शैल से आप क्या समझते हैं शैल के तीन प्रमुख वर्गों के नाम बताएँ। - shail se aap kya samajhate hain shail ke teen pramukh vargon ke naam bataen.

अभ्यास के सभी प्रश्नोत्तर

1. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए –
(i) निम्नलिखित में से कौन ग्रेनाइट के दो प्रमुख घटक है ?
(क) लौह एवं निकेल
(ख) सिलिका एवं एलुमिनियम
(ग) लौह एवं चाँदी
(घ) लौह ऑक्साइड एवं पोटैशियम

उत्तर-(ख) सिलिका एवं एलुमिनियम

(ii).  .निम्न में से कौन सा कायांतरित शैलो का प्रमुख लक्षण है ?
(क) परिवर्तनीय
(ख)  क्रिस्टलीय
(ग) शांत
(घ)  पत्रण

उत्तर-(ख)  क्रिस्टलीय

(iii).निम्न में से कौन सा एकमात्र तत्व वाला खनिज नहीं है?
(क) स्वर्ण
(ख) माइका
(ग) चाँदी
(घ) ग्रेफाइट

उत्तर-(ख) माइका

(iv).  निम्न में से कौन सा कठोरतम खनिज है?
(क) टोपाज
(ख) क्वार्ट्ज
(ग)  हीरा
(घ)  फे़ल्डस्पर

उत्तर-(ग)  हीरा

 (v). निम्न में से कौन सी शैल अवसादी नहीं है ?
(क) टायलाइट
(ख) ब्रेशिया
(ग)  बोरैक्स
(घ)  संगमरमर

उत्तर-(घ)  संगमरमर

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(I) शैल से आप क्या समझते हैं? शैल के तीन प्रमुख वर्गों के नाम बताएँ।

उत्तर- पृथ्वी का धरातल शैलों से बना है। शैलों या चट्टानों का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैल कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों की हो सकती है। जैसे- ग्रेनाइट, संगमरमर आदि।
   निर्माण पद्धति के आधार पर शैलों को तीन प्रमुख वर्गों में बाँटा जाता है-
(1) आग्नेय शैल
(2) अवसादी शैल
(3) कायांतरित शैल

(ii) आग्नेय शैल क्या है? आग्नेय शैल के निर्माण की पद्धति एवं उनके लक्षण बताएँ।

उत्तर- आग्नेय शैल-
       पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलने वाले मैग्मा तथा लावा से जिन शैलों का निर्माण होता है, उन्हें आग्नेय शैल कहते हैं। ‘आग्नेय’ शब्द लैटिन भाषा के ‘इग्निस'(Igneous) शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है- अग्नि
आग्नेय शैलों के निर्माण की पद्धति एवं लक्षण-
(1) मैग्मा एवं लावा के ठंडे होकर जमने से आग्नेय शैल बनती है।इन्हें प्राथमिक शैलें भी कहते हैं।
(2) इन शैलों में कणों के आकार एवं व्यवस्था पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है।
(3) मैग्मा के तेजी से ठंडे होने के कारण छोटे एवं चिकने कणों वाली शैलें बनती हैं जबकि शीतलता की मध्यम स्थिति होने पर कणों का आकार मध्यम हो सकता है।
(4) ग्रेनाइट, गैब्रो, पैग्मैटाइट, बैसाल्ट, ट़फ आदि आग्नेय शैलों के कुछ उदाहरण हैं।

(iii) अवसादी शैल का क्या अर्थ है? अवसादी शैल के निर्माण की पद्धति बताएँ।

उत्तर- अवसादी शैल-      
    अवसादी (sedimentary) शब्द लैटिन भाषा के शब्द सेडिमेंट्स (sedimentus) से बना है जिसका अर्थ होता है- व्यवस्थित होना । अवसादी शैलें विभिन्न अपक्षय, अपरदन तथा अनाच्छादन के कारकों द्वारा लाए गए पदार्थों के संवहन तथा निक्षेपण से बनती है जो शिलीभवन (lithification) प्रक्रिया द्वारा शैलों में बदल जाते हैं।
अवसादी शैलों के निर्माण की पद्धति एवं लक्षण-
(1) इन शैलों में अलग-अलग सांद्रता वाली कई सतहें होती हैं।
(2) निर्माण पद्धति के आधार पर इन शैलों को 3 वर्गों में बांटते हैं– 
(क) यांत्रिकी रूप से निर्मित जैसे बालू पत्थर।
(ख) कार्बनिक रूप से निर्मित जैसे कोयला।
(ग) रासायनिक रूप से निर्मित जैसे पोटाश।
(3) बहुत सी अवसादी शैलों में निक्षेपित परतें शिलीभवन प्रक्रिया के बाद भी अपनी विशेषताएँ बनाए रखती हैं।
(4) कोयला, चूना पत्थर, पोटाश, बालू पत्थर आदि अवसादी शैलों के उदाहरण हैं।

(iv) शैली चक्र के अनुसार प्रमुख प्रकार की शैलों के मध्य क्या संबंध होता है?

उत्तर- शैलें अपने मूल रूप में अधिक समय तक नहीं रहती बल्कि इनमें परिवर्तन होते रहते हैं। शैली चक्र एक सतत प्रक्रिया होती है जिसमें पुरानी शैलें परिवर्तित होकर नवीन रूप लेती हैं। आग्नेय शैलें प्राथमिक शैलें हैं तथा अवसादी एवं कायांतरित शैलें इन प्राथमिक शैलों से निर्मित होती हैं।
 आग्नेय शैलों को कायांतरित शैलों में परिवर्तित किया जा सकता है। आग्नेय एवं कायांतरित शैलों से प्राप्त अंशों से अवसादी शैलों का निर्माण होता है। 
    यह विभिन्न प्रकार की शैलें प्रत्यावर्तन द्वारा पृथ्वी के आंतरिक भाग में नीचे की ओर जा सकती हैं और पुनः पिघल कर मैग्मा में परिवर्तित हो जाती हैं जिनसे फिर आग्नेय शैलें बनती है।
 इस प्रकार एक चक्रीय प्रक्रिया के अनुसार शैलें अलग-अलग रूप में परिवर्तित होती रहती हैं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:
(I) ‘खनिज’ शब्द को परिभाषित करें एवं प्रमुख प्रकार के खनिजों के नाम लिखें।

उत्तर- खनिज-
खनिज ऐसा प्राकृतिक, कार्बनिक या अकार्बनिक तत्त्व है जिसमें एक क्रमबद्ध परमाण्विक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुणधर्म होते हैं। खनिजों का निर्माण दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर होता है। लेकिन कभी-कभी चांदी, सोना, ग्रेफाइट जैसे एक तत्त्वीय खनिज भी पाए जाते हैं।
पृथ्वी पर 2000 से भी अधिक खनिजों को पहचाना जा चुका है तथा उनको नाम दिया गया है। सामान्यतः उपलब्ध लगभग सभी खनिज छह प्रमुख खनिज समूहों से संबंधित होते हैं जिनको शैलों का निर्माण करने वाले प्रमुख खनिज माना गया है। शैलों में सामान्यतः पाए जाने वाले खनिज पदार्थ फे़ल्डस्पर तथा क्वार्ट्ज़  हैं।
 कुछ प्रमुख खनिज-
 कठोरता के पैमाने पर– 1)टैल्क, 2)जिप्सम, 3)कैल्साइट, 4)फ्लोराइट, 5)ऐपेटाइट, 6)फे़ल्डस्पर, 7)क्वार्ट्ज़, 8) टोपाज़, 9)कोरंडम और 10) हीरा।
 धात्विक खनिज जैसे- स्वर्ण, चाँदी, प्लैटिनम, लोहा, तांबा, सीसा, जिंक, एलूमिनियम आदि।
 अधात्विक खनिज जैसे- गंधक, फा़स्फे़ट, नाइट्रेट आदि।
कार्बनिक खनिज जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

(ii) भूपृष्ठीय शैलों में प्रमुख प्रकार की शैलों की प्रकृति एवं उनकी उत्पत्ति की पद्धति का वर्णन करें। आप उनमें अंतर स्थापित कैसे करेंगे?

उत्तर- पृथ्वी का धरातल शैलों से बना है। शैलों या चट्टानों का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैल कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों की हो सकती है। जैसे- ग्रेनाइट, संगमरमर आदि।

   निर्माण पद्धति के आधार पर शैलों को तीन प्रमुख वर्गों में बाँटा जाता है-

(1) आग्नेय शैल

(2) अवसादी शैल

(3) कायांतरित शैल

प्रकृति एवं  उत्पत्ति की पद्धति के आधार पर विभिन्न शैलों में अंतर-

क्रमांक आग्नेय शैल अवसादी शैल कायांतरित शैल
(1) पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलने वाले मैग्मा तथा लावा से जिन शैलों का निर्माण होता है, उन्हें कहते हैं। ‘आग्नेय’ शब्द लैटिन भाषा के ‘इग्निस'(Igneous) शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है- अग्नि।
अवसादी (sedimentary) शब्द लैटिन भाषा के शब्द सेडिमेंट्स(sedimentus) से बना है जिसका अर्थ होता है- व्यवस्थित होना । अवसादी शैलें विभिन्न अपक्षय, अपरदन तथा अनाच्छादन के कारकों द्वारा लाए गए पदार्थों के संवहन तथा निक्षेपण से बनती है जो शिलीभवन (lithification) प्रक्रिया द्वारा शैलों में बदल जाते हैं।
आग्नेय और अवसादी शैलों से तापमान, दबाव और आयतन में परिवर्तन के कारण जिन शैलों का निर्माण होता है, उन्हें कायांतरित शैल कहते हैं। इन्हें रूपांतरित शैल भी कहते हैं। कायांतरित का अर्थ है- स्वरूप में परिवर्तन।
(2) मैग्मा एवं लावा के ठंडे होकर जमने से आग्नेय शैल बनती है।इन्हें प्राथमिक शैलें भी कहते हैं।
शिलीभवन (lithification) प्रक्रिया द्वारा बनी इन शैलों में अलग-अलग सांद्रता वाली कई सतहें होती हैं।
गतिशील कायांतरण तथा ऊष्मीय कायांतरण  के द्वारा शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है जिससे कायांतरित शैल बनती हैं।
(3) इन शैलों में कणों के आकार एवं व्यवस्था पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है।
निर्माण पद्धति के आधार पर इन शैलों को   3 वर्गों में बांटते हैं- 
(क)यांत्रिकी रूप से निर्मित जैसे बालू पत्थर।
(ख) कार्बनिक रूप से निर्मित जैसे कोयला।
(ग) रासायनिक रूप से निर्मित जैसे पोटाश।
कायंतरित शैल दो प्रमुख भागों में वर्गीकृत की जा सकती हैं- पत्रित शैल तथा अपत्रित शैल।
(4) मैग्मा के तेजी से ठंडे होने के कारण छोटे एवं चिकने कणों वाली शैलें बनती हैं जबकि शीतलता की मध्यम स्थिति होने पर कणों का आकार मध्यम हो सकता है।
बहुत सी अवसादी शैलों में निक्षेपित परतें शिलीभवन प्रक्रिया के बाद भी अपनी विशेषताएँ बनाए रखती हैं।
ऊष्मीय कायांतरण के दो प्रकार हैं- संपर्क कायांतरण और प्रादेशिक कायांतरण। इनसे शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण तथा पत्रण होता है।
(5) ग्रेनाइट, गैब्रो, पैग्मैटाइट, बैसाल्ट, ट़फ आदि आग्नेय शैलों के कुछ उदाहरण हैं।
कोयला, चूना पत्थर, पोटाश, बालू पत्थर आदि अवसादी शैलों के कुछ उदाहरण हैं।
संगमरमर, स्लेट, शिस्ट, क्वार्ट्ज़ आदि रूपांतरित शैलों के कुछ उदाहरण हैं।
इस प्रकार प्रमुख शैलों में अंतर आसानी से समझा जा सकता है।

(iii) कायांतरित शैल क्या है? इन के प्रकार एवं निर्माण की पद्धति का वर्णन करें।

उत्तर- कायांतरित शैल-
              आग्नेय और अवसादी शैलों से तापमान, दबाव और आयतन में परिवर्तन के कारण जिन शैलों का निर्माण होता है, उन्हें कायांतरित शैल कहते हैं। इन्हें रूपांतरित शैल भी कहते हैं। कायांतरित का अर्थ है- स्वरूप में परिवर्तन।
कायांतरित शैलों के प्रकार एवं निर्माण की पद्धति –
(1) गतिशील कायांतरण तथा ऊष्मीय कायांतरण  के द्वारा शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है जिससे कायांतरित शैल बनती हैं।
(2) ऊष्मीय कायांतरण के दो प्रकार हैं- संपर्क कायांतरण और प्रादेशिक कायांतरण। इनसे शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण तथा पत्रण होता है।
(3) कभी-कभी कायांतरित शैलो में ऐसी संरचनाओं को बैंडिंग कहते हैं जिनमें खनिज पतली से मोटी सतह में इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं कि हल्के एवं गहरे रंगों में दिखाई देते हैं।
(4) कायांतरण की प्रक्रिया में शैलों के कुछ कण या खनिज सतहों या रेखाओं के रूप में व्यवस्थित हो जाते हैं जिसे पत्रण या रेखांकन कहते हैं।
(5) कायंतरित शैल दो प्रमुख भागों में वर्गीकृत की जा सकती हैं- पत्रित शैल तथा अपत्रित शैल।
(6) संगमरमर, स्लेट, शिस्ट, क्वार्ट्ज़ आदि रूपांतरित शैलों के कुछ उदाहरण हैं।

शैल से आप क्या समझते हैं शैल के तीन वर्गों के नाम बताएँ?

प्रकार चट्टान मुख्यतः आग्नेय अवसादी एवं कायांतरित तीन प्रकार के होते हैं। आग्नेय चट्टानें पृथ्वी के तप्त, पिघले मैग्मा के ठंडा होकर ठोस हो जाने से निर्मित होती हैं। हमारी पृथ्वी प्रारम्भ में गर्म एवं पिघली अवस्था में थी।

शैल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

मुख्य रूप से शैल तीन प्रकार की होती हैं - आग्नेय ( इग्नियस) शैल, अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल एवं कायांतरित (मेटामोरफ़िक) शैल। द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस हो जाता है। इस प्रकार बने शैल को आग्नेय शैल कहते हैं

शेर से आप क्या समझते हैं?

शैलें अपने मूल रूप में अधिक समय तक नहीं रहती हैं, बल्कि इनमें परिवर्तन होता रहता है। शैल चक्र एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें पुरानी शैलें परिवर्तित होकर नवीन रूप लेती हैं। आग्नेय शैलें प्राथमिक शैलें हैं तथा अन्य (अवसादी एवं कायांतरित) शैलें इन प्राथमिक शैलों से निर्मित होती हैं

15 शैल से आप क्या समझते हैं शैल के प्रमुख वर्गों के नाम लिखिए?

धरातल के नीचे मैग्मा धीरे-धीरे ठण्डा होता है । अतः इन शैलों में बड़े आकार के भूगोल Page 7 रवे बनते हैं। अधिक गहराई में पाई जाने वाली आन्तरिक शैलों को पातालीय आग्नेय शैल कहते हैं । ग्रेनाइट और डोलाराइट आन्तरिक आग्नेय शैलों के सामान्य उदाहरण हैं