रुद्राक्ष की माला से जाप करने से क्या होता है? - rudraaksh kee maala se jaap karane se kya hota hai?

Shravan 2021 रुद्राक्ष माला को भगवान शिव का अंश माना जाता है। सावन में रुद्राक्ष माला से शिव मंत्र जाप करने से सभी से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सावन में शिव मन्त्र जाप रुद्राक्ष की माला से लाभकारी होता है।

Sawan Mantra Aur Rudraksha Mala : सावन में भगवान की पूजा पूरे धूम-धाम से की जाती है। सावन मास भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। इस समय शिव को प्रसन्न करने के लिए तमाम उपाय किये जाते हैं। सावन में उन सभी चीजों का महत्व बढ़ जाता है। जो भगवान शिव की पूजा मे प्रयोग किया जाता है। उन्हीं में से एक रुद्राक्ष की माला है जिससे भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है। रुद्राक्ष माला को भगवान शिव का अंश माना जाता है। सावन में रुद्राक्ष माला से शिव मंत्र जाप करने से सभी से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। 

रुद्राक्ष की माला

सावन में शिव के मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला से करना चाहिए क्योंकि रुद्राक्ष की माला भगवान शिव को बहुत प्रिय है। सावन में इस माला के जाप से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव का ही अंश माना जाता है। महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें।

महा मृत्‍युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!

संपुटयुक्त महा मृत्‍युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!

लघु मृत्‍युंजय मंत्र 

ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।

किसी दुसरे के लिए जप करना हो तो-ॐ जूं स (उस व्यक्ति का नाम जिसके लिए अनुष्ठान हो रहा हो) पालय पालय स: जूं ॐ।

सावन में रुद्राक्ष की माला का महत्व

वैसे शिव के किसी भी मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं। हालांकि महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मन्त्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करना चाहिए। सावन में शिव जी और उनके परिवार के लिए मन्त्र जाप रुद्राक्ष की माला से लाभकारी होता है। 

डिसक्लेमर

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Edited By: Ritesh Siraj

ईश्वर में सुख समृद्धि, खुशहाली, तरक्की की प्रार्थना हम रोज़ ही करते हैं. कुछ लोग नियमित रूप से जाप भी करते हैं. इसका उद्देश्य होता है मन को एकाग्र रखना. ताकि मंत्र या श्लोक जाप की गिनती में कोई भूल ना हो सके. माला के दानों को मनका कहा जाता है जिनकी संख्या एक माला में 108 होती है लेकिन कई बार छोटी मालाओं में 54 मनके भी होते हैं. यूं तो जीवन में हर किसी ने एक ना एक बार माला का जाप ज़रुर किया ही होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कौन सी माला किस देवता को प्रसन्न कर सकती है...यानि किस माला से किस भगवान को प्रसन्न कर मनवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है? आज हम अपनी रिपोर्ट में इसी बारे में आपको बताने जा रहे हैं. 

रुद्राक्ष की माला

इसमें सबसे पहले बात रुद्राक्ष की माला की. कहते हैं इस माला के जाप से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं. शिव व शिव परिवार की कृपा प्राप्त करने के लिए इस माला से जाप करना चाहिए. महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करें.

स्फटिक की माला

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स्फटिक की माला पारदर्शी जैसे मनकों से बनी होती है. कहा जाता है कि भगवान गणेश, सरस्वती देवी व मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से ही करना चाहिए. इससे धन प्राप्ति का मार्ग भी खुल जाता है. 

हल्दी की माला

हल्दी हर लिहाज़ से शुभ मानी जाती है. इसीलिए हर शुभ कार्य में हल्दी का इस्तेमाल ज़रुरी बताया गया है. हल्दी की माला भी आती है जिससे बृहस्पति देव मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप करना चाहिए इससे इनकी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. 

चंदन की माला 

माना जाता है कि देवी मां के मंत्रों का जाप करना हो तो लाल चंदन की माला का ही इस्तेमाल करना चाहिए. इससे विशेष प्रकार का फल श्रद्धालु को मिलता है. वहीं कृष्ण भगवान के लिए सफेद चंदन की माला इस्तेमाल में लानी चाहिए.

तुलसी की माला

तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है. जिस साक्षात मां लक्ष्मी का रूप ही माना जाता है. अतः विष्णु भगवान की आराधना में तुलसी की माला का उपयोग करना चाहिए. लेकिन एक बात का खास ख्याल रखें कि तुलसी की माला से शिव की आराधना व देवी की आराधना कभी भूलकर भी ना करें. 

कमल गट्टे की माला

इस माला का प्रयोग विशेषतौर पर महालक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने के लिए किया जाता है. जिससे धन, वैभव की प्राप्ति होती है. 

भगवान शंकर के यूं तो बहुत मंत्र है, जिनका उच्चारण करने से वें प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। लेकिन उन समस्त मंत्रों में से महामृत्युंजय एकमात्र एेसा मंत्र है जिसे सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। पु

भगवान शंकर के यूं तो बहुत मंत्र है, जिनका उच्चारण करने से वें प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। लेकिन उन समस्त मंत्रों में से महामृत्युंजय एकमात्र एेसा मंत्र है जिसे सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। पुराणों में इसके प्रभाव व शक्तियों के बारे में अच्छे से वर्णन किया गया है। शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र का उच्चारण करने से मानव के जीवन मे आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियों का अंत होता है। लेकिन इस मंत्र का जाप करते समय कुछ नियमो का पालन करना अति आवश्यक होता है। 


महामृत्युंजय मंत्र का जप शुभ मुहूर्त में प्रारंभ करना चाहिए जैसे महाशिवरात्रि, श्रावणी सोमवार, प्रदोष (सोम प्रदोष अधिक शुभ है), सर्वार्थ या अमृत सिद्धि योग, मासिक शिवरात्रि (कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) अथवा अति आवश्यक होने पर शुभ लाभ या अमृत चौघड़िया में किसी भी दिन। 

जिस जातक के हेतु इस मंत्र का प्रयोग करना हो, उसके लिए शुक्ल पक्ष में चंद्र शुभ तथा कृष्ण पक्ष में तारा (नक्षत्र) बलवान होना चाहिए। 

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जप के लिए साधक या ब्राह्मण को कुश या कंबल के आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। 

आवश्यक होने पर 5 या 11 ब्राह्मणों से इसका जप कराएं तो ऊपर वर्णित जप संख्या शीघ्र पूर्ण हो जाएगी। 

सामान्यतः यह जप संख्या कम से कम 45 और अधिकतम 84 दिनों में पूर्ण हो जानी चाहिए। 

प्रतिदिन की जप संख्या समान अथवा बढ़ते हुए क्रम में होनी चाहिए। 


रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर दूर होता है।


महामृत्युंजय से होता है दोषों का नाश
महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता है।


महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से होती है शुभ फल की प्राप्ति-
दीर्घायु- जिस भी मनुष्य को लंबी उम्र पाने की इच्छा हो, उसे नियमित रूप से महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र का वरदान मिलता है।

आरोग्य प्राप्ति- यह मंत्र मनुष्य को न सिर्फ निर्भय बनाता है बल्कि उसकी बीमारियों का भी नाश करता है। भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है। इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।


सम्पत्ति की प्राप्ति- जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य को कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।


यश की प्राप्ति- इस मंत्र का जप करने से मनुष्य को समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है। सम्मान की चाह रखने वाले मनुष्य को प्रतिदिन महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए।


संतान की प्राप्ति- महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंत्र का रोज जाप करने पर संतान की प्राप्ति होती है।

रुद्राक्ष की माला जाप करने से क्या होता है?

रुद्राक्ष माला को भगवान शिव का अंश माना जाता है। सावन में रुद्राक्ष माला से शिव मंत्र जाप करने से सभी से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सावन में शिव के मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला से करना चाहिए क्योंकि रुद्राक्ष की माला भगवान शिव को बहुत प्रिय है। सावन में इस माला के जाप से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।

जप के लिए कौन सी रुद्राक्ष की माला सबसे अच्छी है?

वैजयन्ती की माला शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती की माला बेहद प्रिय है. ऐसे में अगर आप श्री कृष्ण की साधना से शीघ्र ही उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो वैजयंती की माला से जप करें.

रुद्राक्ष की माला का जाप कैसे करें?

माला हमेशा व्यक्तिगत होनी चाहिए, दूसरे की माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए. -मंत्र जाप करने के पूर्व हाथ में माला लेकर प्रार्थना करनी चाहिए कि माला से किया गया मंत्र जाप सफल हो. -मंत्र जप के समय तर्जनी अंगुली से माला का स्पर्श नहीं होना चाहिए साथ ही सुमेरु का उल्लंघन भी नहीं होना चाहिए.

जाप ke liye कौन सी माला से करना चाहिए?

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रुद्राक्ष के माला से भगवान शिव का जाप करना शुभ माना जाता है। ... .
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