पेट में एसिड बनने का मुख्य कारण क्या है? - pet mein esid banane ka mukhy kaaran kya hai?

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एसिड रिफ्लक्स उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है. जब खाना ढंग से पचता नहीं है तो वह एसिड का निर्माण करता है और यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है.

हम जो भी भोजन करते हैं, वो एक नली के द्वारा मुंह से होकर पेट तक जाता है. उस नली को इसोफेगस कहते हैं. इसोफेगस का दूसरा नाम भोजन नली भी है. यह नली गले और पेट के बीच एक तरह से पुल का काम करती है, जिससे होकर भोजन पहले छोटी आंत, फिर बड़ी आंत से होता हुआ किडनी तक की यात्रा तय करता है. यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया होती है. खाया गया भोजन पचकर शरीर को आवश्‍यक जरूरी तत्‍व प्रदान करने और उसका वेस्‍ट हिस्‍सा शरीर से बाहर निकलने से पहले एक लंबी प्रक्रिया से गुजरता है.

एसिड रिफ्लक्‍स उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्‍से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है. जब खाना ढंग से पचता नहीं है तो वह एसिड का निर्माण करता है और यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है.

एसिड रिफ्लक्‍स के लक्षण

हालांकि गैस, अपच, एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्‍स की समस्‍या कभी भी पाचन तंत्र में होने वाली किसी भी गड़बड़ी के कारण हो सकती है. ज्‍यादा तेल-मसाले वाला खाना खाने, गरिष्‍ठ खाना खाने या भूख से ज्‍यादा खा लेने पर भी एसिडिटी या अपच हो जाती है, लेकिन कुछ खास लक्षण ऐसे हैं, जो प्रोलॉंग एसिड रिफ्लक्‍स की ओर इशारा करते हैं.

अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण को लंबे समय तक महसूस करें तो उसे इग्‍नोर न करें. यह एसिड रिफ्लक्‍स हो सकता है.

पेट में जलन

अगर आपको अकसर खाना खाने के बाद पेट में जलन सी महसूस होती है तो इसका अर्थ है कि खाना पच नहीं रहा है और इसकी वजह एसिड रिफ्लक्‍स हो सकती है.

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सीने में जलन

अगर खाना खाने के तुरंत बाद आपको सीने में जलन सी महसूस होती है तो इसे इग्‍नोर न करें. तुरंत डॉक्‍टर की सलाह लें.

खट्टी डकारें आना

भोजन के उपरांत और उसके कई घंटे बाद भी अगर आपके मुंह से खट्टी डकारें आ रही हैं या सांस में एसिडिक एहसास बना हुआ है और यह लंबे समय से हो रहा है तो यह एसिड रिफ्लक्‍स का संकेत हो सकता है.

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मुंह से बदबू आना

लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्‍स की स्थिति बनी रहने वाली हमारी सांस पर भी उसका असर दिखाई देने लगता है. मुंह से हमेशा एक एसिडिक किस्‍म की महक आती रहती है. जेसे टीवी के विज्ञापनों में दिखाते हैं कि मुंह की बदबू की वजह टूथब्रश करना नहीं होता. ऐसा नहीं है. हालांकि ब्रश रोज दो बार करना चाहिए लेकिन फिर भी मुंह से आनी वाली स्‍थाई दुर्गंध की मुख्‍य वजह पाचन तंत्र की गड़बड़ी है.

खाना निगलने में दर्द होना

अगर आपको खाना निगलने में परेशानी हो रही है तो इसे भी इग्‍नोर न करें. यह एसिड रिफ्लक्‍स की शुरुआत हो सकती है.

गले में गांठ बनना

लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्‍स की स्थिति बनी रहने पर गले में गांठ भी हो सकती है.

बार-बार लंग इंफेक्‍शन होना

एसिड के इसोफेगस में लौटने की वजह से बार-बार लंग इंफेक्‍शन भी होने लगता है. इसलिए इस संकेत के प्रति भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.

हाइपरएसिडिटी (Hyperacidity) एक गंभीर समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। इसे आम भाषा में पित्त बनना भी कहते हैं। खाना पचाने और पाचन तंत्र के बेहतर कामकाज के लिए पित्त जरूरी होता है लेकिन जब इसका उत्पादन अधिक होता है, तो आपको एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स सहित कई समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर में पित्त का उत्पादन ज्यादा होने यानी एसिडिटी के लक्षण क्या हैं? इसके लक्षणों में हार्ट और चेस्ट बर्न, खट्टी या कड़वी डकार, जी मिचलाना, गला जलना, उल्टी, पेट की गैस, पेट में भारीपन, पेट में दर्द, छाती में दर्द, सिरदर्द, सांस की बदबू, पैरों, हाथों में तेज जलन महसूस होना, मुंह में अल्सर, थकान, चक्कर आना और पूरे शरीर में खुजली महसूस होना आदि शामिल हैं।

हाइपरएसिडिटी के क्या कारण हैं? हाइपरएसिडिटी यानी पित्त का ज्यादा बनने का कई कारण हैं जैसे मसालेदार भोजन, गर्म मसलों का अधिक इस्तेमाल, फास्ट फूड ज्यादा तेल वाली चीजें, कम पानी पीना आदि। आयुर्वेद डॉक्टर अंकित अग्रवाल के अनुसार, रोजाना खाए जाने वाले कुछ खाद्य-पदार्थ इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।

दूध के साथ मछली या नमक

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पेट में ज्यादा पित्त बनने की वजह ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन है, जिनका आपस में कोई मेल नहीं है। गलत फूड कॉम्बिनेशन न सिर्फ हाइपरएसिडिटी बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आपको कभी भी दूध और मछली या दूध और नमक नहीं खाना चाहिए।

बासी खाना

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कई लोग सुबह उठकर नाश्ते में रात का बचा हुआ बासी खाना खाते हैं। बासी खाने के नुकसान की लिस्ट लंबी है।अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं, तो आपको इस आदत में सुधार कर लेना चाहिए। बासी खाना आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और इससे एसिडिटी या फूड पॉइजनिंग हो सकती है।

पेट में क्यों बनता है ज्यादा तेज़ाब

भोजन छोड़ना भी है पित्त की वजह

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खाने-पीने की गलत आदतें जैसे अनियमित भोजन करना, भोजन छोड़ना और मसालेदार, तैलीय और फास्ट-फूड का सेवन करने से एसिडिटी हो सकती है। आपको इन चीजों को रात में खाने से बचना चाहिए।

बियर या वाइन

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अगर आप बियर या वाइन पीने की शौकीन हैं, तो आपको इस आदत में थोड़ा सुधार कर लेना चाहिए। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आपको बहुत अधिक मात्रा में बियर या वाइन का सेवन करते हैं, तो आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

पैकेज्ड या फ्रोजन फूड

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अगर आप बहुत बार पैकेज्ड या फ्रोजन फूड खाने वालों में से हैं, तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। यह चीजें पेट में गैस बनाती हैं और एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकती हैं।

हाइपरएसिडिटी से बचने के उपाय

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डॉक्टर अंकित के अनुसार, पित्त दोष के उचित पाचन और रखरखाव से आपको एसिडिटी, गैस्ट्राइटिस और सूजन से राहत मिलती है। इसके लिए आपको ज्यादा मसालेदार भोजन से बचना चाहिए, फल-सब्जियों का अधिक सेवन करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, समय पर खाएं, भोजन न छोड़ें और खाली पेट कैफीन न लें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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पेट में बहुत ज्यादा एसिड क्यों बनता है?

पेट में ज्यादा पित्त बनने की वजह ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन है, जिनका आपस में कोई मेल नहीं है। गलत फूड कॉम्बिनेशन न सिर्फ हाइपरएसिडिटी बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आपको कभी भी दूध और मछली या दूध और नमक नहीं खाना चाहिए।

पेट में ज्यादा एसिड बने तो क्या करें?

1) लम्बे समय से एसिडिटी है तो..?.
अदरक के टुकड़े पर काला नमक छिड़ककर चूसें।.
अदरक को पानी के साथ उबालकर भी पी सकते हैं।.
आंवले को काले नमक के साथ या उबालकर या फिर मुरब्बे अथवा जूस के रूप में ले सकते हैं। ... .
भोजन के बाद तुलसी की कुछ पत्तियां चबाएं या फिर गर्म पानी में डालकर इसका सेवन करें।.
दूध की चाय के बजाय हर्बल चाय पिएं।.

पेट में एसिड बनने के क्या लक्षण है?

एसिडिटी के लक्षण (Symptoms of Acidity).
सीने में जलन जो भोजन करने के बाद कुछ घंटो तक लगातार रहती है।.
खट्टी डकारों का आना कई बार डकार के साथ खाने का भी गले तक आता है।.
अत्यधिक डकार आना और मुँह का स्वाद कड़वा होना.
पेट फूलना.
मिचलाहट होना एवं उल्टी आना.
गले में घरघराहट होना.
साँस लेते समय दुर्गन्ध आना.
सिर और पेट में दर्द.

एसिडिटी से कौन सी बीमारी होती है?

एसिडिटी के कारण कई बार रोगी ऐसा महसूस करता है जैसे भोजन उसके गले में आ रहा है या कई बार डकार के साथ खाना मुँह में आ जाता है। रात्रि में सोते समय इस तरह की शिकायत ज्यादा होती है। कई बार एसिड भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिससे मरीज को दमा या खांसी की तकलीफ भी हो सकती है।