प्रेगनेंसी में खाली पेट बादाम खाने से क्या होता है? - preganensee mein khaalee pet baadaam khaane se kya hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

प्रेगनेंसी में खाली पेट बादाम खाने से क्या होता है? - preganensee mein khaalee pet baadaam khaane se kya hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • National
  • प्रेगनेंसी में पिएं बादाम का दूध,होंगे ये फायदे,Benefits Of Almond Milk In Pregnancy

प्रेगनेंसी में पिएं बादाम का दूध, होंगे ये फायदे

प्रेगनेंसी के दौरान अगर अपने खानपान का ध्यान न रखें तो कमजोरी होने लगती है। इसलिए कई डाइटिशियन रोज एक गिलास बादाम वाला दूध पीने की सलाह देते हैं। इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स जैसे कैल्शियम, पोटैशियम से एनर्जी का लेवल मेंटेन रहता है। इससे डलनेस फील नहीं होती है।

प्रेगनेंसी के दौरान एनर्जेटिक रहने के लिए और क्या करें?
ज्यादा तली हुई चीजें न खाएं। इससे डलनेस फील होती है।
अगर आप नट्स खाती हैं तो उसे तलने के बजाय सेंक कर खाएं।
इस दौरान फलों से बने जूस जरूर पिएं। अनार का जूस ले सकते हैं।
घी का इस्तेमाल कम करें। इससे मोटापा बढ़ सकता है।

प्रेगनेंसी में क्यों पिएं बादाम वाला दूध?
प्रेगनेंसी में बादाम वाला दूध पीने से बॉडी को भरपूर एनर्जी मिलती है। इससे कमजोरी दूर होती है। 

कैसे बनाएं बादाम वाला दूध?
पानी में भीगी बादाम को पीस लें। इसे दूध में मिलाकर उबालें। इसमें इलायची पाउडर मिलाएं। इस दूध को गुनगुना करके पिएं। अपनी पसंद के अनुसार काजू या अंजीर जैसे हेल्दी नट्स मिला सकते हैं।

ऐसे भी पी सकती हैं बादाम वाला दूध

चाहें तो इसमें केसर मिला लें। अगर गर्म दूध पसंद न हो तो दूध को गुनगुना करके आधे घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। इसमें बर्फ डालकर पिएं। इस दूध को तैयार करके अधिक समय तक रखने से बचें।


कैसे फायदेमंद है बादाम वाला दूध?
इसमें पोटैशियम, विटामिन्स, कैल्शियम और प्रोटीन होता है। इससे कमजोरी दूर होती है। इसे पीने से एनर्जी बनी रहती है।

एनर्जेटिक रहने के लिए और क्या करें?
ज्यादा तली-भूनी चीजें न खाएं। इससे डलनेस फील होती है। अपनी डाइट में नींबू पानी, अनार का जूस या नारियल पानी शामिल करें। इससे एनर्जी मिलती है।

क्या अवॉइड करें?

इस ड्रिंक को बनाने के लिए हाई फैट दूध का यूज न करें। इससे वजन बढ़ता है। इसमें शक्कर न डालें। इससे वजन बढ़ता है। चाहें तो शहद मिलाकर पिएं। शहद की मात्रा भी इस दूध में सीमित ही रखें।

प्रेगनेंसी में खाली पेट बादाम खाने से क्या होता है? - preganensee mein khaalee pet baadaam khaane se kya hota hai?

Read this in English

अनुवादक – Shabnam Khan

भीगे बादाम खाना भारत में एक पुरानी परंपरा रही है। और जब आप गर्भवती होती हैं, तो ये आपके लिए सिर्फ एक परंपरा ही नहीं रहती, बल्कि आपकी और आपके होने वाले बच्चे की सेहत के लिए इसके कई फायदे भी होते हैं। 5 से 6 दाम को एक कटोरी पानी में रात भर के लिए भिगोकर रखें और सुबह इसका छिलका अलग करके खाएं। इससे आपको नीचे बताए ये तीन लाभ होंगे:

1)  शिशु में एलर्जी कम करे

डेनमार्क के एक्सपर्ट द्वारा ट्री नट्स (बादाम भी एक ट्री नट है) खाने से माता और शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर एक अध्ययन किया गया। इसमें ये बात सामने आई कि प्रेगनेंसी की दौरान जो महिलाएं ये नट्स खाती हैं उनके शिशु को जन्म के बाद अस्थमा और सांस से जुड़ी अन्य एलर्जी होने का डर कम होता है।

2)  प्री-एक्लेम्पसिया का जोखिम कम

बादाम में कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है, जिसकी वजह से ये गर्भावस्था के दौरान होने वाले प्री-एक्लेम्पसिया को कम करता है और शिशु की हड्डियों, दांत व तंत्रिका तंत्र के विकास में मदद करता है। इससे एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल भी घटता है और दिल सेहतमंद रहता है।

3)  कब्ज़ में राहत

गर्भवती महिलाओं की एक आम समस्या कब्ज भी होती है। बादाम में फाइबर काफी मात्रा में होता है। इसकी वजह से नियमित रूप से इसे खाने से कब्ज में भी राहत मिलती है। (इसे भी पढ़ें - किवी खाएं और दूर करें कब्ज़)

 भीगा बादाम क्यों खाएं?

बादाम में आवश्यक विटामिन और मिनरल्स जैसे कि विटामिन ई, ज़िंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शामिल होते हैं लेकिन इनका फायदा उठाने के लिए आपको इन्हें भिगोकर खाना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बादाम के भूरे रंग के छिलके में टैनीन होता है जो पोषक तत्वों के अवशोषण को रोक लेता है। बादाम को पानी में भिगोने से छिलका आसानी से उतर जाता है और नट्स को पोषक तत्वों को रिहा करने की अनुमति देता है। भीगा हुआ बादाम पाचन में भी मदद करता है।

चित्र स्रोत – Shutterstock

संदर्भ:

[1]1: Maslova E, Granström C, Hansen S, Petersen SB, Strøm M, Willett WC, Olsen SF. Peanut and tree nut consumption during pregnancy and allergic disease in children-should mothers decrease their intake? Longitudinal evidence from the Danish National Birth Cohort. J Allergy Clin Immunol. 2012 Sep;130(3):724-32.doi: 10.1016/j.jaci.2012.05.014. Epub 2012 Jun 27. PubMed PMID: 22743306.

[2]1: Berryman CE, Preston AG, Karmally W, Deckelbaum RJ, Kris-Etherton PM. Effects of almond consumption on the reduction of LDL-cholesterol: a discussion of potential mechanisms and future research directions. Nutr Rev. 2011 Apr;69(4):171-85. doi: 10.1111/j.1753-4887.2011.00383.x. Review. PubMed PMID:21457263.


Total Wellness is now just a click away.

Follow us on

गर्भवती महिला को बादाम कब खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में बादाम कब खाएं प्रेग्नेंसी के पहले महीने से लेकर आखिरी माह तक बादाम खा सकती हैं. इसे आप सुबह और शाम दोनों समय खा सकती हैं. लेकिन अच्छा रहेगा की आप इसकी ज्यादा मात्रा का सेवन ना करें.

प्रेगनेंसी में 1 दिन में कितने बादाम खाने चाहिए?

गर्भावस्था में कितनी मात्रा में बादाम खाना सुरक्षित है? एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में मुट्ठीभर (एक तिहाई कप) बादाम का सेवन कर सकता है। वहीं, गर्भावस्था की बात करें, तो इस दौरान दिनभर में 4-6 बादाम खाने की सलाह दी जाती है (4) (5)।

प्रेगनेंसी में भीगे हुए बादाम खाने से क्या होता है?

प्रेग्नेंसी में भीगे बादाम के फायदे अगर आपको बादाम से एलर्जी नहीं है तो आप प्रेग्नेंसी के दौरान भीगे बादाम खा सकती हैं. भीगे बादाम पाचन में सुधार लाने वाले एंजाइम्‍स रिलीज करते हैं और बादाम को भिगोने से इसके पोषक तत्‍वों की मात्रा और अधिक बढ़ जाती है. रातभर भीगा बादाम खाने से पाचन ठीक से होता है.

खाली पेट बादाम क्यों नहीं खाना चाहिए?

1- सुबह खाली पेट अधिक मात्रा में बादाम का सेवन करने से एसिडिटी (Acidity) की शिकायत हो सकती है। 2- बादाम का अधिक मात्रा में सेवन करने से वजन बढ़ सकता है। 3- गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लिए बिना सुबह खाली पेट बादाम का सेवन नहीं करना चाहिए