टिहरी बांध में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन - tiharee baandh mein kisaanon dvaara kaun sa aandolan

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  7. नर्मदा एवं टिहरी बांध आंदोलन का क्या कारण है-

1-आंदोलन

नर्मदा नदी घाटी पर 30 बड़ी, 136 मझौली और 3000 लघु बिजली परियोजनाएं बनी हैं. टिहरी बांध परियोजना के खिलाफ 1970 के दशक में शुरू हुए विरोध की तरह नर्मदा परियोजना का भी विरोध शुरू हो चुका था.

इसे मुकम्मल पहचान मिली नर्मदा बचाओ आंदोलन से जो संभवतः देश में सबसे लंबी अवधि तक चलते रहने वाले जनांदोलनों में अग्रणी है. सफलता या विफलता से नहीं, आंदोलन ने अपनी जिजीविषा, इरादों और अपने प्रभावों से  देश दुनिया में उन सबका ध्यान भी खींचा जो विकास, पर्यावरण और मानवाधिकारों की बहसों से जुड़े हैं.

Table of Contents

  • 1-आंदोलन
  • 2-इस बांध के फायदे 
  • 3-बांध के विरोध का कारण 
  • 4-आजादी के समय ही बनी थी योजना

लेकिन विकास परियोजनाओं को लगातार मिल हरी झंडी और एक के बाद एक निवेश से जुड़े सरकारी फैसलों को देखें तो ये सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि आखिर ऐसे आंदोलनों का भविष्य क्या है.

नर्मदा बचाओ आंदोलन का 35 साल का सफर दिखाता है कि आखिर कैसे ये आंदोलन इतने लंबे समय से टिका रह पाया. और कैसे इसके बिना देश में जनसंघर्षों और विकास के अंतर्विरोधो की बहस भी अधूरी रह जाती है.

मोटे तौर पर हैरान कर देने वाले इस तथ्य की बारीकी में जाएं तो हमें संगठन का पारदर्शी और पदाधिकारविहीन लोकतांत्रिक स्वरूप, ठोस सुचिंतित और सुव्यवस्थित प्लानिंग, दीर्घ कार्ययोजना, संगठित, सुगठित, प्रतिबद्ध और समर्पित कार्यकर्ता और कुशल जनसंपर्क अभियान जैसे रणनीतिक कौशल देखने को मिलते हैं.

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और इन सबके पीछे पर्यावरण और समाजशास्त्र की विदुषी मेधा पाटकर का ऊर्जावान नेतृत्व भी है जिसकी तस्दीक अपने अपने ढंग से होती रही है. मेधा पाटकर से वैचारिक विरोध रखने वाले भी उनकी धाक मानते हैं और प्रशंसा किए बिना नहीं रहते.

टिहरी बांध में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन - tiharee baandh mein kisaanon dvaara kaun sa aandolan
नर्मदा एवं टिहरी बांध आंदोलन का क्या कारण है-

2-इस बांध के फायदे 

  • प्रधानमंत्री ने नर्मदा नदी पर बनने वाली सरदार सरोवर नर्मदा बांध का लोकार्पण करते हुए कहा की यह महत्त्वाकांक्षी परियोजना नए भारत के निर्माण में करोड़ों भारतीयों के लिये प्रेरणा का काम करेगी। 
  • यह बांध आधुनिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञों के लिये एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण विषय होगा, साथ ही यह देश की ताकत का प्रतीक भी बनेगा। 
  • इस बांध परियोजना से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के करोड़ों किसानों का भाग्य बदलेगा  और कृषि और सिंचाई के लिये वरदान साबित होगा।  
  • इस बांध की ऊँचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाया गया है ताकि बिजली उत्पन्न की जा सके। 
  • इस बांध परियोजना से पानी और यहाँ उत्पादित होने वाली बिजली से चार राज्यों- गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान को लाभ मिलेगा। 
  • गुजरात क्षेत्र में सिंचाई और जल संकट को देखते हुए नर्मदा पर बांध की परिकल्पना की गई थी।
टिहरी बांध में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन - tiharee baandh mein kisaanon dvaara kaun sa aandolan
नर्मदा एवं टिहरी बांध आंदोलन का क्या कारण है-

3-बांध के विरोध का कारण 

  • भारत के चार राज्यों के लिये महत्त्वपूर्ण सरदार सरोवर परियोजना का नर्मदा बचाओ आंदोलन वर्ष 1985 से विरोध कर रहा है। आर्थिक और राजनीतिक विषयों के अलावा इस मुद्दे की कई परतें हैं, जिनमें इस क्षेत्र के गरीबों और आदिवासियों के पुनर्वास और वन भूमि का विषय सबसे महत्त्वपूर्ण है।
  • नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा इस बांध के विरोध का प्रमुख कारण इसकी ऊँचाई है, जिससे इस क्षेत्र के हज़ारों हेक्टेयर वन भूमि के जलमग्न होने का खतरा है।  
  • बताया जाता है कि जब भी इस बांध की ऊँचाई बढ़ाई गई है, तब हज़ारों लोगों को इसके आस-पास से विस्थापित होना पड़ा है तथा उनकी भूमि और आजीविका भी छिनी है।     
  • इस बांध की ऊँचाई बढ़ाए जाने से मध्य प्रदेश के 192 गाँव और एक नगर डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। इसके चलते 40 हज़ार परिवारों को अपने घर, गाँव छोड़ने पड़ेंगे। 
  • इस आंदोलन की नेता मेधा पाटकर का आरोप है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद भी बांध प्रभावितों को न तो मुआवज़ा दिया गया है और न ही उनका बेहतर पुनर्वास किया गया है। उसके बावजूद बांध का जलस्तर बढ़ाया गया। 
  • नर्मदा बचाओ आंदोलनकारियों की मांग थी कि जलस्तर को बढ़ने से रोका जाए तथा पहले पुनर्वास हो फिर उसके बाद विस्थापन।
  • आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार इस बांध के बनने से मध्य प्रदेश के चार ज़िलों के 23,614 परिवार प्रभावित हुए थे। 
टिहरी बांध में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन - tiharee baandh mein kisaanon dvaara kaun sa aandolan
नर्मदा एवं टिहरी बांध आंदोलन का क्या कारण है-

4-आजादी के समय ही बनी थी योजना–

नर्मदा नदी घाटी पर बांध परियोजना के निर्माण की शुरुआती परिकल्पना नवाग्राम प्रोजेक्ट के नाम से 1947 में ही कर ली गयी थी. 1978 में इसे सरदार सरोवर परियोजना के नाम से जाना गया. 1961 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने परियोजना का उद्घाटन किया.

टिहरी बांध में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन - tiharee baandh mein kisaanon dvaara kaun sa aandolan

नर्मदा के प्रवाह का आकलन करने के लिए 1969 में जस्टिस रामास्वामी की अगुवाई में नर्मदा जल विवाद ट्रिब्युनल का गठन किया गया. मई 1985 में विश्व बैंक के साथ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों ने 45 करोड़ डॉलर कर्ज का समझौता किया.

1987 में बांध का काम शुरू हुआ और तीनों राज्यों के बांध विस्थापितों ने असहयोग आंदोलन छेड़ दिया और इसके बाद अगला दशक यानी 1990 का पूरा दशक नर्मदा आंदोलन से थरथराता रहा. पुलिस कार्रवाइयां, अदालती मामले, धरना प्रदर्शन, जुलूस, आक्रोश, अनशन- आंदोलन में स्वयंसेवियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हिस्सेदारी बढ़ती गयी.

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टिहरी में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन किया गया था?

80 के दशक के बाद यहां पहाड़ो पर भी हरित क्रांति जोर पकड़ने लगी थी। जिसके फलस्वरूप सरकारी वैज्ञानिकों द्वारा रसायनिक खेती पर जोर दिया जाने लगा। इसमें लोगों से कहा जाने लगा कि आप मिश्रित खेती को छोड़कर सोयाबीन उगाइये और धनवान बनिये। जिसके विरोध में विजय जरधारी ने बीज बचाओं आंदोलन का आह्नान किया गया

बिहारी बांध में किसानों द्वारा कौन सा आंदोलन चला गया था?

ये एक सदी पहले किसानों का पहला संगठित शांतिपूर्ण अहिंसात्मक आंदोलन था। गांधीजी 175 दिन बिहार के चंपारण में रुक कर आंदोलन चलाते रहे। बदले मे चंपारण ने इसे गांधीजी का नेतृत्व को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने वाला पहला आंदोलन बना दिया।

टिहरी बांध आंदोलन के जनक कौन है?

सुन्दरलाल बहुगुणा (9 जनवरी सन 1927 - 21 मई 2021) भारत के एक महान पर्यावरण-चिन्तक एवं चिपको आन्दोलन के प्रमुख नेता थे। ... .

टिहरी बांध योजना क्या है?

टिहरी बाँध टेहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी जिले में स्थित है। इसे स्वामी रामतीर्थ सागर बांध भी कहते हैं |यह बाँध हिमालय की दो महत्वपूर्ण नदियों पर बना है जिनमें से एकगंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी तथा दूसरी भीलांगना नदी है, जिनके संगम पर इसे बनाया गया है।