दूध पीने से पेट में गैस क्यों बनती है? - doodh peene se pet mein gais kyon banatee hai?

क्या खाली पेट दूध पीने से हो सकता है नुकसान?

सोने से ठीक पहले दूध पीना इतना हेल्दी साबित नहीं होता जितना की पहले माना जाता था। दूध अपने आप में एक पूरा आहार होता है इसे सोने से पहले पी लेने से आपकी पाचन क्रिया धीमी पड़ सकत है और गैस से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो सकती हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पिछले कुछ सालों में डाइट से जुड़ी जो एक बात सामने आई है, वो यह है कि आप क्या खाते है और किस वक्त खाते हैं, दोनों बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। खाने का कॉम्बीनेशन और समय दोनों का असर आपकी सेहत, पोषक तत्वों का अवशोषण और बहुत सी अन्य चीजों पर पड़ता है। डाइट प्लानिंग एक छोटी-सी प्रक्रिया है, जो दिन भर में होने वाली कई शारीरिक प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता और सतर्कता पर आधारित होनी चाहिए। हमारे शरीर के अंगों को सही समय पर सही पोषण की ज़रूरत होती है।

हाल ही में एक शोध सामने आया जिसमें बताया गया कि सोने से ठीक पहले दूध पीना इतना हेल्दी साबित नहीं होता जितना की पहले माना जाता था। दूध अपने आप में एक पूरा आहार होता है, इसे सोने से पहले पी लेने से आपकी पाचन क्रिया धीमी पड़ सकत है और गैस से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो सकती हैं। यह ऐसा है कि आपने रात के खाने के बाद एक बार और खा लिया। इस फैक्ट के बाद सवाल यह उठता है कि क्या सुबह सबसे पहले दूध पी लेना सही है? हम में से ज़्यादातर लोग घर से बाहर निकलते वक्त बिना कुछ खाए जल्दी से एक ग्लास दूध पी लेते हैं। लेकिन क्या ऐसा करना सही है?

खाली पेट दूध पीना सही!

दूध एक पूरा आहार होता है। पारंपरिक तौर पर हमें सुबह की शुरुआत दूध के साथ करने की आदत है। जो लोग लैक्टोस-असहिष्णु नहीं हैं, वे दिन की शुरुआत में ही आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक गिलास दूध पी सकते हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप ख़राब पाचन, गैस या फिर दूध से किसी तरह एलर्जिक नहीं हैं, तो खाली पेट दूध पीने में कोई दिक्कत नहीं है।

खाली पेट दूध पीना नहीं चाहिए!

वहीं, कुछ मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिन की शुरुआत यानी खाली पेट दूध पीना सही नहीं है। इसकी जगह आप नींबू पानी या फिर सेब के सिरके से बना ड्रिंक पिएं, ये ज़्यादा फायदेमंद साबित होगा। आप बाद में कॉर्नफ्लेक्स में दूध मिला सकते हैं या फिर किसी और तरह दूध का सेवन कर सकते हैं। अगर आपका पेट खाली है तो सबसे पहले ऐसी चीज़ का सेवन करें जो सिस्टम को साफ करे। छाछ या फिर ऐसी ड्रिंक्स को पचाना ज़्यादा आसान है।

आयुर्वेद क्या कहता है?

दूध को खाली पेट नहीं पिया जाना चाहिए। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर की संरचना कैसी है। यदि आप वायु प्रधान (वात) या कफ प्रधान (पानी) हैं, तो कभी भी खाली पेट दूध न लें। खांसी और फ्लू से ग्रस्त लोगों को भी इसे सुबह सबसे पहले नहीं पीना चाहिए। जो लोग हाइपर एसीडिक होते हैं, वे ठंडे दूध का सेवन कर सकते हैं। वात रचना वाले लोग दिन में कभी भी दूध पी सकते हैं और अगर गुड़ के साथ दूध पिएं तो बहुत लाभ मिल सकता है।

कुल मिलाकर, अलग-अलग लोगों पर दूध प्रभाव अलग हो सकता है। जिस व्यक्ति को खाने से एलर्जी रहती है, उसे खासतौर पर सतर्क रहना चाहिए। आपके शरीर के हिसाब से आपकी डाइट होनी चाहिए। अपने शरीर की सुनें, उसे समझें, अगर कुछ चीज़ों से आपके पाचन में दिक्कत आती है, तो उसे आगे से न खाएं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Edited By: Ruhee Parvez

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Tips to get rid of gas problem: खराब लाइफस्टाइल या उल्टा सीधा खाने की वजह से व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। जिसकी वजह से उसे कई बार गैस की समस्या परेशान करने लगती है। गैस बनने से व्यक्ति को...

दूध पीने से पेट में गैस क्यों बनती है? - doodh peene se pet mein gais kyon banatee hai?

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 12 Mar 2022 12:03 PM

Tips to get rid of gas problem: खराब लाइफस्टाइल या उल्टा सीधा खाने की वजह से व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। जिसकी वजह से उसे कई बार गैस की समस्या परेशान करने लगती है। गैस बनने से व्यक्ति को सीने में जलन,बदहजमी, एसिडिटी, अपच और पेट में दर्द महसूस हो सकता है। अगर आपको भी गैस की समस्या रहती हैं तो इस समस्या को दूर करने के लिए अपने आहार में ये 5 चीजें तुरंत शामिल कर लें। 

केला-
केला खाने से पेट में गैस नहीं बनती है। ये पेट की लाइनिंग पर म्यूकस पैदा करता है जिससे pH लेवल कम हो जाता है। केले में मौजूद फाइबर  एसिडिटी को कंट्रोल करने में सहायक होता है। 

नारियल पानी-
सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करने से पेट में गैस बनने की समस्या दूर होती है। नारियल पानी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से गैस की समस्या के साथ एसिडिटी को भी कंट्रोल करने में मदद करता है।  

तरबूज -
तरबूज में भी केले की तरह बहुत अधिक मात्रा में फाइबर होता है जो भोजन को पचाने में काफी उपयोगी साबित होती है। खाना सही से पचने पर पेट में गैस नहीं बनती है। अगर आप गैस्ट्रिक की समस्या से परेशान हैं तो तरबूज का सेवन जरूर करें।

दही-
अक्सर पेट में गैस बनने की समस्या से परेशान रहते हैं तो दही को अपनी डाइट में छाछ बनाकर या फिर दही में काला नमक मिलाकर भी खा सकते हैं। 

ठंडा दूध-
अगर आप अक्सर पेट में गैस बनने से परेशान रहते हैं तो रोजाना गर्म दूध की जगह ठंडे दूध का सेवन करें। इसके लिए सुबह एक गिलास ठंडा दूध पीने से पेट में जलन, गैस और एसिडिटी से राहत पाया जा सकता है।  

खीरा- 
खीरा पेट को ठंडा रखने के साथ शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है। इसका सेवन करने से एसिडिटी रिफ्लैक्स कम होती है। जिससे पेट में गैस बनने की समस्या में राहत मिलती है।  

लहसुन-
रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की कलियों का सेवन करने से पेट में गैस की समस्या को दूर किया जा सकता है।

दूध पीने से पेट में गैस क्यों बनती है? - doodh peene se pet mein gais kyon banatee hai?

दूध पीने से गैस बनती है क्या करें?

लेक्टोस इंटॉलरेंस के लक्षण दूध पीने के बाद होने वाली समस्याएं ही हैं. यदि किसी व्यक्ति को दूध पीने या दूध बने अन्य फूड्स जैसे पनीर, लस्सी इत्यादि का सेवन करने के बाद पेट में दर्द, गैस बनना, ब्लोटिंग होना, लूज मोशन लगना, अपच होना जैसी समस्याएं होती हैं. तो ये लेक्टोस इंटॉलरेंस का लक्षण ही होती हैं.

पेट में गैस बनने पर क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

जिन लोगों को अक्सर गैस बनती है, उन्हें कटहल (Gas Banane Wali Sabji) का सेवन बिल्कुन नहीं करना चाहिए। कटहल बादी प्रकृति का माना जाता है। कटहल शरीर में गैस बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। कमजोर पाचन तंत्र में कटहल (Jackfruit in Hindi) के सेवन से बचना चाहिए

पेट में गैस बनने के क्या क्या कारण हो सकते हैं?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गैस की समस्या बवासीर, वजन कम होना, कब्ज, डायरिया और उल्टी या मतली जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। आपके पाचन तंत्र में गैस पाचन की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। डकार लेना या फार्ट पेट की अतिरिक्त गैस से छुटकारा पाने के सामान्य तरीके हैं।

दूध पीने से एसिडिटी होती है क्या?

कैल्शियम पीएच संतुलन को बनाए रखने और पाचन को सही बनाने में मदद करता है। यही कारण है कि ठंडा दूध एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स के दौरान होने वाली जलन से तुरंत राहत देता है। याद रखें कि ठंडा दूध गर्म दूध की तुलना में अधिक प्रभावी है।