Bharat Ka Sabse Tej Super Computer Ka NaamGkExams on 12-05-2019 Show
केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 8 जनवरी 2018 को पुणे में भारत का सबसे तेज और पहला मल्टीपेटाफ्लोप्स सुपर कम्प्यूटर देश को समर्पित किया। इस सुपर कम्प्यूटर को सूर्य के नाम पर प्रत्यूष नाम दिया गया है। इसे भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे में लगाया गया है जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान में और सुधार होगा। इस सुपरकम्प्यूटर का इस्तेमाल देश में मानसून की अधिक बेहतर भविष्यवाणी के अलावा तमाम प्राकृतिक आपदाओं जैसे सुनामी, चक्रवाती तूफान, भूकंप, आदि की अधिक कार्यकुशल निगरानी के लिए किया जायेगा। इसके अलावा वायु की गुणवत्ता, बिजली गिरने, मत्स्य उद्योग, गर्म व ठण्डी तरंगों के अवलोकन तथा बाढ़ व सूखे की तैयारियों में इसका इस्तेमाल किया जायेगा। प्रत्यूष” दरअसल तमाम कम्प्यूटर की एक संयुक्त कड़ी है जो अधिकतम 6.8 पेटाफ्लॉप्स (6.8 petaflops) तक की शक्ति तक गणना करने में सक्षम है। एक पेटाफ्लॉप दस लाख बिलियन फ्लोटिंग प्वाइंट गणनाएं प्रति सेकेण्ड के बराबर होती है तथा यह सुपरकम्प्यूटर की गणना क्षमता को समझने की इकाई होती है। हालांकि “प्रत्यूष” की कुल गणना क्षमता में से 2.8 पेटाफ्लॉप्स को नोएडा स्थित National Centre for Medium Range Weather Forecast में स्थापित किया जायेगा। इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीट्रोलॉजी (IITM) द्वारा जारी जानकारी के अनुसार “प्रत्यूष” मौसम को समर्पित दुनिया की चौथा सबसे तेज सुपरकम्प्यूटर है तथा इसका स्थान जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के सुपरकम्प्यूटरों के बाद है। इसके साथ ही इस सुपरकम्प्यूटर के साथ भारत का स्थान विश्व के 500 सबसे तेज सुपरकम्प्यूटरों की सूची (Top500 list) में 300 के स्तर से घट कर अब सर्वोच्च 30 में आ गया है। सम्बन्धित प्रश्नComments Uttam shakya on 19-10-2022 Tianhe-2 Computer Ravi on 13-12-2020 Flops ki full form Golu on 22-06-2020 India ke super computer ka kya name h Pravesh kumar on 19-01-2020 Sabse tej computer नासा के एक अनुसंधान केन्द्र में लगा हुआ कोलम्बिया सुपरकम्प्यूटर महासंगणक (supercomputer) उन संगणकों को कहा जाता है जो वर्तमान समय में गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सुपर कंप्यूटर बहुत बड़े-बड़े परिकलन और अति सूक्ष्म गणनाएं तीव्रता से कर सकता है। इसमें कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिलतम समस्या का तुरंत हल निकाल लेते हैं। वर्तमान में उपलब्ध कंप्यूटरों में सुपर कंप्यूटर सबसे अधिक तीव्र क्षमता, दक्षता व सबसे अधिक स्मृति क्षमता वाला कंप्यूटर है। आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। इसकी गति को मेगा फ्लॉप से नापते है। उपयोग[संपादित करें]सुपर कम्प्यूटरों और उच्च-निष्पादन अभिकलन (हाई परफॉर्मैन्स कम्प्यूटिंग) का उपयोग मुख्यतः विश्वविद्यालयों, सैनिक व वैज्ञानिक अनुसन्धान प्रयोगशालाओं में किया जाता है। इसका उपयोग खासकर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है, जिनमें कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पर गणनाएं करने की जरूरत पड़ती है। ऐतिहासिक रूप से इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, वायुगतिक गणनाएँ तथा परमाणु अस्त्रों के सिमुलेशन करने आदि के लिये किया जाता रहा है। आजकल इसका उपयोग उन क्षेत्रों में होता है जिनमें बहुत अधिक गणना करनी होती है या बहुत भारी मात्रा में आंकड़ों का प्रसंस्करण करना होता है, जैसे उच्च निष्पादन के कुछ प्रमुख उपयोग-क्षेत्र[1]
महासंगणक में प्रयुक्त ऑपरेटिंग सिस्टम[संपादित करें]विश्व के सबसे बड़े ५०० महासंगणकों में प्रयुक्त प्रचालन तंत्र अधिकांश नए महासंगणकों में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम काम लिए जाता है लेकिन लिनक्स के आलावा CentOS, bullx SCS, SUSE तथा Cray लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम सुपरकम्प्युटर के लिए काम मे लेते है। इतिहास[संपादित करें]पिछले ६० वर्षों में विश्व के सर्वश्रेष्ठ महासंगणकों की गति बढ़ती गयी है। पहला सुपर कंप्यूटर इल्लीआक 4 है, जिसने 1975 में काम करना आरंभ किया। इसे डेनियल स्लोटनिक ने विकसित किया था। यह अकेले ही एक बार में 64 कंप्यूटरों का काम कर सकता था। इसकी मुख्य मेमोरी में 80 लाख शब्द आ सकते थे और यह 8, 32, 64 बाइट्स के तरीकों से अंकगणित क्रियाएं कर सकता था। इसकी कार्य क्षमता 30 करोड़ परिकलन क्रियाएं प्रति सेकंड थी, अर्थात जितनी देर में हम बमुश्किल 8 तक की गिनती गिन सकते हैं, उतने समय में यह जोड़, घटाना, गुणा, भाग के 30 करोड़ सवाल हल कर सकता था। सर्वश्रेष्ट 5 महासंगणक
इंटरनेशनल कांफ्रेंस फॉर हाई परफोर्मेंस कंप्यूटिंग रेनो (कैलिफोर्निया) ने दुनिया के टॉप- 500 कंप्यूटरों की सूची जारी की है। इसमें टाटा के सुपर कंप्यूटर एका को दुनिया में चौथा और एशिया में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर करार दिया गया है। यह एक सेकंड में 117.9 ट्रिलियन (लाख करोड़) गणनाएं कर सकता है। 40 वर्ष पहले सुपर कंप्यूटर के बाजार में जहां महज कई कंपनियां थी, वहीं अब इस बाजार में क्रे, डेल, एचपी, आईबीएम, एनईसी, एसजीआई, एचपी, सन जैसे बड़े नाम ही बचे हैं। महासंगणकों की मुख्य विशेषताएँ[संपादित करें]आईबीएम ७०३० का एक परिपथ-बोर्ड ; यह महासंगणक १९६१ से १९६४ तक सर्वश्रेष्ठ माना जाता था। महासंगणकों की मुख्य विशेषताएँ ये हैं-
सुपर कंप्यूटर की राजनीति[संपादित करें]1980 के अंतिम दशक में भारत को अमेरिका ने क्रे सुपर कंप्यूटर देने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे अमेरिका की अपने प्रभुत्व बरकरार रखने की मंशा मानी जा रही थी, क्योंकि वह एक ऐसा दौर था, जब भारत और चीन में तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी। ऐसे में, अमेरिका नहीं चाहता था कि विश्व में कोई दूसरी शक्ति तकनीक के मामले में उसके मुकाबले में खड़ी हो। चूंकि सुपर कंप्यूटर के उपयोग से रॉकेट प्रक्षेपण, परमाणु विस्फोट के समय गणनाओं में आसानी हो जाती है, इसलिए भी अमेरिका के मन में भय था कि कहीं इसके द्वारा भारत अपने नाभिकीय ऊर्जा प्रसार कार्यक्रम को एक नया रूप न दे दे। लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने सी-डेक परम-8000 कंप्यूटर बनाकर अपनी क्षमताओं का एहसास करा दिया। 1988 में रूस ने भारत को सुपर कंप्यूटर देने की बात कही थी। लेकिन हार्डवेयर सही न होने के कारण रूस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। भारत ने सुपर कंप्यूटर बनाने के बाद परम 8000 जर्मनी, यूके और रूस को दिया। महासंगणक और भारत[संपादित करें]विश्व के सर्वश्रेष्ठ ५०० महासंगणकों का विश्व में वितरण (नवम्बर २०१५) भारत भी अब सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में एक हस्ती है। दुनिया के अव्वल 500 सुपर कंप्यूटरों की नई टॉप टेन लिस्ट में उसका सुपर कंप्यूटर चौथे स्थान पर आया है। टाटा कंपनी की पुणे स्थित इकाई - 'कंप्यूटेशनल रिसर्च लैबोरेटरीज' के बनाए हुए सुपर कंप्यूटर ‘एचपी-3000-बीएल-460-सी’ को 117.9 टेराफ्लॉप की गति के कारण अमेरिका और जर्मनी के सुपर कंप्यूटरों के ठीक बाद स्थान दिया गया है। हालांकि हमारा यह पहला सुपर कंप्यूटर नहीं है। इससे काफी पहले 1998 में सी-डेक, पुणे के वैज्ञानिक ‘परम-10000’ सुपर कंप्यूटर बना चुके हैं और दावा था कि उस वक्त वह सुपर कंप्यूटर मौजूदा अमेरिकी सुपर कंप्यूटरों के मुकाबले 50 गुना तेज था। लेकिन उसके बाद सुपर कंप्यूटिंग को लेकर भारत में वैसी उत्सुकता नहीं दिखाई दी, जैसी अन्य विकसित मुल्कों में इस दौरान रही है। पर अब लगता है कि भारत इस दौड़ में पिछड़े नहीं रहना चाहता, जिसका नतीजा है टाटा का यह सुपर कंप्यूटर। प्रमुख महासंगणक निर्माता[संपादित करें]स्रोत : TOP500
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
सबसे तेज गणना कार्य करने वाला कंप्यूटर कौन सा है?उसका नाम Sunway TaihuLight supercomputer है आनेवाले समय मै इसे भी ज्यादा पावरफुल कंप्यूटर हमें देखने को मिलेंगे। 200 पेटाफ्लॉप्स या 200,000 ट्रिलियन गणनाओं के प्रति सेकंड के शिखर प्रदर्शन के साथ, शिखर सम्मेलन ताइहूलाइट की शीर्ष गति को दोगुना कर देता है, जो 93 पेटाफ्लॉप्स तक पहुंच सकता है।
विश्व का सबसे तेज कंप्यूटर कौन सा है 2022?इस बार इस लिस्ट में अमेरिका ने बाजी मारी है. अमेरिकी निर्मित सुपरकंप्यूटर Frontier को फास्टेस्ट कंप्यूटर का खिताब दिया गया जबकि दूसरे पायदान पर जापान का कुगासू (Fugaku) कंप्यूटर है. फ्रंटियर सुपरकंप्यूटर प्रति सेकंड दो क्विंटल से ज्यादा कैलकुलेशन कर सकता है. इसे रिकेन इंस्टीट्यूट और फुजित्सु की ओर से मिलकर बनाया है.
विश्व का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर क्या है?अमेरिकी सुपरकंप्यूटर Frontier को दुनिया का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर चुना गया है। यह पहला कंप्यूटर है, जो एक्सास्केल (exascale) के दायरे में आ गया है यानी यह एक सेकंड में क्विनटिलियन कैलकुलेशन कर सकता है। इतना फास्ट है, जिसकी सिर्फ कल्पना की जा सकती है।
सबसे तेज और सबसे महंगा कंप्यूटर कौन सा है?Detailed Solution. सही उत्तर सुपर कंप्यूटर है। सुपर कंप्यूटर सबसे बड़ा, सबसे तेज और सबसे महंगा कंप्यूटर है।
|