पाताल लोक के बारे में जानने को मानव जीवन हमेशा से ही उत्सुक रहा है। वैज्ञानिकों के लिए भी पाताल लोक एक रहस्य है जिसे सुलझाने में वह दिन-रात लगे रहते हैं। पाताल लोक पृथ्वी के नीचे बसा संसार है जिसे मनुष्य ने कभी नहीं देखा और उसका वहां पहुंच पाना भी अत्यंत कठिन है। पौराणिक कथाओं में पाताल लोक का जिक्र बार-बार होता आया है और वैज्ञानिक भी इस लोक की खोज में कई वर्षों से जुटे हुए हैं। लेकिन सवाल ये है
कि क्या पाताल लोक काल्पनिक है या इसका वजूद भी है? महफिल की जान होते हैं अप्रैल में जन्मे लोग… अमेरिका में है पाताल लोक पाताल लोक की खोज वैज्ञानिक कई वर्षों से कर रहें हैं और अब इन्हें इस संदर्भ में कुछ सफलता हाथ लगी है। वैज्ञानिकों ने जिस पाताल लोक की खोज की है वह आज के युग के अनुसार मध्य
अमेरिकी महाद्वीप में पूर्वोत्तर होंडुरास के जंगलों के नीचे दफन है। पाताल लोक की रिसर्च में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 3डी नक्शा तैयार किया है जिसमें जमीन के नीचे गदा जैसा शस्त्र लिए एक विशाल वानर की मूर्ति होने की पुष्टि हुई है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह हनुमान जी की मूर्ति है। नक्शे में सामने आया पाताल लोक और जमीन की गहराई में मानव निर्मित वस्तुओं को देख वैज्ञानिक भी हैरान हैं। खोज से जुड़े एक वैज्ञानिक ने बताया कि एक समय यहां पूरा गांव विकसित था एवं यहां के लोग वानर देव की पूजा करते
थे। Buy Rudraksha कलियुग के मायाजाल में कैसे फंसी धरती… क्या है पाताल लोक की कथा रामायण काल के अनुसार श्रीराम को अहिरावण की कैद से छ़डुाने हनुमान जी पाताल लोक पहुंचे थे। रावण को जब लगा कि वह हार सकता है तो वह पाताल लोक के राजा अहिरावण की शरण में गया। रावण और अहिरावण ने मिलकर श्रीराम और लक्ष्मण के अपहरण की योजना बनाई। पूरी सेना को गहरी निद्रा के आगोश में भेजने के लिए माया रची गई और श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया गया। विभीषण के संकेत पर हनुमान जी पाताल लोक श्रीराम और लक्ष्मण को कैद से मुक्त करवाने गए। हनुमान जी को अहिरावण तक पहुंचने के लिए पातालपुरी के रक्षक मकरध्वजा को परास्त करना पड़ा था जो ब्रह्मचारी हनुमान का ही पुत्र था। इसी पाताल लोक का जिक्र अनेक बार पौराणिक कथाओं एवं वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है। Janam Kundali यदि यह सब सत्य है तो हिंदू धर्म के अनुयायियों और विज्ञान के लिए यह बहुत अच्छी खबर है। रामायण काल के वास्तविक होने पर संदेह करने वाले वैज्ञानिकों के लिए यह रहस्य रामायण कथा एवं राम युग की पुष्टि करता है। ज्योतिष के ये नियम बतायेंगे व्यापार में सफलता मिलेगी या… Horoscope 2019 किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540 ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook पाताल लोक (source: Pixabay) | तस्वीर साभार: Representative Image मुख्य बातें
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जिस तरह भू लोक और स्वर्गलोक का ब्रह्मांड में अस्तित्व है उसी तरह से पाताल लोक का भी अस्तित्व है। आज हम इसी पाताल लोक के बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि ये आखिर में कहां पर है और कैसा दिखता है। हिंदू महाग्रंथों और पुराणों के मुताबिक ब्रह्मांड में तीन लोक हैं जिसे त्रैलोक्य कहा जाता है। इसे कृतक त्रैलोक्य, महर्लोक और अकृतक त्रैलोक्य कहा जाता है। कृतक त्रैलोक्य को त्रिभुवन भी कहा जाता है इसके तीन भेद हैं- भूलोक, भुवर्लोक और स्वर्लोक। जितनी दूर तक सूर्य, चंद्रमा आदि का प्रकाश जाता है भूलोक कहलाता है। इसके अलावा पृथ्वी और सूर्य के बीच के लोक को भुवर्लोक कहते हैं यह सभी ग्रहों और नक्षत्रों का क्षेत्र है। तीसरा स्वर्लोक इसे स्वर्गलोक भी कहा जाता है। यह सूर्य और ध्रुव के बीच का भाग है जिनके बीच चौदह लाख योजन की दूरी का अंतर है। इसी में स्पतर्षि मंडल आता है। क्या है पाताल लोक पृथ्वी के नीचे के सातों लोगों के नाम हैं क्रमश: अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल। विष्णु पुरान के मुताबिक पूरे भूलोक का क्षेत्रफल 0 करोड़ योजन है और इसकी उंचाई 70 सहस्त्र योजन है। और इसी के नीचे ये सातों लोक बसे हैं। ये हैं पाताल लोक के निवासी पाताल लोक के आदमी कैसे होते हैं?आगे पढ़ें, कैसा है पाताल लोक और कौन है पाताल लोक के निवासी.... सात प्रकार के पाताल में जो अंतिम पाताल है वहां की भूमियां शुक्ल, कृष्ण, अरुण और पीत वर्ण की तथा शर्करामयी (कंकरीली), शैली (पथरीली) और सुवर्णमयी हैं। वहां दैत्य, दानव, यक्ष और बड़े-बड़े नागों और मत्स्य कन्याओं की जातियां वास करती हैं।
पृथ्वी से पाताल लोक की दूरी कितनी है?पहला अतल, दूसरा वितल, तीसरा सुतल, चौथा तलातल, पाँचवाँ महातल, छठा रसातल और सातवाँ पाताल । पुरुणों में लिखा है कि प्रत्येक पाताल की लंबाई चौडा़ई १० । १० हजार योजन है ।
पाताल लोक में कौन से लोग रहते हैं?कौन रहता है पाताल में? : हिन्दू धर्म में पाताल लोक की स्थिति पृथ्वी के नीचे बताई गई है। नीचे से अर्थ समुद्र में या समुद्र के किनारे। पाताल लोक में नाग, दैत्य, दानव और यक्ष रहते हैं। राजा बालि को भगवान विष्णु ने पाताल के सुतल लोक का राजा बनाया है और वह तब तक राज करेगा, जब तक कि कलियुग का अंत नहीं हो जाता।
पाताल लोक का रास्ता किधर से है?इस गुफा से जाता है पाताल लोक का रास्ता
क्रूबर, वोरोन्या के ब्लैक सागर के तट पर अबकाजिया शहर में स्थित है। माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे गहरी गुफा है। इस गुफा की गहराई 2197 मीटर यानी लगभग 7208 फीट है। यह गुफा धरती के अंदर कई शाखाओं में बंटी हुई है।
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