सुंदरकांड का पाठ कितनी बार करना चाहिए? - sundarakaand ka paath kitanee baar karana chaahie?

सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को / सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम – ऐसा माना जाता है की सभी देवताओं में हनुमान जी ही ऐसे देवता है. जो हमारे बीच धरती पर मौजूद हैं. हनुमान जी अपने भक्तो को कभी भी निराश नहीं करते हैं. हनुमान जी से जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना मांगते हैं. हनुमानजी उनकी मनोकामना जल्दी पूर्ण करते हैं.

सुंदरकांड का पाठ कितनी बार करना चाहिए? - sundarakaand ka paath kitanee baar karana chaahie?

ऐसा माना भी माना जाता है. की हनुमानजी अपने भक्तो पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. लेकिन आज हम हनुमानजी के सुंदरकांड के पाठ के बारे में बात करने वाले हैं. सुंदरकांड में हनुमानजी के द्वारा किए गए. कार्यो का संपूर्ण वर्णन किया गया हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को तथा सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

  • सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को
  • सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम
  • सुंदरकांड का पाठ कितने बजे करना चाहिए
  • महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं
  • सुंदरकांड पाठ के चमत्कार
  • निष्कर्ष

सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को

अगर आप सुंदरकांड का पाठ अकेले में करना चाहते हैं. तो सुबह का समय इसके लिए सर्वश्रेष्ठ हैं. आप अकेले में सुंदरकांड का पाठ सुबह के समय में ब्रह्म मुहूर्त में 4 से 6 बजे के बीच में कर सकते हैं.

अधिकतर लोग सुंदरकांड का पाठ समूह में करवाते हैं. अगर आप भी सुंदरकांड का पाठ समूह में करवाना चाहते है. या समूह में करते हैं. तो शाम को 7 बजे के बाद समूह में सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.

सुंदरकांड का पाठ  शनिवार, मंगलवार, पूर्णिमा या अमावस्या के दिन करना श्रेष्ठ माना जाता हैं.

हनुमान बाहुक के लाभ / हनुमान बाहुक का पाठ कैसे करे

सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने के नियम हमने नीचे बताए हैं.

  • आप सुंदरकांड का पाठ अपनी इच्छा अनुसार 11, 21, 31 या 41 दिन तक कर सकते हैं. और सबके नियम समान हैं. जो हमने नीचे बताए हैं.
  • सबसे पहले हनुमानजी की प्रतिमा अपने सामने स्थापित करे. आप भी किसी शुद्ध आसन पर बैठ जाए. तथा स्नान आदि करने के बाद ही यह कार्य शुरू करे.
  • हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करने के पश्चात शुद्ध घी का दीपक जलाए.
  • तथा हनुमानजी के चरणों में सात पीपल के पत्ते अर्पित करे.
  • हनुमानजी को घी का दीपक जलाने के पश्चात सुंदरकांड का पाठ करे. तथा लड्डू का भोग लगाए.
  • इसके पश्चात पीपल के पत्तो की माला बनाकर आपके आसपास के किसी भी हनुमानजी के मंदिर में जाकर माला चढ़ा दे.
  • यह कार्य आपको प्रतिदिन करना हैं.
  • जब आपका अनुष्ठान पूर्ण हो जाए. इसके पश्चात हवन आदि जरुर करवाए.
  • यह प्रक्रिया लगातार 21 दिन तक करनी हैं. इसमें एक भी दिन त्रुटी नहीं होनी चाहिए.
  • सुंदरकांड के पाठ के साथ अगर आप हनुमान चालीसा भी करते हैं. तो आपको और अधिक लाभ होगा. इससे आपको धन की प्राप्ति होगी.

सुंदरकांड का पाठ कितनी बार करना चाहिए? - sundarakaand ka paath kitanee baar karana chaahie?

गोवल्लभाय स्वाहा मंत्र के फायदे | गोवल्लभाय स्वाहा का अर्थ क्या है | गोवल्लभाय स्वाहा मंत्र का जाप कैसे करें

सुंदरकांड का पाठ कितने बजे करना चाहिए

सुंदरकांड का पाठ अगर आप अकेले में कर रहे है. तो सुबह के समय में 4 से 6 बजे के बीच में करना चाहिए. और अगर आप सुंदरकांड का पाठ समूह में कर रहे है. तो शाम को 7 बजे के बाद सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.

महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं

जी हां, महिलाएं सुंदरकांड का पाठ कर सकती हैं.

सुन्दरकाण्ड के टोटके सरल और छोटे | सुन्दरकाण्ड का पाठ करने की विधि और नियम

सुंदरकांड पाठ के चमत्कार

सुंदरकांड पाठ के कुछ चमत्कार हमने नीचे बताए हैं.

  • सुंदरकांड का पाठ करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती हैं.
  • सुंदरकांड का पाठ करने से शत्रु के भय से मुक्ति मिलती हैं.
  • सुंदरकांड का पाठ करने से भुत, प्रेत, पिशाच आदि दूर भागते हैं. और ऐसी बुरी आत्माओं से हमें रक्षण मिलता हैं.
  • सुंदरकांड का पाठ करने से हमे शक्ति तथा बल मिलता हैं.

सुंदरकांड का पाठ कितनी बार करना चाहिए? - sundarakaand ka paath kitanee baar karana chaahie?

gopal sahastranaam benefits in hindi / गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करने की विधि

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को तथा सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को / सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

मेहंदीपुर बालाजी के नियम मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका

अंकोरवाट मंदिर का रहस्य और रोचक तथ्य क्या है / अंकोरवाट का मंदिर किस देश में है

कुलदेवी की खोज कैसे करे | कुलदेवी की स्थापना और प्रसन्न कैसे करे

सुंदरकांड का पाठ कितने दिन तक करना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ आप 11, 21, 31, 41 दिन तक कर सकते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें। ध्यान रहे कि हनुमान जी की प्रतिमा ऐसी होनी चाहिए, जिसमें प्रभु श्री राम, माता सीता व लक्ष्मण की तस्वीर हो।

सुंदरकांड का पाठ रोज करने से क्या होता है?

सुंदरकांड का महत्व भगवान हनुमान जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। ये बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वाले माने जाते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। जो भी जातक प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

सुंदरकांड पढ़ने का सही समय क्या है?

यदि आप अकेले सुंदरकांड का पाठ करना चाहते हैं तो प्रात:कालीन समय, ब्रह्म मुहूर्त में 4 से 6 बजे के बीच किया जाना चाहिए। यदि आप समूह के साथ सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो शाम को 7 बजे के बाद किया जा सकता है। सुंदरकांड का पाठ मंगलवार, शनिवार, पूर्णिमा और अमावस्या को करना श्रेष्ठ रहता है।

रोज सुंदरकांड का पाठ कैसे करें?

जानें सुंदरकांड पाठ करने का सही तरीका -सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. -सुंदरकांड का पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर रखी हनुमानजी की मूर्ति की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. साथ ही सीता-राम की मूर्तियां भी हनुमान जी पास जरूर रखें. -हनुमानजी की पूजा फल-फूल, मिठाई और सिंदूर से करें.