यथार्थवाद के प्रमुख विचारक कौन हैं? - yathaarthavaad ke pramukh vichaarak kaun hain?

विषयसूची

  • 1 यथार्थवादी विचारक कौन कौन है?
  • 2 यथार्थवाद से क्या तात्पर्य है?
  • 3 स्वच्छंदतावाद के प्रवर्तक कौन है?
  • 4 यथार्थवादी सिद्धांत का प्रतिपादक कौन है?
  • 5 अन्तराष्ट्रीय सम्बन्धों से आप क्या समझते है?
  • 6 स्वच्छंदतावाद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता कौन सी है?
  • 7 यथार्थवाद और आदर्शवाद से आप क्या समझते हैं?
  • 8 यथार्थवाद और आदर्शवाद क्या है?

यथार्थवादी विचारक कौन कौन है?

इसे सुनेंरोकें2. समाजिकतावादी यथार्थवाद – इस विचारधारा ने पुस्तकीय अध्ययन का विरोध किया। बालक में सामाजिक कुशलता को उत्पत्ति को शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य माना एवं व्यवहारिक अनुभव आधारित शिक्षा पर बल दिया। लॉड मोटैन एवं जॉन लॉक प्रमुख विचारक थे।

यथार्थवाद से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंयथार्थवाद (realism) से तात्पर्य उस विचारधारा से है जो कि उस वस्तु एवं भौतिक जगत को सत्य मानती है, जिसका हम ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। पशु, पक्षी, मानव, जल थल, आकाश इत्यादि सभी वस्तुओं का हम प्रत्यक्षीकरण कर सकते हैं, इसलिए ये सभी सत्य हैं, वास्तविक हैं।

आदर्शवाद का संस्थापक कौन था?

इसे सुनेंरोकेंआदर्शवाद शब्द अंग्रेजी के आइडियलिज्म शब्द का रूपांतर है, जिसकी उत्पति प्लेटो के विचारवादी सिद्धांत से हुई है। इस सिद्धांत के अनुसार अंतिम सत्ता विचारों अथवा विचारवाद की है।

अंतरराष्ट्रीय राजनीति के यथार्थवादी उपागम के प्रमुख समर्थक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंयह आदर्शवादी उपागम के बिल्कुल विपरीत वास्तविकता के धरातल पर रह कर कार्य करता है। 18वीं एवं 19वीं शताब्दी में यथार्थवाद का महत्व रहा है। उसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह फिर अत्यधिक महत्वपूर्ण बन गया। इसके मुख्य समर्थकों में मारगेन्थाऊ, ई.

इसे सुनेंरोकेंलॉड मोटैन एवं जॉन लॉक प्रमुख विचारक थे। 3. ज्ञानेन्द्रिय यथार्थवाद – इस विचारधारा का सबसे अधिक प्रभाव शिक्षा पर पड़ा। इसके दृष्टिकोण में प्रकृतिवाद एवं प्रयोज्यवाद के सभी अनुभववादी सिद्धान्तों की झलक मिलती है।

स्वच्छंदतावाद के प्रवर्तक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंइस क्रांति के बौद्धिक नायक ज्याँ-ज़ाक रूसो को स्वच्छंदतावादी चिंतन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है।

यथार्थवादी सिद्धांत का प्रतिपादक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंथूसीडाइड ‘पेलोपोंनेसियन युद्ध’ का लेखक, एक प्रारंभिक “यथार्थवादी” विचारक माना जाता है।

आदर्शवाद के जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंआदर्शवाद के जन्मदाता प्लेटो है।

मोर्गेंथाऊ का क्या मत है?

इसे सुनेंरोकेंमॉर्गेनथायू के अनुसार किसी भी देश के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोच्च होता है । राष्ट्रहित के लिए किसी भी राष्ट्र को शक्ति पर बल देना होता है । तो मॉर्गेनथायू ने शक्ति पर बल देने के लिए कहा है । मॉर्गेनथायू ने कहा है कि हर एक राष्ट्र को केवल अपनी Power बढ़ानी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शक्ति के लिए संघर्ष करना चाहिए ।

अन्तराष्ट्रीय सम्बन्धों से आप क्या समझते है?

इसे सुनेंरोकेंअन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध के अन्तर्गत देशों और राष्ट्रों के पारस्परिक सम्बन्धों के समस्त पक्षों का अध्ययन किया जाता है। ये सभी पक्ष राजनीतिक होने के अतिरिक्त गैर राजनीतिक भी हो सकते हैं। ये शान्तिमय हो सकते हैं अथवा संघर्षयुक्त, कानूनी अथवा सांस्कृतिक अथवा आर्थिक अथवा भौगोलिक, सरकारी अथवा गैर सरकारी।

स्वच्छंदतावाद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंस्वच्छंदतावाद में आत्मानुभूति की प्रधानता, कल्पना की प्रधानता,विद्रोह की प्रवृत्ति,काव्य की कृत्रिमता से मुक्ति,सौंदर्य के प्रति सहज आकर्षण ।

यथार्थवाद क्या है अंतरराष्ट्रीय राजनीति?

इसे सुनेंरोकेंराजनीतिक यथार्थवाद पूर्व मान्यताओं तथा अमूर्त आदर्शों के स्थान पर ऐतिहासिक घटनाओं को अपना आधार मानता है। यह अनुभव और तर्क पर आधरित है। इसमें तथ्यों और घटनाओं के वास्तविक स्वरूप के अध्ययन के पश्चात् तर्कसंगत निष्कर्ष निकाले जाते हैं और इसीलिए इसको राजनीतिक यथार्थवादी सिद्धांत कहा जाता है।

यथार्थवादी सिद्धांत के प्रतिपादक कौन थे?

इसे सुनेंरोकें1 सबसे पहले बात करते हम कौटिल्य की । कौटिल्य प्राचीन भारत के एक महान विचारक थे । जिन्होंने यथार्थवाद पर अपने विचार दिए ।

यथार्थवाद और आदर्शवाद से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंआदर्शवाद उन आदर्शों पर आधारित है जो दार्शनिक और प्राथमिक महत्व के हैं, जबकि यथार्थवाद शक्ति की सर्वोच्चता पर जोर देता है।

यथार्थवाद और आदर्शवाद क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपशु, पक्षी, मानव, जल थल, आकाश इत्यादि सभी वस्तुओं का हम प्रत्यक्षीकरण कर सकते हैं, इसलिए ये सभी सत्य हैं, वास्तविक हैं। यथार्थवाद, जैसा यह संसार है वैसा ही सामान्यतः उसे स्वीकार करता है। यथार्थवाद यद्यपि आदर्शवाद के विपरीत विचारधारा है किन्तु यह बहुत कुछ प्रकृतिवाद एवं प्रयोजनवाद से साम्य रखती है।

अस्तित्ववाद का प्रतिपादक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसोरन किर्केगाई (1813-1855) का जन्म देनमार्क में हुआ था और उन्हें एक धार्मिक दार्शनिक के रूप में जाना जाता है। कई विद्वान किर्केगार्द को अस्तित्ववाद का जनक मानते हैं।

यथार्थवाद के प्रमुख विचारक कौन है?

समाजिकतावादी यथार्थवाद – इस विचारधारा ने पुस्तकीय अध्ययन का विरोध किया। बालक में सामाजिक कुशलता को उत्पत्ति को शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य माना एवं व्यवहारिक अनुभव आधारित शिक्षा पर बल दिया। लॉड मोटैन एवं जॉन लॉक प्रमुख विचारक थे।

यथार्थवाद के जन्मदाता कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंवैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक महर्षि कणाद ने द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष, समवाय एवं अभाव इन सात पदार्थों पर विचार किया है। न्याय एवं वैशेषिक को यहाँ यथार्थवादी कहा गया है किन्तु दोनों ही मुक्ति पर विश्वास करते हैं

यथार्थवाद सिद्धांत क्या है?

यथार्थवाद (realism) से तात्पर्य उस विचारधारा से है जो कि उस वस्तु एवं भौतिक जगत को सत्य मानती है, जिसका हम ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। पशु, पक्षी, मानव, जल थल, आकाश इत्यादि सभी वस्तुओं का हम प्रत्यक्षीकरण कर सकते हैं, इसलिए ये सभी सत्य हैं, वास्तविक हैं।

आदर्शवाद का जनक कौन है?

विचारवाद या आदर्शवाद या प्रत्ययवाद उन विचारों और मान्यताओं की समेकित विचारधारा है जिनके अनुसार इस जगत की समस्त वस्तुएँ विचार या चेतना की अभिव्यक्ति है। सृष्टि का सारतत्त्व जड़ पदार्थ नहीं अपितु मूल चेतना है। आदर्शवाद जड़ता या भौतिकवाद का विपरीत सिद्धांत है।