चारपाई को संस्कृत में क्या कहते हैं - chaarapaee ko sanskrt mein kya kahate hain

(A) शय्या
(B) मृग:
(C) भागिनेयी
(D) छुरिका

चारपाई को संस्कृत में शय्या कहते हैं। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसी से आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली आदि उत्पन्न हुई हैं। भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने का सुझाव दिया था।....अगला सवाल पढ़े

Tags : संस्कृत

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चारपाई को संस्कृत में क्या बोलते हैं?...


चारपाई को संस्कृत में क्या कहते हैं - chaarapaee ko sanskrt mein kya kahate hain

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चारपाई को संस्कृत में क्या बोलते हैं सैया शब्द का उच्चारण संस्कृत में चारपाई के लिए किया गया है

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चारपाई को संस्कृत में क्या कहते हैं - chaarapaee ko sanskrt mein kya kahate hain

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  • चारपाई को संस्कृत में क्या कहते हैं - charapai ko sanskrit me kya kehte hain

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हिन्दी

संज्ञा

लकड़ी से बना चार पैर वाला खटिया / पलंग आदि को चारपाई अर्थात चार पैर वाला कहते हैं।

पर्यायवाची

  1. खटिया
  2. खाट
  3. पलंग
  4. पल्यंक
  5. पर्यक

उदाहरण

  1. तुम हर दिन दोपहर के समय चारपाई बिछा कर सो क्यों जाते हो?

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

चारपाई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चार +पाया] छोटा पलंग । खाट । खटिया । मंजी । माचा । मुहा॰—चारपाई पर पड़ना =(१) चारपाई पर लेटना । (२) बीमार होना । अस्वस्थ होना । रोगग्रस्त होना । चारपाई घरना, पकडना या लेना = (१) इतना बीमार होना कि चारपाई से उठ न सके । अत्यंत रुग्ण होना । (२) चारपाई पर लेटना । सोना । जैसे,—तुम खाते ही चारपाई पकड़ते हो । चारपाई में कान निकलना = चारपाई का टेढा होना ।

चारपाई में कज पड़ना । चारपाई से (किसी की) पीठ लगना = बीमारी के कारण चारपाई से उठ न सकना । (किसी का) चारपाई से लगाना = दे॰ चारपाई से पीठ लगना ।

पूर्वप्रकाशिताः ५ अद्यतनीयशब्‍दाः


एकदण्डिन्एकहंस‚ संन्यासियो... a class of ascetics
एकएक‚ अन्य‚ एकल‚ के... one, alone, the b...
ऋषिवैदिक मन्त्रों के... seer or inspired ...
ऋषभबैल‚ संगीत सप्तक ... bull, the second ...
ऋद्धिबढ़ोत्तरी‚ संपत्त... progress, wealth,...

चर्चायामुपरि


विकटविषाणः trending_up
अणिमन् trending_up
अणिमन् trending_up
सञ्च्शम्भुः trending_up
आपणः trending_up
अकृतार्थः trending_up
सञ्च्छम्भुः trending_up
अरुणी trending_up
धावति trending_up
अरुषी trending_up

चर्चायामधः


उप + गुह्trending_down
अंस-अंशःtrending_down
अगार,-रम् trending_down
अग्र + अशन trending_down
अच्, trending_down
अ-चक्षुस् trending_down
अञ्ज-सा trending_down
अति + trending_down
अति +trending_down
अति-रिच्trending_down

संस्कृत में घरेलू वस्तुओं के नाम

Household items names in sanskrit

चारपाई को संस्कृत में क्या कहते हैं - chaarapaee ko sanskrt mein kya kahate hain
Household items names in sanskrit

हिन्दी        संस्कृत

अगरबत्ती-     अगरुवर्तिका, गन्धवर्तिका (स्त्री.)

अँगीठी-         अग्नीष्टिका, अङ्गारशकटी, अङ्गारधानी, हसन्ती (स्त्री.)

अरगनी-        लङ्गनी (स्त्री.)

अलार्म घड़ी-  प्रबोधनघटी (स्त्री.)

आलमारी-     आधानी, आधानिका, काष्ठमञ्जूषा (स्त्री.)

आरामकुर्सी-   आसन्द: (पुँ.),सुखासनिका,सुखासन्दिका (स्त्री.)

आँवा-           आवाक: (पुँ.)

ओखर-          उलूखलम्/उदूखलम् (नपुं.)

इन्धन-          इध्यम्/इन्धनम्/ ज्वलनकाष्ठम् (नपुं.)

इस्तरी-         स्तरकी (स्त्री.), वस्त्रस्तरस्योपकरणम् (नपुं.)

ईंट-              इष्टका (स्त्री.)

उपला-          करीषम्,गोमयपिण्डम् (नपुं.)

कनस्तर-        कर्णस्त्रम् (नपुं.)

कनात-          काण्डपट: (पुँ.)

कमण्डलु-       कमण्डलु: (पुँ.)

कम्बल-         कम्बल: (पुँ.)

कर्छुली-         कम्बि:/दर्वी (स्त्री.)

कराही-         कटाह: (पुँ.)

कटोरी-         कंस: (पुँ.)/कंसिका (स्त्री.)/कंसम् (नपुं.)

कठौती-         गलन्तिका/कर्करी (स्त्री.)

कील-            कीलकम् (नपुं.)

कुञ्जी-           कुञ्जिका/तालिका (स्त्री.)

किंवाड़-         कपाट: (पुँ.)

कुप्पी-           स्नेहपात्रम् (नपुं.)

कुर्सी-            आसन्दिका (स्त्री.)/आसन्द: (पुँ.)

कुल्हाड़ा-       कुठार: (पुँ.)

कुल्हाड़ी-       कुठारिका (स्त्री.)

कैंची-            कर्त्तरी (स्त्री.)

कैलेण्डर-       दिनदर्शिका (स्त्री.)

खलबट्टा-       खल्ल: (पुँ.)

खाट-            खट्वा (स्त्री.)

पलङ्ग की पाटी- पल्यज्र्पट्टिका (स्त्री.)

खुण्टी-          नागदन्त: (पुँ.)

खूँटा-            कीलक: (पुँ.)

खिड़की-        गवाक्ष: (पुँ.)/वातायनम् (नपुं.)

खिलौना-       क्रीडनकम् (नपुं.)

गद्दी-            गर्दिका (स्त्री.)

गलीचा-        कुथ: (पुँ.)

गागर-           गगर: (पुँ.)

गुलदस्ता-      पुष्पदानी (स्त्री.)

गुदड़ी(कथरी)- कन्था (स्त्री.)

गेंद-               कन्दुक: (पुँ.)/कन्दुकम् (नपुं.)

घड़ा-            घट:/कलश: (पुँ.)

घड़ी-.           घटी, घटिका (स्त्री.)

चक्की-            घरट्ट: (पुँ.), पेषणयन्त्रम् (नपुं.),  पेषणी (स्त्री.)

चकला-         पिष्टिशिला (स्त्री.)

चटाई-           कट: (पुँ.)

चम्मच-         चमस: (पुँ.)

चरखा-          तर्वुलासक: (पुँ.)

चलनी-         चालनी (स्त्री.), तितउ: (पुँ.)

चप्पल-         पादरक्षा (स्त्री.)

चबूतरा-        कुट्टिम: (पुँ.)

चादर-          शय्याच्छादनम्/शय्यच्छदम् (नपुं.)

चाकू-            असिपुत्रम् (नपुं.)/छुरिका (स्त्री.)

चाभी-          कुञ्चिका (स्त्री.)

मुड़ने वाली कुर्सी-  दर्प: (पुँ.)

चारपाई-       शय्या (स्त्री.)

चिराग-         दीपक: (पुँ.)

चूल्हा-           चूल्लिका (स्त्री.)/चुल्लि: (स्त्री.)

चौकी-          चतुष्की (स्त्री.)/चतुष्पादिक: (पुँ.)

छकड़ा-         शकट: (पुँ.)/शकटम् (नपुं.)

छड़ी-            यष्टिका (स्त्री.), दण्ड: (पुँ.)

छाता-           छत्रम्/आतपत्रम्/ जलत्रम् (नपुं.)

छींका-          शिक्यम् (नपुं०)

छुरी-            छुरिका (स्त्री.)

छोटा बक्सा-  पेटिका (स्त्री.)

जाल-            जालम् (नपुं.)

जाला-          वागुरा (स्त्री.)

जीना (सीढ़ी)- आरोहणम्, सोपानम् (नपुं.)

जूता-            पादत्राणम् (नपुं.)/पादुका (स्त्री.)

झाड़ू-            मार्जनी, सम्मार्जनी, शोधनी (स्त्री.)

झूला-           दोला (स्त्री.)

झोपड़ी-        उटज: (पुँ.)

झोला-          स्यूत: (पुँ.)

ट्यूबलाइट-    दण्डदीप: (पुँ.)

टार्च-            हस्तदीपिका (स्त्री.)/करदीप:/सम्पुटक: (पुँ.)

टेलीफोन-      दूरभाष: (पुँ.)

टोकरी-         कण्डोल: (पुँ.)

डाइिंनग टेबिल- भोजनफलकम् (नपुं.)

डिब्बा-          सम्पूरक:/करण्डक: (पुँ.)

डेस्क-            लेखनपीठम् (नपुं.)

डोरा-            सूत्रम् (नपुं.)/तन्तु: (पुँ.)

डोंगी-           दोला (स्त्री.)/हिन्दोल: (पुँ.)

तखत-           काष्ठपटलम् (नपुं.)

तकला-         तर्क: (पुँ.)/सूत्रवेष्टनम् (नपुं.)

तकली-         तर्कुटि: (स्त्री.)

तकिया-         उपधानम् (नपुं.)

तराजू-          तुला (स्त्री.)

तराजू का पलड़ा- तुलाफलकम् (नपुं.)

तराजू की डण्डी- तुलादण्ड: (पुँ.)

तीली-           शलाका (स्त्री.)

तवा-            ऋजीषम् (नपुं.)

तिजोरी-        शेवधि: (स्त्री.)

थाली-           स्थालिका (स्त्री.)

थैला-            स्यूत: (पुँ.)

थैली-            भस्त्रिका (स्त्री.)

दन्तमञ्जन-     दन्तफेन: (पुँ.)

दरेती (पक्कड)-दात्रम् (नपुं.)

दाँत खोदनी-  दन्तशोधनी (स्त्री.)

दातून-          दन्तधावनम् (नपुं.)

दियासलाई-   दीपशलाका, अग्निपेटिका (स्त्री.)

दीया-           दीपक:, दीप: (पुँ.), दीपकम् (नपुं.)

दीवट-           दीपस्तम्भ: (पुँ.)

दोना-           पत्रपुटम् (नपुं.)

धागा-           तन्तु: (पुँ.), सूत्रम् (नपुं.)

नॉव-            नौका/तरणि: (स्त्री.)

नीवार-         नीवार: (नपुं.)

पत्तल-           पत्राली/पत्रावली (स्त्री.)

पलंग-           पर्यज्र:/पल्यज्र: (पुँ.)

पंखा-            व्यजनम् (नपुं.)

पंखा (हाथ का)-तालवृन्तकम्/हस्तव्यजनम् (नपुं.)

परात-           पिठरम्/परित्रम् (नपुं.)

पीढ़ा-           पीठम् (नपुं.)/पीठिका (स्त्री.)

पासंग-          तुलाकूट: (पुँ.)

पासा-           अक्ष: (पुँ.)/अक्षम् (नपुं.)

पेंचकस-        कीलकवेधिका (स्त्री.)

पेटी-             पेटिका/मञ्जूषा (स्त्री.)

प्रेस-             समीकर: (पुँ.)

प्याला-         चषक: (पुँ.)

फर्नीचर-        उपस्कर: (पुँ.)/काष्ठीयम् (नपुं.)

फ्रिज-           हिमीकर: (पुँ.)

बटन-            कुड्मल: (पुँ.)

बटलोई-        पिठर: (पुँ.)/स्थाली (स्त्री.)

बल्ब-            गोलदीप: (पुँ.)

बत्ती-            वर्तिका (स्त्री.)

बाँस की पिटारी- करण्ड: (पुँ.)

बाल्टी-          द्रोणी (स्त्री.)

बिजली की बत्ती- विद्युज्ज्योति: (स्त्री.)

बेलन-           बेल्लनम् (नपुं.)

बेंच-             काष्ठासनम्/फलकम् (नपुं.)

बैट्री (सेल)-    विद्युत्कोष: (पुँ.)

बोतल-          काचकूपिका/कूपी (स्त्री.)

बोरसी (बरोसी)- अग्नीष्टिका/हसन्ती (स्त्री.)

बोरा-            गोणी (स्त्री.)/शणपुट: (पुँ.)

बैलगाड़ी-      गन्त्री (स्त्री.)/शकटयानम् (नपुं.)

भट्टी-            भ्राष्ट्रिका (स्त्री.)

मथानी-         मन्थान:, मथी (पुँ.)

मलसिया-      मल्लिका/कौशिका (स्त्री.)

माचिस-        अग्निपेटिका (स्त्री.)

मूसल-           मुसलम्/अयोग्रम् (नपुं.)/ मूसल: (पुँ.)

मोगरी (थपका)- लोष्टभेदन: (पुँ.)

मृगछाला-      कृष्णाजिनम् (नपुं.)

मेज-             उत्पीठिका (स्त्री.)/फलकम्/काष्ठपीठम् (नपुं.)

मोमबत्ती-      मधूच्छिष्टवर्ति:, सिक्थवर्त्तिका (स्त्री.), दीपपादप: (पुँ.)

मोम-            सिक्थम् (नपुं.)

रस्सी-           रज्जु: (स्त्री.)

लालटेन-       आवृत्तदीपिका (स्त्री.), प्रदीपकोश:,काचदीप: (पुँ.)

लैम्प-            नेयदीप: (पुँ.)

सिल-            शिला (स्त्री.), शिलापट्टम् (नपुं.)

सिल का बट्टा-शिलावटकम् (नपुं.)

सन्दूक-          मञ्जूषा (स्त्री.)

साँकल-         अर्गला (स्त्री.)/अर्गलम् (नपुं.)

सरौता-           शज्रुला (स्त्री.)

सियेफल-       वक्रदीप: (पुँ.)

सीढ़ी-           सोपानम् (नपुं.)

सुआ-            बृहत्सूची (स्त्री.)

सुई-              सूची/सूचिका (स्त्री.)

सूपा-            सूर्पम्/प्रस्फोटनम् (नपुं.)

स्टूल-            संवेश: (पुँ.)/उच्चपीठम् (नपुं.)/ सन्दिका (स्त्री.)

स्टील-           आयसम् (नपुं.)

स्टोव-           उद्ध्मानम्, अश्मन्तकम् (नपुं.)

सोफा-           तल्पासन्दी (स्त्री.)

सिकहर-        शिक्यम् (नपुं.)

स्विच-          विद्युत्कुञ्चिका (स्त्री.) पिञ्ज: (पँु.)

हीटर-           तापकम् (नपुं.)

हैंगर-            अवलम्बक: (पुँ.)

 धन्यवाद  ।

चारपाई की संस्कृत में क्या कहते हैं?

खटिया । मंजी । माचा । मुहा॰—चारपाई पर पड़ना =(१) चारपाई पर लेटना ।

संस्कृत में पलंग को क्या कहते हैं?

तद्भव
तद्भव
तत्सम
पलंग
पर्यंक
पलड़ा
पटल
पल्ला
पल्लव
पसरना
प्रसरण
तद्भव - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › तद्भवnull

संस्कृत में कमर को क्या कहते हैं?

(घ) अल्पता = लघुता, न्यूनता, अल्पार्थवाची अव्यय के रूप में प्र्युक्त होता है-यथा 'अनुदरा' पतली कमर वाली कृशोदरी या तनुमध्यमा ।

दोना को संस्कृत में क्या कहते हैं?

दोना- पत्रपुटम् (नपुं.) धागा- तन्तु: (पुँ.), सूत्रम् (नपुं.) नॉव- नौका/तरणि: (स्त्री.)