पारिजात का पौधा गमले में कैसे लगाएं? - paarijaat ka paudha gamale mein kaise lagaen?

मौसम: आप इस पौधे को बीज से या तना काटने से वसंत ऋतु से लेकर गर्मी के मौसम सहित बरसात के मौसम तक उगाना शुरू कर सकते हैं। सर्दियों में इस पौधे के बीजों को अंकुरित करने से बचें। पारिजात या हरसिंगार उष्ण कटिबंधीय जलवायु में उगना पसंद करते हैं।

प्रचार: आप पारिजात के पौधे को बीज, तने की कटिंग से प्रचारित कर सकते हैं, या आप सीधे बाजार से पौध खरीद सकते हैं।

बीजों से: 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी + 50% वर्मी-खाद जैसी किसी भी जैविक खाद का मिश्रण तैयार करें। इसे अच्छी तरह मिलाएं और फ्लावर पॉट में पॉटिंग मिक्स भरें।

प्रत्येक भाग में 2 सेमी की गहराई पर एक बीज बोयें और इसे पॉटिंग मिक्स से ढक दें। पर्याप्त नमी बनाए रखने के लिए मिट्टी में धीरे-धीरे पानी डालें। अधिक पानी न डालें और मिट्टी में नमी बनाए रखें। 7 से 14 दिनों के भीतर आप देखेंगे कि बीज से अंकुर निकल रहे हैं। 

प्रत्यारोपण: जब आपकी पौध 4 से 5 लीव अवस्था में पहुंच जाए या आपने पौध नर्सरी से नया पौधा खरीदा हो तो आप इन बातों का पालन करके रोपाई कर सकते हैं।



क्या पारिजात का पौधा गमले में लगा सकते हैं?

मेरा जवाब निश्चित रूप से हां है। मैं 16 इंच व्यास के मिट्टी के फूल के गमले में पारिजात पौधे उगा रहा हूं, जिसके तल में तीन जल निकासी छेद हैं जो फूल के गमले से सारा अतिरिक्त पानी निकाल देते हैं। 12 से 16 इंच के गमले में पॉटिंग मिक्स भर दें।

नए पौधे गमले में लगाएं और पौधे के आधार को गमले के मिश्रण से ढक दें। पौधे को ठीक से ठीक करने के लिए पौधे के आधार के चारों ओर थोड़ा दबाव डालें। गमले में पानी डालें और इसे कम से कम 10 दिनों तक छाया में रखें जब तक कि पौधे नए वातावरण में अच्छी तरह से स्थापित न हो जाए।

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पारिजात या हरशृंगार केयर गाइड

पारिजात का पौधा गमले में कैसे लगाएं? - paarijaat ka paudha gamale mein kaise lagaen?
Parijat or Night Blooming Jasmine Flowers

मिट्टी और पॉटिंग मिक्स: पारिजात का पौधा अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी को पसंद करता है, जो कार्बनिक पदार्थों से भरपूर होता है। 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी + 30% जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट या पत्ती खाद के साथ पॉटिंग मिक्स तैयार करें, इसे अच्छी तरह मिलाएं।

सूरज की रोशनी: पारिजात के पौधे या हरसिंगार को रोजाना 6 घंटे धूप की जरूरत होती है। यदि तापमान बहुत अधिक है तो इस पौधे को आंशिक छाया में रखकर रक्षा करने का प्रयास करें। अन्यथा सामान्य परिस्थितियों में इसे सीधे धूप में खुले टैरेस गार्डन में रखा जा सकता है।

पानी देना: मिट्टी को समान रूप से नम रखें लेकिन जलभराव से बचें। पानी तभी डालें जब मिट्टी की ऊपरी परत सूखी लगे। सर्दियों में बार-बार पानी देने से बचें।

उर्वरक: शुरुआती वसंत से लेकर देर से शरद ऋतु तक, महीने में एक बार दो मुट्ठी किसी भी जैविक खाद जैसे गाय के गोबर की खाद के साथ खाद डालें।

जुलाई के अंत से डीएपी  के 3 से 4 दानों के साथ खाद डालना शुरू करें या इस पौधे में बेहतर फूल के लिए प्याज के छिलके वाली खाद का उपयोग करें। वे आम तौर पर अगस्त से दिसंबर तक फूलना शुरू करते हैं। स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए जीवामृत या डीकंपोजर का प्रयोग करें।

प्रूनिंग: इस पौधे को उगाने के लिए प्रूनिंग बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। मृत और घायल शाखाओं की जाँच करते रहें और पौधे की वृद्धि को बढ़ाने के लिए समय-समय पर इसे हटाते रहें।

कीट और रोग: पारिजात का पौधा अधिकांश कीटों और रोगों के लिए प्रतिरोधी है इसलिए इसे उगाना और पौधे की देखभाल करना काफी आसान है। यदि गंभीर स्थिति में कोई कीट का हमला होता है तो आप कीट को नियंत्रित करने के लिए नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं।

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पारिजात पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या हम पारिजात को छत पर उगा सकते हैं?

हाँ, हम पारिजात को छत पर मध्यम से बड़े आकार के कंटेनरों में उगा सकते हैं जिनमें कम से कम 3 से 4 अच्छे जल निकासी छेद हों। हालाँकि गमलों में छत पर उगने से पौधे का समग्र विकास सीमित हो जाएगा लेकिन फिर भी यह एक अच्छे आकार में विकसित होगा और फूल पैदा करेगा।

How much time does it take for Cestrum nocturnum to reach first bloom when growing them from seeds in early spring?

If you have propagated Night Blooming Jasmine or Cestrum nocturnum from seeds then it will take around 5 to 6 years at least to start blooming.

Conclusion

You have read the complete article, now it is the time to go and grow a parijat tree in your home garden and fill your home with the divine smell of its flowers. If you have any query regarding Parijat or Night Blooming Jasmine, then please comment below.

हरसिंगार खुशबूदार फूलों वाला पौधा है जोकि बड़ा होकर करीब 20-30 फुट ऊंचा पेड़ बन सकता है। हरसिंगार के पौधे में सफेद रंग के छोटे-छोटे सुगंधित फूल खिलते हैं जिसकी डंडी नारंगी (Orange) रंग की होती है। हरसिंगार का पौधा पारिजात, शेफाली, प्राजक्ता, शिउली नाम से भारत में जाना जाता है। इसे इंग्लिश में Night blooming Jasmine या Indian Coral Jasmine भी कहते हैं। हरसिंगार का बोटैनिकल नाम Nyctanthes Arbortristis होता है।

हरसिंगार के फूल रात में खिलते हैं और सुबह होते तक गिरने लगते हैं। हरसिंगार के फूल में अच्छी भीनी-भीनी खुशबू आती है जिससे आस-पास का वातावरण महकने लगता है। हरसिंगार की पत्तियां, फूल, जड़ आदि का कई रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।

Q: हरसिंगार का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए ?

A: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या आँगन में पूर्व दिशा (east direction) में हरसिंगार या पारिजात लगाना चाहिए या गमले को रखना चाहिए।

Q: हरसिंगार का पौधा किस दिन लगाना चाहिए ?

A: सोमवार या गुरुवार के दिन लगाना चाहिए।

Q: हरसिंगार के फूल कब आते हैं

A: अगस्त से दिसंबर तक

Q: हरसिंगार के पत्ते कैसे होते हैं

A: हरसिंगार के पत्ते छूने में खुरदुरे, 2.5 से 4.5 इंच लंबे, गाढ़े हरे रंग के होते हैं।

Q: हरसिंगार का पेड़ कितना बड़ा होता है

A: 10-20 फीट औसत लंबाई होती है।

Table of Contents

  • 1 पारिजात या हरसिंगार का पौधा कैसे लगायें | How to grow Harsingar plant in hindi
  • 2 हरसिंगार या पारिजात का कलम कैसे लगाएं
    • 2.1 हरसिंगार के पौधे की देखभाल कैसे करे | Harsingar Plant Care in hindi
    • 2.2 हरसिंगार के फायदे | Harsingar Benefits in hindi 

पारिजात या हरसिंगार का पौधा कैसे लगायें | How to grow Harsingar plant in hindi

हरसिंगार लगाने के 2 तरीके हैं। हरसिंगार की कलम (cutting) लगायें या हरसिंगार के बीज से पौधा तैयार करें। हरसिंगार के कम से कम 4-5 साल पुराने पेड़ में ही बीज लगना शुरू होते हैं जिससे नए पौधे लगा सकते हैं। चूंकि हरसिंगार के पौधे या हरसिंगार के फूल आने का मौसम अगस्त से दिसंबर तक रहता है, इसलिए अगर आप हरसिंगार के बीज से पौधा तैयार करना चाहते हैं तो अप्रैल के महीने में लगायें।

पारिजात का पौधा गमले में कैसे लगाएं? - paarijaat ka paudha gamale mein kaise lagaen?
Harsingar ke phool

हरसिंगार या पारिजात का कलम कैसे लगाएं

हरसिंगार (पारिजात) की कलम / कटिंग लगाने के लिए हरसिंगार के पेड़ से हाथ की छोटी उंगली जितनी मोटी डाल तोड़ लें। नयी डाल का रंग हरा सा होता है और पुरानी डाल का रंग कुछ सफेद, भूरा होता है। हमें हरसिंगार की कलम लगाने के लिए पुरानी डाल ही चाहिए। इस डाल से करीब 8-10 इंच लंबी कलम काट लें। कलम का वो सिरा जिसे गमले में दबाना है उसे तिरछा कट लगाएं। कलम में 2-3 से ज्यादा पत्तियां नहीं होनी चाहिए। कलम को बोने के बाद 1/2 चम्मच एप्सम साल्ट (Magnesium Sulfate) 1 गिलास पानी में घोलकर पौधे में डाल दें। एप्सम साल्ट डालने से कलम को बढ़ने में मदद मिलती है और पौधा शॉक में नहीं आता।

कलम (Harsingar Cutting) को पहले किसी छोटे करीब 6-8 इंच के गमले में लगायें और छाँव में रखें। दिन में एक बार पानी का छिड़काव कर दें जिससे मिट्टी नम बनी रहे। कलम को ऐसे तब रखें जब तक कि उसमें 2-3 नयी पत्तियां न निकलने लगे। उसके बाद पौधे को ऐसी जगह रख सकते हैं जहाँ दिन में कुछ घंटे धूप आती हो लेकिन सीधी तेज धूप न लगे।

हरसिंगार का पौधा कम से कम 16 से 22 इंच के गमले में लगायें, जिससे खूब फूल और अच्छी बढ़त मिले। गमले की मिट्टी में 50% मिट्टी + 30% गोबर की खाद/वर्मी काम्पोस्ट + 20% कोकोपीट मिलाएं। आप इसके साथ में थोड़ा सा नीम की खली भी मिला सकते हैं। नीम की खली पौधे को माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स देती है और पौधे पर लगने वाले रोगों, कीड़ों से बचाव करती है। हो सके तो साल भर में 1 बार गमले की मिट्टी खाली करके नयी मिट्टी और खाद मिलाकर भर दें, नहीं तो गमले में ऊपर से ही कुछ खाद मिक्स कर दें।

Q: पारिजात या हरसिंगार का पेड़ कहां मिलता है ?

A: यह पौधा आपको किसी भी नर्सरी से मिल जाएगा। आप हरसिंगार के बीज ऑनलाइन खरीद सकते हैं या फिर हरसिंगार के किसी बड़े पौधे से कलम काटकर लगा सकते हैं। हरसिंगार का पेड़ पूरे भारत में मिलता है।

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हरसिंगार के पौधे की देखभाल कैसे करे | Harsingar Plant Care in hindi

पानी – गर्मी में पौधे को दिन में 2 बार हलका पानी दें, जिससे पौधे की मिट्टी नम हो जाए लेकिन जड़ों में पानी रुके नहीं। ये ध्यान रखें कि गमले की मिट्टी से एक्स्ट्रा पानी निकल जाए क्योंकि रुके हुए पानी से पौधे की जड़ खराब होने लगती है। ठंड के मौसम में दिन में 1 बार पानी दें।

धूप – हरसिंगार का पौधा ऐसी जगह लगायें जहाँ 6-8 घंटे धूप आए। सही धूप लगने से यह पौधा अच्छे से बढ़ता जाता है। अगर पौधा 5-6 फुट से ज्यादा बड़ा है तो तेज धूप से कोई दिक्कत नहीं है। हरसिंगार का पौधा घर के अंदर (indoor) नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि वहाँ इसे धूप नहीं मिलेगी। एक बार बढ़ जाने के बाद हरसिंगार के पौधे को बहुत ज्यादा मेंटीनेंस (देखभाल) की जरूरत नहीं होती।

नोट – अगर आप हरसिंगार गमले में लगाना चाहते हैं तो यह ध्यान रखें कि गमला साइज़ में जितना बड़ा होगा, पौधे की ग्रोथ (वृद्धि) वैसी ही होगी। हरसिंगार का पौधा गमले में लगाने पर भी फूल देता है लेकिन पौधे की ग्रोथ एक लिमिट से ज्यादा नहीं बढ़ती है। पौधे की जड़ को जितना ज्यादा फैलने की जगह मिलेगी, पौधा उसी अनुपात (ratio) में ऊंचाई और वृद्धि प्राप्त करता है। हरसिंगार का पौधा बढ़कर एक बड़ा पेड़ बन जाता है इसलिए अगर आप इसे जमीन में लगायें तो बेस्ट है।

हरसिंगार के फायदे | Harsingar Benefits in hindi 

हरसिंगार के फूलों से खशबुदार तेल, एसेंशियल ऑइल आदि बनाए जाते हैं जिनका प्रयोग सेन्ट, कॉस्मेटिक, अरोमाथेरेपी आदि में प्रयोग होता है। भारत के कुछ भागों में हरसिंगार के सूखे फूल या ताजे फूल खाये भी जाते हैं। हरसिंगार के फूल (Harsingar flower) को रगड़ने पर पीला रंग मिलता है जिसे ऑर्गैनिक कलर बनाने में प्रयोग किया जाता है।

हरसिंगार की पत्ती, फूल कई तरह के दर्द, आर्थ्राइटिस, सूजन, खांसी, फीवर, जुकाम-खांसी, कब्ज, पेट की समस्या ठीक करने में फायदा करता है। हरसिंगार तेल (Harsingar oil) की महक से स्ट्रेस, टेंशन से आराम मिलता है और अच्छी नींद आने में सहायता करती है।

हरसिंगार का काढ़ा पीने के फायदे की जानकारी पाने के लिए ये लेख देखें : हरसिंगार की पत्ती का काढ़ा किन 9 रोगों में बहुत फायदेमंद है।

हरसिंगार का पौधा (Harsingar plant) लगाने की जानकारी की अपने ऐसे मित्रों-परिचितों के साथ व्हाट्सप्प जरूर शेयर करें जिन्हे बागवानी (gardening), पौधे लगाने का शौक है।

क्या पारिजात को गमले में लगाया जा सकता है?

यह एक वृक्ष है इसे गमले में लगाना उचित नहीं है।

पारिजात का पौधा कौन से महीने में लगाना चाहिए?

चूंकि हरसिंगार के पौधे या हरसिंगार के फूल आने का मौसम अगस्त से दिसंबर तक रहता है, इसलिए अगर आप हरसिंगार के बीज से पौधा तैयार करना चाहते हैं तो अप्रैल के महीने में लगायें।

पारिजात का पौधा घर में लगा सकते हैं क्या?

पारिजात का वृक्ष घर में लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में बरकत भी आती है। यदि वास्तु के अनुसार पारिजात का पौधा लगाते हैं तो घर में धन धान्य की कमी नहीं होती।

पारिजात का पौधा घर में कैसे लगाएं?

पारिजात का पौधा घर पर गमले में कैसे लगाएं?.
मिट्टी के बर्तन में 16 इंच का डायमीटर होना चाहिए जिसमें तल पर तीन जल निकासी छेद हों क्योंकि यह बर्तन से अतिरिक्त पानी से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है।.
स्प्रिंग सीजन में बीज या कटे हुए तने के साथ इसे रोपें।.