युवा शक्ति क्या है इस पर निबंध लिखिए? - yuva shakti kya hai is par nibandh likhie?

युवा शक्ति पर निबंध

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रुपरेखा : राष्ट्र के शान - युवाओं का गौरवशाली इतिहास - आज के युवा शक्ति - नैतिक मूल्यों का विनाश - युवा उम्र का गलत प्रयोग - उपसंहार।

राष्ट्र के शान

युवा शक्ति राष्ट्र का प्राण तत्त्व है। वही उनकी गति है, स्फूर्ति है, चेतना है, आज है, राष्ट्र का ज्ञान है। युवाओं की प्रतिभा, पौरुष, तप, त्याग और गरिमा राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है। युवा वर्ग का पथ, संकल्प और सिद्धियाँ राष्ट्रीय पराक्रम और प्रताप के प्रतीक हैं। उनकी शक्ति अमर है। युवा शापित राष्ट्र की दूसरी रेखा है तथा कल की कर्णधार है जिन्हे देश का संचालन करना है। अपनी शक्ति, सामर्थ्य और साहस से देश को परम वैभव तक पहुँचाने का दायित्व युवाओं को स्वीकारना है। युवाओं का ऊर्जा अक्षत, यश अक्षय, जीवन अंतहीन, पराक्रम अपराजेय, आस्था अडिग और संकल्प अटल होता है। 16 उम्र से 35 उम्र तक के युवाओं की ताकत ही युवा शक्ति है।

युवाओं का गौरवशाली इतिहास

युवाओं का गौरवशाली की कई इतिहास रची गयी है। युवा शक्ति को देश-सेवा, समाज सेवा और विश्व कल्याण की कथाएँ इतिहास के पन्नों पर स्वर्णक्षरों में अंकित हैं । युवा ने मृत्यु के अधिष्ठाता यमराज तक को झुका दिया था। भारतीय संस्कृति के पुनरुद्धारक शंकराचार्य 32 वर्ष की आयु में प्रत्येक भारत को एकता के सूत्र में झुकाकर वेदान्त दर्शन की विजय दिग्दिगंत में फहरा गये। वीर सावरकर, चाफेकर बंधु, मदनलाल धींगड़ा, चन्रशेखरआजाद, अशफाकुल्लाखाँ, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि कितने युवा थे जिनके अस्त्रों से अग्नि की ज्वालाएँ फूटती थीं। ब्रिटिश साम्राज्यवाद को भस्म करने के लिए 23 वर्ष की आयु में आर्य भट्ट और 17 वर्षीय रामानुजम्‌ ने गणित और ज्योतिष में जो चमत्कार किए, वे आज भी अद्वितीय हैं। केवल 14 वर्ष की अल्पायु में ही सन्त ज्ञानेश्वर ने श्रीमद्भगवद्गीता पर अपूर्व भाष्य लिखकर सबको चमत्कृत कर दिया था।

आज के युवा शक्ति

आज के युवा शक्ति की राह भ्रष्ट हो रही है। उनका धार्मिक, सांस्कृतिक तथा राष्ट्रीय चरित्र मानो मिट गया है। स्वतंत्रता के पश्चात्‌ धर्म निरपेक्षता के नाम पर धर्म से परहेज की भावना पनपाई गई, पर धार्मिक उत्सवों में भाग लेने के लिए उकसाया गया। सत्ता सुरक्षा के लिए खोखले मस्तिष्क वाले प्रशासनिक ढाँचे को जुटाया गया, जिसे मनचाहे ढंग से संचालित किया जा सके। बौद्धिक चिन्तनशील समाज के बदले ठग वह भींड बटोरी गई, जिसने राजाओं-नवाबों के चारणों को भी नीचा दिखा दिया। टेलीविजन और इंटरनेट की दुनिया टेलीविजन और इंटरनेट की दुनिया ने युवकों के लिए सूचनाओं का भण्डार लगा दिया है। इसलिए उनका आई.क्यू. अर्थात्‌ बुद्धिलब्धि काफी ऊँचा होता है। इस हाई-फाई सूचना तंत्र ने उनकी मौलिक कल्पना-शक्ति व तार्किक क्षमता को नष्ट किया है। वे स्थितियों से निबटने और विरोधी वातावरण में खुद को संतुलित रखने में अक्षम हो गए है । उनकी सहन शक्ति कमजोर हो गयी है तथा वे जल्द होशो-हवास खो बैठते हैं। इनका संज्ञानात्मक विकास (कॉगनिटिव डेवलपमेंट) कम हो पाता है और मनोवेगपूर्ण व्यक्तित्व(इम्पल्सिव पर्सनॉल्टी) का स्वामी बन जाता है। उनके लिए उनकी मर्जी ही सब कुछ हो जाती है।

नैतिक मूल्यों का विनाश

नैतिक मूल्यों से हीन आज के युवा सड़कों पर नारियों के आभूषण झटकता है, पुरुषों के पौरुष को चाकू और पिस्टल से चुनौती देते है। लूट मचाते है, चोरी करते है, बैकों में डाके डालते है तथा आंदोलन खड़े करते है। दूसरी ओर सुन्दरी नारी को अपना साथी बनने को विवश करते है। आज का भारतीय युवक सिगरेट, शराब, भाँग, तथा अन्य नशीले पदार्थों में आत्मविस्मृत रहना पसंद करने लगे है। जो आज के युवक अपने नैतिक मूल्यों का विनाश की और ले जा रहे हैं।

उपसंहार

युवा शक्ति हमारे राष्ट्र के गौरव है तथा हमारे राष्ट्र को विकास और उनत्ति के और ले जाने के लिए एक सक्षम शक्ति है। लेकिन आज के युवा अपने गलत दिशा की और बढ़ते जा रहे है। उन्हें खुद पे काबू नहीं रहता है तथा कई गलत कामो में हिस्सा लेकर देश की विकास को खंडित कर रहे है। आज के युवा को समझना होगा की उन्ही के हाथ हमारे देश का भविष्य निर्भर है। देश को युवा शक्ति की अधिक जरुरत है।


प्रस्तावना

किसी भी देश की युवा शक्ति उस देश की सबसे बड़ी ताकत होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, व्यक्ति की युवा आयु उसके पूरे जीवन का सबसे बेहतरीन चरण होता है।

क्योंकि इसी उम्र में लोग अपने सफलता को हासिल करते है। जीवन के इसी चरण मे लोग अपने सपनों को पूरा करते है।हम सभी में यह शक्ति उसी उम्र में सबसे ज्यादा होती है।

क्योंकि इस उम्र में हमारे अंदर बाहुबल, न्यायपूर्ण दृष्टिकोण, वीरता, जिज्ञासा, क्रूरता और उत्तेजना जैसे गुण होते है। जो हमे हमारी सफलता हासिल करने में मदत करते है।

देश की सबसे बड़ी ताकत

किसी भी देश के विकास के लिए उस देश की युवा शक्ति सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि उस देश का विकास उस देश के युवा शक्ति पर निर्भर रहता है।

क्योंकि युवा व्यक्ति की वो उम्र होती है, जिसमे व्यक्ति ना ही एक बच्चा होता है और ना ही एक वयस्क इंसान। इसलिए इसी उम्र में युवा लोगों को सफलता हासिल करने का सबसे ज्यादा उत्साह होता है।

युवा शक्ति की इसी ऊर्जा और उत्साह की वजह से देश का विकास तेजी से होता है। इसलिए किसी भी देश के लिए उस देश की युवा शक्ति उस देश की सबसे बड़ी ताकत और सबसे मौल्यवान संपत्ति होती है।

चंचल स्वभाव

व्यक्ति के जीवन में बचपन, युवा और वयस्क ऐसे तीन चरण होते है। जिसमे युवा उम्र सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। जो उस व्यक्ति का पूरा जीवन बदल सकती है। लेकिन इस उम्र में व्यक्ति का स्वभाव हमेशा चंचल होता है। इसलिए इस उम्र में व्यक्ति किसी भी चीज को लेकर स्वार्थी भी हो सकता है या फिर निस्वार्थी भी हो सकता है।

उनके चंचल स्वभाव के वजह से युवा व्यक्ति विद्रोही व्यक्तित्व वाले होते है। जिस कारण उनके और उनके परिवार के बीच हमेशा नए और पुराने विचारों का टकराव होता रहता है। जो पारिवारिक संबंधों के बिगड़ने का भी एक प्रमुख कारण है।

विश्वास

युवा आयु में लोग किसी भी चीज पर जल्दी से विश्वास नहीं करते है। बल्कि उनका उस चीज से संबंधित विश्वास तभी होता है, जब उस चीज से जुड़े कई सारे उचित कारण उन्हे दिखेंगे।

युवा शक्ति का महत्व

हम सभी के जीवन में युवा आयु बहुत ज्यादा जोश और ऊर्जा से भरे एक बड़े सपने को संजोने का सुनहरा दौर होता है। एक व्यक्ति की यह उम्र काफी ज्यादा रोमांच से भरी हुई होती है। यह अपने जीवन का वो समय होता है, जहा हम लोग समाज के आर्थिक विकास के लिए अपने विचारों को आकार प्रदान कर सकते हैं।

इसी उम्र में युवा पीढ़ी परियोजनायें, खेल और अन्य अत्यधिक कल्पना को नियंत्रित करना सीखते है। इस युवा आयु में लोगों को गंतव्य की ओर बढ़ने का समय होता है, जिसे व्यावसायिक जागरूकता और व्यक्तिगत मतभेदों के महत्वपूर्ण अध्ययन के माध्यम से संभव बनाया जा सकता है।

इसलिए दुनिया के हर एक व्यक्ति के जीवन में उसकी युवा आयु उसकी सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण किरदार निभाती है। फिर चाहे वो दुनिया का सबसे आमिर इंसान ही क्यों ना हो?

निष्कर्ष

युवा उम्र हम सभी के जीवन के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी उम्र में हमे कुछ हासिल करने की ताकत होती है। जिसकी वजह से हम हमारे जीवन में कोई भी बड़ी सफलता हासिल कर सकते है। इसलिए युवा शक्ति सिर्फ एक देश के लिए नाही बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी संपत्ति है।

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युवा शक्ति क्या है इस पर संक्षेप में निबंध लिखिए?

युवा शक्ति राष्ट्र का प्राण तत्त्व है। वही उनकी गति है, स्फूर्ति है, चेतना है, आज है, राष्ट्र का ज्ञान है। युवाओं की प्रतिभा, पौरुष, तप, त्याग और गरिमा राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है। युवा वर्ग का पथ, संकल्प और सिद्धियाँ राष्ट्रीय पराक्रम और प्रताप के प्रतीक हैं।

युवा से आप क्या समझते हैं?

युवा वह अवस्था होती है जब कोई लड़का बचपन की उम्र को छोड़ धीरे-धीरे वयस्कता की ओर बढ़ता है। इस उम्र में अधिकांश युवा लड़कों में एक जवान बच्चे की जिज्ञासा और जोश तथा एक वयस्क के ज्ञान की उत्तेजना होती है। किसी भी देश का भविष्य उसके अपने युवाओं पर निर्भर होता है।

युवाओं का समाज में क्या स्थान होना चाहिए?

युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं. युवा गहन ऊर्जा और उच्च महत्वकांक्षाओं से भरे हुए होते हैं. उनकी आंखों में भविष्य के इंद्रधनुषी स्वप्न होते हैं. समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है.

राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का क्या योगदान है?

युवा राष्ट्र का संरचनात्मक और कार्यात्मक ढांचा है। हर राष्ट्र की सफलता का आधार उसकी युवा पीढ़ी और उनकी उपलब्धियाँ होती हैं। राष्ट्र का भविष्य युवाओं के सर्वांगीण विकास में निहित है। इसलिए युवा राष्ट्र निर्माण में सर्वोच्च भूमिका निभाते हैं।