शरीर में मौजूद सभी अंग और कोशिकाएं ही हैं, जो मिलकर हमें निरोग और सेहतमंद जीवन देने में मदद करते हैं। कुछ ऐसा ही अहम काम है रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स का है, जिनका शरीर में सही मात्रा में होना यह सुनिश्चित करता है कि हम स्वस्थ हैं (1) (2)। कई बार प्लेटलेट्स कम होने और न बनने की वजह से शरीर कई तरह के विकार और बीमारियों की चपेट में आ जाता है। क्या आपको पता है कि घटते प्लेटलेट्स को बढ़ाने का राज आपके किचन में ही छुपा है। जी हां, स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको प्लेटलेट्स क्या है, प्लेटलेट्स के कम होने के कारण, लक्षण और प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे। Show
स्क्रॉल करें आपने अक्सर प्लेटलेट्स के कम होने की बात सुनी होगी, लेकिन क्या आपको पता है कि यह होते क्या हैं? चलिए, प्लेटलेट्स क्या है, इस पर एक नजर डाल लेते हैं। विषय सूची
प्लेटलेट्स क्या होते हैं? – What Are Platelets in Hindiरक्त में तीन प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट। प्लेटलेट्स को थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes) भी कहा जाता है, जो रक्त कोशिकाओं के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं। यह आपके बोन मैरो (Bone Marrow) यानी हड्डियों में मौजूद स्पंज जैसे ऊतक/टिश्यू में बनते हैं। प्लेटलेट्स ब्लड कलोटिंग (रक्त थक्के बनाने) में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। आमतौर पर, जब आपकी रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल) में से कोई एक क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो आपका खून बहने लगता है। इस दौरान आपके प्लेटलेट्स रक्त वाहिका के छिद्र को बंद करने और रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं (3)। प्लेटलेट्स का 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर के बीच होना जरूरी है। प्लेटलेट्स का 150,000 से नीचे जाना चिंता का विषय हो सकता है। आगे जानें चलिए, अब नजर डाल लेते हैं प्लेटलेट्स कम होने के कारण पर। आगे हम आपको प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण के बारे में भी बताएंगे। प्लेटलेट्स कम होने के कारण – Causes of Low Platelets in Hindiप्लेटलेट काउंट कम होने को मेडिकल भाषा में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) कहा जाता है। इसके कई कारक होते हैं। कुछ वजह तो आपको विरासत में भी मिली हो सकती है यानी यह समस्या आप में जन्मजात हो सकती है। वहीं, कुछ कारणों को आपका शरीर विकसित करता है। कई बार ऐसा भी होता है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का कारण ज्ञात नहीं हो पाता है। नीचे हम प्लेटलेट काउंट कम होने के आम कारण बता रहे हैं (3)।
शरीर इन स्थितियों में पर्याप्त प्लेटलेट्स नहीं बनाता (4):
कुछ विकारों और बीमारियों के दौरान भी प्लेटलेट्स नहीं बनते या उन्हें हमारा शरीर नष्ट कर देता है (4) (5):
और भी है कुछ खास प्लेटलेट्स कम होने के कारण के बाद एक नजर प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण पर डाल लेते हैं। प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण – Symptoms of Low Platelets in Hindiप्लेटलेट्स की कमी के लक्षण अचानक या समय के साथ धीरे-धीरे दिखाई दे सकते हैं। कई बार तो हल्के थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कोई लक्षण नहीं होते हैं। ये रक्त की जांच के दौरान ही सामने आते हैं (3) (4)।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण के बाद हम आपको विस्तार से प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय बता रहे हैं। 1. पपीता या पपीते की पत्तियांसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:अगर आपके प्लेटलेट्स काउंट कम हैं, तो इसे बढ़ाने का काम पपीता कर सकता है। एक शोध के मुताबिक, पपीते का अर्क डेंगू में कम होने वाले प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकता है (6)। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि पपीते में मौजूद कौन-सा गुण रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स को बढ़ावा देता है। माना जाता है कि पपीते के पत्ते के अर्क में मौजूद केमिकल कंपाउंड जैसे एल्कलॉइड, टैनिन, एंट्राक्विनोन, कार्डेनोलाइड्स, स्टेरॉयड, सैपोनिन व फेनोलिक्स शरीर के विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं पर असर डालते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि इन्हीं में से किसी एक या संयुक्त रासायनिक यौगिक प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (7)। [ पढ़ें: पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान ] 2. अनारसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:अनार एंटीऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे कई गुणों से भरपूर है। यही वजह है कि अनार कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है (8)। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, अनार प्लेटलेट्स को एक जगह एकत्रित होने से रोकता है (9) (10)। इसकी मदद से आपके प्लेटलेट्स काउंट में आने वाली कमी दूर हो जाती है। दरअसल, जब प्लेटलेट्स एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं, तो प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है और खून के थक्के बन जाते हैं (4)। [ पढ़ें: Anar Ke Fayde in Hindi ] 3. मछली का तेलसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:मछली का तेल सीधे तौर पर आपके प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद तो नहीं करता है, लेकिन यह प्लेटलेट्स को एकत्रित होने से रोकता है। अगर आपके प्लेटलेट में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा जैसे रक्त विकार की वजह से कमी आ रही है, तो यह रक्त को जमने से रोकने और ब्लड क्लॉट से आपको बचाने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मछली के तेल में एंटीथ्रोबोटिक (Antithrombotic) प्रभाव पाए जाते हैं (11) (12)। 4. कद्दूसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:एक शोध के मुताबिक, कम विटामिन-ए का सेवन करने वालों में प्लेटलेट कम पाए गए हैं। वहीं, कद्दू विटामिन-ए से समृद्ध होता है, जो प्लेटलेट को बढ़ाने में मदद करता है (13) (14)। इसके अलावा, कद्दू के बीज में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी होता है (15)। ऊपर लेख में हम आपको बता ही चुके हैं कि कई बार हमारा इम्यून सिस्टम ही प्लेटलेट्स को नष्ट कर देता है, ऐसे में यह प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कंट्रोल करने का काम करता है (16)। 5. व्हीट ग्रास (Wheatgrass)सामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:व्हीट ग्रास का इस्तेमाल भी प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसमें क्लोरोफिल, फोलिक एसिड, जिंक व विटामिन जैसे तमाम पोषक तत्व मौजूद हैं, जो शरीर की जरूरत को पूरा करते हुए प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं। एक शोध में पाया गया है कि व्हीट ग्रास प्लेटलेट को बढ़ाने के साथ ही इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी होते हैं (17)। इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव वो होता है, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में शरीर की जरूरत के हिसाब से बदलाव करता है। यानी अगर आपका इम्यून सिस्टम ही आपके प्लेटलेट्स को कम कर रहा है, तो उसे नियंत्रित करने में व्हीटग्रास मदद कर सकता है। 6. विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ भी प्लेटलेट काउंट कम होने के कारण को दूर करके इसके काउंट में सुधार कर सकते हैं। दरअसल, विटामिन-सी का सेवन आपको थ्रोम्बोथरोस्क्लेरोटिक (Thromboatherosclerotic) यानी ऐसा विकार जिसमें आपके धमनियों में ब्लड क्लॉट होने लगता है उससे बचाता है (18)। जैसा कि हम आपको ऊपर लेख में बता ही चुके हैं कि रक्त के जमने की वजह से भी प्लेटलेट काउंट में कमी आती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि विटामिन-सी का सेवन करने से प्लेटलेट कम होने का कारण थ्रोम्बोसिस (Thrombosis) को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसलिए, इससे भरपूर खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से प्लेटलेट निर्माण में सुधार हो सकता है (19)। 7. हरी पत्तेदार सब्जियांसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:हरी पत्तेदार सब्जियां को फोलेट का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो आपके कम होते प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, फोलेट की कमी की वजह से भी प्लेटलेट कम हो जाते हैं (20) (21) । 8. आंवलासामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:आंवला विटामिन-सी से भरपूर होता है (22)। जैसा कि हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं कि विटामिन-सी प्लेटलेट के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। इसलिए, प्लेटलेट्स काउंट के लिए आप आंवले का सेवन कर सकते हैं। एक शोध के मुताबिक, आंवले का सेवन करने से प्लेटलेट काउंट बढ़ने के साथ-साथ घट भी सकते हैं (23)। इसलिए, आपको प्लेटलेट्स के मामले में आंवले का सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। 9. चुकंदर और गाजरसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:गाजर में फेनोलिक यौगिक पाए जाते हैं, जो पौधों में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है। यह शरीर में प्लेटलेट को एकत्र होने से रोकता है (24)। वहीं, चुकंदर में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड भी प्लेटलेट को शरीर में एक जगह इकट्ठा होने नहीं देता है (25)। ऐसे में इसकी मदद से प्लेटलेट्स काउंट में आने वाली कमी दूर हो जाती है। दरअसल, जब प्लेटलेट्स एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं, तो प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है और खून के थक्के बन जाते हैं (26)। अगर आपके प्लेटलेट रक्त विकार की वजह से कम हो रहे हैं, तो आप इन दोनों का जूस का सेवन कर सकते हैं। इन्हें एक साथ भी लिया जा सकता है और अलग-अलग भी। 10. नारियल का तेलसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:नारियल तेल स्वस्थ वसा और अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसलिए, इसे सबसे स्वस्थ तेल कहा जाता है। यह कई शारीरिक लाभ पहुंचाने के साथ ही हमारी प्लेटलेट को एक जगह इकट्ठा होने से रोकता है (27)। एक शोध के मुताबिक, जब नारियल के तेल का सेवन किया गया, तो इसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट में सक्रियता देखी गई (28)। 11. ताजा दूधसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:दूध का उपयोग आप अपने प्लेटलेट को बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। दरअसल, दूध में विटामिन बी-12 पाया जाता है, जिसकी कमी से बोन मैरो में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट नहीं बनता है (29) (4)। इसके अलावा, दूध कैल्शियम, विटामिन-डी, फोलेट और विटामिन-के का भी अच्छा स्रोत है। विटामिन-के प्लेटलेट की कमी की वजह से होने वाले रक्तस्राव को रोकने के लिए आवश्यक है (30)। वहीं, फोलेट के बारे में भी हम आपको ऊपर लेख में बता चुके हैं कि शरीर में इसकी मात्रा कम होने पर प्लेटलेट काउंट कम हो जाते हैं (4)। 12. किशमिशसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:किशमिश लोह तत्व यानी आयरन से भरपूर होती है (31)। यह आरबीसी और प्लेटलेट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसकी कमी के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या कम प्लेटलेट काउंट और एनीमिया जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए, आप प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए अपने आहार में किशमिश को शामिल कर सकते हैं (32)। 13. फोलेट युक्त खाद्य पदार्थसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:फोलेट का सेवन आपके प्लेटलेट काउंट को घटाने की गति को रोकने के साथ ही इन्हें बढ़ाने में भी मदद करता है। स्वाभाविक रूप से फोलेट किडनी बीन्स, संतरे, मूंगफली और काले मटर जैसे कई खाद्य पदार्थों में होता है (33)। दरअसल, फोलेट की कमी की वजह से बोन मैरो प्लेटलेट नहीं बना पाते हैं (4)। इसलिए, फोलेट युक्त पदार्थ प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। 14. विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थसामग्री:
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:अगर आपके शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो जाती है, तो रक्त में प्लेटलेट नहीं बनते हैं (4)। इसलिए, आपको विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रूप से प्लेटलेट के लिए करना चाहिए (34)। विटामिन बी-12 युक्त खाद्य पदार्थों में अंडा, मीट, ब्रोकली, दही व सीप शामिल हैं (30)। 15. ब्रसेल स्प्राउट्स (Brussel Sprouts)सामग्री
उपयोग का तरीका:
कैसे लाभदायक है:ब्रसेल स्प्राउट्स विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, रक्त और हड्डियों को स्वास्थ्य रखने की क्षमता होती है। साथ ही विटामिन-सी, विटामिन-के, विटामिन-ए और फोलेट जैसे सभी पोषक तत्व होते हैं, जिनकी जरूरत प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए होती है, जिनका जिक्र हम ऊपर लेख में कर चुके हैं (35)। लेख को अंत तक जरूर पढ़ें प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के बाद चलिए आपको बताते हैं कि प्लेटलेट काउंट कम होने पर किन चीजों से आपको परहेज करना चाहिए। प्लेटलेट्स में परहेज – What to Avoid During Low Platelets in Hindiकुछ चीजों का सेवन आपके प्लेटलेट्स काउंट को घटाने का काम करता है, जिनके सेवन और संपर्क में आने से आपको बचना चाहिए। नीचे हम आपके प्लेटलेट्स कम होने पर क्या-क्या परहेज करना चाहिए, इसके बारे में बताएंगे (36)।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। अब आपको इससे संबंधित ट्रीटमेंट के बारे में हम बता रहे हैं। प्लेटलेट्स का इलाज – Treatment for Low Platelets in Hindiथ्रोम्बोसाइटोपेनिया का उपचार इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। उपचार का मुख्य लक्ष्य प्लेटलेट्स बढ़ाकर रक्तस्राव के कारण होने वाली मृत्यु और विकलांगता को रोकना है। इसलिए, अगर आपकी स्थिति सामान्य है और कुछ ही प्लेटलेट्स कम हुई हैं, तो आपको उपचार की जरूरत नहीं है। वहीं, अगर प्लेटलेट्स जरूरत से ज्यादा कम हैं, तो ऐसी स्थिति में इलाज करना जरूरी होता है (3)।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के बाद अब प्लेटलेट्स कम होने से बचने के तरीके और प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लीडिंग को कैसे रोका जाए यह जान लेते हैं। प्लेटलेट्स कम होने से बचने के उपाय – Prevention Tips For Low Platelets in Hindi
Shutterstock थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई मामले ऐसे होते हैं, जिनको रोका नहीं जा सकता है। कई स्थितियां ऐसी होती हैं, जिनमें आप कुछ बातों का ख्याल रखकर कम होते प्लेटलेट काउंट को रोक सकते हैं (37)।
अगर आपके प्लेटलेट कम हो जाते हैं, तो आपको ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसे में आप इन टिप्स की मदद से ब्लीडिंग रोक सकते हैं (38) (39)।
लेख को पढ़कर तो आप जान ही गए होंगे कि प्लेटलेट्स बढ़ाने का काम आपकी रसोई घर में मौजूद खाद्य पदार्थ भी कर सकते हैं। तो बस आज से ही प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के लिए अपने आहार में इन सभी 15 खाद्य पदार्थों को शामिल करना शुरू कर दें। हमेशा ध्यान रखें कि स्वस्थ रहने की कुंजी स्वस्थ आहार ही है। इसलिए, खाने के साथ कभी समझौता न करें। हम आर्टिकल के आखिरी हिस्से में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब देंगे। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। अक्सर पूछे जाने वाले सवालहमारे पास कितने प्लेटलेट्स होते हैं? सामान्य प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होता है। अगर आपका प्लेटलेट काउंट 150,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर है, तो यह सामान्य से कम है। जब प्लेटलेट काउंट 50,000 से कम होता है, तो कही कटने या चोट लगने पर गंभीर रक्तस्राव होने की आशंका होती है। वहीं, जब प्लेटलेट 20,000 से 10,000 के नीचे तक आ जाते हैं, तो भी शरीर में रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है (40)। प्लेटलेट्स कब तक जीवित रहते हैं? प्लेटलेट्स एक बार बनने और आपके रक्त प्रवाह में संचारित होने के बाद 8 से 10 दिन तक जीवित रहते हैं (40)। SourcesStylecraze has strict sourcing guidelines and relies on peer-reviewed studies, academic research institutions, and medical associations. We avoid using tertiary references. You can learn more about how we ensure our content is accurate and current by reading our editorial policy.
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