प्रस्तावना से ‘समाजवाद’ शब्द को हटाने का प्रस्ताव
प्रीलिम्स के लिये:समाजवाद, 42वाँ संविधान संशोधन Show
मेन्स के लिये:संविधान की प्रस्तावना से संबंधित विषय, 42वें संविधान संशोधन के निहितार्थ चर्चा में क्यों?सत्तारूढ़ दल के एक राज्यसभा सदस्य ने संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवाद’ शब्द हटाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। प्रमुख बिंदु
समाजवाद का अर्थभारत में लोकतांत्रिक समाजवाद है अर्थात् यहाँ उत्पादन और वितरण के साधनों पर निजी और सार्वजानिक दोनों क्षेत्रों का अधिकार है। भारतीय समाजवाद का चरित्र गांधीवादी समाजवाद की ओर अधिक झुका हुआ है, जिसका उद्देश्य अभाव, उपेक्षा और अवसरों की असमानता का अंत करना है। समाजवाद मुख्य रूप से जनकल्याण को महत्त्व देता है, यह सभी लोगों को राजनैतिक व आर्थिक समानता प्रदान करने के साथ ही वर्ग आधारित शोषण को समाप्त करता है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना
42वाँ संविधान संशोधन
प्रस्तावना में संशोधन
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेसSolution : समाजवाद का अर्थ है भारत में शासन-व्यवस्था इस प्रकार चलाई जाए जिससे सभी वर्गों को, विशेष रूप से पिछड़े वर्गों को, अपने विकास के लिए उचित वातावरण तथा परिस्थितियाँ मिलें, आर्थिक असमानता कम हो और देश के विकास का फल थोड़े से लोगों के हाथों में न होकर समाज के सभी लोगों को मिले। इसका उद्देश्य सभी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक शोषण से छुटकारा है। समाजवादी शब्द संविधान की प्रस्तावना में सन् 1976 में 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था। प्रस्तावना में समाजवादी का क्या अर्थ है?राजनीतिक दल
आपातकाल के दौरान 1976 के 42 वें संशोधन अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान के प्रस्तावना में समाजवादी शब्द को जोड़ा गया था। यह सामाजिक और आर्थिक समानता का तात्पर्य है। इस संदर्भ में सामाजिक समानता का मतलब केवल जाति, रंग, पंथ, लिंग, धर्म या भाषा के आधार पर भेदभाव की अनुपस्थिति है।
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी शब्द है क्या?Detailed Solution. सही उत्तर 42 वां है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में "समाजवादी" शब्द को 42 वें संशोधन द्वारा लाया गया था।
प्रस्तावना में समाजवादी शब्द कैसे जोड़ा गया?तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान 1976 में संविधान के 42वें संशोधन के एक भाग के रूप में इन दो शब्दों को प्रस्तावना में समाविष्ट किया गया था।
समाजवाद से क्या तात्पर्य है?समाजवाद (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक दर्शन है। समाजवादी व्यवस्था में धन-सम्पत्ति का स्वामित्व और वितरण समाज के नियन्त्रण के अधीन रहते हैं। आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक प्रत्यय के तौर पर समाजवाद निजी सम्पत्ति पर आधारित अधिकारों का विरोध करता है।
|