Show बच्चों का शब्द भण्डार कैसे विकसित होता है। यह एक बेहद अहम सवाल है। बच्चे भाषा का इस्तेमाल अपने रोज़मर्रा के जीवन में करते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोई बच्चा कहता है, “मुझे फलां गेम डाउनलोड करना है।” तो इसका आशय है कि बच्चे को पता है कि गेम पाने के लिए उसे इंटरनेट से डाउनलोड करना होता है। ऐसे में संभव है कि बच्चे को इंटरनेट की तमाम तकनीकी बारीकियां और डाउनलोडिंग के बारे में तमाम चीज़ें न पता हों, मगर उसके मन में गेम का कांसेप्ट क्लियर है। क्योंकि वह गेम्स खेलने में सक्रिय भागीदारी करता है। उसे खेलने में आनंद भी आता है। नएपन की तलाश में वह नए-नए गेम्स की मांग भी करता है। इससे एक बात स्पष्ट होती है कि बच्चे का शब्द भण्डार विकसित करने में उसके आसपास के परिवेश का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके अलावा उस समय की तकनीक का भी असर उसकी भाषा और शब्दों पर पड़ता है, जिसका समाज पर गहरा प्रभाव है। जैसे आज के दौर में जब लाखों-करोड़ों लोगों के पास मोबाइल है। ऐसे में मोबाइल से जुड़ी शब्दावली भी बच्चे के शब्द भण्डार का हिस्सा होगी। शब्द भण्डार क्या है?शुरुआत में जब भारत में लैंडलाइन फ़ोन गाँव में पहुंचना शुरु हुए थे तो बच्चे फ़ोन का रिसीवर उठाकर हैलो करते थे। क्योंकि उन्होंने बड़ों को ऐसा करते देखा था। यही प्रक्रिया बच्चे फ़ोन के साथ करते हैं। लेकिन बच्चे नंबर मिलाना जानते हैं तो नंबर मिलाकर भी बात करते हैं। क्योंकि उनको पता है कि नंबर कैसे मिलाया जाता है, अगर इस तरीके से नंबर मिलाते हैं तो सामने से फलां व्यक्ति की आवाज़ आती है, जिससे हम बात करना चाहते हैं। यहां अनुकरण से सीखने वाली बात सामने आती है। बच्चे जिन शब्दों का इस्तेमाल समझकर करते हैं, उनको उनके शब्द भण्डार का हिस्सा माना जाता है। कह सकते हैं कि शब्द भण्डार शब्दों का वे समूह हैं, बच्चे जिसका मतलब जानते हैं। समझकर उनका इस्तेमाल करते हैं। बच्चों का शब्द भण्डार जितना ज्यादा होता है, उनको किसी पाठ को पढ़कर समझने में उतनी ही आसानी होती है अगर वह पाठ उनके शब्द भण्डार से मेल खाता है। शब्द भण्डार की इसी मान्यता के चलते हर पाठ के पीछे कठिन शब्दों की सूची और उनका अर्थ देने की परंपरा पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा बनी होगी। जैसे अविराम का अर्थ निरंतर होता है। अभिराम का अर्थ सुंदर होता है। दोनों शब्दों के उच्चारण में बहुत बारीक फर्क़ है, मगर अर्थ में अंतर है। यह बात इन शब्दों के शब्दार्थ से ही पता चलती है। हिंदी की कविताओं में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। स्कूलों में बच्चों को शब्दार्थ याद करने के लिए दिए जाते हैं। विलोम शब्द बताए जाते हैं। पर्यायवाची शब्दों से उनका परिचय कराया जाता है। कभी-कभी तो हर शब्द के पाँच-सात पर्यायवाची शब्द याद करने के लिए भी दिये जाते हैं। क्योंकि किसी चीज़ को बच्चे की स्मृति या याददाश्त का हिस्सा बना देने पर हमारे यहां काफ़ी ज़ोर होता है। शब्दों का अर्थ वाक्यों में उनके प्रयोग से स्पष्ट होता है। किसी गद्यांश से भी उनके अर्थ का स्पष्टीकरण होता है कि शब्द किसी रूप में इस्तेमाल किया गया है। कैसे विकसित करें शब्द भण्डार?बच्चों के शब्द भण्डार में स्वतः बढ़ोत्तरी होती रहती है। वे जैसे-जैसे अपने आसपास के परिवेश के साथ परिचित होते हैं। चीज़ों को पहचानते हैं। आसपास के बच्चों और बड़ों से संवाद करते हैं। खेल, खेलने के दौरान भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उनका शब्द भण्डार बढ़ता रहता है। उनके पास ऐसे शब्दों की संख्या तेज़ी से बढ़ती चली जाती है जिसका वे समझकर इस्तेमाल करते हैं। जिसका अर्थ वे अच्छी तरह जानते हैं। बच्चे अपने आसपास के जानवरों को पहचानते हैं। मगर एक गाँव और शहर के बच्चों में पालतू जानवरों की पहचान को लेकर अलग-अलग अनुभव हो सकते हैं। जैसे एक शहर में गली से दो छोटे बच्चे गुजर रहे थे। सामने से एक भैंस आ रही थी। उसे देखकर एक बच्चे ने अपने साथ जा रहे बच्चे से कहा, “दूर हट जाओ, देखो काली गाय आ रही है।” उस बच्चे ने भैंस को काली गाय क्यों कहा? संभव है कि उसे गाय और भैंस के बीच का अंतर न पता हो। हो सकता है कि उसने किताब में पढ़ा हो कि गाय अलग-अलग रंगों वाली होती है। या उसने अपने आसपास पालतू गायों को देखा हो, जो विविध रंगों की हों। बच्चों का शब्द भण्डार विकसित करने का एक तरीका बच्चों से संवाद करना है। उनसे बातचीत करें। उनके सवालों के जवाब दें। कई बार ऐसा होता है कि बच्चा कोई सवाल पूछ रहा होता है और हम मोबाइल पर कोई संदेश भेजने में व्यस्त होते हैं। किताबों के एक जानेमाने स्टोर में एक छोटी बच्ची अपनी मम्मी के साथ बुक स्टोर में रखी अगरबत्तियों को ग़ौर से देख रही थी। उसने पूछा कि ये क्या हैं? माँ ने जवाब दिया कि अगरबत्तियां हैं। वे फिर अपने मोबाइल पर संदेश टाइप करने लगीं। इस बीच बच्ची अगरबत्तियों को फिर से देखते हुए ढेरों सवाल पूछ रही थी। मगर उसे कोई जवाब नहीं मिला। अगर उस बच्ची को जवाब मिलता तो शायद उस लम्हे में उसे कोई नई जानकारी मिलती। या फिर वह अगरबत्तियों की बुक स्टोर में मौजूदगी के बारे में कुछ जान पाती। शब्द भण्डार पर काम करने के 15 आसान तरीके
भाषा के विकास में शब्द भण्डार का क्या महत्व है?भाषा की समृद्धि तथा गत्यात्मक विकास के लिए उसका शब्द-समूह विशेष महत्व रखता है। भाषा-विकास के साथ उसकी अभिव्यक्ति शक्ति में भी वृद्धि होती है। इस प्रकार भाषा में नित्य परिवर्तन होता रहता है।
शब्द भंडार मतलब क्या होता है?शब्द भंडार की परिभाषा : हिंदी साहित्य या हिंदी भाषा में शब्दों का ऐसा समूह जिसमें पर्यायवाची, विलोम, एकार्थी, अनेकार्थी, समरूपी भिन्नार्थक और अनेक शब्दों के लिए एक शब्द जैसे शब्दों को एक जगह इकट्ठा करके रखना ही शब्द भंडार कहलाता है।
भाषा के विकास में शब्द भंडार का क्या महत्व है हिंदी के शब्द संपदा का विवेचन कीजिए?इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। भाषा विकास (Language development) ऐसी प्रक्रिया है जो मानव जीवन में बहुत पहले आरम्भ हो जाती है। नवजात बिना किसी भाषा के जन्म लेता है किन्तु मात्र १० मास में ही बोली गयी बातों को अन्य ध्वनियों से अलग करने में सक्षम हो गया होता है।
शब्द भंडार के कितने स्रोत है?तत्सम तत् (उसके) + सम (समान) अर्थात उसके समान। जो शब्द संस्कृत भाषा (मूल भाषा) से ज्यों के त्यों हिंदी में आ गए हैं, वे तत्सम शब्द कहलाते हैं। इनका प्रयोग हिंदी में भी उसी रूप में किया जाता है, जिस रूप में संस्कृत में किया जाता है, जैसे: अग्नि, क्षेत्र, रात्रि, सूर्य, मातृ, पितृ, आदि।
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