Sacha Dharm konsa Hai : जीवन में हर किसी के जिंदगी में एक समय तो ज़रूर आया होगा जहा उन्होंने Show
ऐसे तमाम सवाल जो हमारे दिमाग में अक्सर आते है, जिनका जवाब हम ढूंढना चाहते है पर हमें कहीं इसका सही जवाब नहीं मिल पाता है आइये आपको धर्म क्या है ? क्यों है? किसके लिए है ? तथा सही और गलत धर्म क्या है ? इसके बारे में आपको स्पष्ट शब्दों में बताते हैं मुझे पूरा यकीन है इस आर्टिकल के ख़त्म होने तक आपको अपने सारे सवालों के जवाब मिल जाएँगे तथा अगर आपको इन सबके बारे में कोई उलझन होगी तो यकीनन स्पष्ट हो जाएगा हम उस धर्म को अपना लेते है जो हमारे माता पिता का होता है | पर हम कभी भी नही समझ पाते की यह
पहले अन्य धर्मों के बारे में थोडा जान लेते है इसके पश्चात् हम यह अच्छे से समझ पाएँगे की Sacha Dharm konsa Hai इसीलिए आज हम ने इंटरनेट की खोज कर सनातन धर्म, हिन्दू धर्म, जैन धर्म, ईसाई जैसे तमाम धर्म में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ के अनुसार दुनिया में सबसे सच्चा धर्म कौन सा है यह जानने की कोशिश की है यदि आप भी इंटरनेट पर Dunia ka Sacha Dharm konsa Hai यह खोज रहे है तो आप बिलकुल सही जगह आये है क्यों इस लेख में आप को वह जानकारी प्राप्त होने वाली है जिसका जीकर अन्य किसी वेबसाइट में नहीं किया है इसीलिए इस लेख को शुरवात से अंत तक जरूर पढ़िए और इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करना न भूले ! Which is the best religion in the World in Hindiहिन्दू धर्मइसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते है ,यह धर्म वास्तविक में किसी सिद्धान्तो का समूह नही है
इसे जीवन जीने का मार्ग माना जाता है | हिन्दू धर्म के अनुसार संसार के सभी प्राणियों में आत्मा होती है मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो इस लोक में पाप और पुण्य दोनों कर्मो को भोग सकता है और मोक्ष प्राप्त कर सकता है, हिन्दू धर्म में 4 प्रमुख संप्रदाय है
पर आज के समय में कई ज्यादा हिन्दू खुद को किसी संप्रदाय का नही मानते | पहले के समय में इन लोगो की बहुत लड़ाइयां होती थी जिस वजह से संतो ने इन सबको एक ही सम्प्रदाय बना दिया हिन्दू धर्म के सिद्धांत
इस्लामी आस्थाइस्लाम में एक ही अल्ला (भगवान् )को मानते है
इस्लाम में अल्लाह को अद्रितीय माना गया है यह अल्लाह को समझ से परे तथा बहुत ही बलवान माना गया है अल्लाह की कल्पना करने की जगह उसकी प्रार्थना करना इस्लामी धर्म है इस्लाम इनकी धार्मिक किताब कुरान का अनुसरण करते है तथा उसी के मुताबिक इनके धर्म की स्थापना की गयी है | इस्लाम के अनुसार ईश्वर ने धरती पर मनुष्य के मार्गदर्शन के लिए अपने दूतो को भेजते है इस्लाम देवदूतो को फ़रिश्ते के नाम से जानते है इस्लाम जन्नत तथा जहन्नुम पे यकीन करते है ,जहा सुख मिले उसे जन्नत कहते है, जहाँ दुःख मिले उसे जहन्नम का नाम दिया जाता है इस्लाम में अपने धर्म की तौहीन करना सबसे बड़ा पाप है इस्लाम में तकदीर को माना जाता है, जो मानते है की सब पहले से निर्धारिता है तथा सब किस्मत के हिसाब से ही होगा इस्लाम के पांच स्तम्भ है
मुसलमान इन्ही स्तंभों की रक्षा करके अपने धर्म निभाते है सिख धर्मसिख अपने 10 गुरुओं को मानते है | उन सबकी याद में जगह जगह गुरुद्वारा बने हुए है, सिखों के धर्म स्थल को गुरुद्वारा कहा जाता है तथा गुरु ग्रन्थ साहिब इनकी धार्मिक किताब है
सिख धर्मो के सिद्धांत
ईसाई धर्मईसाई तीन तत्व को मानते है और वो है
परमपिता इस सृष्टी कको बनाने वाले है तथा इसपे शासन भी करते है
यह परमात्मा के पुत्र है इनका जन्म पापियों का नाश करने के लिए नहीं बल्कि मानव शरीर के अंदर बैठे पापी का नाश करने के लिए हुआ इसलिए इन्होने मनुष्य रूप में जन्म लिया, उन्होंने इंसानों के अंदर बसे पाप से मुकाबला किया तथा उसका नाश किया और उसके बदले अपनी जान की कीमत दी
पवित्र आत्मा भी परमात्मा का एक स्वरुप है इसके प्रभाव में मनुष्य अपने अंदर ईश्वर का अह्सार करता है | बाइबिल ईसाई धर्म का ग्रन्थ है मुस्लिम इसे बहुत ही पवित्र मानते है | ईसाई धर्म में ईसा मसीह को माना जाता है, ईसाई के धर्म स्थल को चर्च है विश्व का सबसे श्रेष्ठ (सर्वश्रेष्ठ)धर्म कौनसा है
पर इन सब में कोई भी धार्मिक किताब कभी भी किसी अन्धाधुन नियमों या परम्पराओं का पालन करने को नही कहता | सबका सार बस यह है धर्म मनुष्य को मनुष्य के साथ, मनुष्य को पूरी श्रिष्टी के साथ सुख से जीने का ज्ञान देता है धर्म किसी मृत विचार का नाम नही है न ही किसी परंपरा का नाम है, धर्म तो जीवन का नाम है और जीवन निरंतर बदलता रहता है ,परिवर्तन ही जीवन का गुण है और परिवर्तन के लिए मनुष्य को कर्म करना पड़ता है
किसी धर्म के स्थान पर मनुष्य को सदा ही शांती प्राप्त होती है | अर्थात धर्म मनुष्य के सारे संघर्षो का नाश करता है | धर्म आजादी देता है न की बंधन इसका अर्थ ये है कि धर्म बस जीने का तरीका है जो हमारी आत्मा को खुश रखने का मार्ग है | एक सच्चा धर्म हमें सही का चयन करना सिखाता है सच हमारी आत्मा का गुण है , एक सच्चा धर्म हमें औरों के प्रती करुना से भर देता है, क्योंकी इसमें हम यह समझ पाते है कि हम सब एक जैसे ही है कोई बुरा नही है हमारे दिल में किसी के लिए नफरत नहीं रह जाती है हमारा दिल प्रेम से भर जाता है | हम अपने जीवन को अपने हिसाब से जी पाते है, क्योंकि बिना द्वेष के, बिना अन्धाधुन नियमों का पालन किये हमें आज़ादी महसूस होती है | धर्म अपनी आत्मा की सुन पाना, अपने आत्मा को संन्तुष्ट कर पाना है आत्मा को संतुष्टी सही के साथ मिलती है “क्या आप जानते है की जबतक इस पूरे संसार में सब लोग खुश न हो किसी एक की खुशी पूरी तरह से सम्पूर्ण नही हो सकती “ इसका अर्थ हम सब एक दुसरे से आत्मा से जुड़े है
इसी जुडाव को हम मानवता का नाम देते है | मानवता इंसान का इंसान के प्रती, इंसान का जीवो के प्रती प्रेम है | यही मानवता असली धर्म है | हमारे धर्म ग्रंथों में भी इसका ज़िक्र है ज़रूरी नही की हर इंसान किसी न किसी भगवान् को माने ही या हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बने पर उसके जीवन को पूर्ण तरह से जीने के लिए मानवता को आगे बढ़ाना ही होता है बिना मानवता के मानव मानव नही रह सकता तो इस मानवता के धर्म के बिना कोई कैसे परिपूर्ण है मानव मानवों के द्वारा बनाये नियम परम्परयों को भले न माने पर अपनी आत्मा के लिए, पूर्ण ख़ुशी के लिए , जीवन को सम्पूर्ण तरह से जीने के लिए उसको मानवता का धर्म मानना ही होगा यही असली धर्म है | हिन्दू, मुस्लिम, सिख ,ईसाई इन धर्मो का जन्म कैसे हुआनया धर्म तो बस इस धर्म को बचाने के लिए बनाए गए थे पर समय के चलते चलते अन्य धर्म नियमों परमारों से उलझते गए और आज के समय में उन धर्मों ने एक अजीब सा रूप ले लिया है जो असली धर्म से काफी अलग है जिस करके लोग उलझनों में पड़ जा रहे है | हिन्दू,मुस्लिम सिख ईसाई किसी भी धर्म को ले लीजिये, हर धर्म की स्थापना इसी इच्छा से हुई थी की हर इंसान सच का मार्ग अपना सके, आत्मिक शांती का भागीदार बने, ऐसा कोई काम ना करे जिससे उसकी आत्मा को तकलीफ हो और वो हताशा से घिर जाये ,दूसरो से प्रेम करके यह जान पाए की प्रेम आत्मा का स्वभाव है पर समय के साथ लोगो ने अपनी अपनी मनोस्थिती के साथ धर्म की अपनी अपनी परिभाषा दी और लोगो ने उनका पालन भी किया कभी सच समझ के कभी नियम समझ के कभी परंपरा समझ के पर सच्चा धर्म कभी परम्पराओं से नही बंधता वह तो आजादी का नाम है जीवन जीने का नाम है |जो हमें किसी चीज़ से बांधे वह धर्म नही हम आशा करते है कि अब आपको धर्म क्यों है? और क्या है ? इन दो सवालों से कोई उलझन नही होगी | अलग अलग जगह पर रहने वाले लोगो ने मानवता को बचाने के लिए तथा अपने विश्वाशो के आधार पर अपने ईश्रवर की आस्था के सहारे नए नए सिधांत बनाए | सच्चे धर्म की स्थापना कैसे हुईसच्चा धर्म इंसान को इंसान से जोड़ता है इसे हम मानवता का धर्म भी कहते है | इसकी स्थापना हमारे ह्रदय से हुई है | हर इंसान का मूल स्वरूप इस सच्चे धर्म के अनुसार है
हमारी आत्मा का स्वभाव ही इस सच्चे धर्म का मूल है | कभी सोचा है की कुछ अच्छा करके अंदर से ख़ुशी क्यों होती है ? तथा बुरा करके अंदर से दुःख क्यों होता है जब हम अपनी आत्मा के अनुसार कर्म करते है तो वह हमें अंदर से ख़ुशी देता है और जब कुछ हम अपने आत्मा के खिलाफ करते है तो वह हमें अंदर से दुःख देता है आत्मा शरीर से अलग है, आत्मा शरीर नही है , न ही चेतना है |आत्मा उस परमात्मा का हिस्सा है जिसने श्रिष्टी बनाई है अभी तक आत्मा का कोई सार्थक प्रमाण नही मिल पाया है | जैसे भगवान् का कोई प्रमाण नही है | पर यह हम सब जानते है कि बिना आत्मा के शरीर कुछ नही वैसे ही बिना इश्वर के श्रिष्टी नही है उम्मीद है कि आप Sacha Dharm का स्थापन कैसे हुआ यह जान चुके होंगे FAQs – Saccha Dharam Kaun Sa Hai in Hindiसवाल : सबसे सच्चा धर्म कौन सा है मानवता का धर्म सबसे सच्चा धर्म है सवाल : दुनिया का सबसे ज्यादा प्रसिद्द धर्म कौन सा है ईसाई धर्म सबसे ज्यादा प्रख्यात है सवाल : धर्म कितने प्रकार के है धर्म 6 प्रकार के है “हिन्दू , इस्लाम, सिख,ईसाई , बौद्ध ,जैन सवाल : धर्म क्यों है धर्म की स्थापना किसी बंधन के लिए नही हुई थी बल्कि धर्म जीने का एक तरीका है Conclusionइस ब्लॉग लेख में आपने दुनिया में सबसे सच्चा धर्म कौन सा है बारें में जाना। आशा करते है आप Saccha Dharam Kaun Sa Hai का हिन्दी मे क्या अर्थ होता है की पूरी जानकारी जान चुके होंगे। अगर आपका इससे संबन्धित किसी भी तरह का सवाल है तब नीचे कमेन्ट में पूछ सकते है जिसका जवाब जल्द से जल्द दिया जायेगा। आपको लगता है कि इसे दूसरे के साथ भी शेयर करना चाहिए तो इसे सोश्ल मीडिया पर सबके साथ इसे साझा अवश्य करें। शुरू से अंत तक इस लेख को पढ़ने के लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया … |