सुजान की पत्नी का नाम क्या था? - sujaan kee patnee ka naam kya tha?

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कुलननीनीननीननीनीननीननीनननननीनीनान नमन नानी न न न ननी नमन मनन नानी ननीनननभननन न नानी नमन ननननननानीननननानन नानी ननीनननननननननानीनान नी भानन नाना नन नमन कु, , 5, , 1)सुजान भगत, -प्रेमचंद, , 1. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :, 1.सीथै-सादे किसान धन आते ही किस ओर ' झकते हैं?, उत्तर: सीधे-सादे किसान धन हाथ आते ही धर्म और कीर्ति की ओर झुकते हैं।, 2.कानूनगो इलाके में आते तो किसके चौपाल में ठहरते?, उत्तर: कान | न गो इलाके में आते, तो सुजान महतो के चौपाल में ठहरते।, 3.सुजान ने गाँव में क्या बनवाया?, उत्तर: सुजान ने गाँव में एक पक्का कुँआ बनवाया।, 4.सुजान की पत्नी का नाम क्या है?, उत्तर: सुजान की पत्नी का नाम बुलाकी है।, 5.सुजान के बड़े बेटे का नाम लिखिए।, उत्तर: सुजान के बड़े बेटे का नाम भोला है।, 6.सुजान के छोटे बेटे का नाम क्या है?, उत्तर: सुजान के छोटे बेटे का नाम शंकर है।, 7.कौन द्वार पर आकर चिल्लाने लगा?, उत्तर: भिक्षुक द्वार पर आकर चिल्लाने लगा।, &.बुढ़ापे में आदमी की क्या मारी जाती है?, उत्तर: बुढ़ापे में आदमी की बुद्धि मारी जाती है।, 9.घर में किसका राज होता है?, उत्तर: घर में उसी का राज होता है जो कमाता है।, 10.कटिया का ढेर देखकर कौन दंग रह गयी?, उत्तर: कटिया का ढेर कर बुताकी लाकी दंग रह गई।, 11.सुजान की गोद में सिर रखे किन्हें अकथनीय सुख मिल रहा था?, उत्तर: बैलों को सुजान की गोद में सिर रखकर अकथनीय सुख मिल रहा था।, 12.भिक्षुक के गाँव का नाम लिखिए।, उत्तर: भिक्षुक के गाँव का नाम अमोला है।, अतिरिक्त प्रश्न :, 13.तीन वर्ष लगातार कौन-सी फसल लगती गयी?, उत्तर: तीन वर्ष लगातार ऊख की फसल लगती गयी।, 14.सत्कार्य में बाधा डालने से क्या बिगड़ता है?, उत्तर: सत्कार्य में बाधा डालने से अपनी ही मुक्ति बिगड़ती है।, 15.भगत बनने के बाद सबसे बड़ी बात कया है?, उत्तर: भगत बनने के बाद झूठ का त्याग करना पड़ता है।, 16.सुजान के हाथों से धीरे-धीरे क्या छीने जाने लगे?, उत्तर: सुजान के हाथों से धीरे-धीरे अधिकार छीने जाने लगे।, 17.शंकर क्या भरकर लाया?, उत्तर: शंकर नारियल भरकर लाया।, 18.सुजान ने रुपये-पैसे का लेन-देन किसके हाथ में दे रखा था?, उत्तर: सुजान ने रुपये-पैसे का लेन-देन अपनी पत्नी बुलाकी के हाथ दे रखा था।, 19.सुजान को कितने महीने के अविरल परिश्रम का फल मिला?, उत्तर: सुजान को आठ महीने के अविरल परिश्रम का फल मिला।, , , , , , 1, , पी

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कुलननीनीननीननीनीननीननीनननननीनीनान नमन नानी न न न ननी नमन मनन नानी ननीनननभननन न नानी नमन ननननननानीननननानन नानी ननीनननननननननानीनान नी भानन नाना नन नमन कु, , 20.किसने भोला को परास्त कर दिया था?, , उत्तर: वृद्ध पिता ने भोला को परास्त कर दिया था।, , ॥. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :, , 1.सुजान महतो की संपत्ति बढ़ी तो क्या करने लगा?, , उत्तर: सुजान महतो की संपत्ति बढ़ी तो उनके चित्त की वृत्ति धर्म की रुक [क पडी। साधु-संतों का, आदर सत्कार होने लगा, द्वार पर धूनी जलने लगी। कानूनगो इलाके में आते तो सुजान की चौपाल में, ठहरते। हल्के के हेड कांस्टेबल, थानेदार, शिक्षा विभाग के अफसर यहाँ तक कि बड़े-बड़े हाकिम भी, उसके चौपाल में आकर ठहरने लगे। घर में भजन-भाव होता, सत्संग होता सुजानने गाँव में एक पक्का, कुआ बनवा दिया इसनहर जो काम गाँव के किसी ने न किया था सुजानने कर दिखाया।, , 2.घर में सुजान भगत का अनादर कैसे हुआ?, , उत्तर: सुजान महतो सुजान भगत बनने के बाद धार्मिक और सत्कार्य करने लगे। घर के मामलों में, ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते थे। इसलिए घरवालों की नजरों में गिर गये। सुजान के हाथों से धीरे-धीरे, अधिकार छीने जाने लगे। किस खेत में क्या बोना है, किसको क्या देना है, किससे क्या लेना है, किस, भाव क्या चीज़ बिकी, ऐसी महत्वपूर्ण बातों में भी भगत जी की सलाह न ली जाती थी। उनके दोनों, जवान बेटे बात-बात में उन पर फब्तियाँ कसते। उनकी पत्नी बुलाकी भी बेटों के पक्ष में थी। हद तब हो, गई जब वे भिक्षुक को दान देने की स्वतंत्रता भी खो चुके। गाँव भर में सुजान का मान-सम्मान बढ़ता था, और अपने घर में उसका मान सम्मान घट रहा था।, , 3.सुजान भगत पेड़ के नीचे बैठ कर क्या सोचता है?, , उत्तर: धीरे-धीरे उसके हाथ से सारे अधिकार छीने जाने लगे तब सुजान ने पेड का नीचे बैठकर सोचा, उसेक ही घर में उसका अनादर। अभी वह अपाहिज नहीं है हाथ-पाँव थके नही है, घर का कुछ न कुछ, काम वह करता ही रहता है फिर भी यह अनादार? उसीने वह घर बनाया था, सारी विभूति उसी के श्रम, का फल है पर अब उस पर उसका कोई अधिकार नही। अब वह दरवाजे पर कुत्ते जैसा है, पड़ा रहता, है, घरवाले जो रुखा-सूखा दे, वहीं खाकर पेट भर लिया करे। ऐसे जीवन को वह धिक्कारता है। ऐसे घर, में वह रह नही सकता।, , 4.सुजान भगत को सबसे अधिक क्रोध बुलाकी पर क्‍यों आता है?, , उत्तर: सुजान को सबसे अधिक क्रोध अपनी पत्नी बुलाकी पर आया। क्योंकि वह भी लड़कों का साथ, देती थी। लड़कों को नाम म नही कितने परिश्रम से उसने गृहस्थी जोडी है लेकिन उसे तो मालूम है।, सुजान ने दिन-को दिन और रात को रात नही समझा। इतनी कड़ी मेहनत की। भादो की अँधेरी रात में, मडैया लगा के जुआर की रखवाली करता था। जठे-बैसाख की दोपहरी में भी दम न लेता था। अब, उसी घर में उसे इतना भी अधिकार नही कि वह भीख तक दे सके। सुजान ने कभी न उसे मारा, ना, पैसे की कमी की। बीमारी में उसे वैद्य के पास ले जाता। अब उसे अपने बेटे ही सब कुछ लगते है।, 5.चैत के महीने में खलिहानों में सतयुग के राज का वर्णन कीजिए।, , उत्तर: चैत के महीने में जगह-जगह अनाज के ढेर लगते है। वही समय होता है जब किसानों की भी, थोडी देर के लिए अपना जीवन सफल मालूम होता हैं। अच्छी फसल बढी देखकर, कटाई कर जब वे, अनाज के ढेर को लगा देते है, तब गर्व से उनका हृदय उछलने लगता है। सुजान भी टोकरे में अनाज, भर-भरकर देते और उनके दोनों लड़के वह घर में रख आते। भाट और भिक्षुक तब भीख माँगने आते।, तब खलीहानों में सचमुच सतयुग का राज़ होता है।, , 6.सुजान भगत भिक्षुक को कैसे संतुष्ट करता है?, , उत्तर: एक बार निराश होकर लोटे भिक्षुक को सुजान कहते हैं उस अनाज के ढेर से जितना अनाज, उठाकर ले जा सको जाओ। भिक्षुक ने पहले 10 सेर अनाज अपने चादर में भरा लेकिन सुजान, ने इसे, तो कोई बच्चा भी उठालेगा कहकर उस चादर में खुद इतना अनाज भरा कि उससे वह गठरी हिली, नही। तब सुजान ने पता कराया कि वह अमोला में रहता है फिर गठरी खुद अपने सिर पर उठाकर, भिक्षुक को पीछे चला। इस तरह उसने भिक्षुक को संतुष्ठ किया।, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , 2, , पी

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कुलननीनीननीननीनीननीननीनननननीनीनान नमन नानी न न न ननी नमन मनन नानी ननीनननभननन न नानी नमन ननननननानीननननानन नानी ननीनननननननननानीनान नी भानन नाना नन नमन कु, , 7.सुजान भगत अपना खोया हुआ अधिकार फिर कैसे प्राप्त करता है?, , उत्तर: बेटे और पत्नी से जो अनादर हुआ, उससे सुजान बहुत ही चिंतित था। उसे लगा कि अब तक, जिस घर में राज किया, उसी घर में पराधीन बनकर वह नहीं रह सकता। उसे अधिकार चाहिए। वह, इस घर पर दूसरों का अधिकार नहीं देख सकता। मंदिर का पुजारी बनकर नहीं रह सकता। उसी क्षण, से वह कठोर ठार परिश्रम करने रन लगा। रात भर बैलों लों का चारा काटता रहा, सुबह तक कटिया या का पहाड़, खड़ा कर दिया। सवेरे ही हल लेकर खेत में पहुँचा। भोला जब किसानों के साथ हल लेकर खेत में, पहुंचा तब तक सुजान आधा खेत जोत चुका था। दोपहर में भी विश्राम नहीं किया। डाँड फेंकना, अनाज, बोना, खेत की सुरक्षा आदि इस प्रकार आठ महीने निरंतर परिश्रम किया। खेत ने सोना उगल दिया।, बखारी में अनाज रखने की जगह न रही। इस तरह सुजान ने अपना खोया हुआ अधिकार फिर प्राप्त, कर लिया।, , अतिरिक्त प्रश्न :, , 1.भगतों के आचार-विचार कैसे होते हैं?, , उत्तर: भगतों के आचार-विचार कुछ और होते हैं। वह बिना स्नान किये कुछ नहीं खाता। गंगा जी अगर, घर से दूर हों और वह रोज़ स्नान करके दोपहर तक घर न लौट सकता हो, तब भी पर्यों के दिनों में तो, जरूर नहाना चाहिए। उसके घर भजन भाव अवश्य होना चाहिए। पूजा-अर्चना उसके लिए अनिवार्य, है। खान-पान में संयम और झूठ का त्याग करना पड़ता है। भगत के लिए, ज्ञानी के लिए क्षमा नहीं है।, प्रायश्चित नहीं है। अगर वह है भी तो बहुत कठिन है। इस प्रकार भगतों के आचार-विचार साधारण, मनुष्यों के आचार-विचार से अलग होते हैं।, , 2.सुजान ने भिक्षुक को क्या देना चाहा और उसका परिणाम क्या हुआ?, , उत्तर: सुजान भगत भिक्षुक को भीख देने के लिए अनाज लेने भंडार घर में गये। वे एक छबड़ी में सेर, भर जौ लेकर निकले। तभी अचानक भोला ने उनके हाथ से छबड़ी छीन ली और क्रोध से बोला - सेंत, का माल नहीं है, जो लुटाने चले हो। छाती फाड़-फाड़ कर काम करते हैं, तब दाना घर में आता है। इस, प्रकार भोला ने सुजान भगत को अपमानित किया।, , ॥. निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे?, , 1.धरम के काम में मीन-मेष निकालना अच्छा नहीं।, , उत्तर: यह वाक्य सुजान ने अपनी पत्नी बुलाकी से कहा।, , 2.'दिन भर एक न एक खुचड़ निकालते रहते हैं।', , उत्तर: यह वाक्य भोला ने अपनी माँ बुलाकी से कहा।, , 3.आधी रोटी खाओ, भगवान का भजन करो और पड़े रहो।', , उत्तर: यह वाक्य बुलाकी ने अपने पति सुजान भगत से कहा।, , 4.'क्रोधी तो सदा के हैं। अब किसी की सुनेंगे थोड़े ही।', , उत्तर: यह वाक्य बुलाकी ने अपने बेटे भोला से कहा।, , 5.'बाबा, इतना मुझसे उठ न सकेगा।', , उत्तर: यह वाक्य भिक्षुक ने जान भगत से कहा।, , 6.'आदमी को चाहिए कि जैसा समय देखे वैसा काम करे।', , उत्तर: बुलाकी ने यह वाक्य सुजान से कहा।, , अतिरिक्त प्रश्न :, , 1.'मैं संझा को डाँड फेंक दूंगा।', , उत्तर: भोला ने सुजान से कहा।, , 2.'अच्छा, बताओं किस गाँव में रहते हो?", , उत्तर: यह सुजान भगत ने भिक्षुक से कहा।, , , , , , , , , , , , , , , , , , पी

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कुलननीनीननीननीनीननीननीनननननीनीनान नमन नानी न न न ननी नमन मनन नानी ननीनननभननन न नानी नमन ननननननानीननननानन नानी ननीनननननननननानीनान नी भानन नाना नन नमन कु, , 1४. ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :, , 1.'भगवान की इच्छा होगी, तो फिर रुपये हो जायेंगे। उनके यहाँ किस बात की कमी है?', , उत्तर: प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक 'साहित्य गौरव' के 'सुजान भगत' नामक कहानी से, लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।, , संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को सुजान भगत ने बुलाकी से कहा कि ईश्वर के यहाँ किस बात की कमी है।, स्पष्टीकरण : एक बार जब गया के यात्री गाँव में आकर ठहरे, तो सुजान के यहाँ उनका भोजन बना।, सुजान के मन में भी गया जाने की बहुत दिनों से इच्छा थी। यह अवसर देखकर वह भी चलने को तैयार, हो गया। लेकिन खताकी ने कहा की अगले साल देखेंगे, हाथ खाली हो जाएगा। तब सुजान ने अगले, साल क्या होगा, कौन जानता है, धर्म के काम को टालना नहीं चाहिए, ऐसा कहते हुए इस वाक्य को, , कहा।, 2.'अभी ऐसे बूढ़े नहीं हो गए कि कोई काम ही न कर सकें।, , उत्तर: प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक 'साहित्य गौरव' के 'सुजान भगत' नामक कहानी से, लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।, , संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को भोला अपने पिता के बारे में अपनी माँ बुलाकी से कहता है।, , स्पष्टीकरण : एक दिन बुलाकी ओखली में दाल छाँट रही थी। एक भिखमँगा द्वार पर आकर चिल्लाने, लगता है। भोला माँ से उसे कुछ देने के लिए कहता है, तो बुलाकी पूछती है कि तुम्हारे पिताजी क्या कर, रहे हैं, तो व्यंग्य से भोला कहता है कि दिन भर एक न एक खुचड़ निकालते रहते हैं, सारा दिन पूजापाठ में ही निकल जाता है और अभी ऐसे बूढ़े नहीं हुए। इससे हमें पता चलता है कि सुजान का अनादर, घर में कैसे होता रहा।, , 3.'आदमी को चाहिए कि जैसा समय देखे वैसा काम करे।, , उत्तर: प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक 'साहित्य गौरव' के 'सुजान भगत' नामक कहानी से, लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।, , संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को बुलाकी अपने पति सुजान भगत से कहती है।, , स्पष्टीकरण : सुजान महतो सुजान भगत बने, तो घर में उनका राज समाप्त हो गया। महत्वपूर्ण निर्णय, माँ और बेटे ही लेते थे। जब द्वार पर चिल्ला रहे भिक्षुक को एक सेर अनाज तक दान देने की स्वतंत्रता, सुजान खो देता है, उसे बड़ा दुःख हुआ। सबसे ज्यादा गुस्सा उसे अपनी पत्नी बुलाकी पर आया क्योंकि, वह जानती थी कि कितनी मेहनत से उन्होंने इस घर को बनाया है। वे उदास होकर पेड़ के नीचे बैठकर, सोचते रहते हैं, तब उनकी पत्नी आकर समझाने का प्रयत्न करती है कि घर में कमानेवाले का राज होता, है। अब हम दोनों का निबाह इसी में है कि नाम के मालिक बने रहें और वही करें जो लड़कों को अच्छा, लगे। आदमी को चाहिए कि जैसा समय होता है वैसा काम करे। इसी से जीवन सुगम होता है।, , 4.'अब तक जिस घर में राज्य किया, उसी घर में पराधीन बनकर नहीं रह सकता।', , उत्तर: प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक 'साहित्य गौरव' के 'सुजान भगत' नामक कहानी से, लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।, , संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को सुजान भगत जब अपने ही घर में वह अपने आपको तिरस्कृत होता हुआ, देखकर अपनी पत्नी बुलाकी से कहता है।, , स्पष्टीकरण : जब सुजान भगत को पत्नी और पुत्रों से कुछ-न-कुछ सुनना पड़ता है, तो वह परेशान हो, जाता है और अपनी पत्नी से कहता है कि एक समय था कि इस घर में मेरा ही राज था, पर आज मैं, पराधीन हो गया हूँ। इस प्रकार वह अपनी मजबूरी बताता है।, , 5.'अच्छा, तुम्हारे सामने यह ढेर है। इसमें से जितना अनाज उठाकर ले जा सको, ले जाओ।', उत्तर: प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक 'साहित्य गौरव' के 'सुजान भगत' नामक कहानी से, लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।, , संदर्भ : सुजान भगत अपने द्वार पर आये हुए भिक्षुक से यह वाक्य कहता है।, , स्पष्टीकरण : चैत का महीना था। हर जगह अनाज के ढेर लगे थे। किसानों को अपना जीवन सफल, , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , पी


सुजान के बड़े बेटे का नाम क्या है?

उत्तर: सुजान की पत्नी का नाम बुलाकी है। प्रश्न 5. सुजान के बड़े बेटे का नाम लिखिए । उत्तर: सुजान के बड़े बेटे का नाम भोला है।

सुजान की पत्नी का नाम क्या है उत्तर सुजान की पत्नी का नाम बुलाकी है?

उत्तर: सुजान की पत्नी का नाम बुलाकी है।

सुजान भगत पहले क्या थे?

सुजान भगत टोकरे में अनाज भर-भर कर देते थे और दोनों लड़के टोकरे ले कर घर में अनाज रख आते थे। कितने ही भाट और भिक्षुक भगत जी को घेरे हुए थे। उनमें वह भिक्षुक भी था, जो आज से आठ महीने पहले भगत के द्वार से निराश हो कर लौट गया था।

क्या सुजान भगत का लड़का मर गया?

➲ प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी 'सुजान भगत' में सुजान भगत का कोई लड़का नहीं मरा था।