साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिस में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध मे नेटवर्क शामिल नही होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना। किसी की भी निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है। Show
कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागो को चोरी करना या नष्ट करना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक़्त नजर रखना।[1] प्रकार[संपादित करें]कंप्यूटर अपराध के प्रकार
साइबर अपराध के प्रकार
साइबरफिशिंग- किसी के पास स्पैम ईमेल भेजना ताकी वो अपनी निजी जानकारी दे और उस जानकारी से उसका नुकसान हो सके। यह इमेल आकार्षित होते है।
विश्लेषण[संपादित करें]जब भी अपराध होता है, अपराधी कितना भी होशियार क्यों न हो फिर भी कोई न कोई सबूत छोड देता है।
सूचना तकनीक कानून, 2000 के अंतर्गत साइबरस्पेस में क्षेत्राधिकार संबंधी प्रावधान[संपादित करें]मानव समाज के विकास के नज़रिए से सूचना और संचार तकनीकों की खोज को बीसवीं शताब्दी का सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार माना जा सकता है। सामाजिक विकास के विभिन्न क्षेत्रों, ख़ासकर न्यायिक प्रक्रिया में इसके इस्तेमाल की महत्ता को कम करके नहीं आंका जा सकता, क्योंकि इसकी तेज़ गति, कई छोटी-मोटी द़िक्क़तों से छुटकारा, मानवीय गलतियों की कमी, कम ख़र्चीला होना जैसे गुणों के चलते यह न्यायिक प्रक्रिया को विश्वसनीय बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। इतना ही नहीं, ऐसे मामलों के निष्पादन में, जहां सभी संबद्ध पक्षों की शारीरिक उपस्थिति अनिवार्य न हो, यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प सिद्ध हो सकता है। सूचना तकनीक क़ानून के अंतर्गत उल्लिखित आरोपों की सूची निम्नवत हैः
भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) में साइबर अपराधों से संबंधित प्रावधान[संपादित करें]
66-एफ : साइबर आतंकवाद के लिए दंड का प्रावधान[संपादित करें]साइबर आतंकवाद के मामलों में दंड विधान के लिए सूचना तकनीक कानून, 2000 में धारा 66-एफ को जगह दी गई है।
2005 में प्रकाशित एडवांस्ड लॉ लेक्सिकॉन के तीसरे संस्करण में साइबरस्पेस शब्द को भी इसी तर्ज पर परिभाषित किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में फ्लोटिंग शब्द पर खासा जोर दिया गया है, क्योंकि दुनिया के किसी भी हिस्से से इस तक पहुंच बनाई जा सकती है। लेखक ने आगे इसमें साइबर थेफ्ट (साइबर चोरी) शब्द को ऑनलाइन कंप्यूटर सेवाओं के इस्तेमाल के परिप्रेक्ष्य में परिभाषित किया है। इस शब्दकोश में साइबर क़ानून की इस तरह व्याख्या की है, क़ानून का वह क्षेत्र, जो कंप्यूटर और इंटरनेट से संबंधित है और उसके दायरे में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचनाओं तक निर्बाध पहुंच आदि आते हैं। सूचना तकनीक क़ानून में कुछ और चीजों को परिभाषित किया गया है, जो इस प्रकार हैं, कंप्यूटर से तात्पर्य किसी भी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक, मैग्नेटिक, ऑप्टिकल या तेज़ गति से डाटा का आदान-प्रदान करने वाले किसी भी ऐसे यंत्र से है, जो विभिन्न तकनीकों की मदद से गणितीय, तार्किक या संग्रहणीय कार्य करने में सक्षम है। इसमें किसी कंप्यूटर तंत्र से जुड़ा या संबंधित हर प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर शामिल है। सूचना तकनीक क़ानून, 2000 की धारा 1 (2) के अनुसार, उल्लिखित अपवादों को छोड़कर इस क़ानून के प्रावधान पूरे देश में प्रभावी हैं। साथ ही उपरोक्त उल्लिखित प्रावधानों के अंतर्गत देश की सीमा से बाहर किए गए किसी अपराध की हालत में भी उक्त प्रावधान प्रभावी होंगे। सन्दर्भ[संपादित करें]
साइबर अपराध क्या होता है इसे समझाइए?साइबर अपराध का अर्थ
ऐसा कोई भी अपराध जिसमें कम्प्यूटर इंटरनेट नेटवर्क एवं हार्डवेयर तथा उससे संबंधित उपकरणों यथा स्कैनर, प्रिंटर, आदि का उपयोग किया गया हो, साइबर अपराध कहलाता हैं। साइबर अपराध वह अवैधानिक कार्य है जिसमे कम्प्यूटर या तो औजार की तरह या लक्ष्य की तरह प्रयोग होता है अथवा दोनों ही तरह से प्रयोग होता है।
साइबर खतरे कौन कौन से हैं?साइबर सुरक्षा खतरे और उसके प्रकार - Types of Cyber Security Threats. कंप्यूटर का परिचय. कंप्यूटर का इतिहास. कंप्यूटर की विशेषता. कंप्यूटर की सीमाएं. कंप्यूटर की संरचना. कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना. कंप्यूटर मेमोरी क्या है. कम्प्यूटर के अनुप्रयोग. सबसे ज्यादा साइबर अपराध कहाँ होते हैं *?साल 2021 में साइबर क्राइम के 52,974 अपराध दर्ज किए गए हैं, जबकि साल 2020 में अपराध के 50,035 मामले दर्ज किए गए थे। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम के अधिकतर मामले उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, असम और महाराष्ट्र से देखने को मिले हैं।
साइबर अपराध क्या है रोकथाम के कारणों और उपायों का वर्णन करें?साइबर अपराध, जिसे अतिरिक्त रूप से कंप्यूटर अपराध कहा जाता है, गैरकानूनी गतिविधियों के लिए कंप्यूटर और इसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करता है। धोखाधड़ी करना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तस्करी, बौद्धिक संपदा अधिकारों का दुरुपयोग, पहचान की चोरी और गोपनीयता पर हमला साइबर अपराधों के कुछ उदाहरण हैं।
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