सोने के सिक्के चलाने वाला पहला भारतीय शासक कौन था? - sone ke sikke chalaane vaala pahala bhaarateey shaasak kaun tha?

समुद्रगुप्त द्वारा चलायी गयीं स्वर्ण मुद्रा जिस पर उनके पिता चन्द्रगुप्त प्रथम तथा माता कुमारदेवी का चित्र है।

ईसापूर्व प्रथम सहस्राब्दी में भारत के शासकों द्वारा सिक्कों की निर्माण का कार्य आरम्भ हो चुका था। प्रारम्भ में मुख्यतः ताँबे तथा चाँदी के सिक्कों का निर्माण हुआ।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

हाल में द्वारका की प्राचीन नगरी में छेदयुक्त प्रस्तर मुद्राएँ मिली हैं जिनका काल लगभग पाँच हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] यह भी अच्छी तरह ज्ञात है कि भारत में मौर्य वंश (322–185 BCE) के बहुत पहले से ही धातु के सिक्कों का निर्माण शुरू हो चुका था। आधुनिक कार्बन तिथिकरण (carbon dating) के अनुसार ये धातु के सिक्के ५वीं शदी ईसापूर्व से भी पहले के हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

भारत में तुर्कों और मुगलों के शासन के समय विशेष परिवर्तन यह आया कि सिक्कों पर अरबी लिपि का प्रयोग किया जाने लगा। १९वीं शताब्दी में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में एकसमान मुद्रा का प्रचलन किया।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

लंबा कोट पहने हुए विम कडफिसेस के चित्र सहित सिक्का। यूनानी लिपि में अंकित है- "महाराजाधिराज विम कडफिसेस"। ब्रितानी संग्रहालय।

शासनावधि90–100 सी.ई.पूर्ववर्तीविम ताक्तूउत्तरवर्तीकनिष्क

विम कडफिसेस (बाख़्त्री में Οοημο Καδφισης) लगभग 90-100 सी.ई. में कुषाण वंश का शासक था। रबातक शिलालेख के अनुसार वह विम ताकतू का पुत्र तथा कनिष्क का पिता था। उसे कडफिसेस द्वितीय भी कहा जाता है।

विम कडफिसेस सिंहासन पर। मूर्ति के आधार पर स्थित शिलालेख पर विम कडफिसेस का नाम उत्कीर्णित है। मथुरा संग्रहालय

सम्राट विम कडफिसेस ने कुषाण साम्राज्य का विस्तार अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान तथा पश्चिमोत्तर भारत में किया। वह स्वर्ण मुद्रा का प्रचलन करवाने वाला प्रथम कुषाण शासक था। इसके अतिरिक्त उसने पहले से प्रचलित ताँबे तथा चाँदी की मुद्राओं को भी जारी रखा।

ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकांश सोना रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार के माध्यम से प्राप्त किया गया था। लगभग आठ ग्राम का स्वर्ण भार मानक पहली शताब्दी के रोमन सिक्कों के अनुरूप है। रोम से प्राप्त सोने को पिघला कर टकसालों में सिक्के ढालने में उपयोग किया जाता था।

सोने के उपयोग से विम कडफिसेस के समय में कुषाण साम्राज्य की समृद्धि की पुष्टि होती है, चीन का हान राजवंश (जहां विम को 阎 膏 珍 के रूप में जाना जाता था), मध्य एशिया और अलेक्जेंड्रिया और पश्चिम में एंटीऑक के बीच व्यापार का केंद्र रहा। कुषाण चीन, भारत और पश्चिम के बीच जाने के लिए रेशम मार्ग (सिल्क रोड) को बनाए रखने और संरक्षित करने में सक्षम थे जिससे होकर रेशम, मसालों, कपड़ा या दवा का व्यापार होता था ।

विम कडफिसेस द्वारा प्रचालित स्वर्ण मुद्रा

विम कडफिसेस के काल का ताँबे का सिक्का

जहाजों द्वारा रोमन साम्राज्य को सोने के सिक्कों के बदले सामान भेजा जाता था तथा यूनानी शराब और दासों का आयात होता था। कलात्मक वस्तुओं का भी सभी दिशाओं से आयात होता था जैसा कि अफ़ग़ानिस्तान के बगराम, जो कि कुषाणों की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी, में पाई गई कलाकृतियों की विविधता और गुणवत्ता से संकेत मिलता है।

रोमन इतिहास के अनुसार ट्राजन (98-117 सी.ई.) के दरबार में भारतीय राजाओं द्वारा राजदूतों के हाथों उपहार और यूनानी भाषा में पत्र भेजे गये थे, जिन्हें विम कडफिसेस अथवा उसके पुत्र कनिष्क द्वारा भेजा गया था। विम के अधिकांश सिक्कों के पृष्ठ भाग में बौद्ध धर्म के प्रमुख अंग त्रिरत्न अथवा हिंदू धर्म के देवता शिव को उनके वाहन नंदी(बैल) के साथ चित्रित किया गया है। कुछ सिक्कों में शिव को एक त्रिशूल के साथ चित्रित किया गया है।

अन्य कुषाण शासकों के साथ विम कडफिसेस का संबंध रबातक शिलालेख में वर्णित है, जिसे कनिष्क ने स्वयम् लिखा था। कनिष्क ने उन राजाओं की सूची बनाई है जिन्होंने उसके समय तक शासन किया: उसके प्रपितामह कुजुल कडफिसेस, उसके पितामह विम ताक्तू, तथा उसके पिता विम कडफिसेस तथा कनिष्क स्वयम्।

जैसा कि आप जानते हैं भारत को पहले सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहां पर सोने की बहुत ही अधिकता पाई जाती थी। लगभग सभी लोग जानते होंगे कि प्राचीन समय में भारत में सोने के सिक्कों का प्रचलन था,

लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि भारत में पहले किसने सोने के सिक्के जारी किए? यदि नहीं तो आज का यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको सोने के सिक्कों को जारी करने वाले शासकों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

सोने का सिक्का कैसा होता है? | sone ka sikka kaisa hota hai?

सोने का सिक्का पूरी तरह से सोने का बना होता है। यदि हम बात करें प्राचीन समय की तो उस समय सोने के सिक्के गोल हुआ करते थे और शुद्ध रूप से केवल सोने के बने होते थे।

यदि हम बात करें मध्यकालीन समय की तो उस समय भी सोने के सिक्के गोल होते थे परंतु वह पूर्ण रूप से सोने के नहीं बने होते थे। Q के सिक्कों में थोड़े से चांदी और तांबे भी मिलाए जाते थे। हम यह कह सकते हैं कि मध्यकालीन के समय जो सोने के सिक्के आते थे वह 99% सोने के होते थे और 1% उसमें चांदी एवं तांबे मिलाए जाते थे।

आधुनिक समय में सोने के सिक्कों का प्रचलन बंद हो गया है परंतु सोने के बिस्किट बनाए जाते हैं जो कि पूर्ण रूप से सोने के ही होते हैं।

भारत में पहले किसने सोने के सिक्के जारी किए? | Sabse pahle sone ke sikke Kisne Chalaye

सोने के सिक्के चलाने वाला पहला भारतीय शासक कौन था? - sone ke sikke chalaane vaala pahala bhaarateey shaasak kaun tha?

भारत में सबसे पहले सोने के सिक्के कुषाण राज्य के सम्राट कनिष्क ने जारी किए थे। यह सिक्के 127 शताब्दी में जारी किए गए थे। कुषाण का राजा ने कई सारे सोने के सिक्कों के साथ साथ तांबे के भी सिक्के जारी किए थे।

कनिष्क सम्राट को सबसे ज्यादा सोने के सिक्के  जारी करने वाले राजा के रूप में जाना जाता है। कनिष्क महान, पांचवें कुषाण राजा के पूर्ववर्ती थे, जिन्होंने लगभग पूरे उत्तर भारत पर शासन किया था।

कुषाण साम्राज्य दक्षिणी उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से लेकर वर्तमान अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक, कश्मीर सहित उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों से होते हुए पाटलिपुत्र तक फैला हुआ था, जिसे अब बिहार की राजधानी पटना के नाम से जाना जाता है।

पहले जारी किए गए सिक्के कैसे थे?

यह सिक्के सर्वप्रथम ग्रीक भाषा में जारी किए थे और बाद में इसे बैक्ट्रियन भाषा में जारी किया गया था। यह भाषायें इरानी भाषा थी। कुषाण काल के सोने के सिक्कों में आमतौर पर कई भारतीय पौराणिक कथाओं की प्रतिमाओं को दर्शाया गया है। इन सिक्कों में शिव, बुद्ध और कार्तिकेय भगवान के चित्रों को चित्रित किया गया है।

इन सोने के सिक्कों पर राजा के भी चित्र बनाए गए थे। इन सिक्कों में राजा लंबे कोट में और दाढ़ी में दिखाई देते है और उसके कंधों से आग की लपटों के साथ टखने पर पतलून इकट्ठी होती है।  वह बड़े गोल जूते पहनता है, और एक कैंची के साथ-साथ एक लांस के समान एक लंबी तलवार से लैस है।  उन्हें अक्सर एक छोटी वेदी पर बलि देते हुए देखा जाता है।  कुषाण सोने के सिक्कों ने बाद के राजवंशों, जैसे गुप्तवंश, को प्रभावित किया।

कुषाण सभ्यता के अन्य सोने के सिक्कों की जानकारी

कुषाण साम्राज्य में कनिष्क के अलावा और भी कई राजाओं ने सोने के सिक्के जारी किए थे। जो कि इस प्रकार हैं -:

1. हुविन्श्क स्वर्ण सिक्का:-

कनिष्का के बाद उनके पुत्र हुविन्श्क ने कई सोने के सिक्के और मुद्राएं जारी की। हुविन्श्क द्वारा जो स्वर्ण सिक्के जारी किए गए थे वह भी बैक्ट्रियन भाषा में थे इन्होंने 155 से 190 के युग में सिक्के जारी किए थे।

2. वसुदेव स्वर्ण सिक्का:-

हुविन्श्क के पुत्र वसुदेव ने यह स्वर्ण सिक्के जारी किए थे। जैसा कि नाम से ज्ञात होता है यह एक हिंदू राजा था इसलिए इनके द्वारा जारी किए गए सिक्कों पर भगवान शिव एवं नंदी को चित्रित किया गया है।

3. कनिष्क-2 स्वर्ण सिक्का:-

कनिष्क 2 ने भी कोषाण सभ्यता में सोने के सिक्के जारी किए थे। इन्होंने कोषाण साम्राज्य में लगभग 20 वर्षों तक शासन किया था। कनिष्क 2 के द्वारा जारी किए गए सिक्कों में भी भगवान शिव एवं नंदी को दर्शाया गया है। इनके सिक्कों में केवल लेखन कला में विभिन्नता दिखाई देती है।

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निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि भारत में पहले किसने सोने के सिक्के जारी किए? उम्मीद है कि आपको इसलिए के द्वारा सोने के सिक्कों से संबंधित जानकारियां मिल पाई होंगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें और कोई प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।

FAQ

भारत में सोने के सिक्के जारी करने वाले पहले राजा कौन थे?

सही उत्तर कुषाण है। कुषाण भारत में सोने के सिक्कों का सबसे बड़ा भंडार जारी करने वाले पहले राजा थे।

सर्वप्रथम सिक्कों का चलन कब आरंभ हुआ?

भारत दुनिया की उन पहली सभ्यताओं में से एक है जहां ईसा पूर्व छठी शताब्दी के आसपास सिक्कों का प्रचलन शुरू हुआ था।

सबसे प्राचीन सिक्के का नाम क्या था?

वैदिक ग्रंथों में आने वाले ‘निष्का’ और ‘शतमन’ का प्रयोग वैदिक काल में सिक्कों के रूप में भी किया जाता था। भारत में सबसे पहले धातु के सिक्के गौतम बुद्ध के समय प्रचलन में आए, जिनका समय लगभग 500 ईसा पूर्व माना जाता है।

भारत का सबसे पुराना सिक्का कौन सा है?

दोस्तों हमारे भारत का सबसे पुराना सिक्का पंच मार्क वाला सिक्का है, इसे पुराण कर्षपण या पान भी कहते हैं ! यह सिक्का छठी शताब्दी में बनाया गया था।

भारत में सर्वप्रथम सोने के सिक्के जारी करने वाले कौन थे?

कनिष्क I स्वर्ण सिक्का यह भारत के किसी राजा द्वारा जारी प्रथम स्वर्ण सिक्का माना जाता है; इसे 127 सीई में कुषाण राजा कनिष्क 1 द्वारा जारी किया गया था।

सोने के सिक्के जारी करने वाला पहला मुगल शासक कौन था?

अकबर एकमात्र मुगल सम्राट था जिसने सोने के सिक्कों के 26 प्रकार (किस्में) जारी किए थे।

मौर्य काल में कौन से सिक्के चलते थे?

मौर्यकाल के दौरान पंच-मार्क्ड सिक्कों में उन सिक्कों की भरमार हो गई, जिसपर विभिन्न तरह की छाप थी, लेकिन चक्र की छाप, तीर-धनुष, सूर्य, छ:सशस्त्र चक्र तथा अन्य ज्यामितीय चित्र सबसे लोकप्रिय थे

भारत में सिक्कों का प्रचलन कब शुरू हुआ?

भारत में जब आया सिक्का साल 1950 में पहला सिक्का ढाला गया था. भारत साल 1947 में आजाद हुआ लेकिन ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे, उसी समय भारत में सिक्कों का प्रचलन हुआ था. 1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था. 1 आना मतलब 4 पैसा होता था.