायी , अज्ञात , अप्रत्याशित , अटूट , अदृश्य , असंख्य , अभाव , अभागी , अनियंत्रित , अपवित्र , अपार , अशांत , असीम , अविश्रांत , अक्षर , अजीत , अगीत , अस्वच्छता , अस्वस्थता , असंभव , अचूक , असमर्थ , अवैध , असंतोष , अदम्य , अतिथि , अक्षुण्ण , असत्य , असाधारण , असहाय , अकाल , असुरक्षित , असुविधा, अशांति , अशुभ  ।

(२) अध —-  ( आधा  ) ।

जैसे —- अध + खिला = अधखिला , अधपका ,  अधमरा , अधसेरा , अधखुला , अधखाया ,  अधपचा , अधबीच , अधजला , अधकचरा  ।

(३) अन —- ( अभाव , निषेध )  ।                    

 जैसे — अन + जान = अनजान , अनकही , अनमना , अनगिनत , अनचाहा , अनपढ़ , अनदेखी , अनमोल , अनबन , अनसुनी , अनमेल , अनहोनी , अनबोला , अनकहा , अनायास , अनदेखा , अनगढ़  ।

(४) उन —- ( एक कम ) ।

जैसे —- उन + तीस  = उनतीस , उन्नीस , उनतालिस , उनचास , उनसठ , उनासी ।

(५) औ / अव —-( हीनता , अनादर , निषेध, विशेष)। 

जैसे —- अव + गुण = अवगुण  , औतार  , औघट , औगुण , औढ़र , औसत , अवधारणा , अवतरित ।

(६) क / कु —- ( बुरा , नीचता और  बुराई )   ।   

जैसे —-  कु + पूत = कुपूत , कुमति , कुशासन , कुचाल ,  कुठौर  , कुकर्म , कुपुत्र , कपूत  , कुचक्र ,  कुढंग ,  कुटेव  , कुरूप , कुशल ।

(९) चौ —- ( चार )  ।

जैसे —- चौ + मासा = चौमासा , चौपाया , चौराहा  , चौपाई  , चौकन्ना , चौकसाई , चवन्नी ।

(८)  दु  —- ( कम  ,  बुरा  ) ।                           

जैसे —- दु + बला = दुबला , दुविधा , दुधारी , दुअन्नी , दुसाध्य ।

(९) नि  —- ( अभाव , रहित , निषेध , नहीं )  ।    

जैसे —- नि + डर = निडर , निकम्मा , निगोड़ा , निहत्था , निठुर  , निठल्ला  , निधड़क , निपूता  ।

(१०) पर —- ( दूसरी  पीढ़ी  का )    ।                 

जैसे —- पर + दादा = परदादा , परनाना , परनानी , परपोता , परपोती  , परनाती  , परकोटा  ।

(११) बिन —- ( बिना , रहित , अभाव   )  ।         

जैसे  —– बिन + देखा = बिनदेखा , बिनबोला ,  बिनब्याहा , बिनखाया , बिनमांगा , बिनबात , बिनबोले  ।

(१२) भर —- ( भरा हुआ , पूरा )  ।                    

जैसे  —- भर + पेट  = भरपेट , भरसक , भरपूर , भरमार ।

(१३) स —- ( सहित , अच्छा , साथ )  ।             

जैसे —- स + हित = सहित , सपूत , सचेत , सकाम , सफल , सपरिवार , सशक्त , सजग , सघन , सजीव , सजल , सपाट  , सटीक , समान, सजीवता , समिति ।

(१४) सु —- ( सुंदर , अच्छा , उत्तमता )  ।           

जैसे —- सु + कर्म = सुकर्म , सुडौल , सुकन्या  ,  सुपौल , सुजान , सुघड़ , सुफल , सुरक्षित , स्वच्छ , सुपुत्री , सुलभ , स्वागत , सुयोग्य , सुगम , सुसज्जित , सुरक्षा , सुस्थिर , सुशोभया ।

उर्दू में कितने उपसर्ग होते है? (Urdu me kitane Upsarg hote hai?) उर्दू -फारसी (विदेशज उपसर्ग ) के कुछ उपसर्गों को उदहारण के साथ समझाये । (Examples of Urdu Upsarg)

उत्तर: उर्दू में कुल १९ उपसर्ग होते है जो इस प्रकार है:    

ऐन, कम, खुश, गैर, दर, ना, ब, बर, बद, बा, बे, बिला, ला, सर, हम, हर |

(१) ऐन —-  ( ठीक  , पूरा  ) ।                           

जैसे —-  ऐन  + वक्त = ऐनवक्त   , ऐनमौका  ।

(२) कम —- ( थोड़ा , हीन  , अल्प )  ।               

जैसे —- कम + जोर = कमजोर  , कमखर्च , कमउम्र , कमकीमत , कमअक्ल , कमसिन , कमबख्त  ।

(३) खुश —- ( अच्छा , उत्तमता , श्रेष्ठ )               

जैसे —- खुश + नसीब = खुशनसीब , खुशहाल , खुशबू , खुशकिस्मत  , खुशखबरी , खुशमिजाज ,  खुशदिल  ।

(४) गै़र —- ( भिन्न  , निषेध , रहित )  ।               

जैसे —- गै़र + सरकारी = गै़रसरकारी , गै़रजिम्मेदा़री , गै़रकानूनी  , गै़रहाजिर , गै़रमामूली ।

(५) दर —- ( अंदर ,  में ) ।

जैसे —- दर + हकीकत = दरहकीकत  , दरअसल , दरकार , दरकिनार  ।

(६) ना —- ( नहीं , अभाव , निषेध , मना , रहित , बिना  )   ।               

जैसे —- ना + लायक = नालायक , नादान, नासमझ , नापसंद , नाबालिग , नाराज , नाकारा , नाउम्मीद ,  नामाकूल , नाखुश , नाकामयाब, नामुनासिब , नाजायज , नास्तिक ।

(७) ब —- (साथ , अनुसार  ) ।                         

जैसे —- ब + नाम = बनाम , बखूबी , बदौलत , बगैर ।

(८) बर —-( पर )  ।                                         

जैसे —- बर + जुबान = बरजुबान , बरवक्त , बर्खास्त।

(९) बद —- ( बुरा  , हीनता )    ।                       

जैसे —- बद + नाम = बदनाम , बदतमीज , बदबू , बदसूरत , बद्दुआ , बदकिस्मत , बदहवास , बदहज़मी।

(१०) बा  —- ( सहित , से )   ।                           

जैसे —-  बा + इज्जत = बाइज्जत , बकायदा ,  बावजूद , बाअदब , बाकलम  ।

(११) बे —- ( अभाव , बिना  )  ।                       

जैसे —- बे + अक्ल = बेअक्ल , बेईमान , बेअदब , बेहोश , बेवकूफ , बेदाग़ , बेवफ़ा , बेकसूर , बेइज्ज़त , बेबुनियाद , बेवजह , बेरहम , बेनाम , बेहया , बेजा , बेजोड़ , बेपरवाह , बेतरतीबी , बेखटके , बेचारा , बेचैन  , बेहाल , बेबश , बेसहारा , बेखौफ , बेमेल  , बिदौली ।

(१२) बिला —- ( बिना  ) । 

जैसे —- बिला + वजह = बिलावजह , बिलानागा , बिलाशक , बिलाअक्ल , बिलारोक  । 

(१३) ला —- ( बिना, अभाव , कमी , रहित )  ।      

जैसे —- ला + जवाब = लाजवाब , लावारिस , लापता , लाइलाज , लाचार , लापरवाह , लामजहब  ।लालच  ।

(१४) सर —- ( मुख्य , श्रेष्ठ  )  ।                        

जैसे —- सर + ताज = सरताज , सरपंच , सरहद , सरनाम  ।

(१५) हम —-( साथ , बराबर , सामान )  ।           

जैसे —- हम + वतन = हमवतन , हमदर्द , हमसफ़र , हमजोली , हमराज़ , हमउम्र  , हमदम  , हमशक्ल ,  हरतरफ , हमदर्दी ।

(१६) हर —- ( प्रत्येक , प्रति  )   ।                     

जैसे —- हर + साल = हरसाल , हरदिल , हरसमय ,  हररोज़ , हरघड़ी , हरदफा , हरपल , हरदम , हरदिन , हरमहीना  ।

निर्बल में उपसर्ग क्या है?

निर्बल शब्द में उपसर्ग निर्बल शब्द निर् उपसर्ग के योग से बना है।

निर्बल का मूल शब्द क्या है?

निर् + बल = निर्बल अर्थ: जिसमें बल या शक्ति न हो, बलहीन, शक्तिहीन, कमज़ोर, दुर्बल।

निर् उपसर्ग जोड़कर कौन सा शब्द बना है?

Answer. Answer: निर्मल, निर्जल, निर्मम, निर्जन, निर्गुण, निर्विवाद।

निर्धन शब्द में कौन सा उपसर्ग प्रयोग किया गया है?

उत्तर – निर्धन में 'निर्' उपसर्ग है।