राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग की संख्या कितनी है - raajasthaan mein raashtreey raajamaarg kee sankhya kitanee hai

राजस्थान स्टेट ब्रिज लिमिटेड की स्थापना एक सार्वजनिक कंपनी के रूप में 8 फरवरी 1979 को हुई । 19 फरवरी 2001 को नाम परिवर्तित राजस्थान सड़क विकास एवं निर्माण निगम कर दिया गया । इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य आधुनिक पूलों, सड़कों तथा भवनों के निर्माण को करना है ।

(3) रिडकोर ( Road Infrastructure Development Co. of Rajasthan )

स्थापना – अक्टूबर 2004

राजस्थान सरकार व इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग व फाइनेंशियल सर्विसेज की 50 : 50 की भागीदारी से गठित सयुक्त उपक्रम जुलाई 2005 से मेगाहाईवे परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है ।

राजस्थान की सड़क योजनाएँ

राजस्थान राज्य मार्ग अधिनियम 2016 ➡ विधानसभा द्वारा पारित कर दिनांक 8 मई 2015 से लागू किया गया ।

राजस्थान राज्य राजमार्ग विकास परियोजना ➡ राज्य में राज्य राजमार्गों को पीपीपी एन्यूटी के आधार पर विकसित करने हेतु इस परियोजना का निर्माण किया गया ।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ➡ 250 से अधिक आबादी क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ना ।

नाबार्ड ग्रामीण विकास आधारभूत ढांचा विकास निधि ( RIDF) ➡ 250 से 499 आबादी के क्षेत्रों को सड़क से जोड़ना ।

ग्रामीण गौरव पथ योजना ➡ वर्ष 2014-15 में योजना प्रारंभ की गई । इस योजना के तहत आगामी 3 वर्षों में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी की एक सड़क को ग्रामीण गौरव पथ के रूप में मय नाली निर्माण विकसित किया जाना है ।

राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिक करण परियोजना ➡ वर्ष 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह नवीन परियोजना प्रारंभ की गई थी ।

मुख्यमंत्री सड़क योजना ➡ यह योजना 7 अक्टूबर 2005 को शुरू की गई । इस योजना में राज्य में प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थलों को जोड़ने हेतु 1000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है । प्रत्येक जिले में एक आदर्श सड़क (मॉडल रोड) का विकास किया है ।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) ➡ इस योजना के अंतर्गत स्वर्णिम चतुर्भुज , पूर्व -पश्चिम कॉरोडोर व उत्तर- दक्षिण कॉरिडोर पर 4 या 6 लेन सड़क का कार्य भारत सरकार के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा करवाया जा रहा है । यह योजना 1999-2000 से संचालित है तथा इसका वित्त पोषण केंद्रीय सड़क निधी, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक व जेबीआईसी (जापान) द्वारा किया जा रहा है ।

हरित सड़क योजना ➡ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में हरित सड़क योजना के तहत राज्य राजमार्ग / मुख्य जिला सड़कों को डब्ल्यूबीएम स्तर पर चौड़ाईकरण/ सुदृढ़कीरण हेतु 7800.11 km लंबाई में कार्य कराया जाएगा तथा सड़कों पर पेड़ लगाए जाएंगे ।

देवनारायण योजना ➡ देवनारायण योजनान्तर्गत अलवर, धौलपुर, झालावाड़, करौली व सवाई माधोपुर जिलों में गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में पिछड़ेपन के आधार पर वर्ष 2001 की जनसंख्या के आधार पर 250-499 आबादी के गांव को ग्रेवल सड़क से जोड़ा जाना प्रस्तावित है ।

चेतक परियोजना ➡ यह राज्य के सीमावर्ती इलाकों – बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर व गंगानगर आदि में सामरिक महत्व की सीमावर्ती सड़कें बनाने की सीमा सड़क संगठन की परियोजना है ।

रेल परिवहन

राजस्थान में प्रथम रेल की शुरुआत जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच अप्रैल 1874 में हुई । आजादी से पूर्व बीकानेर व जोधपुर रियासतों ने सर्वप्रथम अपने निजी रेलमार्ग स्थापित किये । 11 अगस्त 1879 अजमेर में लोको कारखाना स्थापित किया गया जिसमें 1895 में पहला लोको इंजन बनकर तैयार हुआ ।

राजस्थान में मार्च 2018 तक रेल मार्ग की कुल लंबाई 5929 km है ,जो देश के रेल मार्ग की कुल लंबाई का 8.66% है । रेल मार्ग की लंबाई की दृष्टि से राजस्थान का भारत में 12वां स्थान है ।

13 जुलाई 2018 को बीकानेर से बिलासपुर के बीच राजस्थान की पहली अंत्योदय सप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई ।

रेलवे को हमारे संविधान में संघ सूची का विषय बनाया गया है । रेल विकास का समग्र दायित्व केंद्र सरकार के अंतर्गत रेल मंत्रालय का है ।

राजस्थान में वर्तमान में दो रेलवे जोन में 5 मंडल कार्यालय है । भारत में 17 रेलवे जोन है ।

उत्तर- पश्चिमी रेलवे ➡ 14 जून 2002 को राजस्थान में बनाया गया नया रेलवे जोन । इसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है । इसमें राज्य के चार रेल मंडल जयपुर, अजमेर ,बीकानेर व जोधपुर शामिल किए गए हैं ।

पश्चिमी- मध्य रेलवे जोन ➡ राज्य का कोटा मंडल इस जोन के अंतर्गत आता है । पश्चिमी मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय जबलपुर है ।

भारतीय रेल अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र ➡ इस केंद्र का निर्माण पचपद्रा (बाड़मेर) में किया जा रहा है । जहां पर तेज गति से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जाएगा ।

सीमको वैगन फैक्ट्री, भरतपुर ➡ सीमको की स्थापना 1957 में हुई थी । नवंबर 2000 में यहाँ तालाबंदी हो गई थी जिसे 9 अक्टूबर 2008 को पुन: चालू किया गया ।

पश्चिमी रेलवे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, उदयपुर ➡ यह केंद्र 9 अक्टूबर 1965 को स्थापित किया गया । इस केंद्र में भारत का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष है ।

रतलाम- बांसवाड़ा- डूंगरपुर रेल लाइन ➡ इस रेल लाइन के निर्माण के लिए रेलवे बोर्ड तथा राज्य सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ । इस रेलवे लाइन के लिए राज्य सरकार भूमि उपलब्ध करवा रही है ।

जयपुर मेट्रो रेल परियोजना –

जयपुर शहर में आवागमन सुविधा बढ़ाने हेतु मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत की गई है । इसकी क्रियान्विती हेतु राज्य सरकार ने पूर्ण स्वामित्व वाली जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (JMRC) का पंजीकरण 1 जनवरी 2010 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत किया गया है । जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट 12 नवंबर 2010 को शिलान्यास व कार्य प्रारंभ हो गया है ।

शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 27 नवंबर 2015 को जयपुर मेट्रो रेल परियोजना (फेज-1A) को बेस्ट अरबन मास ट्रांजिट प्रोजेक्ट कैटेगरी में “Commendable Emerging Initiative” के रूप में विशेष अवार्ड प्रदान किया गया है ।

वायु परिवहन

भारतीय संविधान में विमानपत्तन को संघ सूची का विषय बनाया गया है । वायुमार्ग व आवश्यक सुविधाओं के विकास विस्तार का दायित्व पूर्णत: केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में है ।

राजस्थान में वर्तमान में कुल 10 एयरपोर्ट एवं 22 हवाई पट्टियां है ।

जयपुर, कोटा एवं उदयपुर एयरपोर्ट , एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तथा पाँच एयरपोर्ट क्रमश: बीकानेर, जोधपुर, सूरतगढ़, जैसलमेर एवं बाड़मेर भारतीय वायुसेना के हैं ।

राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग कितने हैं 2022?

वर्तमान में राजस्थान में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग 48 हैं, जिनकी कुल लम्बाई 10599.67 किमी.

राजस्थान में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग कितने हैं?

राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं जिनकी संख्या वर्तमान में 38 है.

राज्य में कुल कितने राष्ट्रीय राजमार्ग है?

देश में कुल 77 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनकी संख्या 56 है।

राजस्थान का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग कौन सा है?

- राजस्थान में सर्वाधिक लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-15 तथा सबसे छोटा NH-3 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। - राजस्थान में राजमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई वाला जिला जोधपुर हैं।