उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता क्या है? - uttar baalyaavastha kee visheshata kya hai?

उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता क्या है? - uttar baalyaavastha kee visheshata kya hai?

बाल्यावस्था की विशेषताएँ

बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएँ (Balyavastha Ki Visheshtayen) इस प्रकार हैं-

1. विकास में स्थिरता (Stability in development)

बाल्यावस्था में बालक का विकास चलायमान नरहकर व्यवस्थित एवं स्थायी होने लगता है। यही स्थिरता उसमें परिपक्वता को स्थापित करती है। बालक शारीरिक और मानसिक शक्तियों में स्थिरता लाता है। संवेगों
का सही प्रदर्शन करना प्रारम्भ करता है।

सामान्यतया इस अवस्था को समझदारी की अवस्था कहा जाता है। अतः सभी क्षेत्रों में बालक का विकास निश्चितता और समझदारी से ओतप्रोत पाया जाता है।

2. अधिगम में तीव्रता (Intensity in learning)

इस अवस्था में बालक के तर्कात्मक दृष्टिकोण का विकास होता है। वह प्रत्येक कथन को क्यों, कैसे आदि प्रश्नों के माध्यम से जाँचता है और फिर सन्तुष्टि प्राप्त करता है। वह सीखने के विभिन्न तरीकों का प्रयोग करके अपनी जिज्ञासा को शान्त करता है।

उसका मन रचनात्मक कार्यों में अधिक लगता है। वह अपनी मानसिक शक्तियों के क्षेत्र में अधिक से अधिक वृद्धि करता है। इस प्रकार से उसकी सीखने की क्षमता में तीव्रता आती है।

3. सामाजिक गुणों का विकास (Development of social traits)

इस आयु का बालक अधिकांश समय विद्यालय में या खेल के साथियों में रहकर व्यतीत करता है। वह उनसे कुछ सीखता है और अन्य भी उससे कुछ ग्रहण करते हैं। इन्हीं प्रभावों को सामाजिक चेतना कहा जाता है।

इसमें सहयोग, सद्भावना, सहनशीलता, आज्ञाकारिता आदि सामाजिक गुणों का विकास होता है। इन गुणों को धारण करके वे स्वयं को समाज में प्रतिष्ठित करना चाहते हैं।

सामाजिक गुणों के साथ-साथ उनमें नैतिकता के मानदण्डों का प्रकटीकरण भी होने लगता है। जैसा स्ट्रेन्वरथ ने लिखा है-“छः, सात और आठ साल के बालक एवं बालिकाओं में अच्छे-बुरे का ज्ञान एवं न्याय पक्ष, ईमानदारी और सामाजिक मूल्यों की भावना का विकास होने लगता है।

4. यथार्थवादी दृष्टिकोण (Realistic attitude)

शैशवकाल में बालक अपने कल्पना लोक में विचरण करता रहता है, हवाई किले बनाता है और सुख प्राप्त करता है। बाल्यावस्था में वह यथार्थवादी दृष्टिकोण अनाना प्रारम्भ कर देता है।

वह स्व-कथन एवं क्रियाओं में और अन्य कथनों में अन्तर स्थापित करता है और स्वयं को वातावरण के अनुरूप ढालने का प्रयास करता है।

वह अपने हठ को छोड़कर सामाजिक सहयोग एवं उपादेयता पर बल देना प्रारम्भ कर देता है।

5. बहिर्मुखी व्यक्तित्व का विकास (Development of extevonen personality)

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक युंग ने मानव व्यक्तित्व को अन्तर्मुखी, बहिर्मुखी और उभयमुखी तीन भागों में बाँटा था। बाल्यावस्था में बालक स्वयंको बहिर्मुखी व्यक्तित्व में परिवर्तित करने लगता है।

वह स्वयं खाने के स्थान पर बाँट कर खाना पसन्द करता है। वह बाह्य जगत में रुचि लेता है। सांसारिक ज्ञान का परिचय प्राप्त करता है। स्वयं को ऐसा बनाना चाहता है कि बाह्य जगत उसे पसन्द करने लगे।

6. सामूहिक प्रवृत्ति का विकास (Development of group tendency)

बाल्यावस्था में बालक स्वयं को समूह का सदस्य बना लेता है। यह सामूहिक भाव उसमें स्वतः ही विकसित होने लगता है। समूह के निर्णय का पालन करने के लिये वह परिवार पर दबाव भी डालता है।

उसमें स्वार्थपरता और अहं की भावना कम होने लगती है। वह सहयोग, सामूहिक भावना, समूह भक्ति और परस्पर प्रेम आदि गुण प्रकट करने लगता है।

इस उम्र के बालकों को प्राय: ‘गैंग आयु‘ के नाम से पुकारा जाता है। ये लोग अपनी टोली या समूह के लिये परिवार, समाज आदि की इच्छाओं की चिन्ता नहीं करते हैं।

अत: हम कह सकते हैं कि बाल्यावस्था में टोली सर्वोपरि होती है और अन्य गौण।

7. यौन सम्बन्धी विकास (Sexual development)

यौन सम्बन्धी विकास के लिये बाल्यावस्था को सुषुप्तावस्था माना गया है। इस आयु में काम प्रवृत्ति बहुत ही कम रहती है। ये विपरीत लिंग के प्रति उदासीन रहते हैं।

वे या तो एक-दूसरे की उपेक्षा करते हैं या एक-दूसरे को नीचा दिखाने एवं चिढ़ाने की विभिन्न क्रियाएँ करते हैं। बालक स्वयं को पुरुष सिद्ध करने के लिये पुरुषोचित कार्य करते हैं और बालिकाएँ स्त्रियोचित।

अत: यह स्पष्ट होता है कि यौन सम्बन्धी क्रियाओं में इस आयु के बालकों को कोई रुचि नहीं रहती है।

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balyavastha ki visheshtayen : बाल्यावस्था की क्या विशेषताएं है? बाल्यावस्था को किन किन नामों से जाना जाता है? छद्म/ मिथ्या परिपक्वता  का काल किसे कहते है? खेल की आयु किसे कहते है?  आदि प्रश्नों का उत्तर इस पोस्ट में दिया गया है |

उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता क्या है? - uttar baalyaavastha kee visheshata kya hai?

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  • 1 बाल्यावस्था की विशेषताएँ –  balyavastha ki visheshtayen
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  1. जीवन का अनोखा काल (Unique Period of Life)(कॉल एवं बुश ने कहा)
  2. जीवन का निर्माणकारी काल (Preparatory period of Life) (सिगमण्ड फ्रायड ने कहा)
  3. प्रतिद्वन्द्वात्मक समाजीकरण का काल (Period of Competitive Socialization) (किलपैट्रिक ने कहा)
  4. सर्वाधिक सामाजिक विकास
  5. छद्म/ मिथ्या परिपक्वता (Pseudo Maturity) का काल (रॉस ने कहा)
  6. वैचारिक अवस्था का काल 
  7. शिक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण काल
  8. यथार्थवादी दृष्टिकोण
  9. नेता बनने की इच्छा।
  10. समलिंगीय (Homosexual)/ मित्रता (Friendship)/
  11. समूह भावना (Group, spirit)।
  12. अर्थभेद (Difference of meaning), लिंगभेद (Gender discrimination) व जाति भेद (Caste Difference) की भावना
  13. खेल की आयु (Game Age)
  14. समूह/ दल/ टोली (Gang Age) की आयु
  15. प्रारम्भिक विद्यालय की आयु (Elementary SchoolAge)
  16. सारस अवस्था (उत्तर बाल्यावस्था)
  17. चुस्ती की आयु (SmartAge) (उत्तर बाल्यावस्था)
  18. गंदी आयु (Dirty Age)
  19. भाषा विकास की तीव्र गति अवस्था
  20. मूल दुश्चिंता की अवस्था-केरेन हार्नी
  21. बिना कामके भ्रमण (घूमने/ निरुद्देश्य भ्रमण) की प्रवृत्ति-बर्ट
  22. बहिर्मुखी स्वभाव
  23. संग्रह करने की प्रवृत्ति/ संचय करने की प्रवृत्ति
  24. नैतिक गुणों का विकास (Development of Morality)
  25. कल्पनाशक्ति एवं अमूर्त चिंतन के प्रारम्भ का काल
  26. शारीरिक व मानसिक विकास में स्थिरता
  27. रचनात्मक कार्यों में आनन्द अर्थात् बालक में सृजनशीलता के गुण पाये जाते हैं।
  28. नये कौशलों एवं क्षमताओं का विकास, वृद्धि का स्वर्णिम काल (उत्तर बाल्यावस्था
  29. रूचियों में परिवर्तन (Change of Interest)-कॉल एवं ब्रुश
  30. मूर्त/ प्रत्यक्ष चिन्तन (Concrete thinking) की अवस्था।
  31. बाल्यावस्था में बालक में सबसे कम कामुकता पायी जाती है एवं बालर्क भयमक्ता रहता है।

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उत्तर बाल्यावस्था की मुख्य विशेषताएं कौन कौन सी है?

शारीरिक एवं मानसिक विकास में स्थिरता (Stability In Physical And Mental Grouth) शैशवास्था और पूर्व बाल्यकाल (6 से 9 वर्ष) में विकास हो जाता है वह प्राकृतिक नियमों के अनुसार उत्तर बाल्यकाल (10 से 12 वर्ष) में दृढ़ होने लगता हैं उनकी चंचलता शैशवास्था की अपेक्षा कम हो जाती है और वयस्कों के समान व्यवहार करता दिखार्इ पड़ता ...

उत्तर बाल्यावस्था क्या है?

उत्तर बाल्यावस्था '6 से11 वर्ष' की उम्र का समय है। इस अवस्था में प्रायः यौवन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसे परेशान करने वाली उम्र, टोली आयु, खेलने की उम्र आदि के रूप में भी जाना जाता है।

बाल्यावस्था क्या है इसकी विशेषताएं बताइए?

(1) शारीरिक व मानासिक स्थिरता यह बाल्यावस्था की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। 6 या 7 वर्ष की आयु के बाद शारीरिक और मानसिक विकास मे स्थिरता आ जाती हैं । वह स्थिरता उसकी शारीरिक व मानसिक शक्तियों को दृढ़ता प्रदान करती है । जिसके फलस्वरूप उसका मस्तिष्क परिपक्व सा और वह स्वयं वयस्क सा जान पड़ता है।

बाल्यावस्था कितने प्रकार के होते हैं?

शैशवावस्था -1 से 3 वर्ष तक का काल.
पूर्व बाल्यावस्था -3 वर्ष से 6 वर्ष.
उत्तर बाल्यावस्था -6 वर्ष से 12 वर्ष.
किशोरावस्था -12 वर्ष से 18 वर्ष.