पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai

आज की इस पोस्ट में हम प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन (purn aantrik pravartan) की घटना के बारे में पढ़ने वाले हैं| पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्तें , उदाहरण और उपयोग के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको मिलने वाली है|

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के बारे में पढ़ने से पहले आपको प्रकाश के अपवर्तन के बारे में पता होना चाहिए| प्रकाश के अपवर्तन से संबंधित आप हमारी इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|👇

प्रकाश का अपवर्तन और अपवर्तनांक

पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या है?(total internal reflection in hindi) 

पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai
Total internal reflectionहम जानते हैं कि जब प्रकाश- किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो वह अभिलंब से दूर हट जाती है| इस स्थिति में अपवर्तन कोण का मान आपतन कोण से अधिक होता है|( चित्र a)
यदि आपतन कोण के मान को बढ़ाते जाएं तो अपवर्तन कोण का मान भी बढ़ने लगता है| आपतन कोण के एक विशेष मान पर अपवर्तन कोण का मान 90° के बराबर हो जाता है| आपतन कोण का यह विशेष मान क्रांतिक कोण(critical angle) कहलाता है|(चित्र b)


अब यदि आपतन कोण के मान को क्रांतिक कोण के मान से और बढ़ाया जाए तो प्रकाश किरण विरल माध्यम में न जाकर सघन माध्यम में परावर्तित हो जाती है| इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं|(चित्र c)

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की परिभाषा( definition of total internal reflection) :

जब कोई प्रकाश-किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है और यदि आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक होता है, तो प्रकाश-किरण विरल माध्यम में न जाकर सघन माध्यम में ही परावर्तित हो जाती है| इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन( total internal reflection) कहते हैं|


पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्तें(purn aantrik paraavartan ki sharte):

1. प्रकाश-किरण को सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए|
2. आपतन कोण के मान को क्रांतिक कोण के मान से सदैव अधिक होना चाहिए|

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण(examples of total internal reflection) 

1.हीरे का चमकना- हीरे का चमकना पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होता है| हीरे का अपवर्तनांक 2.42  होता है, जिसके लिए क्रांतिक कोण का मान बहुत ही कम(लगभग 24.41°) होता है| जब प्रकाश हीरे के अंदर प्रवेश करता है, तो क्रांतिक कोण का मान कम होने के कारण बार-बार उसका पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है  जिसके कारण हीरा चमकदार दिखाई देता है|

2.रेगिस्तान में मरीचिका(Mirage) – रेगिस्तान में दिन के समय यात्रियों को कुछ दूरी पर जलाशय या झील दिखाई देती है| उसमें आसपास के पेड़ पौधों के प्रतिबिंब ऐसे दिखाई देते हैं जैसे वे पानी के किनारे हों| किंतु वहां पहुंचने पर जलाशय नहीं होता है| इस दृष्टिभ्रम को ही मरीचिका(mirage)  कहते हैं|
 ऐसा क्यों होता है?
रेगिस्तान में दिन के समय सूर्य की गर्मी से रेत गर्म हो जाती है, जिससे उसके समीप की वायु पर्त गर्म होकर विरल हो जाती है| ऊपर जाने पर वायु की सघनता क्रमशः बढ़ने लगती है | किसी पेड़ से नीचे की ओर चलने वाली किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है अतः अभिलंब से दूर हट जाती है| एक स्थिति ऐसी आती है जब आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक हो जाता है जिससे उनका पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जाता है| अब प्रकाश किरणे नीचे से ऊपर की ओर विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है जिससे अभिलंब की ओर झुकती जाती है| जब ये किरणें आंख में प्रवेश करती है तो वृक्ष का उल्टा प्रतिबिंब दिखाई देता है| वायु-पर्तो का घनत्व कुछ ना कुछ परिवर्तित होता रहता है| अतः वृक्ष का प्रतिबिंब स्थिर न रहकर हिलता हुआ दिखाई देता है, जिससे यात्रियों को वहां जलाशय होने का भ्रम होता है|

3.ठंडे प्रदेशों में समुद्र तट पर खड़े व्यक्ति को दूर से आता हुआ जहाज ऊपर वायु में उल्टा लटका हुआ दिखाई देता है| इस दृष्टि भ्रम को ठंडे प्रदेशों की मरीचिका कहते हैं| इसका कारण भी प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन है|


4. पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण ही पानी के अंदर वायु का बुलबुला चमकदार दिखाई देता है|


5. पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण ही चटके हुए काँच में पड़ी दरार चमकदार दिखाई देती है, क्योंकि उत्पन्न दरार में वायु की पतली पर्त आ जाती है| इस प्रकार जब प्रकाश किरणें काँच(सघन माध्यम) से वायु(विरल माध्यम) में प्रवेश करती है तो जिन किरणों का आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक होता है, वे किरणें पूर्ण आंतरिक परावर्तित होकर आँख में प्रवेश करती है जिससे काँच का चटका हुआ भाग चमकदार दिखाई देता है|

पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai
पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai

प्रकाश का  पूर्ण आंतरिक परावर्तन  वास्तव में  परावर्तन का ही एक  रूप है  जिसके लिए  विशेष शर्ते होती हैं जिनकी बात हम आगे करेंगे

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की परिभाषा-सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती हुई प्रकाश की किरण के आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक हो जाता है तब वह किरणों वापस उसी माध्यम में लौट जाती है इसी प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं

पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai
पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai

पूर्ण आंतरिक परावर्तन को समझने के लिए सबसे पहले क्रांतिक कोण को समझना तब यहां पर – क्रांतिक कोण क्या है ?

जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है तो वह अभिलंब से दूर हो जाती है और आपतन कोण का मान बढ़ाने पर अपवर्तन कोण का मान भी बढ़ता है यानी आपतन कोण का मान बढ़ाने पर प्रकाश की किरण अभिलंब से और दूर होती जाती है जब अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री होता है और फिर इससे ज्यादा होने पर प्रकाश किरण उसी माध्यम में वापस लौट आती है इसी परावर्तन को पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं यानी टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्तें एवं नियम

  • पूर्ण आंतरिक परावर्तन होने के लिए प्रकाश की किरण का सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए

क्योंकि सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाने पर ही किरण अभिलंब से दूर हटती है

  • पूर्ण आंतरिक परावर्तन की दूसरी शर्त है सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती हुई प्रकाश की किरण के आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिए

तभी अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री से ज्यादा होगा और पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो पाएगा

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण

हीरे का चमकना पूर्ण आंतरिक परावर्तन का उदाहरण है

हीरा बहुत ज्यादा पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण ही चमकता है हीरे के लिए क्रांतिक कोण का मान 24.41° व अपवर्तनांक कोण का मान 2.42⁰ होता है जो कि बहुत ही कम है जब कोई प्रकाश की किरण हीरे से टकराती है तो हीरे का क्रांतिक कोण का मान कम होने के कारण उस किरण का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है हीरे के फलको को विशेष प्रकार से कटा जाता है ताकि प्रकाश इसके किसी भी फलक पर आपतित हो तो आपतन कोण का मान उसके क्रांतिक कोण से अधिक हो जिस से प्रकाश का बार बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है हीरे से टकराया हुए प्रकाश केवल उन्हीं बिंदुओं से बाहर निकलता है जहां उसे आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से कम मिलता है और बचा हुए प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता रहता है इसलिए हीरे की चमक बढ़ जाती है

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पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai

मरीचिका या mirage

गर्मियों के दिनों में रेगिस्तान में किसी पेड़ का प्रतिबिंब हमें नीचे दिखाई पड़ता है जैसे कि वह है पेड़ पानी में दिख रहा हो ऐसा इसलिए होता है गर्मियों के दिनों में रेगिस्तान में रेत गर्म हो जाती है जिससे जमीन के पास वाली बाई की परतें बेल माध्यम का काम करती हैं इन जमीन के पास वाली वायु की परतों का घनत्व ऊपर की परतों से कम होता है जमीन के पास की वायु की पर्दे विरल माध्यम और ऊपर सघन माध्यम हो जाता है तब किसी वस्तु से चलने वाली किरण नीचे की और आती है

पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai
पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai

तब उसे सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करना होगा ऐसे में किरणे अभिलंब से दूर हटेगी आपतन कोण का मान बढ़ने पर अपवर्तन कोण का मान बढ़ता है और आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक होने पर इन किरणों का पूर्ण आंतरिक परावर्तन हो जाता है

यानी बे किरण वापस उसी माध्यम में लौटने लगती हैं हमारी आंखों की ओर तब उन्हें विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करना होता है जिसमें अभिलंब की ओर झुकती हैं हो सकती हैं जब यह किरण है आंखों मैं प्रवेश करती हैं तो वह पेड़ हमें उल्टा दिखाई पड़ता है

प्रकाशिक तंतु यानी ऑप्टिकल फाइबर केबल

प्रकाशिक तंतु प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन पर आधारित एक ऐसी डिवाइस है जिससे प्रकाश सिग्नल को बिना कम कीजिए यानी उसी तीव्रता सीधे या टेड मेडे मार्ग से से लंबी दूरी तक भेजा जा सकता है प्रकाशिक तंतु सिग्नल को पूर्ण आंतरिक परावर्तन से ही एक जगह से दूसरी जगह पहुंच आती है

पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है जब प्रकाश जाता है - poorn aantarik paraavartan hota hai jab prakaash jaata hai
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आशा है पूर्ण आन्तरिक परावर्तन आपके समझ आ गया होगा यदि काम आया हो तो इसे शेयर जरूर करें नीचे buttons है कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट में लिखें

पूर्ण आंतरिक परावर्तन का उदाहरण क्या है?

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उदाहरण- पूर्ण आंतरिक परावर्तन के अनेक उदाहरण हमारे दैनिक जीवन में देखने को मिलते है। * हीरा अत्यधिक चमकता हैं। * रेगिस्तान में मरीचिका तथा ठण्डे देशों में मरीचिका दिखाई देती है। * काँच का चटका हुआ भाग चमकीला दिखाई देता है।

प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कब होता है?

Solution : पूर्ण आंतरिक परावर्तन-जब आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से भी अधिक हो जाता है तो अपवर्तन न होकर प्रकाश का पूर्ण परावर्तन सघन माध्यम में ही हो जाता है, इसे पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते है

पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्यों होता है?

Solution : पूर्ण आन्तरिक परावर्तन-जब कोई प्रकाश किरण सघन से विरल माध्यम में जाती है, तब सघन माध्यम में उस किरण के आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक होने पर वह किरण परावर्तित होकर उसी माध्यम में ही लौट आती है। <br> इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन कहते हैं।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्तें क्या हैं इसका एक प्रायोगिक उपयोग बताएँ?

Answer: पूर्ण आंतरिक परावर्तन : जब कोई प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है और जब आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक होता है तो प्रकाश किरण दूसरे माध्यम में प्रवेश करने के बजाय उसी माध्यम में परावर्तित हो जाती है। इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं