विषयसूची वृद्धावस्था कब से कब तक होती है?इसे सुनेंरोकें80 साल या इससे अधिक उम्र के वृद्धों को प्रतिमाह 500 रुपये की दर से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के रूप में राशि प्रदान की जाती है. बीपीएल परिवार के 60 या उससे अधिक उम्र के वृद्ध व्यक्ति हर जिले में प्रखंड स्तर पर आरटीपीएस कार्यालय में भी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में आवेदन कर सकते हैं. बुढ़ापे के दौरान होने वाले प्रमुख परिवर्तन क्या है?इसे सुनेंरोकेंबढ़ती आयु में फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आने लगती है। वायुमार्ग व फेफड़ो की मांसपेशी का लचीलापन तथा कार्यकुशलता में कमी। ऑक्सीजन अतः-ग्रहण, आक्सीजन विनिमय क्षमता कम हो जाती है। पसलियों की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है। वृद्धावस्था कब प्रारंभ होती है? इसे सुनेंरोकेंस्वयं अपना सहायक बनना (35-39): यह प्रारम्भिक प्रौढ़ावस्था का उच्चतम स्तर है। प्रौढ़ावस्था संबंधी परिवर्तन (आरंभिक 40): यह एक विकासात्मक संक्रमण/परिवर्तन काल है जिसमें व्यक्ति को अपनी घटती हुई शारीरिक क्षमता और अपनी मत्यु संबंधी सत्य का तीव्र आभास होने लगता है। वृद्धा पेंशन कितने उम्र के बाद मिलता है?इसे सुनेंरोकेंइस योजना का लाभ 60 वर्ष की आयु पूरा कर लेने वाले सभी बुजुर्ग नागरिक प्राप्त कर सकते है। इसे सुनेंरोकेंवृद्धावस्था या बुढापा जीवन की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें उम्र मानव जीवन की औसत काल के समीप या उससे अधिक हो जाती है। वृद्ध लोगों को रोग लगने की अधिक सम्भावना होती है। उनकी समस्याएं भी अलग होती हैं। वृद्धावस्था एक धीरे-धीरे आने वाली अवस्था है जो कि स्वभाविक व प्राकृतिक घटना है। वृद्धा पेंशन कितनी उम्र में चालू होती है?इसे सुनेंरोकेंUP Vridha Pension Yojana में आवेदन करने के लिए आवेदक की उम्र 60 साल या फिर इस से अधिक की होनी चाहिए। आवेदक के पास अपना खुद का आधार कार्ड होना चाहिए। आवेदक के पास तहसीलदार द्वारा आय-प्रमाण पत्र होना चाहिए। वृद्धावस्था कब प्रारंभ होता है? इसे सुनेंरोकेंप्रौढ़ावस्था: बीस और तीस के दशकों को पार कर व्यक्ति चालीस और पचास के दशक में प्रौढ़ावस्था में पहुंच जाता है। प्रौढ़ावस्था को योग्यता, परिपक्वता, उत्तरदायित्व भाव और स्थायित्व से लक्षित किया जाता है। प्रौढ़ावस्था में पहुंच चुके व्यक्तियों की ये महत्वपूर्ण चारित्रिक विशेषताएं होती हैं। वृद्ध व्यक्ति कौन था?इसे सुनेंरोकेंगिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक महसता मुरासी नाम का यह व्यक्ति 179 साल का है. महसता मुरासी ने दावा किया है कि वह दुनिया के सबसे ज्यादा उम्र के व्यक्ति हैं. भारतीय अधिकारियों के मुताबिक मुरासी का जन्म 06 जनवरी 1835 को बैंग्लोर शहर में हुआ. मुरासी 1903 से वाराणसी शहर में रह रहे हैं जहां उन्होंने 1957 तक एक मोची काम किया. वृद्ध क्या है?इसे सुनेंरोकेंअच्छी या पूरी तरह से बढ़ा हुआ। गुण,विद्या आदि के विचार से औरों की अपेक्षा बहुत अधिक चतुर,विद्वान या बहुत श्रेष्ठ। जो अपनी युवा विशेषतः प्रौढ़ावस्था पार कर चुका हो।
बाल विकास के अध्ययन की दृष्टि से प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था का उतना महत्व नहीं है। यहाँ संक्षेप में इन दोनों अवस्थाओं के बारे में जानकारी दी गई है। प्रौढावस्था (Adulthood Stage)प्रौढ़ावस्था को व्यावहारिक जीवन की अवस्था कहा जाता है। इस अवस्था में पारीवारिक जीवन या गृहस्थ जीवन की गतिविधियाँ होती हैं। जिसमें कल्पनाएँ नहीं रह जाती वरन् वास्तविक जीवन की अन्तः क्रियाएँ होती हैं। व्यक्ति आत्मनिर्भर होता है। उसकी बहुत प्रकार की प्रतिभाएँ उभरकर सामने आती हैं। व्यक्ति अपने विशिष्ट क्षेत्र में कौशल दिखाता है।इस अवस्था में उसे अनेकों प्रकार के संघर्ष तथा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रौढ़ को तरह-तरह के उत्तरदायित्वों का निर्वाह भी करना पड़ता है। यह अवस्था सामाजिक तथा व्यावसायिक क्षेत्र के विकास की उत्कृष्ट अवस्था होती है। मानव का सबसे अधिक विकास इसी अवस्था में होता है। इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें। इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें। वृद्धावस्था (Old age Stage)यह अवस्था बाल्यावस्था की तरह अत्यधिक संवेदनशील (Sensitive) मानी जाती है। उत्तरदायित्व समाप्त होने के बाद व्यक्ति इस अवस्था में आध्यात्मिक चिन्तन की ओर झुकता है। शारीरिक क्षमताएंँ कम होने लगती हैं। स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। निर्णय लेने की क्षमता में कमी हो जाती है। वृद्धावस्था में समायोजन का अभाव पाया जाता है क्योंकि नई पीढ़ी के साथ उसके मूल्यों का टकराव भी होता है। कभी-कभी बुजुर्गों को असहाय एवं उपेक्षित भी अहसास होता है।वृद्धावस्था में तरह-तरह के शारीरिक मानसिक परिवर्तन होते हैं, बिमारियाँ भी इस अवस्था में अधिक होती हैं। उच्च तनाव, उच्च रक्तचाप, ज्ञानेन्द्रियों तथा कर्मेन्द्रियों की क्षमता तथा शक्ति की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं। सचमुच वृद्ध को उचित देखभाल के साथ-साथ सहानुभूति की विशेष आवश्यकता होती है। यदि किसी वृद्ध की पर्याप्त देखभाल और सहानुभूति नहीं मिलती तो उसकी असमय मृत्यु भी हो जाती है। वे बच्चों की तरह जिद करते हैं, उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है इस कारण वे कई बार परिवार में उनका सामन्जस्य नहीं हो पाता है। इस तरह यह दोनों अवस्थाएँ बाल विकास की दृष्टि से उतना महत्व न रखते हुए भी जीवन में अपना महत्व रखती हैं। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए प्रत्येक अवस्था का ज्ञान होना आवश्यक है, जिसमें प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था भी शामिल हैं। प्रौढ़ावस्था की क्रियाशीलता एवं जवाबदेही की जानकारी तो होना ही चाहिए, वृद्धावस्था में बुजुर्गों की स्थिति की जानकारी होनी चाहिए जिससे कि उनकी उचित देखभाल हो सके। इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें। इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें। I hope the above information will be useful and important. other resources Click for related information Watch video for related information
वृद्धावस्था की क्या विशेषता होती है?वृद्धावस्था या बुढापा जीवन की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें उम्र मानव जीवन की औसत काल के समीप या उससे अधिक हो जाती है। वृद्ध लोगों को रोग लगने की अधिक सम्भावना होती है। उनकी समस्याएं भी अलग होती हैं। वृद्धावस्था एक धीरे-धीरे आने वाली अवस्था है जो कि स्वभाविक व प्राकृतिक घटना है।
वृद्धावस्था की प्रमुख समस्या क्या है?आँखो से दिखना कम हो जाता है। कान से कम सुनाई पड़ने लगता है। दाँत कमजोर हो जाते है। शरीर को शक्ति व गति प्रदान करने वाले प्रमुख संस्थान जैस पाचन संस्थान, रक्त, परिभ्रमण संस्थान, स्वशन संस्थान आदि कमजोर पड़ने लगते है।
वृद्धावस्था से आप क्या समझते हैं वृद्धावस्था के कारणों पर प्रकाश डालिए?अनेक देशों में, वरिष्ठ नागरिक 65 वर्ष या अधिक की आयु वाले व्यक्ति होते हैं। जबकि भारत में 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्तियों को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है। भारत में वृद्धजनों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है चूँकि जीवन प्रत्याशा जो 1947 में लगभग 29 वर्ष थी, अब बढ़कर 63 वर्ष हो गई है।
वृद्ध से क्या तात्पर्य है?बुढ़ापा । जरा । विशेष—यह अवस्था प्रायः ६० वर्ष के उपरांत आती है । इसमें मनुष्य दुर्बल और क्षीण हो जाता है, उसके सब अंग शिथिल हो जाते हैं, शरीर की धातुएँ तथा इंद्रियाँ आदि भी बराबर क्षीण होती जाती हैं, और इसके अत में मृत्यु आ जाती हैं ।
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