दीर्घकालीन सीमांत लागत तथा औसत लागत वक्र कैसे दिखते हैं? Show दीर्घकालीन सीमांत लागत तथा औसत लागत वक्र 'U' आकार के दिखाई देते हैं। दीर्घकाल में एक फर्म के सीमांत लागत वक्र और औसत लागत वक्र पैमाने के प्रतिफल पर निर्भर करते हैं। पैमाने के प्रतिफल की तीन अवस्थाएँ होती हैं:-वर्धमान प्रतिफल. स्थिर प्रतिफल, ह्रासमान प्रतिफल। इससे हम संलग्न रेखाचित्र द्वारा दर्शा सकते हैं: अल्पकाल तथा दीर्घकाल की संकल्पनाओं को समझाइए। अल्पकाल समय की वह अवधि हैं जिसमें उत्पादन के कुछ कारक स्थिर होते हैं तथा कुछ परिवर्ती होते हैं। इस अवधि में, एक फर्म केवल परिवर्तनशील साधनों में परिवर्तन कर सकती हैं, न कि स्थिर साधनों में। उत्पादन फलन की संकल्पना को समझाइए। उत्पादन फलन: एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है।
एक आगत का औसत उत्पाद क्या होता है? एक आगत का औसत उत्पाद उस आगत के कुल उत्पादों के परिवर्ती आगत की इकाइयों से विभाजित करने से प्राप्त उत्पाद हैं। इस प्रकार एक आगत का कुल उत्पाद क्या होता है? कुल उत्पाद (TP) को एक निश्चित समयावधि में दिए गए आगतों से एक फर्म द्वारा उत्पादित की गई वस्तुओं अथवा सेवाओं की कुल मात्रा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। एक परिवर्ती कारक की सभी इकाइयों के सीमांत उत्पाद (MP) को जोड़कर हम कुल उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। एक आगत का सीमांत उत्पाद क्या होता है?
एक आगत का सीमांत उत्पाद उस आगत की अतिरिक्त इकाई में परिवर्तन करने से कुल उत्पाद में होने वाला परिवर्तन होता है। इस प्रकार, सीमांत लागत वक्र कैसे दिखता है?अतः आगत निर्गत समतल में सीमांत उत्पाद वक्र दिखता है, एक उल्टे 'U' वक्र आकृति के रूप में।
सीमांत लागत वक्र कैसे दिखाई देता है यह ऐसा क्यों दिखाई देता है स्पष्ट कीजिए?इस चरण में परिवर्ती लागत तेज़ गति से बढ़ती है । चित्र 7.2 उत्पादन तथा परिवर्ती लागतों का संबंध दर्शाता है | Q, बिन्दु (तालिका 7.1) में उत्पादन स्तर 7 इकाइयों को दर्शाता है । इसी व्यवहार को हमने तालिका 7.1 में दिखाया है । उत्पादन की पाँच इकाई तक परिवर्ती लागत (VC) घटती हुई दर पर बढ़ रही है।
सीमांत वक्र क्या है?जैसे निर्गत में वृद्धि होती है कुल संप्राप्ति तथा कुल लागत में भी वृद्धि होती है। जब तक कुल संप्राप्ति में वृद्धि कुल लागत में परिवर्तन से अधिक है, लाभ में लगातार वृद्धि होगी । याद करें कि निर्गत में प्रति इकाई वृद्धि के कारण, कुल संप्राप्ति, में परिवर्तन सीमांत लागत होती है ।
सीमांत लागत तथा अवसर लागत में क्या अंतर है?किया जाता है। समस्या का सामना करना (ix) व्यष्टि तथा समष्टि अर्थशास्त्र एक-दूसरे के होते है। .. कुछ पड़ता है। के उत्पादन के लिए पड़ता है।
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