राजस्थान के प्रमुख उद्योग कौन कौन से हैं? - raajasthaan ke pramukh udyog kaun kaun se hain?

नमस्कार दोस्तों India GK में आपका स्वागत है आज हम राजस्थान में प्रमुख उद्योग एवं औद्योगिक विकास | Rajasthan Udyog ,rajasthan me cement udyog,rajasthan ke udyog trick, ajasthan ka audyogik vikas, rajasthan ke udyog question के बारे में महत्वपूर्ण Fact आपके लिए लेकर आए हैं यह Rajasthan GK Rpsc एग्जाम की दृष्टि से महत्वपूर्ण है

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Rajasthan me Udyog - राजस्थान के प्रमुख उद्योग 

  • उद्योगों की दृष्टि से राजस्थान देश का पिछड़ा हुआ राज्य है। 
  • इसका मुख्य कारण आधारभूत संरचना का अल्प विकास व जलवायु को माना जाता है। 
  • कोटा को तीव्र औद्योगिक विकास के कारण राजस्थान की औद्योगिक नगरी कहा जाता है। 
  • उद्योगों की दृष्टि से राजस्थान का देश में 10वाँ स्थान है।

वर्तमान मेंराजस्थानमें-

  • सर्वाधिक उद्योग / फैक्ट्री - जयपुर 
  • सर्वाधिक वृहद उद्योग अलवर                               

A. उद्योगोंकावर्गीकरण :-

  • आकार के आधार पर 
  • विनिर्माण के आधार पर 
  • स्वामित्व के आधार पर

a. आकारके आधारपर :-आकारआधारपरउद्योगोंको 3 भागों मेंबांटाजाताहैजिसकाआधारपूँजीएवंटर्नओवरहै।

उद्योग

पूँजी / निवेश

टर्नओवर

अतिलघुउद्योग

1 करोड

5 करोड़

लघु

1 से 10 करोड़

5 से 50 करोड़

मध्यम

10 से 50 करोड़

50 से 250 करोड़

कुटीरउद्योग-निम्नतकनीकपरआधारितउद्योगजिनका उद्देश्यलाभप्राप्तकरनेकेस्थानपरआजीविकाचलाना होताहै।

b. विनिर्माणकेआधारपर :- विनिर्माणके आधारपरउद्योगोंकाकच्चेमालकेआधारपर वर्गीकरण कियाजाताहै।

विनिर्माणकेआधारपर

  • कृषि आधारित उद्योग 
  • खनिज आधारित उद्योग 
  • वनोत्पाद आधारित उद्योग 
  • इंजीनियरिंग या तकनीकी उद्योग 
  • रासायनिक उर्वरक उद्योग

1. कृषि आधारित उद्योग :-

  • सूती वस्त्र उद्योग
  • चीनी उद्योग
  • ऊन उद्योग
  • वनस्पति घी एवं सरसों तेल उद्योग
  • डेयरी उद्योग
  • बायोडीजल
  • जैतून तेल उद्योग

1. सूती वस्त्र उद्योग :-

  • कच्चा माल कपास 
  • प्रथम सूती वस्त्र मिल दी कृष्णा कॉटन मिल 
  • स्थापना 1889 (ब्यावर अजमेर) 
  • संस्थापक सेठ दामोदर दास राठी एवं कर्नल डिक्सन

उद्योगों का वर्गीकरण

एडवर्ड (ब्यावर - 1906)

विजयनगर (अजमेर)

महालक्ष्मी (ब्यावर - 1925)

राजस्थान की सहकारी सूती वस्त्र मिले

मिल

स्थान

राजस्थान सहकारी कताई मिल

गुलाबपुरा (भीलवाड़ा - 1965)

गंगापुर सहकारी कताई मिल

भीलवाड़ा-(1981)

श्रीगंगानगर सहकारी कताई मिल

हनुमानगढ़-1978

स्पिनफैड (SPINFED Rajasthan State Cooperative Spinning and Ginning Mills. Federation Limited)

  • स्थापना 1 अप्रैल, 1993
  • यह सहकारी सूती वस्त्र मिलों का संघ है।
  • जिसमें तीनों सहकारी सूती वस्त्र मिल एवं गुलाबपुरा स्पिनिंग सहकारी वस्त्र मिल शामिल है।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :-

  • महाराजा उम्मेद मिल्स लिमिटेड-पाली(1942) जो राजस्थान की सबसे बड़ी सूती मिल है।
  • सूती वस्त्र उद्योग कृषि आधारित सबसे बड़ा उद्योग है।
  • यह एक परम्परागत उद्योग है।
  • महिलायें सर्वाधिक इसी उद्योग में कार्यरत है।

नोट- भीलवाड़ा को राजस्थान का मैनचेस्टर / वस्त्रनगरी / टैक्सटाइल सिटी कहा जाता है।

2. चीनी उद्योग :-

कच्चा माल गन्ना एवं चुकन्दर

राजस्थान में चीनी मिलें

मेवाड़ शुगर मिल (1932) चित्तौड़गढ़

प्रथम निजी चीनी मिल

गंगानगर शुगर मिल

(1937) श्रीगंगानगर

केशोरायपाटन शुगर मिल

(1965 बूँदी)

उदयपुर शुगर मिल (1976)

प्रथम सार्वजनिक चीनी मिल

प्रथम सहकारी चीनी मिल

नोट:- गंगानगर शुगर मिल एक मात्र शुगर मिल है। जहां गन्ने एवं चुकन्दर (1968) से चीनी बनाई गई। वर्तमान में यह बन्द है। जिसके द्वारा वर्तमान में तीन उपक्रमों का संचालन किया जाता है।

गंगानगर शुगर मिल

  • देशी शराब का निर्माण
  • हैरिटेज लिकर का निर्माण (जयपुर)
  • दी हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री (धौलपुर)

3. ऊन उद्योग :-

ऊन उत्पादन में राजस्थान ( 34.46 प्रतिशत) का देश में प्रथम स्थान है।

प्रमुख ऊन उद्योग

  • केन्द्रीय ऊन बोर्ड- जोधपुर
  • राजस्थान में सर्वाधिक ऊन उत्पादन -जोधपुर
  • राजस्थान में सबसे बड़ी ऊन मण्डी- बीकानेर
  • वूल टेस्टिंग प्रयोगशाला - बीकानेर
  • स्टेट वूल मिल- बीकानेर
  • ऊन प्रशिक्षण केंद्र- जयपुर
  • केंद्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान केंद्र- अविकानगर (टोंक)

4. वनस्पति घी एवं सरसों तेल उद्योग :

  • राजस्थान में प्रथम वनस्पति घी फैक्ट्री - भीलवाड़ा (स्थापना 1964)
  • वर्तमान में वनस्पति घी का सर्वाधिक उत्पादन-जयपुर
  • सरसों तेल का उत्पादन सर्वाधिक- जयपुर

सरसों तेल के प्रमुख कारखानें

  • चम्बल- जयपुर
  • वीर बालक- जयपुर
  • नेताजी- जयपुर
  • इंजन मार्का - भरतपुर

5. डेयरी उद्योग :-

  • राजस्थान में डेयरी उद्योग का सर्वाधिक विकास में जयपुर में हुआ है। 
  • राजस्थान की प्रथम डेयरी पद्मा (अजमेर) 1938 राजस्थान राज्य डेयरी विकास निगम 1975 में विश्व बैंक के सहयोग से जयपुर में स्थापित किया गया। 
  • डेयरी विकास के लिए राज्य में त्रिस्त्रीय ढाँचा बनाया गया है।

डेयरी विकास के लिए राज्य में त्रिस्त्रीय ढाँचा

  • शीर्ष- RCDF-1977 राज सहकारी डेयरी संघ (जयपुर) 
  • जिला स्तर पर - जिला दुग्ध सहकारी संघ 
  • ग्रामीण स्तर पर- प्राथमिक सहकारी दुग्ध समितियों 
  • .RCDF (Rajasthan Co-Operative Dairy Federation) को राजस्थान डेयरी विकास निगम के स्थान पर बनाया गया।

नोट :- राजस्थान में संचालित प्रमुख डेयरी-  

  1. वरमूल (WRMUL) Western Rajasthan Milk Union Ltd. (जोधपुर)
  2. उरमूल (URMUL) Uttari Rajasthan Milk Union Ltd. (बीकानेर)
  3. गंगमूल (Gangmul) Ganganagar Milk Union Ltd.
  4. मेट्रो डेयरी बस्सी (जयपुर) -क्षमता 11 लाख लीटर
  5. ऊँटनी के दुग्ध विपणन का केन्द्र जयपुर में स्थापित किया गया है। -क्षमता 21000 लीटर / दिन

6. बायोडीजल-

1.कच्चा माल - रतनजोत / जैट्रोफा एवं करंज

2.बायोडीजल रिफाइनरी -कलड़वास (उदयपुर)

3.बायोडीजल प्लांट -झामर कोटड़ा (उदयपुर)

7. जैतून तेल / ऑलिव ऑयल -

कच्चा माल जैतून

जैतून रिफाइनरी लूणकरणसर (बीकानेर)

नोट:- ऑलिव टी-प्लांट जयपुर-बस्सी में स्थापित किया गया है।

II. खनिज आधारित उद्योग-

1. सीमेंट उद्योग

2. काँच उद्योग

3. नमक उद्योग

4. मार्बल उद्योग

5. ग्रेनाईट उद्योग

6. अभ्रक उद्योग

1. सीमेंट उद्योग-

1.कच्चा माल -चूना पत्थर, जिप्सम एवं सिलिका

2.राजस्थान में प्रथम सीमेंट फैक्ट्री 1912- (ACC एसोसिएट सींमेट कम्पनी)

3.स्थान - लाखेरी (बूंदी)

सफेद सीमेंट फैक्ट्री -

1. जे. के. व्हाइट सीमेंट फैक्ट्री- गोटन (नागौर)

2. जे. के. व्हाइट सीमेंट फैक्ट्री- मांगरोल (चित्तौड़गढ़)

3. बिरला व्हाइट सीमेंट फैक्ट्री- खारियाखंगार (जोधपुर) -

सीमेंट उत्पादन की प्रमुख इकाईयाँ -

1. जे. के. सीमेंट फैक्ट्री - निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़)

2. अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री - चित्तौड़गढ़

3. चेतक सीमेंट फैक्ट्री - चित्तौड़गढ़

4. लाफार्ज सीमेंट फैक्ट्री- चित्तौडगढ

5. एसोसिएट सीमेंट कम्पनी- लाखेरी (बूंदी)

6. बांगड़ सीमेंट फैक्ट्री - पाली

7. बिनानी सीमेंट फैक्ट्री- पिंडवाड़ा (सिरोही) 8. श्री सीमेंट फैक्ट्री- ब्यावर (अजमेर)

9. श्री राम सीमेंट फैक्ट्री- श्रीराम नगर (कोटा)

10. ग्रासिम सीमेंट फैक्ट्री -कोटपूतली (जयपुर) -

11. मंगलम सीमेंट फैक्ट्री- मोडक (कोटा)

12. जयपुर सीमेंट फैक्ट्री- सवाईमाधोपुर

2. काँच उद्योग-

कच्चा माल :- सिलिका सैंड, सोडियम सल्फेट, शोरा (चीनी उद्योग से प्राप्त )

राजस्थान में काँच उद्योग का सर्वाधिक विकास- धौलपुर

प्रमुख काँच फैक्ट्री

धौलपुर

कोटा

अलवर

धौलपुर ग्लास फैक्ट्री

सैमकोर ग्लास फैक्ट्री

सेंट गोबेन ग्लास

फैक्ट्री

दी हाइटेक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री

3. नमक उद्योग- इस उद्योग का प्रमुख आधार राजस्थान की खारे पानी की झीलें है।

नमक उद्योग

1.सांभर साल्ट लिमिटेड (जयपुर)

2.पचपदरा (बाड़मेर)

3.डीडवाना (नागौर)

4. मार्बल उद्योग -

1.राजस्थान इस उद्योग में देश में प्रथम माना जाता है।

2.राजसमन्द से मार्बल सर्वाधिक उत्पादित होता है क्योंकि यहां मार्बल उत्पादन / प्रोसेसिंग इकाईयों सर्वाधिक है।

3.किशनगढ़ (अजमेर) मार्बल मंडी का सबसे बड़ा केन्द्र है।

4.राजस्थान का सफेद मार्बल (मकराना - नागौर) विश्व प्रसिद्ध माना जाता है।

5. ग्रेनाईट उद्योग -

1.इस पत्थर का उत्पादन सर्वाधिक राजस्थान के जालोर, बाड़मेर, सिरोही क्षेत्र से होता है।

2.जालोर को राजस्थान में ग्रेनाइट सिटी कहा जाता है।

6. अभ्रक उद्योग -

1.राजस्थान में अभ्रक ईंट बनाने का कारखाना -भीलवाड़ा

2.भीलवाड़ा को अभ्रक / माईका सिटी भी कहा जाता है।

उपयोग-

3.इस उत्पाद से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाये जाते है।

III. वनोत्पाद आधारित उद्योग -

1.गोंद उत्पादन (चौहटन - बाड़मेर)

2.रेशम / सेरीकल्चर (उदयपुर)

IV. इंजीनियरिंग या तकनीकी उद्योग -

उद्योग

उत्पाद

जयपुर

नेशनल इंजीनियरिंग कम्पनी

वॉल एवं बेरिंग

जयपुर,

जयपुर मेटल्स

बिजली के मीटर

जयपुर

केप्सटन मीटर

पानी के मीटर

जयपुर, पाली

राज. इलैक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन

टी.वी.

जयपुर

मान इण्डस्ट्रीज

लोहे के दरवाजे एवं टॉवर निर्माण

जयपुर

केबल इण्डस्ट्रीज

केबल

कोटा

इंस्ट्रूमेंटेशन

यंत्र / मशीन

कोटा

J & K इलेक्ट्रॉनिक्स

टी.वी.

कोटा

फ्लोर्सपार संयंत्र

लोहे के साथ मिलाकर संयंत्र निर्माण

डुंगरपुर

सिमको वैगन फैक्ट्री (1957)

रेलवे डिब्बो का निर्माण

भरतपुर

V. रासायनिक उर्वरक उद्योग -

1. चम्बल फटिलाइजर्स एवं केमिकल्स गढ़ेपान ( कोटा )

2. राष्ट्रीय केमिकल्स एवं फटिलाइजर्स (DAP डाई-अमोनियम फॉस्फेट) - कपासन ( चित्तौड़गढ़)

3. राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स डीडवाना (नागौर)

c. स्वामित्व के आधार पर

निजी उद्योग

सार्वजनकि उद्योग

सहकारी उद्योग

व्यक्तिगत अधिकार

सरकार का अधिकार

व्यक्तिगत एवं सरकार दोनों द्वारा संचालित

सार्वजनिकउद्योग

1.केन्द्रसरकारकेउपक्रम-7

2.राज्य सरकारकेउपक्रम-23

वैधानिकबोर्ड-6

कम्पनीअधिनियम-17

केन्द्र सरकारकेउपक्रम / उद्योग :-

वैधानिकबोर्ड 6

1955

राजस्थानवित्तनिगम

1957

कृषिभण्डारणनिगम

1 अक्टूबर, 1964

राजस्थानराज्यपथपरिवहननिगम (RSRTC)

1970

राजस्थानहाउसिंगबोर्डनिगम (RHB)

1974

राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड

1975

राज्य भूमि विकास निगम

कम्पनी अधिनियम - 17

नोट –

राजस्थान के कम्पनी अधिनियम में संचालित उपक्रम - 17 जिनमें प्रमुख

  1. RSMML – Raj State Mines & Minerals Ltd. (1974)-उदयपुर
  2. राज्य विद्युत वितरण निगम जोधपुर, अजमेर, जयपुर
  3. REIL Rajasthan Electronics & Instruments Ltd. कनकपुर (जयपुर) इसके द्वारा सॉफ्टवेयर IT नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण किया जाता है।

B. औद्योगिक विकास के प्रयास

i

औद्योगिक नीति

ii

विशेष औद्योगिक क्षेत्र (SEZ)

iii

औद्योगिक पार्क व कॉम्पलेक्स

iv

औद्योगिक निवेश कार्यक्रम

V

औद्योगिक गलियारा

Vi

औद्योगिक विकास संस्थान

Vii

औद्योगिक विकास योजनाएँ

I. राजस्थान की औद्योगिक नीतियाँ

क्र.सं.

वर्ष

1

1978

2

1991

3

1994

4

1998

5

2010

6

2010 1 जुलाई 2019 नवनीतम औधौगिक नीति

नोट:-MSME Micro Small Medium Enterprises Policy को 20 नवम्बर 2015 को जारी किया गया।

राजस्थान में औद्योगिक विकास के लिए किये जा रहे प्रयास निम्नलिखित है-

II. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ Special Economic Zone) : -

1.राज्य में सेज कार्यक्रम रिको के द्वारा चलाया जाता है।

राजस्थान के प्रमुख सेज-

सेज

संबंधित क्षेत्र

अवस्थिति

बोरानाड़ा सेज

ग्वारगम, हैण्डीक्राफ्ट

जोधपुर

सीतापुरा सेज

जेम्स एण्ड ज्वैलरी

जयपुर

महिन्द्रा सेज

आई.टी., हैण्डीक्राफ्ट

जयपुर (कलवाडा़)

सोमानी सेज

हाईवेयर एण्ड सॉफ्टवेयर

अलवर

आर एन बी सेज

टैक्सटाईल

बीकानेर

वाटिका सेज (प्रस्तावित)

आई.टी.

जयपुर

III. औद्योगिक पार्क एवं कॉम्पलैक्स:-

1.

जापानी पार्क (जेट्रो)

नोट:- JETRO- Japan External Trade Organization

-1st नीमराना (अलवर) -2nd घिलोट (अलवर)

2.

कोरियन पार्क (KOTRA)

घिलोट (अलवर)

3.

सिरेमिक जोन

घिलोट

4.

एग्रो फूड पार्क

-श्री गंगानगर

-जोधपुर

-कोटा

-अलवर

5.

मेगा फूड पार्क

-रूपनगढ़ (अजमेर)

-प्रस्तावित जोधपुर

6.

सूचना तकनीकी पार्क (आई.टी. पार्क)

-जयपुर

-कोटा

-उदयपुर

-जोधपुर

7.

मसाला पार्क (Spice Park)

1 मथानिया-जोधपुर,

2nd रामगंज मण्डी-कोटा

8.

परिधान पार्क / अपैरल पार्क

जगतपुरा ( महल रोड),

जयपुर

9.

स्टोन पार्क

-मण्डोर, जोधपुर

-मासलपुर, करौली

-विसनोदा धौलपुर

-मण्डाना कोटा

10.

सॉफ्टवेयर पार्क(REIL/Rajasthan electronics Instrument Limited)

कनकपुरा, जयपुर

11.

ऊन कॉम्प्लेक्स (Wool Complex)

-खारा (बीकानेर)

-ब्यावर (अजमेर)

-गोहना (अजमेर)

-नरबदखेड़ा (अजमेर)

12.

सिरेमिक कॉम्प्लेक्स

खारा (बीकानेर)

13.

निर्यात संवर्द्धन औद्योगिक पार्क

(REIL/Rajasthan electronics Instrument Limited)

-सीतापुरा, जयपुर

-बोरानाडा, जोधपुर

-नीमराना, अलवर -

नोट:- देश का प्रथम निर्यात संवर्द्धन औद्योगिक पार्क सीतापुरा, जयपुर (1997) है।

IV. औद्योगिक निवेश कार्यक्रम

रिसर्जेंट राजस्थान -

आयोजन

प्रथम 2008

द्वितीय 19 20 नवम्बर, 2015

स्थान

सीतापुरा ( जयपुर )

रिसेर्जेन्ट राजस्थान में कुल निवेश

3,30,000 करोड़

सर्वाधिक निवेश

सौर ऊर्जा क्षेत्र में हुआ।

20 नवम्बर 2015 को MSME पॉलिसी को लागू किया गया।

नोट:-

निवेश कार्यक्रम को आयोजित करवाने वाली नोडेल एजेन्सी

BIP (ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन)

गठन

1991

उद्देश्य

10 करोड़ से अधिक के औद्योगिक निवेश ।

V. दिल्ली – मुम्बई औद्योगिक गलियारा (DMIC Delhi Mumbai Industrial Corridor)

  1. इस परियोजना में तकनीकी व आर्थिक सहयोग "जापान के द्वारा किया गया है।
  2. इस परियोजना का विस्तार नोएडा (U.P.- दिल्ली) से जवाहर लाल नेहरू पोर्ट (मुम्बई-महाराष्ट्र) तक है।
  3. इस औद्योगिक गलियारे की कुल लम्बाई 1483 कि.मी. होगी। जिसमें से राजस्थान में 558 कि.मी रखी गई है।
  4. इस औद्योगिक गलियारे में राजस्थान के मुख्यतः 7 जिलें शामिल है जबकि इसके प्रभाव क्षेत्र में 22 जिलें शामिल किये गये है।
  5. इस औद्योगिक गलियारे में 24 औद्योगिक क्षेत्र एवं 8 औद्योगिक निवेश क्षेत्र बनाये जायेगें। जिसमें राजस्थान के 3 औद्योगिक क्षेत्र एवं 2 औद्योगिक निवेश क्षेत्र शामिल किये गये है।,
  6. नोड संख्या 7 - अलवर- खुशखेड़ा- भिवाड़ी- नीमराना- निवेश क्षेत्र
  7. नोड संख्या 8-जयपुर- दौसा- औद्योगिक क्षेत्र
  8. नोड संख्या 9-अजमेर-किशनगढ निवेश क्षेत्र
  9. नोड संख्या 10-राजसमंद - भीलवाडा औद्योगिक क्षेत्र
  10. नोड संख्या 11-पाली-मारवाड औद्योगिक क्षेत्र

VI. औद्योगिक संस्थान :-

  • a- RFC
  • b- राजसीको ( RAJSICO)
  • c- रीको (RIICO)
  • d- 1-रूडा (RUDA)

(a) (Rajasthan Financial Corporation / राजस्थान वित्त निगम )

  • स्थापना - जनवरी, 1955
  • मुख्यालय- जयपुर
  • उद्देश्य:-

1.अतिलघु लघु एवं मध्यम उद्योगों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध करना। (ऋण राशि 2000-20 करोड़ )

2.RFC की योजनाएँ:-

(i)फ्लैक्सी ऋण योजना- इस योजना के तहत (MSME ) अतिलघु लघु व मध्यम उद्योगों को सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध करवाना।

(ii) टॉप अप योजना - अतिलघु उद्योगों को तकनीकी व मशीनरी विकास के लिए ऋण उपलब्ध करवाने की योजना ।

(iii) सैमफैक्स योजना / SEMFEX SCHEME (Self Employed for Ex-Serviceman Scheme)- भूतपर्व सैनिकों को उद्योग स्थापित करने के लिए सहयोग करने वाली योजना

3.RFC के द्वारा विश्वसनीय ऋणियों को सिल्वर, गोल्ड एवं प्लेटिनम कार्ड जारी किया जाता है।

(b) राजसीको (RAJSICO - Rajasthan Small Industries Corporation Limited)

स्थापना- जून, 1961

मुख्यालय- जयपुर

उद्देश्य:-

1.आदिवासी क्षेत्रों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराना।

2.लघु उद्योगो को कच्चा माल, मशीनरी व तकनीकी सुविधा उपलब्ध करवाना।

3.राजसीको लघु उद्योगों से उत्पादित माल के विपणन का कार्य करता है।

(c) रीको ( RIICO Rajasthan State Industrial Development and Investment Corporation Limited)

1.स्थापना -1969 में की गई, जबकि पुनर्गठन 1980 में किया गया ।

2.मुख्यालय-जयपुर

उद्देश्य:-

1.मध्यम एवं वृहद उद्योगों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराना ।

2.उद्योगों के लिए भूमि उपलब्ध कराना।

3.राजस्थान में उद्योगों की यह शीर्ष संस्था है।

(d) रूडा (RUDA Rual Non-farm / Agriculture Development Agency)

स्थापना - 1995

मुख्यालय -जयपुर

उद्देश्य:-

1.गैर कृषि क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित प्रशिक्षण उपलब्ध कराना।

2.रूडा के प्रशिक्षण क्षेत्र ऊन एवं वस्त्र उद्योग, चमड़ा उद्योग, लघु / गौण खनिजसंबंधित होते हैं।

VII. औद्योगिक विकास योजनाएं -

(i) मुख्यमंत्री स्वलाम्बन योजना -

शुरूआत- 2013

उद्देश्य -इस योजना के तहत हस्त आधारित व दस्तकारों को स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध करवाना।

(ii) मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता योजना

शुरूआत - 2013

उद्देश्य जिन युवाओं के पास लीक से हटकर उद्योग स्थापित करने की योजना है, उन्हें आर्थिक सहयोग व ऋण उपलब्ध करवाना।

नोट  

इस योजना के लिए योग्यता-

  1. उम्र - 8-45 वर्ष
  2. योग्यता - 10 वीं + ITI या ग्रेजुएट
  3. ऋण राशि - 25 लाख 5 करोड़

(iii) स्टार्ट अप योजना -

यह केन्द्र सरकार की योजना है।

शुरूआत -राजस्थान में 9 अक्टूबर 2015 इस योजना के तहत लीक सक हटकर औद्योगिक योजना स्थापित करने वाले उद्यमियों को आर्थिक सहयोग देना ।

नोट -यह योजना में शामिल राजस्थान देश का पाँचवा राज्य हैं। (कर्नाटक, केरल, - आन्ध्रप्रदेश, गुजरात)

(iv) एसाईड योजना -

औद्योगिक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई।

शुरूआत मार्च 2002

उद्योगों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु -

1. औद्योगिक विकास के लिए -

जिला स्तर पर -जिला उद्योग केन्द्र -36 एवं उपकेन्द्र -8

(ii.) सिंगल विंडो क्लियरेंस एक्ट 2011 (संशोधित 2020 ) (2020)

(iii) ई गवर्नेन्स व IT नीति नवम्बर 2015

(iv) राज्य के विशेष औद्योगिक संस्थान-

1.कम्प्यूटर एडेड कॉरपेट डिजाईन सेंटर -जयपुर

2.कम्प्यूटर एडेड टैक्सटाईल डिजाइन सेंटर - भीलवाडा

3.बह्मगुप्त अनुसंधान व विकास संस्थान -जोधुपर

4.वियर डिजाईन सेंटर -मंडोर (जोधपुर)

5._NIFT (Naional Insitute of Fashion Technology)- जोधपुर

6.सिरेमिक अनुसंधान व विकास केन्द्र- बीकानेर

राजस्थान के मुख्य उद्योग कौन से हैं?

राजस्थान के प्रमुख उद्योगों में सीमेन्ट उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, नमक उद्योग, कांच उद्योग आदि शामिल है।

राजस्थान में कुल कितने औद्योगिक क्षेत्र हैं?

राज्य में 36 जिला उद्योग केंद्र एवं 8 उपकेंद्र हैं । वर्तमान में राज्य में सर्वाधिक वृहद एवं मध्यम उद्योग इकाइयां भिवाड़ी (अलवर) व जयपुर में है । राज्य में सर्वाधिक पंजीकृत फैक्ट्रियाँ क्रमश: जयपुर व जोधपुर जिले में है । फैक्ट्रियाँ न्यूनतम संख्या जैसलमेर व बाराँ में है ।

राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक नगर कौन सा है?

Detailed Solution. सही उत्‍तर कोटा है। यह उत्तरी भारत के औद्योगिक केंद्रों में से एक है, जहां रसायन, सीमेंट, इंजीनियरिंग और बिजली संयंत्र आधारित हैं। यह शहर उस क्षेत्र का व्यापार केंद्र है जिसमें कपास , बाजरा , गेहूं, धनिया और तिलहन उगाए जाते हैं ।

कोटा में कुल कितने उद्योग क्षेत्र हैं?

प्रदेश में मध्य श्रेणी के कुल 254 उद्योग वर्तमान में संचालित है। इस श्रेणी में प्रदेश में 20 उद्योग बंद है, जिसमें अकेले कोटा में ही सात वृहद उद्योग बंद है।