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कैल्शियम की दवा से पड़ सकता है दिल का दौरा24 मई 2012 अपडेटेड 25 मई 2012 अच्छी सेहत और मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम लेना कितना जरूरी है ये सब जानते हैं. अकसर लोग अतिरिक्त कैल्शियम के लिए अलग से दवा भी लेते हैं. लेकिन जर्मनी में कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग कैल्शियम के लिए अलग से दवा लेते हैं उन्हें दिल का दौरा पड़ने का ज्यादा खतरा होता है. हार्ट नाम की पत्रिका में निकले शोध में कहा है कि कैल्शियम सप्लीमेंट सावधानी से लेने चाहिए. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके बजाए संतुलित आहार खाना बेहतर तरीका होगा खासकर जिसमें कैल्शियम शामिल हो. जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक 23980 लोगों का अध्ययन किया है. उन्होंने अतिरिक्त कैल्शियम दवा लेने वाले ऐसे लोगों में दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं की तुलना उन लोगों से की है जो ये दवाएँ नहीं लेते. संतुलित आहार लें जिन लोगों ने कोई सप्लीमेंट नहीं लिया उन 15959 लोगों में से 851 को हार्ट अटैक हुआ. लेकिन अध्ययन के दौरान पाया गया कि कैल्शियम के लिए दवा लेने वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने के आसार 86 फीसदी ज्यादा हैं. वहीं द हेल्थ सप्लीमेंट इनफोरमेशन सर्विस के डॉक्टर केरी रक्सटन कहते हैं, “महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस बड़ी समस्या है. ये गैर जिम्मेदारना है कि एक सर्वे के आधार पर डॉक्टर महिलाओं से कहें कि वे अतिरिक्त कैल्शियम न लें. खासकर तब जब कैल्शियम, विटामिन डी और हड्डियों के बीच संबंध को यूरोपीय खाद्य सुरक्षा अथॉरिटी भी मानती है.” ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन में वरिष्ठ नर्स नताशा स्टीवर्ट कहती हैं कि नया शोध ये संकेत देता है कि कैल्शियम सप्लीमेंट लेने वालों में दिल का दौरा पड़ने के आसार ज्यादा हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इन्हीं के कारण दिल का दौरा पड़ता है. वे मानती हैं कि इस बारे में और शोध करने की जररूत है. वहीं ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि ज्यादातर लोगों को कैल्शियम की दवा लेने की जरूरत नहीं होती अगर वे संतुलित भोजन खाएँ जिसमें दूध, डेयरी उत्पाद शामिल हैं. महिलाओं की बॉडी में पीरियड्स, डिलीवरी के समय और ब्रेस्टफीडिंग के बाद कैल्शियम कम होने लगता है। इसलिए उन्हें अपनी डाइट कैल्शियम से भरपूर आहार लेने चा... हड्डियों या दांतों में मजबूती हो, जी हां मॉडर्न लाइफस्टाइल के चलते हमारी खाने-पीने की आदत काफी बदल गई है। हम पौष्टिक चीजें खाने की बजाय टेस्ट को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं, जैसे- जंक फूड्स, तली भुनी चीजें, कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट, चिप्स, आइस्क्रीम आदि। और खानपान में गडबडी के चलते बॉडी में कैल्शियम की कमी एक आम समस्या हो गई है, जिसका इतनी जल्दी तो पता नहीं चलता लेकिन भविष्य में यह आपकी हेल्थ को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। बॉडी के हेल्दी और और बैलेंस ग्रोथ के लिए हर उम्र में कैल्शियम की आवश्यकता होती है। बढते बच्चों की बॉडी, दांतों के आकार और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी कैल्शियम जरूरी है। आइए जानें हमारी बॉडी के लिए कैल्शियम क्यों जरूरी हैं। इसे जरूर पढ़ें: विटामिन डी के सेवन से आपके बच्चे को मिलेगी ओवरऑल हेल्थ हड्डियों का विकासकैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में हेल्प करता है। मजबूत हड्डियों के विकास के लिए विशेष रूप से बच्चों और युवा वयस्कों के लिए कैल्शियम सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों का विकास 20 साल की उम्र तक अपने चरम पर होता है, और उसके बाद धीरे-धीरे घटता है। कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बढ़ते बच्चों और युवा वयस्कों में बोन मास में वृद्धि करने में हेल्प मिलती है। किडनी स्टोनकुछ लोगों का मानना है कि कैल्शियम से किडनी स्टोन हो जाता है, लेकिन यह बात मिथ है। शोध से साबित हुआ है कि कैल्शियम का सेवन बॉडी की लाइनिंग को नुकसान पहुंचाने वाले अत्यधिक दर्दनाक किडनी स्टोन से बचाता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोलकैल्शियम के नेचुरल स्रोत और सप्लीमेंट को रेगुलर लेने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल और कम किया जा सकता है। यानि कैल्शियम ब्लड प्रेशर को ठीक करने में भी उपयोगी होता है। पीएमएसपीएमएस से संबंधित शोधों से पता चलता है कि कैल्शियम और विटामिन डी के कम लेवल के कारण कैल्शियम एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन को नेगेटिव रूप से प्रभावित कर पीएएस को ट्रिगर करता है। इसलिए डॉक्टर पीएमएस की स्थिति में 1000 मिलीग्राम कैल्शियम और 1000 से 2000 विटामिन डी दैनिक रूप से लेने की सलाह देते हैं। क्रोनिक बीमारीकैल्शियम पुरानी बीमारियों के खिलाफ लड़ने में एक बहुत ही गंभीर भूमिका निभाता है। कैल्शियम का सेवन करने से क्रोनिक बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। एल्कालाइन के लिए पीएच लेवल का बैलेंसप्रोसेस शुगर, सोडा, और जंक फूड पीएच पैमाने पर बॉडी को बहुत एसिडिक बनाता है। यह किडनी स्टोन और हाइपटेंशन का कारण बन सकते हैं। कैल्शियम इस समस्या को रोक सकता है और शरीर को कम एसिडिक बनाता है। कार्डियोवैस्कुलर डिजीजपर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का सेवन कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और हाई ब्लडप्रेशर के जोखिम को कम कर सकता है। दिल और ब्लड वेसल्स हमारे नर्वस सिस्टम से जुड़े हुए हैं। कैल्शियम की कमी से दिल की समस्याएं और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है। हेल्दी स्माइलकैल्शियम हेल्दी जबड़े की हड्डियों के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है और दांतों को जगह पर रखता है। हालांकि, कैल्शियम को हड्डी को मजबूत करने के अधिकतम लाभ के लिए फॉस्फोरस की आवश्यकता होती है। बच्चों के दांतों को विकास में कठोर संरचना बनाने के लिए उचित कैल्शियम और फास्फोरस की आवश्यकता होती है। कैल्शियम एक स्वस्थ जबड़े की हड्डी देता है और किसी दांत टूटने के खिलाफ सुरक्षा करता है। बैक्टीरिया और टारटर अच्छी ओरल हेल्थ परिस्थितियों में आसानी से नहीं बढ़ते हैं। इसे जरूर पढ़ें: आपको यंग लुक देने में किस तरह मदद करता है विटामिन K,जानें वेट लॉसकैल्शियम मेटाबॉलिज्म की स्पीड बढ़ाने में मदद करता है। कैल्शियम वजन बढ़ाने से रोकता है क्योंकि यह फैट जलता है और कम मात्रा में फैट को स्टोर करता है। कैल्शियम लेने के लिए कुछ जरूरी टिप्स
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कैल्शियम के स्रोतकैल्शियम के प्रमुख स्रोत में दूध, पनीर, दही और अंडे शामिल है। इसके अतिरिक्त फल और सब्जियों में विशेष मात्रा में कैल्शियम पाए जाते हैं। फलों में कैल्शियम जैसे; अमरूद, सीताफल, अनार, अंगूर, केला, खरबूजा, जामुन, आम, संतरा, अनानास पपीता, लीची, सेब और शहतूत में कैल्शियम पाए जाते हैं। जबकि सब्जियों में कैल्शियम जैसे; चुकंदर, नींबू, पालक, बथुआ, बैगन,टिंडा, तुरई, लहसुन, गाजर, भिंडी, टमाटर, पुदीना, हरा धनिया, करेला ककड़ी, अरबी, मूली और पत्तागोभी में कैल्शियम
पाए जाते हैं। यही नहीं, बादाम, पिस्ता, मुनक्का, खजूर जैसे सूखे मेवे और मूग, मोठ, चना, राजमा, सोयाबीन जैसे आनाज में भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में लें। क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। प्रेगनेंसी में कौन सा कैल्शियम लेना चाहिए?गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी होने या शरीर की रोजाना कैल्शियम की आवश्यकता को खाद्य पदार्थों से पूरा किया जा सकता है। दूध, चीज, दही, ब्रोकली, सोयाबीन, बींस, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियों, तिल, किशमिश, टोफू आदि में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है।
गर्भवती महिला को Calcium की गोली कितनी खानी चाहिए?कैल्शियम भी है जरूरी
बच्चे के दिल, नसों और मांसपेशियों का विकास कैल्शियम पर निर्भर करता है, अगर मां कैल्शियम को पर्याप्त मात्रा में नहीं ले रही है तो फिर उसकी हड्डियों के भी कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है. गर्भावस्था के दौरान रोजाना 200 मिलीग्राम कैल्शियम युक्त आहार लेना चाहिए.
कैल्शियम की गोली का नाम क्या है?Healthvit Calvitan-D3 Calcium and Vitamin D3 - 60 Tablets (Pack of 2): आप 60 गोली के इन दो डिब्बों को अमेजन से 299 रुपये में खरीद सकते हैं जबकि इसकी MRP-500 रुपये है। आप इसे अमेजन से खरीदते हैं तो आपको इन पर 40% डिस्काउंट मिलेगा। ये आपकी हड्डियों को मजबूत करेगा।
प्रेगनेंसी में आयरन aur कैल्शियम की गोली कब ले?कब लेनी चाहिए आयरन की गोली
ज्यादातर डॉक्टर प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्तों के बाद आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में इसे पचाना मुश्किल भी होगा और पहली तिमाही में इसकी जरूरत भी नहीं होती है। खाना खाने के एक से दो घंटे बाद आयरन की गोली लेने की सलाह दी जाती है।
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