🌾रजब की बहारे🌾 ☝🏽रजब का एहतिराम और इसका इनआम✔ 👉🏽हज़रते ईसा रूहल्लाह के दौर का वाक़ीआ है कि एक शख्स मुद्दत से किसी औरत पर आशिक़ था। एक बार उस ने अपनी माशुका पर क़ाबू पा लिया। 👉🏽लोगो की हल चल से उस ने अंदाज़ा लगाया की लोग चाँद देख रहे है, उसने उस औरत से पूछा : लोग किस माह का चाँद देख रहे है ? 👉🏽हज़रते ईसा रूहल्लाह को हुक्म हुवा की हमारे फुला बन्दे की मुलाक़ात को जाओ। आप तशरीफ़ ले गए और अल्लाह का हुक्म और अपनी तशरीफ़ आवरी का सबब इरशाद फरमाया। 💐मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो देखा आपने रजब की बहारे ! रजबुल मुरज्जब की ताज़ीम करके जब एक गैर मुस्लिम को ईमान की दौलत नसीब हो गई तो ज़रा सोचिये की जो मुसलमान हो कर इस माह की ताज़ीम करते हुवे इस में गुनाह न करे, झूट, गीबत, चुगली, फरेब, वादा खिलाफी वग़ैरा गुनाहो से हत्तल इमकान बचने की कोशिश करे 👉🏽नीज़ पूरा महीना इबादत व रियाज़त में गुज़ारे, नमाज़ों की पाबंदी करे, इशराक़ व चाश्त के नवाफ़िल पढ़े, नमाज़े तहज्जुद अदा करे, इस माह के नफ्लि रोज़े भी रखे, शब् में क़याम व तिलावते कुरआन भी करे तो ऐसा शख्स अल्लाह की तरफ से कैसे कैसे इनआम व इकरामात का मुस्तहिक़ होगा ? 🖊हवाला 📮Posted by:-👇🏿👇🏿 DEEN-E-NABI ﷺ 👉🏽मकाशफतुल कुलूब में है कि रजब दर असल तरजिब से मुश्तक़ (यानि निकला) है, इसके माना है : ताज़ीम करना। 👉🏽गुन्यतूत्तालिबिन में है कि इस माह को "शहरे रजम" भी कहते है क्यू की इस में शैतानो को रजम यानी संग सार किया जाता है ताकि वो मुसलमानो को इज़ा न दे। 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ✔हुरमत वाले 4 महीने✔ 👉🏽रजबुल मुरज्जब भी उन चार महीनो में से एक है, जिन की हुरमत व अज़मत का जिक्र क़ुरआने पाक में किया गया है। जैसा की सुरतुतौबा की आयत 36 में इन महीनो की हुरमत के मुतअल्लिक़ इरशाद होता है : 👉🏽मुफ़्ती अहमद यार खान अलैरहमा इस आयते करीमा के तहत
इरशाद फरमाते है : 👉🏽इससे मालुम हुआ की जब तमाम महीने, तमाम दिन, तमाम जमाअते, दर्जे में बराबर नहीं तो इंसान आपस में बराबर कैसे हो सकते है ? 📨Continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ⁉गुनाहो पर गुनाह...आखिर क्यू⁉ 👉🏽जरा सोचिये ! ऐसा क्यू है ? हम गुनाहो के दल दल में ग़र्क़ होते चले जा रहे है, लेकिन हमारे कान पे जूं तक नहीं रेंगती ? हम दिन रात गुनाहो
में धुत रहते है, लेकिन हमे घबराहट तक नहीं होती। 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ☝🏽रजब अल्लाह का महीना है☝🏽 🌱हज़रते अनस رضي الله تعالي عنه से मरवी है की हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : 📨Continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ☝🏽अहादिसे मुबारका और
रजब के फ़ज़ाइल 💐मीठे और प्यारे इस्लिमी भाइयो ! 📨Continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ 🌴नबिय्ये करीम ﷺ ने फ़रमाया : 👉🏽हज़रत मुफ़्ती अहमद यार खान अलैरहमा फरमाते है : 👉🏽इस्तिग़फ़ार करने के बे शुमार फ़ज़ाएलो वरकात है. याद् रखिये ! इस्तिग़फ़ार का मतलब है "मगफिरत तलब करना, गुनाहो की मुआफ़ी मांगना, बख्शीश चाहना" अल्लाह कुरआन में इस्तिग़फ़ार के बारे में इरशाद फ़रमाता है : 👉🏽तफ़सीरे दुर्रे मन्सूर में है कि जब ये आयते मुबारक नाज़िल हुई तो इब्लीस ने चीख चीख कर अपने लश्कर को पुकारा, अपने सर पर खाक डाली और खूब आहो ज़ारी की, हत्ता कि तमाम कायनात से उस के चेले जमा हो गए और बोले : 📨Continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ 👹तौबा की राह में रुकावट👹 📝कल की पोस्ट में शैतान के चेलो का ये कहना इंतिहाई क़ाबिले तशविश् है कि हम उन पर ख्वाहिशात के दरवाज़े खोल देंगे कि वो तौबा व इस्तग़फ़ार न कर पाएंगे और वो इसी ख़याल में होंगे कि वो हक़ पर है। 👉🏽गोया शयातीन की ये बात हमारे लिये एक चेलेंज की हेसिय्यत रखती है, लिहाज़ा हमें चेलेंज को क़ुबूल करते हुवे मैदाने अमल में उतर जाना चाहिये 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ✔आओ गुनाहगारो ! मगफिरत मांग लो✔ 🌱हज़रते अबू सईद
رضي الله تعالي عنه बयान करते है कि रसूलल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया : ✔याद रखिये ! इस्तिग़फ़ार जहा गुनाहो से आलूदा दिल का मेल साफ़ करने का सबब है, वही एक बेहतरीन दुआ भी है और आसानी से नेकिया कमाने का
ज़रीआ भी. 👉🏽लिहाज़ा हमे चाहिये किजब भी अपने लिये मगफिरत कि दुआ करे तो अपने इस्लामी भाइयो और इस्लामी बहनो को भी इस में ज़रूर शामिल करे. 📨continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ
🌅रजब के ख़ास दिन और राते🌌 👉🏽अमीरुल मुआमिनीन हज़रते अलिय्युल मुर्तज़ा करम-अल्लाहु-तआला-वजहुल-करीम इस माह की पहली शब् को ख़ास एहतिमाम के साथ इबादत किया करते थे। मनकुल है की आप का दस्तूर था कि आप साल की 4 राते हर कम से खली करके इबादत के लिये मख़्सूस फरमाया करते थे। 👉🏽हज़रते खालिद बिन मादान रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है : 📨Continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ 🌅रजब के ख़ास दिन और राते🌌 👉🏽जिस तरह रजब की पहली शब निहायत अहम है, इसी तरह इस की 27वी तारीख भी बहुत फ़ज़ीलत वाली है, क्योंकि ये वो अज़ीम रात है, जिस में प्यारे आक़ा की तरफ पहली वही भेजी गई और इसी रात में सरकार दो आलम मेराज के लिए तशरीफ़ ले गए. एहि वजह है की 27वी शब् में इबादत करने और इस के दिन में रोज़ रखने वाले खुश नसीबो को ढेरो अज्रो षवाब अता किया जाता है. 👉🏽आइये इस जिम्न में 3 फरमाने मुस्तफा देखते है : 📨continue...
🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ 🌅रजब के ख़ास दिन और राते🌌 💐मीठे और प्यारे इस्लामी भइयो ! देखा आपने कि हम जेसे गुनाहगारो के लिए रजबुल मुरज्जब की 27वी तारीख अल्लाह का अता करदा कैसा अज़ीमुश्शान तोहफा है कि जो शख्स इखलास के साथ इस का रोज़ रखे, उस के दस साल के गुनाह मुआफ़ हो जाते है निज जिस खुश नसीब को इस रात में नवाफ़िल पढने और इबादत करने की सआदत हासिल हो जाए, उसे 100 साल के रोज़ो के बराबर षवाब अता किया जाता है. अगर हम भी 27वी शब् इबादत में गुज़ारे और दिन का रोज़ रखे तो अल्लाह की रहमत से क़वी उम्मीद है कि ये तमाम फ़ज़ाइल हमे भी हासिल हो सकते है. 💐मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! सांसो का कोई भरोसा नही, न जाने कब ये सांसे रुक जाए और इस के साथ साथ हमारे आमाल का सिलसिला मौक़ूफ़ हो जाए. लिहाज़ा नेकियों का कोई मौक़ा हाथ से न जाने दे, अगर अल्लाह के फ़ज़लो कर्म से ज़िन्दगी में एक बार फिर रजब का मुबारक महीना नसीब हुवा तो हमे चाहिये कि इसे अपनी खुश किस्मती समझते हुवे सिर्फ पहली और सत्ताइसवी का रोज़ रकने के बजाए जितना बन पीडीए, इस माह के अक्सर अय्याम रोज़े के साथ गुज़ार दे, क्या खबर एहि हमारी ज़िन्दगी का आखिरी रजब हो. 📨continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ✔नफ्ली रोज़ो के अज़ीमुश्शान फ़ज़ाइल✔ 🌱हज़रते अबू क़ीलाबा رضي الله تعالي عنه फरमाते है : रजब के रोज़ादारो के लिए जन्नत में एक महल है.
🌱हज़रते अनस बिन मिलिक رضي الله تعالي عنه से रिवायत है कि रसूले अकरम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : जन्नत में एक नहर है जिसे "रजब" कहा जाता है जो दूध से ज्यादा सफेद और शहद से ज्यादा मीठी है तो जो कोई रजब का एक रोज़ रखे तो अल्लाह उसे उस नहर से सैराब करेगा. 🌴फरमाने मुस्तफा ﷺ है : रजब के पहले दिन का रोज़ा तिन साल का कफ़्फ़ारा है और दूसरे दिन का रोज़ दो सालो का और तीसरे दिन का एक साल का कफ़्फ़ारा है, फिर हर दिन का रोज़ एक माह का कफ़्फ़ारा है. 📨continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ✔नफ्ली रोज़ो के अज़ीमुश्शान फ़ज़ाइल 🌴हुज़ूर ﷺ ने
इरशाद फ़रमाया : जिस ने रजब का एक रोज़ रखा तो वो एक साल के रोज़ो की तरह होगा, जिस ने सात रोज़े रखे, उस पर जहन्नम के सातो दरवाज़े बंद कर दिए जाएंगे, जिस ने आठ रोज़े रखे उस के लिए जन्नत के आठो दरवाज़े खोल दिए जाचेंगे, जिसने दस रोज़े रखे, वो अल्लाह से जो कुछ मांगेगा अल्लाह उसे अता फमैग और जिसने 15 रोज़े रखे तो आसमान से एक मुनादी निदा करता है की तेरे पिछले गुनाह बख्श दिए गए, पास तू अज़ सरे नौ अमल शुरू कर की तेरी बुराइया नेकियों से बदल दी गई और जो जाएद करे तो अल्लाह उसे और ज्यादा अज्र देगा. 🌱हज़रते अनस رضي الله تعالي عنه से मरवी है : क़यामत के दिन रोज़े दार क़ब्रो से निकालेंगे तो वो रोज़े की बू से पहचाने जाएंगे, उन के लिए दस्तर ख्वान और पानी के कुंजे रखे जाएंगे, जिन पर मुश्क से मोहर होगी, उन्हें कहा जाएगा की खाओ कल तुम भूके थे, पियो कल तुम प्यासे थे, आराम करो कल तुम थके हुवे थे, पस वो खाएंगे, पियेंगे और आराम करेंगे हालांकि लोग हिसब की मशक़्क़त और प्यास में मुब्तला होंगे. 📨continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ ☪नफ्ली रोज़े के अज़ीमुश्शान फ़ज़ाइल☪ 💐मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! पिछली 2 पोस्टो में आपने देखा कि रजबुल मुरज्जब के रोज़े रखने वालो के तो वारे ही न्यारे है. रजबुल मुरज्जब के रोज़े रखने वालो के लिये अल्लाह ने जन्नत में खास महल तैयार फरमाया है, उन खुश नसीबो की अल्लाह 'रजब' नामी नहर से सैराब फरमाएगा, उन के लिए जहन्नम के दरवाज़े बंद और जन्नती दरवाज़े खोल दिये जाएंगे, उन के रोज़े गुनाहो का कफ़्फ़ारा बन जाएंगे और रोज़े महशर की न क़ाबिले बर्दाश्त गर्मी और भूक प्यास में उन के खाने पिने और आराम करने का बंदोबस्त किया जाएगा. 👉🏽नफ्ली रोज़ो के इस क़दर ज़बरदस्त व वरकात मुन्ने के बाद तो हम में से हर एक को चाहिये की फ़र्ज़ रोज़ो के साथ साथ नफ्ली रोज़ो का भी ब कसरत एहतिमाम किया करे, माहे रजबुल मुरज्जब के आने से तो वैसे ही रोज़े रखने का गोया मौसम शुरू हो जाता है. पहले रजबुल मुरज्जब के रोज़र फिर इस के बाद माह शाबान के रोज़े. हमारे प्यारे आक़ा शाबान के ब कसरत रोज़े रखा करते थे. 📨continue... 🖊हवाला DEEN-E-NABI ﷺ रजब का महीना कब से शुरू है?मरकजी चांद कमेटी और शिया चांद कमेटी ने रजब के चांद का ऐलान करते हुए कहा कि गुरुवार को रजब की पहली तारीख होगी। मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि पहली रजब गुरुवार तीन फरवरी को होगी और शबे-मेराज 28 फरवरी को होगी।
रजब का महीना कौन सा है?रज्जब (अरबी: رجب) इस्लामी कैलेण्डर का सातवां मास है। रज्जब की शब्दकोषीय या शाब्दिक परिभाषा है "आदर करना", जिससे कि रज्जब शब्द निकला है। रज्जब बतलाता है 'सम्मनित मास'। इस मास को अति आदर सूचक माना जाता था, पागान अरबों द्वारा, रमजाज्ञ की तरह ही इसमें भी युद्ध वर्जित था।
रजब कौन था?आमेर नरेश मानसिंह प्रथम के गुरु संत दादूदयालजी के शागिर्द बने रजब अली खां अंतिम समय तक दूल्हे की पोशाक पहने ही भक्ति करते रहे। सांगानेर निवासी रजब की सगाई आमेर के पठान खानदान में हुई थी। विवाह के लिए रजब बारात सजाकर आमेर आए थे।
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