सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain

अभी के समय में मांस खाना एक आम बात है और खाना भी जरूरी हो गया है। इस समय बीमारियां कई तरह की फैल रही है और इन सब से लड़ने के लिए इंसानी शरीर को ताकत चाहिए। यह ताकत आती है खान पान से। अच्छा खाना दिमाग को स्वस्थ बनाने के साथ साथ एंटीबॉडी सॉलिड (antibodies) बनाता है। अभी खाने में शाहकारी और मांसहारी दोनों ही जरूरी है।

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सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain


मांसहारी में कीड़े मकोड़े, गाय-भैंसे सब खाए जा रहे हैं। इसी तरह से सुअर भी बड़े ही शौक के साथ खाया जा रहा है। डॉक्टर्स द्वारा बताया जाता है कि आसानी से बॉडी बनाने में सुअर का मांस (Pork) बहुत मददगार साबित होता है। साथ ही इससे कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।

सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain

डॉक्टरों का भी कहना है कि मांसाहारी भोजन में सुअर का मांस (Pork) अच्छा है क्योंकि इससे हमारे शरीर मे प्रोटीन और वसा मिलती है जिसको की हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है और हमारी शरीर की पर्सनाल्टी फिट (personality) रहती है।

जानकारी के लिए बता दें कि सुअर का मांस (Pork) लाल मटन (red mutton) के अंतर्गत आता है जिसमे की पर्याप्त मात्रा में प्रोटिन और वसा पाया जाता है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है। सुअर के मांस में सेलेनियम तत्व की मात्रा पाई जाती है जिससे कि हमारा प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है।

‌‌‌यदि आपने सूअर का मांस खाया है तो सूअर मांस खाने के फायदे के बारे मे भी आपको पता होगा । यदि सूअर मांस के फायदे यदि आपको नहीं पता तो हम आपको बताते हैं।दुनिया के अंदर बहुत से लोग सूअर का मांस खाते हैं।सूअर  1 बिलियन जीवित आबादी के साथ, घरेलू सुअर दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले बड़े स्तनधारियों में से है।सूअर सर्वाहरी होते हैं। और इनकी जैविक संरचना भी मनुष्यों के समान होती है। यही वजह है कि इनको प्रयोग अनुसंधान के अंदर भी किया जाता है।

घरेलू सुअर का पूर्वज जंगली सूअर है, जो सबसे अधिक और व्यापक बड़े स्तनधारियों में से एक है। इसकी कई उप-प्रजातियां हैं।अफ्रीका के कठोर जलवायु, आयरलैंड और भारत से जापान और उत्तर में साइबेरिया तक।इंडोनेशिया, मलेशिया, और फिलीपींस के कई द्वीपों पर सूअरों की कई सारी प्रजातियां विकसित हुई हैं।

 ‌‌‌सूअर को अब एक पालतू जानवर के रूप मे पाला जाता है और उसके मांस को खाया जाता है।सूअर के चमड़े का उपयोग होता है। और इसके बालों का प्रयोग ब्रश बनाने मे किया जाता है।इनकी जाली क्षमताओं और गंध की उत्कृष्ट भावना के कारण, वे कई यूरोपीय देशों में ट्रफ़ल्स खोजने के लिए उपयोग किए जाते हैं। मानव त्वचा सूअर की त्वचा से काफी मिलती-जुलती है, इसलिए सूअर की त्वचा का उपयोग कई प्रीक्लिनिकल अध्ययनों में किया गया है।

‌‌‌सूअर का मांस दुनिया भर के अंदर सबसे अधिक बिकने वाला मांस है लेकिन इस्लाम धर्म और यहूदी लोग इसका मांस नहीं खाते हैं क्योंकि इनके धर्म मे इसकी मनाही है।और यही वजह है कि इस्लामी देशों के अंदर सूअर के मांस पर प्रतिबंध है।सूअर का मांस कई प्रकार के विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होता है।

100-ग्राम सूअर के पकाए हुए मांस के अंदर निम्न लिखित तत्व होते हैं।

  • कैलोरी: 297
  • पानी: 53%
  • प्रोटीन: 25.7 ग्राम
  • वसा: 20.8 ग्राम

‌‌‌और जब सूअर का मांस सूख जाता है तो इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा घटकर 90 प्रतिशत तक रह जाती है। ‌‌‌और शरीर के लिए जरूरी 9 अमीनो एसिड भी सूअर के मांस के अंदर मौजूद रहते हैं। ‌‌‌इस प्रकार से सूअर का मांस एथलीटों को ठीक करने और मांसपेशियों को बनाने के लिए जाना जाता है।

‌‌‌सूअर के मांस के अंदर वसा का अनुपात आमतौर पर 10-16% होता है। और सूअर का मांस मुख्य रूप से संतृप्त वसा और असंतृप्त वसा से बना होता है। फैटी एसिड की संरचना जुगाली करने वाले जानवरों की तुलना मे सूअर मे अलग होती है।

सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain

‌‌‌सूअर के मांस के अंदर अच्छी मात्रा मे विटामिन और खनीज पाये जाते हैं।

  • थियामिन भी सूअर के मांस के अंदर पाया जाता है जोकि भेड़ के बच्चे मे पाया जाता है।इसके अलावा यह विटामिन बी से भी समृद्ध है जो अलग अलग प्रकार के शारिरिक कार्यों के अंदर भूमिका निभाता है।
  • सेलेनियम भी सूअर के मांस के अंदर होता है जोकि आमतौर पर अंडे ,मुर्गी ,मांस और मछली मे देखने को मिलता है।
  • जिंक भी एक महत्वपूर्ण खनीज होता है जोकि हमारे दिमाग के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। इसके अलावा प्रतिरक्षा तंत्र के लिए भी उपयोगी होता है।
  • विटामिन बी 12 भी एक उपयोगी खनीज होता है जोकि रक्तगठन व दिमाग के लिए उपयोगी होता है।इसकी कमी से एनिमिया हो सकता है।
  • लोहा भी सूअर के मीट मे होता है। इसके अंदर गौ मांस की तुलना मे कम लौहा होता है।फिर भी सूअर का मीट लौहे का अच्छा स्त्रोत है।
  • विटामिन बी 6 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए बहुत ही उपयोगी होती है।

  • ‌‌‌सूअर के मांस के फायदे मांसपेशियों का रखरखाव
  • मांसपेशियों के कार्य और शारीरिक प्रदर्शन में भी सुधार करता है
  • ‌‌‌सूअर के मांस के फायदे हृदय रोग में
  • थायराइड के लिए अच्छा है
  • ग्लाइसिन भी सूअर के मांस मे होता है
  • लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने मे उपयोगी
  • मस्तिष्क शिथिलता को दूर करता है सूअर का मांस
  • ‌‌‌कम मात्रा मे सूअर का मीट नुकसानदायी नहीं
  • ‌‌‌सूअर का मांस काफी सस्ता है
  • ‌‌‌सूअर का मांस बढ़ाता है प्रजनन क्षमता को
  • ‌‌‌जोड़ों के दर्द को दूर करता है सूअर का मांस
  • सूअर का मांस खाने के नुकसान
  • ‌‌‌सूअर का मांस खाने से कैंसर का खतरा
  • ‌‌‌सूअर का मांस मोटापे को बढ़ाता है
  • ‌‌‌ऑरेजनल मांस का मिलना कठिन है
  • ‌‌‌सूअर गंदगी के अंदर रहते हैं
  • ‌‌‌सूअर को खाना एक कुत्ते को खाने जैसा है
  • ‌‌‌कारखाने सूअर के लिए एक नरक है
  • ‌‌‌सूअर का अपशिष्ट बहुत ही बेकार होता है
  • ‌‌‌परिवहन के अंदर सूअरों की मौत
  • ‌‌‌सूअरों की  प्रजातियां
  • Javan Warty Pig
  • Domestic Pig
  • Wild Boar
  • Philippine Warty Pig
  •  Oliver’s Warty Pig
  • Celebes Warty Pig
  • Visayan Warty Pig
  • Heude’s Pig
  • Bornean Bearded Pig
  • Palawan Bearded Pig

‌‌‌सूअर के मांस के फायदे मांसपेशियों का रखरखाव

सूअर के मांस के अंदर अधिक मात्रा मे प्रोटीन होता है ।उम्र के साथ मांसपेशियों को बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण होता है।व्यायाम और उचित आहार के बिना मांसपेशिया कमजोर पड़ने लग जाती हैं और सरकोपेनिया ‌‌‌एक ऐसी समस्या होती है जिसकी वजह से मांसपेशियां कमजोर पड़ती जाती हैं और यदि आप उच्च गुणवकता वाले प्रोटीन का सेवन नहीं करते हैं तो फिर मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाती हैं। यदि आप सूअर का मांस खाते हैं तो आप अपने शरीर की मांसपेशियों को काफी बलिष्ठ बनाए रखते हैं। इस प्रकार से सूअर का मांस ‌‌‌ आपकी मांसपेशियों को मजबूत करता है।

मांसपेशियों के कार्य और शारीरिक प्रदर्शन में भी सुधार करता है

‌‌‌सूअर का मांस मांसपेशियों की कार्यप्रणाली के अंदर सुधार करने के लिए भी जाना जाता है।सूअर के मांस के अंदर प्रोटीन होने के साथ ही टॉरिन, क्रिएटिन और बीटा-ऐलेनिन जैसे तत्व होते हैं जोकि आपकी मांसपेशियों की कार्यप्रणाली के अंदर सुधार करने के लिए जाने जाते हैं। बीटा-ऐलेन एक एमिनो एसिड होता है  इसका उपयोग आपका शरीर कार्नोसिन का उत्पादन करने के लिए करता है, जो मांसपेशियों के कार्य के लिए काफी उपयोगी होता है।

कार्नोसिन का स्तर यदि उच्च हो जाता है तो आप बहुत जल्दी थकते नहीं हैं।इसी लिए इसको बेहतर शारीरिक  प्रदर्शन के साथ जोड़ कर देखा गया है। ‌‌‌इस प्रकार से जो लोग अपने शारीरिक पर्दशन के अंदर सुधार करना चाहते हैं वे सूअर के मांस का सेवन कर सकते हैं जोकि काफी फायदेमंद उनके लिए साबित हो सकता है।

‌‌‌सूअर के मांस के फायदे हृदय रोग में

दोस्तों आपको पता ही होगा कि हृदय रोग की वजह से दुनिया के अंदर हर दिन न जाने कितने लोग मारे जाते हैं।इसके अंदर दिल का दौरा, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हैं।वैसे आपको बतादें कि सूअर के मीट पर हुए रिसर्च से मिसरित परिणाम मिले हैं।

कुछ रिसर्च ‌‌‌यह दिखाते हैं कि सूअर का मीट हर्ट रोग के लिए जिम्मेदार हो सकता है तो कुछ रिसर्च मे इसको जिम्मेदार नहीं माना गया है। हालांकि इसके उपर और अधिक रिसर्च करने की आवश्यकता है। कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि मांस ही हृदय रोग का कारण बनता है।

थायराइड के लिए अच्छा है

सूअर के मांस के अंदर सेलेनियम पाया जाता है जोकि काफी उपयोगी तत्व होता है। यह थायराइड की समस्या को दूर करता है। और थायराइड प्रणाली के अंदर सुधार करने के लिए जाना जाता है।

ग्लाइसिन भी सूअर के मांस मे होता है

ग्लाइसिन काफी उपयोगी तत्व होता है जो आपके शरीर के लिए उचित पोषण प्रदान करता है। हालांकि यह पशु के मांस मे बहुत ही कम मात्रा मे पाया जाता है।100 ग्राम मांस के लिए 11,919 मिलीग्राम ग्लाइसिन होता है।

लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने मे उपयोगी

लाल रक्त कोशिकाएं पूरे रूधीर का 40 प्रतिशत भाग होती हैं और यह रीढ़धारी जन्तुओं के श्वसन अंगो से आक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाने का कार्य करता है।लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने से शरीर रोगग्रस्त हो जाता है। ‌‌‌सूअर के मांस के अंदर विटामिन बी 6 होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने मे काफी उपयोगी होता है।

मस्तिष्क शिथिलता को दूर करता है सूअर का मांस

दोस्तों मस्तिष्क शिथिलता एक ऐसी समस्या होती है जिसमे व्यक्ति शब्दों को बोलने और लिखने या समझाने मे काफी अनियमितता महसूस करता है।इसका प्रमुख कारण  मुख्य कारण मस्तिष्क का आम्बोसिस, रक्तस्रोतरोधन (embolism), अर्बुद (tumour), फोड़े (abscess)   ‌‌‌ हो सकता है।विटामिन बी 12 इसके लिए काफी उपयोगी होता है।

‌‌‌कम मात्रा मे सूअर का मीट नुकसानदायी नहीं

सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain

जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि मीट को कई रोगों से जोड़कर देखा जाता है। खास कर हर्ट रोग और मधुमेह व कैंसर लेकिन वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर अभी तक इसके कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं कि सूअर का मीट खाने से कैंसर होता है या फिर हर्ट रोग होता है। ‌‌‌इसका अर्थ यह है कि सीमित मात्रा मे सूअर का मीट खाना काफी फायदेमंद हो सकता है।

‌‌‌सूअर का मांस काफी सस्ता है

सूअर के मांस के फायदे मे इसका सस्ता होना भी आता है। दोस्तों सूअर का मांस काफी सस्ता होता है। इसको आप कम खर्च के अंदर ही प्राप्त कर सकते हैं और भारत के अंदर सूअरों की 5 वीं सबसे बड़ी आबादी है। यदि आप अपने पूरे परिवार के लिए इसका मांस खरीदते हैं तो यह किसी मुर्गी ‌‌‌ के मांस की तुलना मे काफी सस्ता पड़ता है।

‌‌‌सूअर का मांस बढ़ाता है प्रजनन क्षमता को

दोस्तों लंदन के अंदर हुए एक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि सूअर का मांस प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है। इसका मतलब यह है कि जो दंपति बच्चे चाहते हैं उनको सूअर के मांस का सेवन करना चाहिए । ‌‌‌इस प्रकार से सूअर का मांस परिवार बढ़ाने वालों के लिए काफी उपयोगी होता है।

‌‌‌जोड़ों के दर्द को दूर करता है सूअर का मांस

बहुत से लोगों के घुटने और पीठ के अंदर दर्द होता है। ऐसा माना जाता है। इस दर्द से सूअर का मांस निजात दिला सकता है।सूअर के मांस के अंदर कैल्शिियम होता है जोकि जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकता है।

सूअर का मांस खाने के नुकसान

‌‌‌जैसा कि हमने आपको उपर बताया सूअर का मांस खाना कई तरीके से फायदेमंद होता है। दुनिया के अंदर चीन मे सबसे अधिक सूअरों का मांस खाया जाता है। यहां पर बड़ी बड़ी फैक्ट्री लगी हुई हैं। लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि सूअर का मांस खाना कई तरीके से नुकसानदायी भी होता है। ‌‌‌पीछले दिनों जब  चीन में अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक बीमारी सूअरों के अंदर फैली तो इससे 2 अरब के आस पास सूअरों की मौत हो गई थी हालांकि यह बीमारी का वायरस इंसानों के लिए किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं है लेकिन चीन मे इससे सूअर के मांस के उत्पादन मे काफी कमी आई । ‌‌‌उधर मांस की मांग ज्योंकि त्यों ही बनी हुई है।

‌‌‌सूअर का मांस खाने से कैंसर का खतरा

कई रिसर्च मे यह दिखाया गया है कि सूअर का मांस खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने एक रिसर्च किया और उसके परिणाम मे यह कहा गया कि सूअर का मांस खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ‌‌‌हालांकि कई रिसर्च यह दावा कर चुके हैं कि मांस कैंसर के खतरे को बढ़ाता है लेकिन अभी भी मांस और कैंसर के लिंक पर और अधिक रिसर्च करने की आवश्यकता है।

‌‌‌सूअर का मांस मोटापे को बढ़ाता है

यदि आप पहले से ही मोटापे के शिकार हैं तो सूअर के मांस का आपको सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मोटापे को बढ़ाने का कार्य करता है।मांस खाने वाले शुद्ध शाकाहारी होने की तुलना में मोटे होने की नौ गुना अधिक संभावना है। ‌‌‌लेकिन यदि आप पतले हैं और फिट दिखने के लिए कुछ मोटापा चाहते हैं तो मांस का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

‌‌‌ऑरेजनल मांस का मिलना कठिन है

दोस्तों आजकल सूअर पालन किया जाता है। ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार से मुर्गी पालन किया जाता है। सूअर को बड़ा करने के लिए इंजेक्सन और दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। और इसी प्रकार के सूअर का मांस यदि आप खाते हैं तो यह आपके लिए काफी नुकसानदायी होता है। ‌‌‌क्योंकि यह दवाएं आपके शरीर के उपर गलत प्रभाव डालती हैं क्योंकि इनकी वजह से कैंसर और दूसरे गम्भीर रोग विकसित होते हैं।

‌‌‌सूअर गंदगी के अंदर रहते हैं

यदि आप किसी होटल के अंदर खाना खाने जाते हैं और वहां पर आपको मुर्गी के मीट के अंदर सूअर का मीट देदिया जाता है तो आपको पता भी नहीं चलेगा । असल मे सूअर गंदगी के अंदर रहते हैं। वे मल मूत्र और यहां तक की गंदे से गंदे स्थानों पर रहना पसंद करते हैं। ‌‌‌और यदि आप जरा भी खुद को अच्छा दिखाना चाहते हैं तो सूअर का मांस आपके लिए उपयोगी नहीं है। जब आप नगेटिव चीजों के संपर्क मे आते हैं जो आपके दिमाग की सोच भी उसी प्रकार की होती चली जाती है। ‌‌‌और भारत के अंदर बहुत से लोग सूअर का मांस खाना पसंद नहीं करते हैं। कारण यह है कि वे देखते हैं कि सूअर किस प्रकार से गंदगी के अंदर निवास करते हैं।

‌‌‌सूअर को खाना एक कुत्ते को खाने जैसा है

वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह पता चला है कि सूअर  कुत्ते से भी अधिक चालाक होता है।सूअर का दिमाग 3 साल के बच्चे की तरह होता है। और सूअर को खाना अपने कुत्ते को खाने जैसा है ।

‌‌‌कारखाने सूअर के लिए एक नरक है

दोस्तों कारखाने सूअरों के लिए किसी नरक से कम नहीं है।इसके अंदर मां सूअर अपने जीवन का अधिकांश भाग बच्चे पैदा करने मे बीता देती है।और वह एक बक्से के अंदर रहती है और अपने जीवन को बीता देती है। ‌‌‌और एक सूअर के बच्चे को उसकी माताओं से दूर ले जाया जाता है और उसके बाद उनके दांतों को काट दिया जाता है। और बिना दर्द निवारक दवाओं के साथ ही छोड़ दिया जाता है।

‌‌‌सूअर का अपशिष्ट बहुत ही बेकार होता है

 50,000 सूअर के साथ एक खेत बहुत ही अजीब अपशिष्ट पैदा करता है। 1995 में, 25 मिलियन गैलन पोट्रीड हॉग मूत्र और मल उत्तरी कैरोलिना नदी में गिराया गया, जिससे तुरंत 10 से 14 मिलियन मछलियों की मौत हो गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं है। सूअर के अपशिष्ट को एकत्रित ‌‌‌ करके तरल मे बदला जाता है और उसको हवा के अंदर भी छोड़ा जाता है। एक तरह से यह वातावरण को दूषित करता है।

‌‌‌परिवहन के अंदर सूअरों की मौत

सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain

प्रत्येक वर्ष परिवहन में 170,000 से अधिक सूअर मर जाते हैं, और 420,000 से अधिक कसाई खाने तक पहुंचने से पहले ही अपंग हो जाते हैं। आमतौर पर सूअर को परिवहन करने वाले ट्रक काफी लंबी दूरी तक चलते हैं। इतनी लंबी दूरी के बीच मे सूअरों के लिए किसी तरह के भोजन और पानी की ‌‌‌व्यवस्था नहीं होती है।इसके अलावा कई बार ट्रक पल्ट जाने के बाद भी सूअरों की मौत हो जाती है और कुछ वहां पर घंटो तड़पने के बाद मरते हैं जोकि काफी दर्द भरा दर्शय हो सकता है।

‌‌‌सूअरों की  प्रजातियां

दोस्तों अब तक हमने सूअरों के मांस खाने के फायदे और नुकसान के बारे मे जाना आइए अब जानते हैं कि सूअर कितने प्रकार के होते हैं?सूअर जीनस सुसी और परिवार सुइडे में पाया जाता है। और सूअर मनुष्य की तरह की सर्वभक्षी होते हैं और इनके अंदर व मनुष्यों के अंदर बहुत सारी समानताएं ‌‌‌ होती हैं।

Javan Warty Pig

इस सुअर का प्रजाति का नाम सुस वर्स्कुस है।और यह समुद्रतल से 800 मीटर की उंचाई पर रहता है। यह मुख्य रूप से इंडोनेशिया में बावन, जावा और मंडुरा के अंदर यह पैदा हुआ है।यह 1996 से IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध है। जवन मस्सा सुअर काला होता है, जिसके सिर और पेट पर कुछ रफ भाग होते हैं।इसमें तीन जोड़ी चेहरे के मस्से हैं। मस्से के आकार समान नहीं होते हैं वरन उम्र के अनुसार ही बढ़ते हैं। नर लगभग 108.2 किलोग्राम (239 पाउंड) के वजन तक पहुंचते हैं, जबकि मादा केवल 44 किलो (97 पाउंड) के वजन की होती हैं।

जावन मस्सा सुअर एकांत के अंदर रहना पसंद करता है और रात के अंदर अधिकतर निकलता है दिन मे यह आराम करता है। हालांकि यह चार सूअर के झूंड मे देखा गया है।

‌‌‌इस सूअर की औसत उम्र 8 साल की होती है और यह 12 साल तक आसानी से जी सकते हैं। और भोजन के रूप मे यह वनस्पति और छोटे स्तनधारियों पर फीड करते हैं।

Domestic Pig

घरेलू सुअर (सूस स्क्रोफा डोमेस्टिकस ), जिसे अक्सर सूअर, हॉग या सूअर कहा जाता है।इसका वजन 50 से 350 किलोग्राम तक होता है। इसका आकार और वजन वैसे इसकी नस्ल पर निर्भर करता है।इस सूअर की लंबाई 90 से 180 सेमी तक होती है।घरेलू सूअर का सिर आमतौर पर लंबा और मस्सों से मुक्त होता है।वैसे घरेलू सूअर सर्वाहरी ‌‌‌ होते हैं। ‌‌‌घरेलू सूअर को मांस के लिए पाला जाता है।और इनको बड़ी बड़ी फर्मों मे रखा जाता है और कई लोग इसके मांस का सेवन  चाव से करते हैं।

‌‌‌घरेलू सूअर के अंदर पसीने की ग्रंथियों की कमी होती है।इसी लिए वह अपने शरीर के तापमान को बनाए रखने मे काफी समस्या महसूस करता है तो वह इसके लिए किचड़ वैगरह के अंदर लौटता है ताकि तापमान को संतुलित किया जा सके।

मादा सूअर 3 से 12 महीने की उम्र में यौन परिपक्वता तक पहुंच जाते हैं।ओव्यूलेशन दर में भिन्नता कई कारको पर निर्भर करती है जैसे कि पोषण और पर्यावरण व बाहरी हार्मोन पर निर्भर करती है।गर्भधारण की अवधि औसत 112–120 दिन  की होती है।एस्ट्रस दो से तीन दिनों तक रहता है। ‌‌‌वैसे घरेलू सूअर 8 से 10 के झूंड के अंदर रहते हैं और कई बार यह एकल पुरूष के झुंड के अंदर भी रहते हैं।और वे अन्य मादा सूअरों की तलास करते हैं ताकि शारीरिक संपर्क बनाया जा सके ।

Wild Boar

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यूरेशिया और उत्तरी अफ्रीका का जंगली सूअर मूल निवासी है।यह प्रजाति अब दुनिया के सबसे चौड़े स्तनपायी जीवों मे से एक बन चुकी है।IUCN रेड लिस्ट के अंदर इसको शामिल किया गया है। ऐसा माना जाता है कि जंगली सूअर की उत्पति जंगली सूअर की उत्पत्ति संभवतया अर्ली प्लीस्टोसीन  के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया में हुई ‌‌‌ और बाद मे यह दुनिया के अलग अलग स्थानों पर फैल गया ।

1990 तक, 16 उप-प्रजातियाँ मान्यता प्राप्त हैं, जिन्हें खोपड़ी की ऊँचाई और लैक्रिमल हड्डी की लंबाई के आधार पर चार क्षेत्रीय समूहों में विभाजित किया गया है।जंगली सूअर मातृसत्तात्मक समाज के अंदर रहता है।पूरी तरह से विकसित नर प्रजनन मौसम के दौरान एकांत मे रहना पसंद करते हैं।

‌‌‌जैसा कि हमने आपको बताया कि जंगली सूअर मादा-प्रभुत्व वाले होते हैं। और नर सूअर 8 से 15 महिने के अंदर ही साउंडर को छोड़ देते हैं और उसके बाद अकेले रह सकते हैं लेकिन मादा अकेले नहीं रहती है । वह या तो अपनी मां के साथ रहती है। या फिर वह अपना नया इलाका बनाती है। अधिकांश क्षेत्रों में प्रजनन अवधि नवंबर से जनवरी तक रहती है, हालांकि अधिकांश संभोग केवल डेढ़ महीने तक ही होते हैं। संभोग से पहले, पुरुष प्रतिद्वंद्वियों का सामना करने की तैयारी में अपने चमड़े के नीचे के कवच को विकसित करते हैं।ताकि वे आसानी से अपने प्रतिद्वंद्वियों का सामना कर सकें ।

‌‌‌एक बार प्रजनन के लिए तैयार हो जाने के बाद नर दूर दूर तक की यात्रा करते हैं और इस दौरान सूअर बहुत की कम भोजन का सेवन करते हैं।और नर मादा का पीछा करता है इस दौरान बीच मे मिलने वाले प्रतिद्वंद्वियों से लड़ता है।

‌‌‌जैसे जंगल के कम होने के साथ ही जंगली सूअरों की आबादी के अंदर बहुत अधिक कमी आई है।उनका शिकार भी किया जाता है और मांस को खाया जाता है।

Philippine Warty Pig

फिलीपीन मस्सा सुअर (सूसी फिलिपेंसिस) फिलीपींस में पाई जाने वाली एक प्रजाति है।फिलीपीन वार्टी सूअरों के दो जोड़े मौसा होते हैं, जबड़े के पास से मौसा के बाल बाहर निकले रहते हैं इनको पोपुलर नाम बुश सुअर के नाम से भी जाना जाता है।

‌‌‌यह सूअर लूजोन, बिलीरन, समर, लेटे, मिंडोरो, मिंडानाओ, जोलो, पोलिलो, केटंडुआनेस जैसे स्थानों पर आसानी से देखने को मिलता है। समुद्र तल से 2800 मीटर तक यह पाया जाता है और अब इसके निवास स्थान के घटने की वजह से यह अब जंगलों तक ही सीमित रह गया है। यह बोर्नियन दाढ़ी वाले सूअर (सुस बार्बेटस) से निकटता से संबंधित है।

 Oliver’s Warty Pig

ओलिवर के मस्सेदार सुअर या मिंडोरो मस्से सुअर (सूसी ओलिवेरी) सुअर की जीनस  एक छोटी प्रजाति है जो केवल मध्य फिलीपींस में मिंडोरो द्वीप पर देखने को मिलती है। ‌‌‌पहले इसको एस। फिलिपेंसिस की उप-प्रजाति माना जाता था लेकिन अब यह एक अलग प्रजाति साबित हो चुकी है।इसका अधिक शिकार होने की वजह से यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई है।

Celebes Warty Pig

सेलेब्स वार्टी पिग (सुसे सेलेबेंसिस), जिसे सुलावेसी वार्टी पिग या सुलावेसी पिग भी कहा जाता है।यह प्रजाति इंडोनेशिया में सुलावेसी मे निवास करती है।यह समुद्रतल से 2,500 मीटर की उंचाई पर रहती है और इसको इंडोनेशिया जैसे कई स्थानों पर पालतू बनाकर भी रखा जाता है। सेलेब्स वार्टी सुअर एक मध्यम आकार का सुअर है।इसके शरीर की लंबाई 80 से 130 सेमी तक होती है।और इनके अंदर एक लंबी पूंछ होती है।पीठ गोल और पैर छोटे होते हैं। रंग ग्रे-काला होता है।

सेलेब्स वार्गी सुअर सुलावेसी में होता है, जो द्वीप के मध्य, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों के अंदर देखने को मिलता है।छोटे द्वीपों ब्यूटान, मुना, काबेना, पेलेंग, लेम्बेह और टोगो द्वीपों के अंदर देखने को मिलता है।यह समुद्र तल से यह 2,500 मीटर की उंचाई पर देखने को मिलता है। वर्षावन, दलदल , और घास के स्थानों पर यह सूअर निवास करता है।

‌‌‌यह सूअर कई मादाओं और उनकी संतानों के साथ एक समूह के अंदर रहते हैं।और दिन मे यह आराम करते हैं। भोजन के लिए सुबह और शाम को निकलते हैं।आहार में मुख्य रूप से जड़ें, अंकुर, पत्ते और गिरे हुए फल खाते हैं। पूरे साल ब्रीडिंग होती है। गर्भधारण की अवधि संभवतः चार और पांच महीनों के बीच होती है।

‌‌‌इन सूअरों की आबादी भी काफी तेजी से घट रही है।वनों की कटाई, भूमि का कृषि उपयोग में रूपांतरण और मानव का शिकार इसकी आबादी के कम होने का प्रमुख कारण है।आज भी इन सूअरों का शिकार होता है और मांस को बाजारों मे बेच दिया जाता है।

Visayan Warty Pig

सूअर का मीट खाने से क्या फायदे होते हैं - sooar ka meet khaane se kya phaayade hote hain

Visayan warty pig गम्भीर लुप्तप्राय प्रजाति के अंदर आता है।सेबू, नीग्रोस, पान, मसबेट, गुइमारस, और सिक्कीजोर जैसे द्धिवपों पर देखने को मिलता है।वासियन मस्सा सुअर निवास स्थान के नुकसान और शिकार के कारण गंभीर रूप से खतरे में है और यह अपने मूल स्थानों से तेजी से विलुप्त हो रही है।

इयान वार्टी सूअर चार से छह के रूप मे रहते हैं और आहार के रूप मे यह जड़ें कंद और फल खाते हैं।इसके अलावा वे खेती की फसलों को भी चट कर सकते हैं।उनके आवास का 95 प्रतिशत भाग किसानों ने अपने फसल बोने के लिए साफ कर दिया गया है।इन सूअर के भोजन करने के क्षेत्र काफी सीमित होते जा रहे हैं। जिसकी वजह से यह ‌‌‌ खड़ी फसलों पर हमला करते हैं। Visayan warty सूअर एक फ्रांसीसी चिड़ियाघर में खुदाई के दौरान मूर्ति भी मिली थी।

‌‌‌भोजन के लिए इन सूअरों का शिकार किया जाता है।इसके अलावा वनों की कटाई की वजह से इनकी आबादी को काफी भयंकर नुकसान पहुंचा है।

Heude’s Pig

हीड्स पिग  जिसे इंडोचाइनीस वार्टी पिग या वियतनाम वार्टी पिग के नाम से भी जाना जाता है।यह लाओस और वियतनाम में पाया जाता है। 1995 मे इस सूअर की एक खोपड़ी की खोज की गई थी। हालांकि वैज्ञानिकों को पता नहीं है कि इस सूअर की प्रजाति की बनावट किस प्रकार की थी ?

Bornean Bearded Pig

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‌‌‌इस सूअर को दाढ़ी वाले सूअर के नाम से भी जाना जाता है।इसकी पूंछ पर कभी-कभी टैसल्स भी होते हैं। यह दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है- सुमात्रा, बोर्नियो, मलय प्रायद्वीप और सुलु द्वीपसमूह के अंदर देखने को मिलता है। वर्षावनों और मैंग्रोव के अंदर यह निवास करता है।यह 18 महिने  की उम्र के अंदर यह परिपक्व हो जाता है। जनवरी 2016 तक, यह लंदन के चिड़ियाघर, बर्लिन के चिड़ियाघर, ग्लेडिस पोर्टर चिड़ियाघर, मलेशिया के राष्ट्रीय चिड़ियाघर के अंदर यह देखने को मिलता है।

Palawan Bearded Pig

पलवन दाढ़ी वाला सूअर (सुस एहनोबार्बस) फिलीपींस के जीनस सुसेमिक में एक सूअर की प्रजाति है।जोकि बालाबाक, पलावन और कैलीशियन द्वीप समूह के अंदर देखने को मिलता है।बोर्नियन दाढ़ी वाले सूअर की कुछ समय पहले उप प्रजाति माना जाता था। पलावन में खुदाई किए गए जीवाश्मों की पहचान पालावान दाढ़ी वाले सुअर की हड्डियां मिली हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि मनुष्यों ने इनकी हड्डियों को जमा किया था। दालावण दाढ़ी वाले सूअर की लंबाई 100 से 160 सेमी, 1 मीटर लंबी और वजन 150 किलोग्राम तक होता है।

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सूअर का मीट खाने से कौन सी बीमारी होती है?

सुअर का मांस, रेड मीट तथा कुछ दूसरे तरह के प्रसंस्कृत मांस खाने से इंसानों में कैंसर का खतरा हो सकता है। सुअर का मांस, रेड मीट तथा कुछ दूसरे तरह के प्रसंस्कृत मांस खाने से इंसानों में कैंसर का खतरा हो सकता है।

सूअर का मांस खाने से क्या फायदा मिलता है?

जानकारी के लिए बता दें कि सुअर का मांस (Pork) लाल मटन (red mutton) के अंतर्गत आता है जिसमे की पर्याप्त मात्रा में प्रोटिन और वसा पाया जाता है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है। सुअर के मांस में सेलेनियम तत्व की मात्रा पाई जाती है जिससे कि हमारा प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है।

सबसे ताकतवर मांस कौन सा है?

जोकुछ मनुष्य को आसानी से उपलब्ध है और उसे आसानी से खा। पचा सकता है जो उसके लिए शरीर में कोई बाधा उत्पन्न न करे वही उसके लिए ताकतवर। शक्तिदायक है।

सबसे अच्छा मीट कौन सा होता है?

इंडिया में सबसे अधिक जिस रेड मीट का सेवन होता है वो मटन है। ये बात सही भी है जब भी हम लोग कहीं पार्टी या किसी स्पेशल ओकेजन पर जाते हैं और अगर सामने चिकन और मटन रखा हो तो लोग अक्सर मटन खाने पसंद करते हैं।