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कुछ कीट जल की सतह पर 'चल' पाते हैं। इसका कारण पृष्ठ-तनाव ही है। पृष्ठ तनाव (Surface tension) किसी द्रव का वह विशेष गुण जिसके कारण उनका मुक्त पृष्ठ एक खिंची हुई प्रत्यास्थ झिल्ली ( membrane ) की भांति व्यवहार करता है तथा कम से कम क्षेत्रफल घेरने का प्रयत्न करता है , द्रव के इस गुण धर्म को पृष्ठ तनाव कहते है । गणितीय रूप में, पृष्ठ के इकाई लम्बाई पर लगने वाले बल को द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। दूसरे शब्दों में, द्रव के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल की वृद्धि के लिये आवश्यक ऊर्जा को उस द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। इसका मात्रक बल प्रति इकाई लंबाई (जैसे न्यूटन/मीटर), या ऊर्जा प्रति इकाई क्षेत्र (जैसे जूल/वर्ग मीटर) है। निर्धारण[संपादित करें]तरल अणुओं के बीच लगने वाले बल (अन्तरा अणुक बल) सतह तनाव की इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। थोक तरल (एक निश्चित आयतन) में, प्रत्येक अणु समान रूप से हर दिशा में खींचा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप तरल के भीतर के अणुओं पर शून्य बल लगता है, पर किनारे वाले तरल अणुओं पर केवल अन्दर के अणुओं से बल लगता है, जिसके परिणामस्वरूप सतह के अणुओं को अन्य (अन्दर के अणु) अणुओं भीतर खींचते हैं। यह सतहों पर कुछ आंतरिक दबाव बनाता है और तरल को कम से कम क्षेत्र में अनुबंधित करने के लिए प्रयास करता है। सतह तनाव तरल बूंदों के आकार के लिए जिम्मेदार है। हालांकि आसानी से विकृत हो जाने वाली पानी की बूंद, सतह परत के एकजुट बलों द्वारा एक गोलाकार आकार में खींच ली जाती है। परिणामस्वरूप गुरुत्वाकर्षण सहित सभी अन्य बलों के अभाव में लगभग सभी तरल पदार्थ की बूंदों पूरी तरह से गोलाकार होती है। गोलाकार आकृति के अनुसार आवश्यक सतह परत के तनाव को कम से कम minimize रखने का गुन होता है। (Laplace के समीकरण से) Ex. पारे की बुदॅ का गोल होना पृष्ट तनाव का मान[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
Warming द्रवों की पृष्ठ तनाव एवं पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते हैं गर्म करने से पृष्ठ तनाव किस प्रकार प्रभावित होता है?द्रव के पृष्ठ के क्षेत्रफल में एकांक वृद्धि करने के लिए, किया गया कार्य द्रव के पृष्ठ तनाव के बराबर होता है. इनके अनुसार पृष्ठ तनाव का मात्रक जूल/मीटर^२ होगा. द्रव का ताप बढ़ाने पर पृष्ठ तनाव कम हो जाता है और क्रांतिक ताप (critical temp) पर यह शून्य हो जाता है.
किसी द्रव के पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक
तेल, ग्रीस, आदि पृष्ठ तनाव घटाते हैं। जब द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब द्रव का पृष्ठ तनाव घटता है।
द्रवों की पृष्ठ तनाव एवं पृष्ठ ऊर्जा से क्या समझते?पृष्ठ तनाव एवं पृष्ठ ऊर्जा में संबंध
माना एक मुड़े हुए तार पर एक झिल्ली बनी है जिसकी दो परतें हैं। यह झिल्ली पृष्ठ तनाव के कारण सिकुड़ने का प्रयास करती है। जहां T एक नियतांक है जिसे द्रव का पृष्ठ तनाव कहते हैं। नियत ताप पर द्रव पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल की स्थितिज ऊर्जा को ही द्रव की पृष्ठ ऊर्जा कहते हैं।
पृष्ठ तनाव पर ताप तथा अशुद्धियों का प्रभाव क्या है?Solution : (1) ताप का प्रभाव-द्रव का ताप बढ़ाने पर उसका पृष्ठ तनाव घट जाता है। क्योंकि ताप बढ़ने पर द्रव के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ जाती है, जिससे उनके बीच संसजक बल कम हो जाता है।
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