Show Ram Ki Shakti Pooja Kavita in Hindi : नमस्कार दोस्तों ! आज हम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित Ram Ki Shakti Pooja | राम की शक्ति पूजा कविता का अध्ययन करने जा रहे है। यह कविता RPSC द्वारा आयोजित कॉलेज लेक्चरर परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल है। यह रचना बहुत महत्वपूर्ण है। यह 312 पंक्तियों की एक लम्बी कविता है। यह कविता शुरू के कुछ पदों में क्लिष्ट लगेगी। प्रत्येक शब्द का अर्थ समझते हुए हम इसका अध्ययन करेंगे। इसका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है : Ram Ki Shakti Pooja | राम की शक्ति पूजा कविता का परिचयSuryakant Tripathi Nirala Krit Ram Ki Shakti Puja Kavita Ka Parichay / Mool Bhav in Hindi : इस कविता में निराला जी ने राम रावण युद्ध के प्रसंग का प्रयोग किया है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि रावण बहुत शक्तिशाली था। वह बहुत सी दैवीय और अलौकिक शक्तियों का धनी था। उसने तपस्या द्वारा शिव जी से वरदान प्राप्त किया था। इसी वरदान के फलस्वरुप युद्ध में रावण की सहायता करने के लिए बहुत सी दैवीय शक्तियां उसकी मदद कर रही थी। जिनमें “देवी शक्ति” प्रमुख थी, जो स्वयं परम शक्ति का ही रूप थी। इस देवी शक्ति के ही कारण उस दिन राम जी के सभी बाण पथभ्रष्ट हो रहे थे। एक भी बाण रावण को छू भी नहीं पा रहा था। सब कुछ उस महान दैवीय शक्ति के अंतरसमाहित हो रहा था। यह देखकर श्रीराम अत्यंत व्याकुल हो गए थे। ऐसे में राम जी को कोई उपाय नहीं दिख रहा था और उन्हें सीता की चिंता होने लगी कि सीता किस दशा में होगी। राम को अपनी हार का डर भी सताने लगता है। वे सोचते है कि वे कैसे अपनी जीत सुनिश्चित कर पाएंगे। ऐसे में जामवंत उन्हें शक्ति की आराधना करने की सलाह देते है। फिर राम जी शक्ति की आराधना करने और शक्ति को 108 कमल चढ़ाने का निर्णय करते है। शक्ति उनकी परीक्षा लेती है और एक कमल को छुपा देती है। तब राम जी को याद आता है कि उनकी माता उनको राजीव नयन कहती थी। ऐसे सोचकर वे अपनी एक आँख शक्ति को अर्पित करने का निर्णय करते है। तभी शक्ति प्रकट होती है और दर्शन देती है। तथा राम जी को विजय होने का वरदान देती है। Ram Ki Shakti Pooja | राम की शक्ति पूजा के पदों की व्याख्याRam Ki Shakti Puja Ka Arth / Bhavarth in Hindi : दोस्तों ! आपको इस कविता का संक्षिप्त परिचय और प्रसंग तो समझ आ ही गया होगा। अब हम इसके पदों की विस्तार से व्याख्या करने जा रहे है। आप इन्हें ध्यान से समझने की कोशिश कीजियेगा : पद : 1.
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पद : 2.Ram Ki Shakti Puja Kavita Ke Pado Ki Vyakhya in Hindi :
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पद : 3.
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पद : 4.Suryakant Tripathi Nirala Krit Ram Ki Shakti Puja Kavita in Hindi :
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इसप्रकार दोस्तों ! आज हमने “Ram Ki Shakti Pooja | राम की शक्ति पूजा कविता के कुछ पदों की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की है। उम्मीद है कि आपको समझ में जरूर ही आया होगा। इन पदों को आप परीक्षा की दृष्टि से अवश्य ही ध्यान में रखे। यह भी जरूर पढ़े :
उपयोगी लगा तो शेयर कीजिये :दोस्तों ! आशा करते है कि आपको “Ram Ki Shakti Pooja | राम की शक्ति पूजा – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला“ के बारे में हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी I यदि आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके अवश्य बतायें I हम आपकी सहायता करने की पूरी कोशिश करेंगे I नोट्स अच्छे लगे हो तो अपने दोस्तों को सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले I नोट्स पढ़ने और HindiShri पर बने रहने के लिए आपका धन्यवाद..! राम ने शक्ति पूजा क्यों की?श्रीराम ने लिया शक्ति पूजा का व्रत
रचना का मजमून यह है कि श्रीराम ने वानर दलों के साथ लंका पर हमला बोल दिया है. अब राम-रावण युद्ध जारी है और इसी दौरान आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की तिथियों का समय है. युद्ध से पहले हर दिन श्रीराम देवी दुर्गा की आराधना करते हैं.
राम की शक्ति पूजा में कमल पुष्प कौन लेता है?राम कठोर पूजा में लीन हो जाते हैं। दुर्गेश नंदिनी एक कमल चुरा लेती हैं।
राम की शक्ति पूजा का केंद्रीय भाव क्या है?Answer: युद्ध की निराशा के अलावा शक्ति पूजा से पहले और अंत के समीप भी राम निराश दिखते हैं। जहाँ पहली निराशा मात्र घटनाओं से है, वहीं दूसरी निराशा स्वयं शक्ति और तीसरी निराशा स्वयं के जीवन से है। उनके अनुसार शक्ति एक चंद्र की भाँति हैं जो रावण रूपी दाग को स्वयं में लेने के बाद भी अपने तेज से वंचित नहीं होती हैं।
Pooja किसकी रचना है?पूजा और फूल / रामदरश मिश्र
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