दिल्ली में बिजली की दर क्या है? - dillee mein bijalee kee dar kya hai?

दिल्ली में बिजली की नई दरें घोषित, ई वाहन वालों और घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

Delhi Electricity New Tariff Rate दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ने वर्ष 2021-22 के लिए बिजली की दरें घोषित कर दी हैं। बिजली की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है। रेगुलेटरी असेट के नाम पर उपभोक्ताओं से इस वर्ष भी बिजली बिल का आठ फीसद वसूला जाएगा।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। कोरोना संकट दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने लगातार दूसरे वर्ष बिजली की दरों में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया गया है। साथ ही इस वर्ष भी स्थायी शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों को सस्ती दर पर बिजली मिलती रहेगी। वहीं, दिल्लीवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए पुराने बिजली संयंत्रों के साथ बिजली खरीद समझौते को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इसके साथ ही हरित बिजली को बढ़ावा देने के दिशा में कदम उठाए गए हैं। एक अक्टूबर से बिजली की नई दरें लागू होंगी।

महंगी बिजली खरीदने से परहेज

लंबे इंतजार के बाद डीईआरसी ने वर्ष 2021-22 के लिए बिजली की दरें घोषित कर दी है। आयोग ने निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली की दरें बढ़ाने की मांग को नकारते हुए उपभोक्ताओं के हक में फैसला किया है। दिल्ली के लोगों को सस्ती बिजली मिल सके इसके लिए दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्काम) ने दादरी-एक, अंता गैस, औरेया गैस, दादरी गैस, फरक्का, कहलगांव-एक और ऊंचाहार-दो बिजली संयंत्रों से बिजली खरीद समझौता खत्म करना चाहती हैं। इन संयंत्रों से दिल्ली को 1050 मेगावाट बिजली मिलती है और इसकी दरें ज्यादै हैं। डीईआरसी ने डिस्काम की इस मांग को केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सामने उठाया है।

केंद्र सरकार से सस्ती बिजली की मांग

दिल्ली में गैस आधारित बिजली संयंत्रों को सस्ती एपीएम (प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र) गैस नहीं मिलती है। इससे इन संयंत्रों का बिजली उत्पादन लागत ज्यादा है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सामने यह मामला उठाया है। दिल्ली के उपभोक्ताओं व पर्यावरण के हित में गैस आधारित संयंत्रों को एपीएम गैस उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

ई वाहन चार्ज करने के लिए सस्ती बिजली

राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। दो वर्ष ई वाहन को चार्ज करने के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। यह रियायत इस वर्ष भी जारी रहेगी। चार्जिंग स्टेशन पर ई-रिक्शा व अन्य ई वाहनों की बैटरी लोग सस्ती दरों पर चार्ज करा सकेंगे। लो टेंशन लाइन वाले बिजली कनेक्शन पर ई वाहन साढ़े चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज किए जा सकेंगे। जबकि हाई टेंशन वाले कनेक्शन पर चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल देना होगा।

उपभोक्ताओं को देना होगा ज्यादा पेंशन ट्रस्ट अधिभार

बिजली की दरों में तो बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन पेंशन ट्रस्ट अधिभार ज्यादा चुकाना होगा। दरअसल सेवानिवृत्त बिजली कर्मियों को पेंशन देने का भार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। अबतक उपभोक्ताओं को बिजली बिल का पांच फीसद पेंशन अधिभार वसूला जाता था, अब इसे बढ़ाकर सात फीसद कर दिया गया है। इसके साथ ही डिस्काम डीईआरसी के पास बकाया रेगुलेटरी असेट की भरपाई के लिए उपभोक्ताओं से बिजली बिल पर आठ फीसद अधिभार वसूलती रहेगी।

स्थायी शुल्क की दरों में बदलाव नहीं

दो किलोवाट स्वीकृत भार वाले उपभोक्ताओं को प्रति माह 20 रुपये प्रति किलोवाट, दो किलोवाट से ज्यादा और पांच किलोवाट से कम तक 50 रुपये प्रति किलोवाट, पांच किलोवाट से ज्यादा और 15 किलोवाट से कम तक एक सौ रुपये प्रति किलोवाट, 15 किलोवाट से ज्यादा और 25 किलोवाट से कम तक 200 रुपये प्रति किलोवाट और इससे ज्यादा लोड वालों को 250 रुपये प्रति किलोटवाट की दर से स्थायी शुल्क वसूला जाएगा।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें स्लैब (यूनिट)-बिजली दर (रुपये/यूनिट)

0-200-तीन

201-400-4.50

401-800-6.50

801-1200-सात

1200 से ऊपर-आठ

 समूह आवासीय समितियों (जीएचएस) को सिंगल प्वाइंट कनेक्शन के लिए डेढ़ सौ रुपये प्रति किलोवाट की दर से स्थायी शुल्क तथा साढ़े चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल लिए जाएंगे।

सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं से वसूला जाने वाला बिल स्लैब

प्रति माह 200 यूनिट बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को दिल्ली सरकार एक सौ फीसद और 201 से 400 यूनिट वालों को 50 फीसद सब्सिडी देती है।

स्लैब-दर (रुपये/यूनिट)

0-200 यूनिट-00

201-400 यूनिट-2.25

गैर घरेलू उपभोक्ता

स्वीकृत भार-स्थायी शुल्क (रुपये प्रति किलोवोल्ट एंपियर प्रति माह)-बिजली की दर (रुपये/यूनिट)

तीन किलोवाट तक-250-छह

तीन किलोवाट से ऊपर-250-8.50

औद्योगिक उपभोक्ता- 250-7.75

कृषि-125-1.50

मशरूम उत्पादन-200-3.50

सार्वजनिक सुविधाएं-250-6.25

डायल-250-7.75

विज्ञापन व होर्डिंग-250-8.50

लगातार 7वें साल नही बढ़े बिजली के दामः केजरीवाल

वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि राजधानी में लगातार 7वें साल बिजली के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक तरफ जहां दूसरे राज्यों में बिजली के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं दिल्लीवासियों को ना केवल 24 घंटे सस्ती बिजली बल्कि 200 यूनिट तक फ्री बिजली मिल रही है।

दिल्ली में बिजली की दर क्या है? - dillee mein bijalee kee dar kya hai?

दिल्ली में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नही करने से कोरोना काल में लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।  विपक्ष भी बिजली की दरें नहीं बढ़ाने की मांग कर रहा था। 

Edited By: Mangal Yadav

दिल्ली में घरेलू बिजली कितने रुपए यूनिट है?

वर्तमान में योजना में किये गए बदलाव – पहले दिल्ली में Delhi Muft Bijli Yojana के अंतर्गत 201 से 400 यूनिट तक की 2 रूपए चार्ज किया जाता था 100 यूनिट तक खर्च करने वाले परिवार को 100 सब्सिडी थी इसे 50% सब्सिडी स्कीम कहते थे लेकिन इस योजना में अब पूर्ण रूप से बदलाव किया गया है इसे पहले 50% सब्सिडी दी गयी थी और अब इसे पूर्ण ...

घरेलू बिजली की दर क्या है?

नई दरों के मुताबिक, 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर अधिकतम 6.50 रुपये प्रति यूनिट चार्ज देना होगा. सरकार ने 7 रुपये का स्लैब वापस ले लिया है. वहीं, घरेलू बिजली की अधिकतम दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट होगी.

बिजली की 1 यूनिट कितने रुपए के बराबर है?

-150 यूनिट तक बिजली खपत करने पर शुरुआती 100 यूनिट के 100 रुपए व बाकी 50 यूनिट के 5.17 रुपए प्रतियूनिट की दर से बिल बनेगा। -150 यूनिट से अधिक की खपत होने पर शुरुआती 50 यूनिट पर 4.21 रुपए प्रतियूनिट, जबकि 51 से 150 यूनिट तक 5.17 रुपए प्रतियूनिट की दर से बिल बनेगा।

यूपी में बिजली दर क्या है?

नई दरों के मुताबिक 300 यूनिट से ऊपर बिजली खर्च करने पर अधिकतम साढ़े 6 रुपए दर होगी। 151 से 300 यूनिट तक 6 रुपए, 101 से 150 यूनिट तक साढ़े 5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। घरेलू बीपीएल बिजली 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से मिलेगी। यूपी विद्युत नियामक आयोग प्रदेश के 1.20 करोड़ गरीब उपभोक्‍ताओं को बड़ी राहत दी है।