Shani dev ki puja kaise kare : शनिदेव की पूजा कैसे करें दोस्तों जैसा कि आज हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि शनिदेव की पूजा कैसे करें शनिदेव की पूजा करने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा जिससे शनिदेव आप से प्रसन्न हो सके दोस्तों लोग ऐसा कहते हैं कि शनिदेव का नाम आते ही मन में कई सवाल उठते हैं शनि देव ग्रह नाम सुनते हैं तो ऐसा लगता है कि यह दुख दर्द के कारक हैं लेकिन सच्चाई यह है कि यहां पर कर्मों के अनुसार फल मिलता है. Show
लेकिन कुछ लोग शनि देव को दुख दर्द के कारक मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है शनि देव हरदम कर्मों के हिसाब से उसका निर्णय लेते हैं चलिए आज हम आप लोगों को शनि देव के कुछ ऐसे मंत्र का जाप करने के लिए बताएंगे जिससे आपके सारे दुख और दर्द हरदम के लिए दूर हो जाएंगे और उसके लिए हम शनिदेव की पूजा कैसे करें. यह भी बताएंगे शनिदेव की पूजा करने की विधि कौन सी है और शनि देव की आरती और चालीसा कौन सी है इसके बारे में बताएंगे जिसे आप लोग भी अपने घर पर शनिदेव की पूजा करके अपने घर के सारे दुख और दर्द दूर कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं। Table of contents : दिखाएँ 1. शनिदेव की पूजा कैसे करें ? | shani dev ki puja kaise kare 2. शनिदेव पूजा मंत्र | shani dev mantra 3. शनिदेव की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए 4. शनिदेव की पूजा करने की विधि | shani dev puja vidhi 5. भगवान शनिदेव की आरती | shani dev aarti 6. श्री शनिदेव चालीसा | sri shani chalisha 7. FAQ: शनिदेव की पूजा कैसे करें 7.1. शनिदेव की पूजा कैसे करनी चाहिए 7.2. शनि देव को कैसे प्रसन्न करे मंत्र? 7.3. शनि मंत्र का जाप कब करना चाहिए? 8. निष्कर्ष शनिदेव की पूजा कैसे करें ? | shani dev ki puja kaise kareशनि देव को पूर्व ग्रह माना जाता है और लोग सबसे ज्यादा शनि देव के कोप से भयभीत रहते हैं जबकि सत्य यह है कि शनिदेव केवल न्यायाधीश का कार्य करते हैं और मानव को उसके कर्मों के अनुसार दंड देते हैं शनिदेव व्यक्ति को उसके कार्यों के अनुसार दंड अवश्य देते हैं. किंतु यदि व्यक्ति अपने ज्ञात , अज्ञात कर्म या दोषों और पापों को मन ही मन स्वीकार कर या छमा याचना करें या कुछ उपायों द्वारा शनिदेव को प्रसन्न करें तो यह भी सत्य है कि शीघ्र ही उस जातक पर प्रसन्न होकर उसकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं और व्यक्ति को घोर कष्टों से नहीं गुजरना पड़ता है उपाय किए बिना शनि की दशा साढ़ेसाती का एक-एक पल एक एक वर्ष के समान बीतता है इंसान को घोर यातना ओं का सामना भी करना पड़ता है। शनिदेव पूजा मंत्र | shani dev mantraॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥ ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। शनिदेव की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिएअगर आप भी शनिदेव की पूजा कर रहे हैं तो शनिदेव की पूजा करते समय कौन सा मंत्र बोला जाता है जो आपके लिए शुभ और फलदाई होता है. ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि । ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।। ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम । शनिदेव की पूजा करने की विधि | shani dev puja vidhiसबसे पहले आपको कुछ सामग्री एकत्र करनी है जोकि इस प्रकार है उसके बाद आपको शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना है नहा धोकर साफ सुथरे वस्त्र धारण करने हैं ध्यान रहे वस्त्र काले या फिर नीले रंग के होने चाहिए क्योंकि शनि देव को काला और नीला कपड़ा अत्यधिक प्रिय है। इसके बाद आप अपने घर के पास ऐसे मंदिर में जाएं जहां पर पीपल का वृक्ष और शनिदेव की शीला हो, ध्यान रहे पीपल का वृक्ष जितना ही पुराना होगा उसका फल उतना ही प्रभावशाली होगा उसके बाद मंदिर में पहुंचकर. तांबे के लोटे में जल भरे लें उसमें थोड़ा सा काला उड़द और काला तिल डालकर ॐ शं शनैश्चराय नमः। मंत्र का जाप करते हुए जल को पीपल के वृक्ष में अर्पित कर दें ध्यान रहे जल अर्पित करते समय आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। फिर दीपक में थोड़ा सा काला तिल थोड़ा सा काला उड़द और लोहे की कील और सरसों का तेल डालकर दीपक को पीपल के पास प्रज्वलित कर दें और उसके बाद धूप जलाएं उसके बाद शनिदेव की शीला के पास जाकर काला तिल, काला उड़द और काला कपड़ा लोहे की कील, गुड और नीले पुष्प को अर्पित कर दें इसके बाद सरसों के तेल को किसी लोहे के पात्र में रखकर शनि देव की शिला पर अर्पित कर दें और वहां पास में जल रहे दीपक में भी सरसों का तेल डालें.
इसके पश्चात पीपल के वृक्ष के पास बैठकर शनि चालीसा का पाठ करें और शनि के मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः। का जाप करें और पीपल के वृक्ष की कम से कम 7 या फिर 11 बार परिक्रमा करें क्योंकि इससे पित्र दोष का निवारण होता है और कालसर्प दोष आदि आपकी राशि में या कुंडली में हैं तो वह दूर होता है। भगवान शनिदेव की आरती | shani dev aartiजय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी। क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी। श्री शनिदेव चालीसा | sri shani chalisha।। दोहा ।। जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। ॥ चौपाई ॥ जयति जयति शनिदेव दयाला। चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। परम विशाल मनोहर भाला। कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन। सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। पर्वतहू तृण होई निहारत। राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। बनहूँ में मृग कपट दिखाई। लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। इस जानकारी को सही से समझने हम नये लेख आप को सीधा ई-मेल कर देंगे ! ▼▼ यंहा अपना ई-मेल डाले ▼▼ Email Address सदस्यता ले Join 397 other subscribers ★ सम्बंधित लेख ★
► I.F.S.C. का Full Form : किसी भी Bank का IFSC कोड कैसे जाने? | What is IFSC code : full form of I.F.S.C. code? रावण की गति-मति बौराई। दियो कीट करि कंचन लंका। नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। हार नौलखा लाग्यो चोरी। ( यह लेख आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है अधिक जानकारी के लिए OSir.in पर जाये ) भारी दशा निकृष्ट दिखायो। विनय राग दीपक महं कीन्हयों। हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। तैसे नल पर दशा सिरानी। श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। तनिक विलोकत ही करि रीसा। पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। कौरव के भी गति मति मारयो। रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। शेष देव-लखि विनती लाई। वाहन प्रभु के सात सुजाना। जम्बुक सिंह आदि नख धारी। गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। गर्दभ हानि करै बहु काजा। जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। तैसहि चारि चरण यह नामा। लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। समता ताम्र रजत शुभकारी। जो यह शनि चरित्र नित गावै। अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। FAQ: शनिदेव की पूजा कैसे करेंशनिदेव की पूजा कैसे करनी चाहिएशनिदेव की पूजा करने के लिए आपको शनि देव के मंत्रों का जाप करना होगा और उनकी बताई गई पूजन विधि का प्रयोग करके पूजा संपन्न करनी होगी। शनि देव को कैसे प्रसन्न करे मंत्र?शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए बस आपको एक छोटे से मंत्र की जरूरत होगी उस मंत्र का जाप करके आप शनिदेव को खुश कर सकते हैं ॐ शं शनैश्चराय नमः। मंत्र का जाप करके आप शनि देव को खुश कर दीजिए। शनि मंत्र का जाप कब करना चाहिए?शनि देव मंत्र जाप जब आप पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की शीला के सामने बैठ कर पूजा कर रहे हो तब आपको ॐ शं शनिश्चराय नमः मंत्र का जाप करना है। निष्कर्षदोस्तों जैसा कि आज मैंने आप लोगों को बताया कि शनिदेव की पूजा कैसे करें इसके बारे में बताया तो आप लोगों को समझ में आ गया होगा कि शनिदेव की पूजा कैसे करें और किन किन विधियों के द्वारा शनिदेव की पूजा की जाती है और शनिदेव की पूजा करने के लिए कौन कौन से मंत्र बोले जाते हैं मैंने आपको इसमें सारे मंत्र और आरती चालीसा सब कुछ बताया है तो आप इनका प्रयोग करके शनिदेव की पूजा कर सकते हैं और अपने सारे कष्टों को दूर कर सकते हैं। यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों एवं Whats App और फेसबुक मित्रो के साथ नीचे दी गई बटन के माध्यम से अवश्य शेयर करे जिससे वह भी इसके बारे में जान सके और इसका लाभ पाये . ❤ क्योकि आप का एक शेयर किसी की पूरी जिंदगी को बदल सकता हैं ❤ और इसे अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाने में हमारी मदद करे.अधिक जानकरी के लिए मुख्य पेज पर जाये : कुछ नया सीखने की जादुई दुनिया ♦ हम से जुड़े ♦फेसबुक पेज★ लाइक करे ★TeleGramचैनल से जुड़े ➤ कुछ पूछना है? टेलीग्राम ग्रुप पर पूछेYouTube चैनलअभी विडियो देखेयदि आप हमारी कोई नई पोस्ट छोड़ना नही चाहते है तो हमारा फेसबुक पेज को अवश्य लाइक कर ले , यदि आप हमारी वीडियो देखना चाहते है तो हमारा youtube चैनल अवश्य सब्सक्राइब कर ले . यदि आप के मन में हमारे लिये कोई सुझाव या जानकारी है या फिर आप इस वेबसाइट पर अपना प्रचार करना चाहते है तो हमारे संपर्क बाक्स में डाल दे हम जल्द से जल्द उस पर प्रतिक्रिया करेंगे . हमारे ब्लॉग OSir.in को पढ़ने और दोस्तों में शेयर करने के लिए आप का सह्रदय धन्यवाद !★ जादू सीखे ☯ काला जादू सीखे ♔पैसे कमाना सीखे ❤ प्यार और रिलेशन ☘ पढ़े थोडा हटके ☘► पत्नी अगर पति की बात ना माने तो क्या करें : 4 आसान उपाय | पत्नी कोई बात क्यों नही मानती है ? ► लक्ष्मी को बुलाने के उपाय और माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के मंत्र | Lakshmi ko bhulane ke upay ► दूरदर्शन सिद्धि क्या है ? दुनिया में कुछ भी देखने वाली साधना कैसे करे ? How to do spiritual practice that sees anything in the world? शनिदेव की पूजा करने में क्या क्या सामान लगता है?शनि जयंती :श्री शनिदेव की पूजा सामग्री सूची. चावल तथा काली तिल, काला धागा फूलपत्ती विशेषत: काले फूल अगरबत्ती. दीपक सरसों या मीठा तेल नैवेद्य मिठाई आदि ... . रूई के पत्ते कपूर श्री शनिदेव की तस्वीर तथा यंत्र. तेल में बनीं पूड़ियां काला उड़द लौंग ... . पान-सुपारी गंगाजल या किसी पवित्र सरिता का जल. शनिवार के दिन शनि देव को क्या चढ़ाना चाहिए?- शनि मंदिर में शनिदेव को शनिवार के दिन तेल और काले तिल अर्पित करें. इस दिन तेल का दान करना भी श्रेष्ट रहता है. इसके लिए स्नान के बाद एक कटोरी तेल में अपना चेहरे देख लें और फिर इस तेल और कटोरी को किसी जरूरतमंद को दान में दे दें.
शनि महाराज के क्या क्या चढ़ता है?ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं.
शनि देव को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?- शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल चढ़ाएं। साथ ही मीठी पुरी का भोग भी लगाएं। - इसके बाद काली तुलसी की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। जय-जय श्रीशनिदेव भक्तन हितकारी।
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