जैसाकि आप जानते हैं, भोजन के आवश्यक पोषक तत्त्व प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज-लवण, विटामिन व जल आदि हैं। इनमें से कुछ तत्त्व शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, कुछ शरीर की वृद्धि या निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं और कुछ शरीर की जैविक क्रियाओं के नियंत्रण तथा उसे नीरोग बनाए रखने में योगदान करते हैं। Show संतुलित भोजन का अर्थ है-शरीर के लिए आवश्यक इन सभी पोषक तत्त्वों का समुचित अनुपात और मात्रा में ग्रहण करना। इस प्रकार संतुलित भोजन शरीर के स्वास्थ्य से संबंधित सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। भारतीय जीवन-दर्शन में शुद्ध और संतुलित आहार के लाभों का सदियों से बखान होता आया है। आयुर्वेद के ग्रंथों में मनुष्य को खानपान के प्रति संयमी होने की सलाह दी गई है। पथ्य हर किसी के लिए स्वास्थ्यवर्धक है; किंतु कुछ व्याधियों में उसका महत्त्व औषध समान है। उसके बगैर रोग पर नियंत्रण पाने की कल्पना ही अधूरी है, सच्चे अर्थ में यह इलाज की पहली बुनियाद है जिस पर स्वस्थ जीवन की सुंदर इमारत खड़ी हो सकती है। आहार में संयम कई प्रकार से स्वास्थ्यवर्धक है। इससे शरीर हृष्ट-पुष्ट बन सकता है। व्यक्ति तरह-तरह की व्याधियों और मोटापे से बच सकता है, वह अपने रक्त-शुगर पर बेहतर नियंत्रण पा सकता है, हृदय और धमनियों को रोगी होने से बचा सकता है और संपूर्ण व निरोग जीवन की कामना कर सकता है। ( और पढ़े – भोजन करने के 33 जरुरी नियम ) स्वस्थ संतुलित आहार का नक्शा : आहार की रूपरेखा सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले अपना वजन लें और उसे अपनी लम्बाई तथा उम्र के मुताबिक तालिका में दिए गए उपयुक्त वजन से मिलाएँ : अब यह देखें कि आपका काम किस किस्म का है ! क्या आप प्रायः एक जगह पर बैठे रहते हैं ? या कुछ भाग-दौड़ जरूरी होती है? या पूरे दिन ही जमकर शारीरिक मेहनत करते हैं ? फिर यह सुनिश्चित करने के लिए कि रोजाना कितनी कैलोरी लेनी चाहिए, इस तालिका का प्रयोग करें : अब कैलोरी का सही अंक चुनकर उसे अपने वजन से गुणा कर दें। उदाहरण के लिए, किसी 60 किलोग्राम वजनवाले व्यक्ति के लिए जिसका वजन उम्र के अनुसार सही है और काम प्रायः एक जगह बैठे रहने का है, दैनिक आवश्यकता 60×30=1800 कैलोरी है। बच्चों पर यह फार्मूला लागू नहीं होता। उनके लिए इस फार्मूले का प्रयोग करेंः 100+(100xबच्चों की उम्र); जैसे, बच्चे की उम्र यदि सात वर्ष है, तो उसे रोजाना 100+(100×7)=800 कैलोरी चाहिए। ( और पढ़े – क्या खाये क्या न खाये ) खानपान का नक्शा खींचने के लिए अगला कदम कैलोरी के स्रोत यानी खाद्यों में छिपे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का सही अनुपात तय करना है ताकि आहार में सभी पोषक तत्त्व ठीक-ठीक मात्रा में हों और स्वास्थ्य ठीक बना रहे। असंयुक्त कार्बोहाइड्रेट कुछ ही अणुओं के मेल से बने होते हैं, इसलिए वे आसानी से टूट जाते हैं और उनमें मौजूद ग्लूकोस थोड़े ही समय में जज्ब होकर खून में पहुँच जाता है। चीनी, बूरा, शहद, गोली, टॉफी, चॉकलेट, जैम, मिठाई, केक और पेस्ट्री में असंयुक्त कार्बोहाइड्रेट की भरमार होती है। इन्हें कम मात्रा में लिया जाना चाहिए। संयुक्त कार्बोहाइड्रेट के साथ यह परेशानी नहीं है। उसकी संरचना जटिल होती है, अतः उसे टूटने में समय लगता है। फलस्वरूप ब्लडशुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। साबुत अनाज, दालें और कुछ सब्जियाँ इसी कारण स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। कैलोरी का हिसाब लगाने के लिए यह जानना जरूरी है कि एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से हमें चार कैलोरी मिलती हैं। । प्रोटीन शरीर के निर्माण में काम आती है। उससे भी शरीर को प्रति ग्राम चार कैलोरी मिलती हैं। दालें, साबुत अनाज, सोयाबीन, मूंगफली और दूध प्रोटीन-समृद्ध होते हैं। वसा (चरबी) का प्रमुख कार्य शरीर को ऊर्जा देना है। दूसरे, उसकी उपस्थिति में ही हमारी आँतें भोजन से विटामिन-ए, विटामिन-डी, विटामिन-ई और विटामिन-के को जज्ब कर पाती हैं। घी, तेल, मक्खन, वसा के सबसे धनी स्रोत हैं। यों पनीर और सूखे मेवों में भी यह प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। वसा के एक ग्राम से हमें नौ कैलोरी मिलती हैं। संतुलित आहार से शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता है और संपूर्ण सेहत में सुधार आता है। संतुलित आहार लेने से बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। संतुलित आहार से जुड़ी जरूरी बातें तो हम सभी जानते हैं कि लेकिन किस खाद्य पदार्थ को कितने अनुपात में कब और क्यों लेना है, ये बहुत ही कम लोगों को पता होता है। (और पढ़ें - पोषण की कमी के लक्षण) ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य को कई तरह की समस्याएं जैसे कि मोटापा, हृदय रोग, हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) से लेकर कुपोषण तक हो सकता है जिसका सीधा असर शरीर की प्रणाली और तंत्र पर पड़ता है। इसके अलावा असंतुलित आहार के कारण थकान महसूस होना सामान्य है। (और पढ़ें - थकान दूर करने के लिए क्या खाएं) आहार के विभिन्न घटकों के महत्व को समझने और भोजन या खाद्य पदार्थ के सही अनुपात के बारे में जानने के लिए इस लेख में संतुलित आहार पिरामिड दिया गया है जिसकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपको कब, कैसे और कितना भोजन लेना है। अपने दैनिक आहार में आप अपनी पसंदीदा चीज़ों को भी शामिल कर सकते हैं और नीचे दिए गए पिरामिड के अनुसार भी खाद्य पदार्थ ले सकते हैं। इस तरह आप स्वस्थ रहेंगे और सभी बीमारियां भी दूर होंगी। संतुलित आहार के फायदे क्या है?एक विविध, संतुलित आहार पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए आपको आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। कुछ बीमारियों को रोकता और उनका उपचार करता है। स्वस्थ भोजन से मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग जैसी कुछ बीमारियों के विकास को रोका जा सकता है। यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के इलाज में भी सहायक है।
संतुलित आहार क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?ऐसा आहार जिसमें सभी प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, प्रोटीन और वसा आदि संतुलित रूप से मौजूद हो उस आहार को संतुलित आहार कहते हैं। संतुलित आहार को संतुलित भोजन भी कहते हैं और इस प्रकार के आहार हमारे शरीर को हमेशा स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करता है।
संतुलित आहार की क्या विशेषता है?संतुलित आहार वह भोजन है, जिसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ ऐसी मात्रा व समानुपात में हों कि जिससे कैलोरी खनिज लवण, विटामिन व अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता समुचित रूप से पूरी हो सके। संतुलित आहार आहार में विभिन्न खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। संतुलित आहार शरीर में पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करता है।
संतुलित भोजन में कौन कौन से तत्व पाए जाते हैं?आहार के घटक या अवयव मनुष्य के आहार में छह विशिष्ट अवयव पाए जाते हैं : ... . प्रोटीन प्रोटीन विशेषकर अनाज, दुध में मिलते हैं। ... . कार्बोहाइड्रेट यह अवयव मुख्यत: वनस्पति से प्राप्त होता है। ... . वसा तेल, घी, मक्खन इत्यादि शुद्ध वसा (Fat) हैं। ... . खनिज पदार्थ ... . विटामिन ... . जल ... . आहारविद्या. |