Answer (Detailed Solution Below)Option 3 : 5,00,000 रुपये Show Free Teaching Aptitude Mock Test 10 Questions 20 Marks 12 Mins स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या अलगाव [धारा10(10c)] और नियम 2ba यदि कोई कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या अलगाव पर मुआवजा (चाहे एक बार में या किश्तों में) प्राप्त करता है, तो धारा 10(10c) ऐसी राशि के लिए छूट का प्रावधान करती है, जो अधिकतम 5,00,000 तक हो सकती है। 1. वेतन में मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल होता है (यदि यह सेवानिवृत्ति लाभों का हिस्सा है तो DA शामिल होता है), अन्य सभी भत्तों और अनुलाभों को नजरअंदाज कर दिया जाएगा। 2. 5 लाख रुपये की छूट एकमुश्त छूट हैं, जिसका अर्थ है कि एक कर्मचारी अपने रोजगार के दौरान विभिन्न नियोक्ताओं से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर मुआवजा प्राप्त कर सकता है लेकिन छूट का दावा जीवन में केवल एक बार किया जा सकता है। Last updated on Nov 10, 2022 University Grants Commission (Minimum Standards and Procedures for Award of Ph.D. Degree) Regulations, 2022 notified. As, per the new regulations, candidates with a 4 years Undergraduate degree with a minimum CGPA of 7.5 can enroll for PhD admissions. The UGC NET Final Result for merged cycles of December 2021 and June 2022 was released on 5th November 2022.Along with the results UGC has also released the UGC NET Cut-Off. With tis, the exam for the merged cycles of Dec 2021 and June 2022 have conclude. The notification for December 2022 is expected to be out soon. The UGC NET CBT exam consists of two papers - Paper I and Paper II. Paper I consists of 50 questions and Paper II consists of 100 questions. By qualifying this exam, candidates will be deemed eligible for JRF and Assistant Professor posts in Universities and Institutes across the country.
अस्वीकरण: इस पृष्ठ की सामग्री केवल अवलोकन / सामान्य मार्गदर्शन देने के लिए है और संपूर्ण नहीं है। सम्पूर्ण ब्यौरा और दिशानिर्देशों के लिए, कृपया आयकर अधिनियम, नियम और अधिसूचनाओं का संदर्भ लें। व्यक्तियों की समिति (ए.ओ.पी.) या व्यक्तियों का निकाय (बी.ओ.आई.), चाहे यह निगमित हो, को आयकर अधिनियम की धारा 2(31) 1961 के तहत एक व्यक्ति के रूप में माना गया है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ए.ओ.पी. या बी.ओ.आई. को मान्य व्यक्ति माना जाएगा, चाहे वह आय, लाभ या अभिलाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से गठित या स्थापित या निगमित हो या न हो। धर्मार्थ या धार्मिक प्रयोजनों के लिए पूर्णतः निर्मित न्यास को आयकर अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न लाभ और, अन्य बातों के साथ - साथ, धारा 11 के तहत छूट प्रदान करने की अनुमति दी जाती है। कृत्रिम विधिक व्यक्ति - यदि कोई निर्धारिती व्यक्ति की परिभाषा में शामिल किसी अन्य श्रेणी के अंतर्गत नहीं आता है तो उसे कृत्रिम विधिक व्यक्ति के रूप में समझा जाना चाहिए। ये संस्थाएं प्राकृतिक व्यक्ति नहीं हैं बल्कि विधि के अनुसार अलग-अलग संस्थाएं हैं।
लागू होने वाले फॉर्म
निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए कर स्लैबए.ओ.पी./बी.ओ.आई./ए.जे.पी. के लिए कर दरें नीचे दी गई हैं, हालांकि वे बाद में वर्णित शर्तों के अधीन हैं।
ए.ओ.पी./बी.ओ.आई. का कर दायित्व इस बात पर निर्भर करता है कि ए.ओ.पी./बी.ओ.आई. के सदस्यों का हिस्सा ज्ञात है या नहीं। तदनुसार, आगे लागू शर्तें निम्नलिखित प्रकार हैं:
अधिभार, सीमांत राहत और स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर
निवेश / भुगतान / आय, जिनसे मुझे कर लाभ प्राप्त हो सकता हैआयकर अधिनियम के अध्याय VI-A के अंतर्गत निर्दिष्ट कर कटौतियां।
पृष्ठ की अंतिम बार समीक्षा की गई या अपडेट किया गया: 21-अक्टूबर-2022 इनकम टैक्स में 10 क्या है?फ़ॉर्म 10E में अपनी आय की विशिष्टियां प्रस्तुत करके ऐसी राहत का दावा किया जा सकता है। 3.2 इसका उपयोग कौन कर सकता है? सभी पंजीकृत उपयोगकर्ता, व्यक्ति होने के नाते, ई-फ़ाईलिंग पोर्टल पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 89 के अनुसार राहत का दावा करने के लिए फ़ॉर्म 10E में अपनी आय का विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं।
80TTA का क्या अर्थ है?इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीए (Section 80TTA of the Income Tax Act) के तहत बचत खाते पर प्रति वर्ष 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री रहता है। ध्यान रहे कि इसमें आपके सभी बैंक बचत खातों पर मिले ब्याज को शामिल किया जाएगा। यदि सभी बैंक खातों का ब्याज 10,000 रुपये से अधिक है तो उस पर टैक्स लगेगा।
आयकर कितना देना है?7.5 लाख रुपये से 10 रुपये की आय पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर अब 20 फीसदी टैक्स लगेगा. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर अब 25 फीसदी टैक्स लगेगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों पर पहले की तरह 30 फीसदी टैक्स लगेगा.
आयकर अधिनियम 80C क्या है?भारतीय आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 80 C और इससे संबंधित धाराएँ 80 CCC एवं 80 CCD के तहत किसी भी व्यक्ति और संयुक्त हिन्दू परिवार(HUF) को एक फाइनेंशियल वर्ष के टैक्स में 1,50,000 रुपए तक की छूट मिल सकती है। यह छूट कंपनी, कॉर्पोरेट, साझेदारी (पार्टनरशिप) आदि में को नहीं मिलती है।
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