हल्दी साबुन में लाल क्यों हो जाती है? - haldee saabun mein laal kyon ho jaatee hai?

हल्दी के धब्बे पर साबुन का प्रयोग से क्या होता है हल्दी का धब्बा का इलाज जाए हल्दी का दाग लग जाए तो साबुन के प्रयोग से क्या होता है ठीक है अगर हल्दी का डब्बा मान लो शर्ट पर लग गया वाइट शर्ट पर लग गया मान लो ठीक है हल्दी का दाग लग गया है तो हल्दी का कर दाग लग जाता है तो उसको हम क्या करते हैं सोशल साबुन रगड़ दे और उस साबुन तेरा गढ़ने और उसे साबुन से धो दें ठीक है हम क्या करते हैं साबुन से धोते हैं उसको लक्स साबुन र करते हैं उस पर क्या करेंगे साबुन रख देंगे और जब हम साबुन रहे करेंगे रख लेंगे अब हल्दी का दाग किस रंग का होगा पीले रंग का हो गाना पीले रंग का होगा लेकिन जब हम सपोर्ट करते हैं तो यह जो पीला रंग है ऐसा बोला करते हैं ठीक है तब पीला रंग जो है पीला रंग भूरे रंग में बदल जाता है

भूरे रंग में क्या करते सब भूरे लाल रंग बदल जाता भूरे लाल रंग में बदल जाता है बदल जाता है ठीक है अब ऐसा क्यों होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि साबुन जो है साबुन जो होता है वह कैसा होता है वह 1441 है कह सकते हैं कि साबुन सरक है डायरेक्टली नहीं बोल सकते कहेंगे साबुन में क्या होता है साबुन में चार होता है ओ एच माइनस साइन है साबुन में चार होता है ठीक है जिसके कारण यह बताना हल्दी जो साबुन कॉल करते हैं तो 4:00 पर जब हल्दी पड़ता है यह हमारा रामकथा हल्दी एक इंडिकेटर है सूचक है ठीक है तो पीला रंग को क्या कर रहे भूल रंग बदल दे रहे थे यह पता चल रहा है कि साबुन में छा रहे क्योंकि पीला रंग जो हो रहा हूं पूरे लाल रंग बदल जा रहा है तो हल्दी के डब्बे डब्बे पर साबुन का प्रयोग से क्या होता है क्या होगा भूरा रंग

मैं बदल जाएगा मुझे साबुन लगा लेंगे पिलाना ओके थैंक यू

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हल्दी को तो अपन सभी पहचानते ही हैं। रसोई घर में हल्दी पाउडर होता है। कभी चोट लग जाती है तो हल्दी वाला दूध पिलाया जाता है। माथे पर तिलक लगाने के लिए हल्दी का उपयोग किया जाता है। कई बार हल्दी हमारे कपड़ों पर लग जाती है। जैसे ही वह कपड़ा साबुन के संपर्क में आता है, पीली हल्दी अचानक लाल हो जाती है। सवाल यह है कि साबुन के संपर्क में आते ही हल्दी लाल क्यों हो जाती है। क्या साबुन से उसका कोई पुराना झगड़ा है और वह गुस्से से लाल हो जाती है। आइए पता लगाते हैं:-

हल्दी का वैज्ञानिक नाम Curcuma longa है जो कि एक आवृत्तबीजी कुल (Angiospermic family) जिंजरबेरेसी (Zingerberaceae) का सदस्य है, जिसका की खाया जाने वाला भाग जड़ या राइजोम (Root और Rhizome) कहलाता है। यानी हम हल्दी का फल नहीं खाते बल्कि हल्दी की जड़ खाते हैं। हल्दी एक नेचुरल एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक है। यही कारण है कि चोट लगने पर हल्दी वाला दूध पिलाया जाता है और रसोई घर में खाने में हल्दी पाउडर मिलाया जाता है।

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हल्दी एक नेचुरल इंडिकेटर भी है। साइंस की लैब में अम्ल और क्षार (acids and bases) का पता लगाने के लिए लिटमस पेपर का उपयोग किया जाता है। इसका आविष्कार काफी बाद में हुआ लेकिन हल्दी हजारों साल पहले से यही काम करती आ रही है। हल्दी की मदद से क्षार का पता लगाया जा सकता है। क्षार के संपर्क में आते ही हल्दी का रंग बदल जाता है। वह पीले से लाल हो जाती है। क्योंकि साबुन में भी क्षार होता है इसलिए साबुन के संपर्क में आते ही हल्दी लाल हो जाती है। यह असली साबुन की जांच करने का अच्छा तरीका है। यदि हल्दी लाल नहीं हुई तो समझ लीजिए कि साबुन बनाने वाले ने दाल में कुछ काला डाल दिया है। (इसी प्रकार की मजेदार जानकारियों के लिए जनरल नॉलेज पर क्लिक करें) Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi,  general knowledge questions with answers, gk questions for kids, ) :- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें।

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आप अपने आप ही कपड़े पर लगा था आगे हल्दी का दाग साबुन रखने को लाल हो सके क्योंकि साबुन साबुन का जल्दी-जल्दी जो पीले कलर की उसका रंग है वह लाल कलर का हो जाता है

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कपड़ों पर लगने से हल्दी का दाग छुड़ाना मुश्किल होता है

हल्दी में नेचुरल लिटमस पाया जाता है जिससे अम्ल और क्षार का पता लगता है

हल्दी में नेचुरल एंटीबॉयोटिक पाया जाता है जो चोट ठीक करता है

पीले रंग की हल्दी का इस्तेमाल भारतीय किचन में हर रोज किया जाता है. इसके अलावा हल्दी में औषधीय गुण होता है. जिस कारण इसका प्रयोग मेडिकल लाइन में भी किया जाता है. हल्दी वाला दूध भी कई बीमारियों में पिया जाता है. साथ ही स्किन केयर के लिए भी हल्दी लगाना फायदेमंद होता है.

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हल्दी के अनेक फायदे है पर यह कपड़ों पर लग जाए तो मुसीबत बन जाती है. हल्दी के दाग कपड़ो पर लगने के बाद इसे साफ करना एक चुनौती बन जाता है. इस पीली हल्दी को साफ करने के लिए जैसे ही साबुन या सर्फ का प्रयोग किया जाता है. तो मैजिक के तौर पर हल्दी का पीला रंग लाल हो जाता है. आखिर ऐसा क्यों होता है. आज हम आपको इसके पीछे के रोचक तथ्य के बारे में बताते हैं.

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हल्दी का लाल हो जाना:

हल्दी का वैज्ञानिक नाम कुरकुमा लोंगा है.और यह जिंजिबेरेसी नामक कुल की है. यानी वैसे चीजें जिसकी जड़ को खाया जाता है। हम हल्दी के फल को नहीं बल्कि उसकी जड़ का इस्तेमाल करते हैं. हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो चोट लगने पर लगाया जाता है. इसके अलावा हल्दी एक नेचुरल इंडिकेटर भी है. इंडिकेटर्स की मदद से हम यह पता लगाते हैं, कि पदार्थ अम्लीय है या क्षारीय. वैसे तो इसका पता लैब में लिटमस के द्वारा किया जाता है परंतु हल्दी भी नेचुरल इंडिकेटर का काम करती है.

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साबुन में क्षार होता है. ऐसे में हल्दी के संपर्क में आते ही हल्दी का रंग लाल हो जाता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो समझिए साबुन नकली है. सालों से हल्दी का इस्तेमाल साबुन की पहचान के लिए किया जा रहा है. अब आपको समझ आ गया होगा कि साबुन के संपर्क में आते ही हल्दी का पीला रंग लाल क्यों हो जाता है?

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साबुन में हल्दी लाल क्यों हो जाती है?

क्योंकि साबुन की प्रकृति क्षारीय होती है और वह हल्दी के दाग के साथ प्रतिक्रिया करके दाग को लाल कर देता है। हल्दी एक तरह का प्राकृतिक सूचक है। प्राकृतिक सूचक अम्ल और क्षार के साथ अलग-अलग प्रतिक्रिया करते हैं और संबंधित पदार्थ का रंग परिवर्तित कर देते हैं।

हल्दी का दाग साबुन से धोने पर क्या लाल हो जाता है?

साबुन में क्षार होता है. ऐसे में हल्दी के संपर्क में आते ही ये लाल रंग का हो जाता है.

हल्दी का रंग पीला क्यों होता है?

Solution : हल्दी में पीला रंग कुरकुमीन (Curcumin ) के कारण होता है।

साबुन के घोल में हल्दी मिलाने से क्या होता है?

चूँकि साबुन प्रकृति में क्षारीय होता है, इसलिए जब हल्दी लगे दाग युक्त कपड़े पर साबुन रगड़ा जाता है, तो हल्दी एक प्राकृतिक सूचक होने के कारण साबुन लवण के साथ प्रतिक्रिया करके दाग का रंग बदल देता है और साबुन के कपड़े का दाग लाल हो जाता है।